UDID Card Apply Online किसी भी व्यक्ति का शारीरिक रूप से अक्षम होना एक बहुत बड़ी समस्या होती हैं। इन्ही कारणों को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा समय-समय पर दिव्यांश व्यक्तियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लाया जाता हैं। ख़ासकर वर्तमान समय में देशभर में केंद्र सरकार द्वारा दिव्याशो के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किये जाते हैं। इस काम को बेहतरी से करने के लिए सरकार यूआईडी कार्ड (UDID Card) देकर विकलांगजनो की सभी जानकारियों को संग्रहित करेगी। इस आईडी को रखने वाले विकलांग व्यक्ति को अन्य प्रकार के पहचान पत्र रखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। देश के प्रत्येक जिले में लगभग 25 हज़ार दिव्यांग आईडी बनाने की योजना हैं।
UDID कार्ड रखने वाले लोगो के जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल सकती हैं। वर्ष 1995 में भारतीय संसद में विकलांगता और अक्षमता से जूझ रहे नागरिको की परेशानियों को अपने संज्ञान में लेते हुए कानून की रुपरेखा तैयार की। इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति की विकलांगता को मान्यता देना और उसके लिए विशेष अधिकारों का निर्धारण करना। 40 प्रतिशत तक विकलांगता रखने वाले लोगों को इसी के अंतर्गत प्रमाण पत्र मिलता हैं। मनोवैज्ञानिक कमी (मानसिक रोग) वाले व्यक्ति भी विकलांगता के वर्ग में आएंगे। यदि कोई विकलांग व्यक्ति या सम्बन्धी UDID Card बनवाना चाहता हैं तो यह लेख इस कार्य में बहुत सहायक होगा।

योजना | विकलांग प्रमाण पत्र |
सम्बंधित विभाग | स्वास्थ्य विभाग |
उद्देश्य | कल्याणकारी सेवाएँ देना |
लाभार्थी | देश के विकलांग नागरिक |
कार्यान्वक | भारत सरकार |
माध्यम | ऑनलाइन/ ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | swavlambancard.gov.in |
यूडीआईडी कार्ड का उद्देश्य
भारत सरकार के कार्ड रखने वाले दिव्यांश व्यक्तियों की पहचान “स्वाभलंबन कार्ड/ यूडीआईडी कार्ड” के माध्यम से होगी। साथ ही सरकार को राष्ट्रीय, राज्य, जिला, खंड स्तर पर विकलांग व्यक्तियों का पूर्ण डेटाबेस तैयार करके रखने में सुविधा होगी। कार्ड धारक दिव्यांश जन को किसी भी समय सरलता से चिन्हित किया जा सकेगा। सरकारी योजना विकलांग जन की परेशानियों को कम करती हैं चूँकि इससे अमुख व्यक्ति की असमर्थता में कमी आती हैं और वो सामान्य जनों की तरह जीवन यापन कर सकते हैं।
स्वावलंभन कार्ड (UDID) के लाभ
शासन द्वारा मिलने वाले यूडीआईडी कार्ड को रखने वाले दिव्यांश लोगो को निरंतर सरकारी सेवाओं का लाभ मिलता रहता हैं। परन्तु इस प्रकार की सरकारी योजनाओं से जुड़कर लाभान्वित होने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को अपने सत्यापन के लिए विकलांग प्रमाण पत्र बनवाकर रखना होगा। कुछ मुख्य योजनाएँ निम्न प्रकार से हैं –
- विकलांग व्यक्ति की सभी आवश्यक जानकारियाँ एक विशेष UDID Card में संगृहीत हो जाएगी।
- यह एक बहुउद्देश्यक कार्ड हैं जिससे उक्त व्यक्ति को अन्य प्रमाण पत्र किस आवश्यकता नहीं रहेगी।
- कार्ड में एक चिप के अंदर व्यक्ति की जानकारी को सुरक्षित रखा जायेगा।
- दिव्यांग कल्याण विभाग में एक सॉफ्टवेयर की सहायता से सभी जानकारियों को अधिकारी द्वारा सत्यापित होने के बाद दिव्यांश व्यक्ति के घर पर डाक से कार्ड पहुंचेगा।
- कार्डधारक को सम्बंधित प्राधिकारी से उल्लखित यूडीआईडी कार्ड के विभिन्न प्रतियों की आवश्यकता नहीं होगी। एक स्वावलबी प्रदाता को सरलता से पाठक की सहायता से डिकोड किया जा सकेगा।
- विकलांग व्यक्ति के सत्यापन और पहचान के लिए यूडीआईडी कार्ड एकल प्रमाण पत्र रहेगा और भविष्य में कई लाभ देगा।
