पीएफ पेंशन का पैसा निकलने का आवेदन अब ऑनलाइन कर सकते हैं। रिटायरमेंट की उम्रसीमा पार कर चुके कर्मचारी इसका लाभ उठा ले सकते हैं। साथ ही पीएफ पेंशन स्कीम में आप पीएफ अकाउंट में पीएफ पेंशन के रूप में जमा पैसे भी निकाल सकते हैं।
सरकारी अथवा निजी नौकरी करने वाले कर्मचारी के प्रतिमाह वेतन का कुछ हिस्सा ईपीएफ के रूप में कटता है। इस राशि में ब्याज भी मिलता है। कर्मचारी के सेवानिवृत होने के बाद पेंशन का लाभ दिया जाता है। ईपीएफ से आपात स्थिति में भी पैसे की निकासी हो सकती है।
इस लेख में आपको ईपीएफ पेंशन का पैसा निकलने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है।
पीएफ पेंशन क्या है?
यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपने अवश्य ही पीएफ का नाम सुना होगा। पीएफ कर्मचारी को उसके भविष्य को देखते हुये प्रदान की जाने वाली सुविधा है। इसमें कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी का कुछ हिस्सा प्रोविडेंट फंड में भविष्य के लिये ब्याज पर जमा किया जाता है। इस सुविधा से कर्मचारी को कई फायदे होते हैं।
क्योंकि यह प्रत्येक माह की सैलरी पर लागू होता है इसलिये कुछ समय के बाद कर्मचारी के प्रोविडेंट फण्ड में एक अच्छी खासी धनराशि जमा हो जाती है। इस धनराशि पर ब्याज भी कर्मचारी को मिलता है जो कि सामान्यत बैंको के द्वारा दिये जाने वाले ब्याज से अधिक होता है।
साथ ही किसी आपातकालीन स्थिति में या जरूरत पडने पर प्रोविडेंट फण्ड में जमा धनराशि को निकालने का विकल्प भी कर्मचारी को मिलता है जिससे वह जरुरत होने पर इस धनराशि का उपयोग कर सके। कर्मचारी के रिटायर होने पर प्रोविडेंट फण्ड से उसे मासिक रूप से पेंशन भी मिलती है। अब कर्मचारी बिना UAN नम्बर के भी पीएफ बैलेंस चेक कर सकते है।
ऑनलाइन तरीके से पीएफ पेंशन का पैसा निकालना
यहाँ हम आपको बतायेंगे कि ऑनलाइन तरीके से पेंशन निकालने का आवेदन कैसे करे –
- सबसे पहले आपको EPFO की आधिकारिक वेबसाइट http://www.epfindia.gov.in पर विजिट करना होगा।
- होम पेज में दायीं ओर दिए गए “online claims member account transfer” विकल्प चुने।
- फिर स्क्रीन पर UAN Portal खुलेगा।
- स्क्रीन में दायीं ओर UAN मेंबर ई-सेवा के नीचे लॉगिन बॉक्स में अपने यूजरनेम (UAN नंबर) और पासवर्ड डाले।
- नए पेज में ऊपर की ओर हरी पट्टी में “Online Services” विकल्प को चुने।
- आपके सामने कुछ सेवाओं की लिस्ट होगी जिसमें CLAIM (FORM 31, 19, 10C & 10D) का लिंक चुने।
- नए पेज में अपने व्यक्तिगत पहचान के डिटेल्स जैसे कि नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर आदि दर्ज करें।
- यहाँ बैंक अकाउंट नंबर के सामने खाली बॉक्स में अपने बैंक अकाउंट का नंबर दर्ज करें।
- इसके बाद आपको आपके द्वारा दी गयी जानकारी की पुष्टि करनी होती है। आपके द्वारा दर्ज किये बैंक अकाउंट में ही आपको पीएफ का पैसा मिलेगा। तो इस डिटेल्स को सावधानी से भरकर इसकी पुष्टि करें।
- इसके बाद नीचे “Proceed for Online Claim” विकल्प पर क्लिक करें।
- यदि आप प्रोविडेंट फंड में जमा हुयी सम्पूर्ण धनराशि की निकासी करना चाहते हैं तो आपको “ONLY PENSION WITHDRAWAL” विकल्प चुने।
- अगर आप अपने पेंशन अकाउंट में जमा पैसों को अगली नौकरी के साथ जुड़वाना चाहते हैं तो “SCHEME CERTIFICATE (FORM-10 C)” विकल्प पर क्लिक करें।
