राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना सरकार द्वारा लागू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना डेयरी संचालको, पशु पालकों, कृषकों एवं कृषि क्षेत्र में अनुभवी लोगों के लिये लागू की गयी है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा देशी नस्ल की गायों के संरक्षण एवं डेयरी संचालित करने के लिए 90% तक लोन की सुविधा प्रदान की जायेगी और यदि लाभार्थी समय पर लोन चुकाता हैं तो सरकार द्वारा उन्हें 30% की सब्सिडी का लाभ भी दिया जायेगा। विगत वर्षों में कोरोना महामारी के कारण हुई क्षति के कारण राजस्थान सरकार द्वारा यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया, जो की आत्मनिर्भर भारत की एक पहल है। इस योजना से जुडी सम्पूर्ण जानकारी जैसे योजना हेतु पात्रता, उद्देश्य, आवेदन प्रक्रिया आदि के बारे में हम इस लेख में बता रहे हैं।
योजना का नाम | कामधेनु डेयरी योजना |
साल | 2023 |
राज्य | राजस्थान |
उद्देश्य | रोजगार एवं आत्मनिर्भरता बढ़ाना |
लाभार्थी | राज्य के किसान एवं नागरिक |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन |
फॉर्म लिंक/वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना के उद्देश्य
कामधेनु डेयरी योजना, का मुख्य उद्देश्य देसी नस्ल की गायों का संरक्षण एवं करोना महामारी के कारण राज्य में वापिस आये हुए प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल करना है। इस योजना से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा राज्य एवं देश के विकास में भी योगदान मिलेगा। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 90% लोन की सुविधा प्रदान करवाई जायेगी और शेष 10% का निवेश मालिक को स्वयं करना होगा। यदि मालिक द्वारा समय पर लोन किस्तों का भुगतान किया जाता हैं तो सरकार द्वारा 30% सब्सिडी प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जायेगी। गाय का दूध स्वास्थ्य के लिये अधिक लाभदायक होता हैं, परन्तु विगत कहीं वर्षों से दूध में भारी मिलावट की जा रहीं है, इसीलिए गाय के दूध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा यह महत्वपूर्ण योजना लागू करने का फैसला लिया गया हैं।
कामधेनु डेयरी योजना राजस्थान का कुल बजट
कामधेनु डेयरी योजना के लिये राजस्थान सरकार ने 750 करोड़ का बजट निर्धारित किया हैं। इस योजना के सफलतापूर्ण संचालन के लिए राजस्थान सरकार 750 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। इसके आधार पर ही सरकार द्वारा लाभार्थियों को लाभ प्राप्त होगा और राज्य के नागरिक स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन पाएगे। इस योजना के तहत कुल लागत का 30% खर्च सरकार द्वारा और 60% बैंक द्वारा ऋण के रूप डेयरी संचालित करने के लिए दिया जायगा।जिसमें 10% का निवेश लाभार्थी को स्वयं करना पड़ेगा।
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना के लाभ एवं विशेषता
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना का लाभ सबसे अधिक कृषक वर्ग अथवा पशुपालन में कार्य कर रहे लोगों को मिलेगा क्योंकि डेयरी से सम्बंधित ज्यादा जानकारी इन्हें ही होंगी इसलिए उन्हें इस योजना को समझने में समय भी नहीं लगेगा।
- कामधेनु डेयरी योजना का लाभ राज्य में निवास करने वाले, जो मूलतः राजस्थान के निवासी हैं तथा जिन्हें पशुपालन के कार्य की जानकारी हो उन सभी व्यक्ति को मिलेगा।
- इस योजना के तहत बेहतर दामों में उच्च कोटि का शुद्ध दूध प्राप्त होगा जिससे आम जनमानस के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा।
- राज्य में निवास करने वाले हर व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होगा। यह योजना राज्य के हर व्यक्ति के लिये रोजगार के स्वर्णिम अवसर के रूप में उभरी हैं।
- इस योजना का लाभ राजस्थान का कोई भी व्यक्ति उठा सकता है, इसमें कोई लिंग-भेद नहीं है। महिला, पुरुष, युवा वर्ग और वृद्ध व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। परन्तु उन्हें पशुपालन की जानकारी होना आवश्यक हैं।
- लोन की राशि का भुगतान यदि पशुपालक समय पर करता हैं तो उसे 30% तक सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