- सरकारी कार्ड धारको के डेटाबेस से लाभार्थियों की प्रगति को ट्रैक कर सकेगी।
विकलांगता प्रमाण पत्र आवेदन के लिए प्रमाण पत्र
- आवेदक का आधार कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- नवीनतम पासपोर्ट आकार के फोटो
- शरीर के विकलांग भाग का फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि हो)
- व्यक्ति का बैंक खाता विवरण
- पूर्णतया भरा हुआ विकलांग प्रमाण पत्र आवेदन प्रपत्र
ऑनलाइन आवेदन भरने के मुख्य बिंदु
- आवेदन प्रपत्र में आपसे चार प्रकार की जानकारियाँ मांगी जाएगी व्यक्तिगत, विकलांगता सम्बंधित, रोज़गार विवरण एवं पहचान की जानकारी।
- आवेदन पत्र को भरते समय हिंदी के नाम वाले बॉक्स में हिंदी में टाइपिंग करें और इंग्लिश वाले बॉक्स में इंग्लिश टाइपिंग करनी हैं। हिंदी टाइपिंग के लिए गूगल ट्रांसलेटर की सहायता लें सकते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन को भरते समय सही जानकारी सही स्थान पर टाइप करें। किसी भी प्रकार की स्पेलिंग मिस्टेक से बचे।
- जिन बॉक्सों पर लाल रंग का स्टार हो, उनको भरना अनिवार्य होगा यानीकि यह जानकारी आवेदक को जरूर देने हैं। अन्य सामान्य बॉक्सों को छोड़ा भी जा सकता हैं, सभी जानकारी को पूर्ण करने का प्रयास करे।
विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश जन्मजात अथवा रोग/दुर्घटना से शारीरिक विकलांग हो गया हैं। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति अथवा उससे सम्बंधित लोगो को तत्काल ऑनलाइन विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के विषय में जानकारी ले लेनी चाहिए।
- सर्वप्रथम आवेदक अपने वेब ब्राउज़र पर यूडीआईडी कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट http://www.swavlambancard.gov.in को ओपन करें।
- वेबसाइट के होम पेज में दाई तरफ पहला विकल्प “apply for disability certificate & UDID card” विकल्पों को क्लिक करें।
- आपको एक नए विंडो टैब में विकलांग व्यक्ति का आवेदन प्रपत्र मिलेगा।
- आवेदन प्रपत्र में पूछी गई जानकारियों को सही प्रकार से टाइप कर दें।
- प्रपत्र में एक बॉक्स “Relation with Pwd” की जानकारी के लिए हैं इसमें माता-पिता अथवा अन्य अभिभावक को चुनकर नाम और मोबाइल नंबर की डालें।
- सभी जानकारी के विवरण को जाँच लें और “next” बटन को दबा दें।
- इससे अगले वेब पेज पर व्यक्ति की विकलांगता के विवरण देने होंगे।
- जिनके पास पूर्व से विकलांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध हो वे UDID संख्या डाल दें, जिससे आवेदक को पुनः चिकित्सा जाँच नहीं करवानी होगी।
- इसके बाद “next” बटन दबा दें, इससे आपको नयी टैब में व्यवसाय संबधी जानकारी देनी होगी, कोई जानकारी ना होने पर आप इसको छोड़ सकते हैं।
- अब अपने आधार कार्ड की फोटो को पहचान पत्र के लिए अपलोड करें और डिटेल्स डालकर कॅप्टचा कोड को टाइप करके “Proceed” बटन दबा दें।
- इस प्रकार से इन सभी बिन्दुओं को पूर्ण करने पर व्यक्ति का आवेदन स्वीकृति के लिए भारत सरकार के यूडीआईडी कार्यालय के पहुंच जाती हैं।
- अब आवेदक को अपने UDID की स्थिति के स्वीकृत होने का इन्तजार करना होगा।
- आवेदन स्वीकृति हो जाने पर व्यक्ति को अपने आवेदन का प्रिंट लेकर CMO कार्यालय में जाना हैं।
- अंतिम सत्यापन की प्रक्रिया के पूर्ण हो जाने पर व्यक्ति को UDID कार्ड मिल जायेगा।
ऑफलाइन माध्यम से प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना
- विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने की की प्रक्रिया की शुरुआत इसके आवेदन प्रपत्र को डोएनलोड करके A4 आकार के पेज में प्रिंट करने से होती हैं।