- इसके बाद अपना पूरा पता बॉक्स में दर्ज करें।
- फिर आपको बैंक से सम्बन्धित दस्तावेज अपलोड करने होंगे जैसे आपके पीएफ से लिंक बैंक अकाउंट की पास बुक का पहला पेज या फिर चेक बुक।
- पेज में सबसे नीचे मौजूद “Get Aadhaar OTP” विकल्प पर क्लिक करें।
- फिर अपने आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर मिले ओटीपी का वेरिफिकेशन करें।
- इसी के साथ पेंशन निकालने के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
ऑफलाइन पीएफ पेंशन का पैसा निकालना
पीएफ पेंशन निकालने के लिये आप ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। यदि आप ऑफलाइन तरीके से पेंशन निकालना चाहते हैं तो उसके लिये अपने नजदीकी पीएफ कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
पीएफ पेंशन पाने की पात्रताएँ
- कर्मचारी का सेवाकाल कम से कम 10 वर्ष हो।
- यदि कर्मचारी का सेवाकाल 10 वर्ष से अधिक हो चुका है तो 58 वर्ष की उम्र के बाद मासिक रूप से पेंशन कर्मचारी को प्राप्त होगी।
- यदि कर्मचारी का सेवाकाल 10 वर्ष से अधिक है और कर्मचारी की आयु 50 वर्ष से अधिक किन्तु रिटायरमेंट की उम्र यानी 58 वर्ष से कम है और कर्मचारी पेंशन का लाभ लेना चाहता है तो वह समय पूर्व रिटायरमेंट की सुविधा पाने का पात्र है। हालांकि इस तरह से कर्मचारी की पेंशन में कटौती होती है और उसे घटी हुई पेंशन प्राप्त होती है।
- 10 वर्ष से कम सेवाकाल वाले कर्मचारी पेंशन के पात्र नहीं हैं।
- 10 वर्ष के सेवाकाल को पूर्ण कर चुके और रिटायरमेंट से पूर्व (50 वर्ष से पहले) नौकरी छोड चुके कर्मचारी पेंशन के पात्र नहीं हैं।
पीएफ क्या होता है?
पीएफ (EPF) एक वेतनभोगी कर्मचारी को उसके नियोक्ता से मिलने वाली सुविधा है। इसमें कर्मचारी के वेतन और नियोक्ता द्वारा दी गयी धनराशि में से निश्चित अनुपात में धनराशि प्रोविडेंट फंड में जमा होती है ताकि यह धनराशि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कर्मचारी के काम आ सके।
साथ ही इस पीएफ में कर्मचारी के रिटायर होने पर उसे पेंशन की सुविधा का लाभ भी मिलता है। प्रोविडेंट फण्ड की धनराशि पर अच्छी ब्याज दर मिलने के कारण कर्मचारियों से उनके पीएफ अकाउंट को सक्रिय करने की माँग की जाती है क्योंकि प्रोविडेंट फण्ड के अन्तर्गत जमा धनराशि पर सरकार किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लेती है।
भारत सरकार के कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952 (Employees Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act, 1952) के अनुसार ऐसा कोई भी उघम (Business), कारखाना (Factory) अथवा कम्पनी चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी, में यदि नियोजित (Employed) कर्मचारियों की संख्या 20 या इससे अधिक है तो कंपनी के द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले कर्मचारियों को प्रोविडेंट फण्ड की सुविधा देना अनिवार्य होगा।
इसमें संगठित क्षेत्र में आने वाले सभी कर्मचारी शामिल हैं चाहे वह सरकारी हों या गैर सरकारी। और यदि कंपनी जिसके अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की संख्या 20 या इससे अधिक है और वह संस्थान अधीनस्थ कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा प्रदान नहीं करती है। तो उक्त संस्थान के विरूद्व कानूनी कार्यवाही के प्रावधान भी है।
पीएफ कितने प्रकार का होता है?
