जल का महत्व पर निबंध – जल हमारे दैनिक उपयोग की वस्तु है और हमारी दिनचर्या में पानी का महत्व काफी बढ़ जाता है। इस लेख में हम आपको जल के महत्व के बारे में बतायेंगे, क्योंकि उपयोग के लायक जल की मात्रा घटती जा रही है और पानी लगातार कम होता जा रहा है जिसका प्रभाव पूरी पृथ्वी में निवास करने वाले जीव जन्तुओं पर पडेगा, जिसका असर हमारे समाज पर भी होगा। इसलिये जल का महत्व सामाजिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में आप जान पायेंगे कि पानी का महत्व विषय (Jal Ka Mahatva) के अंतर्गत जल पर निबंध कैसे लिखें।

जल का महत्व पर निबंध (Jal Ka Mahatva Essay In Hindi)
प्रस्तावना
Jal Ka Mahatva Essay In Hindi – जल सम्पूर्ण पृथ्वी और इस पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीव जंतुओ के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। पुराणों में भी जल को सृष्टि के पंचतत्वों में स्थान दिया गया है ये पंचतत्व हैं आकाश, पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल। तथ्यों के सन्दर्भ से देखें तो हमारी पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत भाग में जल है और मानव शरीर के सन्दर्भ में देखें तो एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है।
इन तथ्यों से स्पष्ट है कि जल का हमारे जीवन में क्या महत्व है। लेकिन वर्तमान में इस संसाधन असंतुलित दोहन और घातक प्रदूषण की वजह से पानी के संरक्षण की ओर विचार किया जाने लगा है। क्योंकि यह एक ऐसा संसाधन नहीं है कि जिसका नवीनीकरण किया जा सके।
Jal Par Nibandh – पारिस्थितिक रूप से जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। रासायनिक संघटन में जल हाईड्रोजन तथा ऑक्सीजन के 2ः1 अनुपात में बना मिश्रण है इसका पीएच मान 7 होता है जो कि जल को अम्ल और क्षार से अलग करता है। जल का उपयोग जीवित रहने के लिये पीने में होेता है। इसके अलावा साफ सफाई में दैनिक कार्यों में और धरती पर मौजूद लगभग हर प्रजाति को जल की आवश्यकता होती है।
जल पर निबंध – हमारे आहार में जल की कमी हमारे स्वास्थ्य के लिये ठीक नहीं है और इस से हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियों के होने का खतरा बढ जाता है। उदाहरण के लिये पानी की कमी से हमारे शरीर में मोटापा बढने लगता है। क्योंकि जब हम पानी पीते हैं तो पानी हमारे शरीर में बनने वाले एसिड और अन्य पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और यदि हम पानी नहीं पीते हैं तो इससे हमारा मेटाबालिज्म कमजोर पड जाता है जिस कारण फैट जमा होने लगता है इससे हमारा मोटापा बढ़ जाता है।
यदि हम लगातार पानी का सेवन कम करते रहें तो हमारी त्वचा शुष्क हो जाती है और हाथ पैरों में जलन महसूस होने लगती है। साथ ही जल का असंतुलित सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी रहती है। इसके साथ साथ हमारा रक्त संचार भी बाधित होता है और कब्ज जैसी समस्या का भी सामना करना पड सकता है। यदि हमारी धरती पर पानी न
हो तो पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। यदि जल न हो तो धरती के सारे जीव जन्तुओं की मृत्यु हो सकती है।इसीलिये कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
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जल ही जीवन है
Jal Ka Mahatva Essay In Hindi – मानव जाति का प्रकृति और जल से हमेशासे अटूट सम्बन्ध रहा है। क्योंकि पुरातन काल में जब से मनुष्य ने कृषि कार्य करना आरम्भ किया था, तब सिंचाई का एकमात्र साधन बारिश ही होती थी जिसके जल से किसान के खेत में फसल उगती थी। इसलिये कालान्तर में जल से जुडी चीजों को भगवान का दर्जा दिया गया और उनकी पूजा की जाने लगी।