- आवेदन प्रपत्र में मांगी जा रही सभी जानकारियों को समझकर प्रविष्ट करें।
- एक बार सभी जानकारी देने के बाद अपने आवेदन में मांगे जा रहे सम्बंधित प्रमाण पत्रों को संलग्न कर दें।
- पूर्णरूप से भरे आवेदन प्रपत्र को सम्बंधित विभाग में जमा करने जाए।
यूडीआईडी कार्ड की सत्यापन प्रक्रिया
जिन आवेदकों का कार्ड के लिए सफलतापूर्वक आवेदन हो जाता हैं, उनके लिए सत्यापन की प्रक्रिया निम्न प्रकार से होगी-
- सीएमओ विभाग आवेदक की जानकारी को जाँचता हैं।
- इसके बाद प्रपत्र को विकलांगता की जाँच के लिए सम्बंधित अस्पताल में भेजा जाता हैं।
- आवेदकों को जाँच करवाने के लिए अपने प्रपत्र की नक़ल लेकर जाना होगा।
- चिकित्सा प्रमाण पत्र बनने के बाद इसको PWD कार्यालय में पहुंचा दिया जायेगा, यहाँ आवेदक को विकलांगता को प्रतिशत मात्रा दी जाएगी।
- अंतिम चरण में आवेदक के प्रपत्र की जानकारी को एक अद्वितीय विकलांगता आईडी में सुरक्षित करके “स्वालंभन कार्ड” प्रदान किया जाता हैं।
आवेदन की स्थिति देखना – UDID Card Status
आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाने पर समय-समय पर वेबसाइट पर आवेदन की स्थिति देखते रहना चाहिए। ऑनलाइन आवेदन की स्थिति देखने के चरण निम्न प्रकार से हैं –
- ऑनलाइन आवेदन करने वाली वेबसाइट के होम पेज पर दायी ओर चौथे नंबर के विकल्प “Track Your Application Status” को चुने।
- आपको एक नए विंडो में बॉक्स मिलेगा, इसमें अपना पंजीकरण संख्या/यूआईडीआई/रिक्वेस्ट संख्या/मोबाइल नंबर/आधार संख्या में से कोई एक टाइप कर के “Go” बटन दबा दें।
- आपके आवेदन की स्थिति आपके स्क्रीन पर होगी।
विकलांगता प्रमाण पत्र से मिलने वाली सुविधाएँ
यदि कोई विकलांग व्यक्ति एक बार प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को पूरा करके सरकार से प्रमाण पत्र ले कर रख लेता हैं तो भविष्य में विभिन्न प्रकार के लाभ ले सकता हैं। इनमे से कुछ लाभ निम्न प्रकार से हैं –
- अक्षम लोगों को शिक्षा की निशुल्क सुविधा लेने में।
- निःशुल्क ट्राई साइकिल, मशीन और कृत्रिम अंगो को लेने में।
- सरकारी एवं निजी क्षेत्रों की नौकरियों में उचित आरक्षण लेने में।
- शिक्षा में आरक्षण प्राप्त करने के लिए।
- समाप्ति के आवंटन के प्राथमिकता लेने में।
- विभिन्न सामाजिक सुरक्षा की योजना लेने में।
- रोडवेज, रेलवे एवं एयरलाइन के टिकट में छूट लेने में।
- राज्य एवं केंद्र सरकार की पेंशन योजना प्राप्त करने में।
- विभिन्न सरकारी योजनाओं में अपना स्थान सुनिश्चित करने में।
- विधान द्वारा दिए अधिकारों से वंचित होने पर विकलांगता विभाग के मुख्य आयुक्त को शिकायत आवेदन करने में।
यूडीआईडी कार्ड से सम्बंधित प्रश्न
यूडीआईडी कार्ड से क्या लाभ होता हैं?
यह दिव्यांग जन को एक विशेष पहचान पत्र प्रदान करता हैं जिससे उनकी आवश्यक जानकारी सरकार के डेटाबेस में रहती हैं। साथ ही कार्ड धारक को अपने से संबधित विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ लेने का अवसर मिलता हैं।
यूडीआईडी कार्ड क्या हैं?
इसे “विकलांग व्यक्ति के लिए अद्वितीय संख्या” कहा जा सकता हैं जो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जाँच-पड़ताल के बाद प्रदान किया जाता हैं।
व्यक्ति के लिए विकलांग प्रमाण पत्र के लिए विकलांग प्रतिशत क्या हैं?
विभाग की चिकित्सा जाँच में व्यक्ति को शारीरिक रूप से 40 प्रतिशत विकलांग होना चाहिए।
आधार कार्ड के माध्यम से विकलांग प्रमाण पत्र कैसे जाँचे?
लेख में बताई गयी विभाग की वेबसाइट पर Application check के विकल्प को चुनकर अपनई आधार संख्या डालकर “Go” बटन दबा दें, आपके आवेदन की स्थिति आपके सामने होगी।