केन्द्र सरकार के द्वारा अलग-अलग वर्ग के कर्मचारियों के लिए पीएफ की विभिन्न योजनायें चलायी जाती हैं। इसमें मुख्यतः ईपीएफ (EPF), जीपीएफ (GPF) तथा पीपीएफ (PPF) शामिल हैं –
Employees Provident Fund (EPF)
प्राइवेट नौकरी करने वालों को यह सुविधा दी जाती है इसमें कर्मचारी के वेतन और कंपनी के द्वारा प्रदान की गयी धनराशि में से निश्चित अनुपात में धनराशि प्रोविडेंट फंड में जमा की जाती है। (सामान्यः यह राशि कर्मचारी के वेतन का 12 प्रतिशत होती है) ताकि यह धनराशि भविष्य में वक्त जरूरत पर कर्मचारी के काम आ सके।
साथ ही इस ईपीएफ में कर्मचारी के रिटायर होने पर उसे पेंशन की सुविधा का लाभ भी मिलता है। प्रोविडेंट फण्ड की धनराशि पर अच्छी ब्याज दर मिलने के साथ-साथ प्रोविडेंट फण्ड के अन्तर्गत जमा धनराशि पर सरकार किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लेती है।
General Provident Fund (GPF)
इसका सञ्चालन भी ईपीएफ की तरह ही होता है लेकिन यह स्कीम केवल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कर्मचारियों के लिए ही है। इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी का 6 प्रतिशत योगदान देता है जोकि उसके GPF में जमा होती है। कर्मचारी चाहे तो इस राशि को समय-समय पर निकाल भी सकते है। इस धनराशि पर भी सरकार के द्वारा कोई टैक्स नहीं लिया जाता है।
Public Provident Fund (PPF)
भारत का आम नागरिक भी इस योजना का लाभ ले सकता है इस योजना में अपना अकाउंट खुलवाना एक तरह से इसमें निवेश करना है। क्योंकि यह अकाउंट प्रारम्भ में 15 सालों के लिए खुलता है नागरिक यदि चाहे तो इसे आगे भी बढ़ा सकता है। इसमें निवेश करने की न्यूनतम धनराशि 500 रुपये से शुरू होती है।
पीएफ पेंशन का पैसा निकालने से जुड़े प्रश्न
EPF का पैसा कितने दिन में मिलता है ?
EPF निकासी के लिए अगर आप ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो 3 से 7 दिन के भीतर पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है।
PF कितना कटता है?
सामान्यत कर्मचारी को दिए जाने वाले वेतन का 12 प्रतिशत प्रोविडेंट फंड में जमा किया जाता है।
पीएफ पेंशन का पैसा कैसे निकालें ?
EPFO की आधिकारक वेबसाइट (www.epfindia.gov.in) पर विजिट करके आप पेंशन निकालने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
मोबाइल से ऑनलाइन PF कैसे निकालें?
EPFO के द्वारा जारी Umang App के माध्यम से पीएफ निकासी के लिए आवेदन किया जा सकता है।
PF रिटायरमेंट पेंशन कब निकाल सकते हैं?
58 वर्ष की उम्र पार करने के पश्चात आप PF रिटायरमेंट पेंशन पाने के पात्र हो जाते हैं।