- इस योजना से समाज के पिछड़े वर्ग के लोग अथवा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति भी अपना खुद का व्यवसाय कर पाएंगे।
- राज्य सरकार द्वारा पशु पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा जिससे वह सही ढंग से कार्य करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकेगा।
कामधेनु डेयरी योजना में पात्रता एवं शर्तें
- कामधेनु डेयरी योजना का लाभ उठाने का लिये लाभार्थी को राजस्थान का मुख्य निवासी होना आवश्यक हैं तथा उसके पास खुद की कम से कम एक एकड़ भूमि (जमीन) होनी चाहिये जिसमें वह पशुओं का रख-रखाव कर सकें।
- लाभार्थी व्यक्ति को इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालन का ज्ञान एवं पशुपालन क्षेत्र में कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि तभी व्यक्ति पशुओं का रखरखाव अच्छे से कर पाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत अच्छी नस्ल की गायों को रखा जायेगा। जो कम से कम 10-12 लीटर दूध दे। इस योजना के तहत गाय अथवा भैंस रखने की अधिकतम संख्या 30 हैं जो की पहले 6 माह में 15 तथा दूसरे 6 माह में फिर 15 देसी गाय खरीदनी होगी।
- इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी के पास उत्तम चारे की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि उत्तम चारे से ही गाय शुद्ध दूध दे पाएगी।
आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
- राजस्थान सरकार द्वारा निर्गत किया गया स्थाई निवास प्रमाण पत्र अथवा राजस्थान का निवासी होने का प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- जमीनी दस्तावेज
- बैंक खाते का विवरण (पासबुक)
- मोबाइल नंबर
- पशुपालक होने का प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
कामधेनु डेयरी योजना की आवेदन प्रक्रिया
कामधेनु डेयरी योजना का आवेदन ऑफलाइन माध्यम से किया जा सकेगा जो की पूर्णता निशुल्क हैं।
- सर्वप्रथम आवेदक को पशुपालन की अधिकारिक वेबसाइट www.gopalan.rajasthan.gov.in को खोलना होगा।
- जब वेबसाइट खुल जायगी तब लाभार्थी को वेबसाइट से कामधेनु डेयरी योजना का आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकालना होगा।
- आवेदन पत्र में पूछी गयी सभी जानकारियों को सही तरीके से भरना होगा तथा मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी को फॉर्म के साथ संलग्न करके पशुपालन विभाग में जमा करवाना होगा।
- जब आप रजिस्ट्रेशन फार्म सभी दस्तावेज़ों के साथ पशु पालन विभाग में जमा करवा देते हैं तब विभाग द्वारा आपके फार्म की जांच करी जाती हैं और सभी जानकारी सही होने पर आप का आवेदन स्वीकार किया जाता हैं ।
निष्कर्ष
कामधेनु डेयरी योजना, राजस्थान सरकार द्वारा लागू करी गयी एक महत्वपूर्ण योजना है। जो की स्वरोजगार के लिये उठाया गया एक सरहानीय कदम है।इस योजना के तहत जो लोग अपना स्वरोजगार करना चाहते है और पैसे की वजह से नहीं कर पाते उनके लिए यह योजना बहुत ही लाभप्रद है।इस योजना से पिछड़े वर्ग के लोग भी खुद का रोजगार कर पायगे। इस योजना से दूध भी शुद्ध गुणवत्ता का प्राप्त होगा जिसके सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होगा और मनुष्य स्वस्थ रहेगा। विशेषकर महिलाओं और युवाओं को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान होंगे।
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना से जुड़े प्रश्न
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना क्या है ?
राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना राजस्थान सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों के लिए शुरू की गयी योजना है।
इस योजना में पशुपालको को क्या लाभ मिलता है ?
कामधेनु डेयरी योजना में पशुधन की खरीद पर 30% की सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
इस योजना को शुरू करने के उद्देश्य क्या हैं ?
राजस्थान सरकार ने राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एवं रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की है।
आवेदक को इस योजना में कितना निवेश करना होगा ?
परियोजना में लगने वाली कुल लागत का 10 प्रतिशत आवेदक को निवेश करना होगा, बाकि 90% सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।