जैसे कि बादल, आकाश, जल, नदी, पर्वत जहां से नदी निकलती है, सभी को देवता माना गया और इनकी पूजा वर्तमान समय में भी की जाती है। इसी से हम मालूम पडता है कि जल मनुष्य के जीवन में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
Jal Par Nibandh – हम पानी का उपयोग हमारे पीने, खाना बनाने, कपडों और बर्तनों की सफाई से लेकर हमारे नहाने तक में करते हैं। पानी का महत्व देखते हुये घर घर में पानी के कनेक्शन लगाये जाते हैं और सार्वजनिक स्थानों में भी जल की उचित व्यवस्था की जाती है। यूं तो हमारी पृथ्वी पर लगभग 70 प्रतिशत पानी है लेकिन इस 70 प्रतिशत पानी में से केवल तीन फीसदी पानी ही हमारे उपयोग करने के योग्य है। क्योंकि बाकी पानी खारा है और उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इस तीन फीसदी पानी से भी सीमित मात्रा में जल तक हमारी पंहुच हो पाती है।
जल संरक्षण एक आवश्यकता
Jal Ka Mahatva Essay In Hindi – लेकिन यह विडम्बना ही है कि उपयोग करने के लायक इतना कम पानी होने पर भी हम लगातार पानी की बर्बादी करते रहते हैं। क्योंकि जल एक ऐसा संसाधन है कि जिसका नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है। इसलिये जो जल एक बार उपयोग में आ चुका है उसे रियूज और रिसाईकल करने का कोई विकल्प हमारे पार उपलब्ध नहीं है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुये वर्तमान समय में जल संरक्षण की अवधारणा पर जोर दिया जा रहा है।
क्योंकि हम अपने घरों में भी देखते हैं कि यदि लगातार एक दो दिन तक जलापूर्ति यदि बाधित रहे तो जीवन ठहरा हुआ मालूम होता है। इसीलिये यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जो जलराशि हमें प्राप्त हुयी है, उसे हम बचाकर रखें और बहुत ही सावधानी से इस्तेमाल करें अन्यथा वह दिन दूर नहीं रहेगा कि जब जल के सात साथ अनेकों प्रजातियां पृथ्वी सेलुप्त हो जाएँगी।
पृथ्वी पर जल का महत्व
Jal Ka Mahatva Essay In Hindi – हमारी पृथ्वी पर निवास करने वाली प्रत्येक प्रजाति को जल की जरूरत है । क्योंकि जल के बिना कोई भी प्राणी जीवित रहने में सफल नहीं हो पायेगा। जल के कारण ही पेड पौधों को विकसित होने में मदद मिलती है, जो कि अधिकांश प्राणियों का भोजन भी है और यदि उन्हें जल की प्राप्ति न हो तो वे पनप नहीं पाते हैं और सूखकर खत्म हो जाते हैं।हमारे घरों में जो बिजली आती है दरअसल वह भी जल के कारण ही आती है। आज भी जलविद्युत परियोजनायें ही बिजली उत्पन्न करने का सबसे बडा स्रोत हैं।
Jal Par Nibandh – हमारे देश में भी कई ऐसे स्थान हैं जहां कि जल का अभाव है। जैसे गुजरात, राजस्थान आदि। इसीलिये सरकार के द्वारा जल संरक्षण की अवधारणा पर जोर दिया जा रहा है और जल संरक्षण के लिये कई प्रयास किये जा रहे हैं। हमें भी अपने स्तर पर कम से कम पानी का उपयोग करना चाहिये और जल संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिये। क्यों कि पानी के अभाव के कारण गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
आये दिन हम देखते हैं कि जल के बिना हमारे पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है। बढते क्लाईमेट चेंज के कारण पृथ्वी एक ऐसे ग्रह में तब्दील होता जा रहा है जहां कि निवास करना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।
जल के अभाव में क्या होगा
जल पर निबंध – वास्तविकता देखें तो जल के बिना हमारी पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अगर जल ही न रहा तो सम्पूर्ण मानव जाति और जीव जन्तु तथा पेड पौधे नष्ट हो जायेंगे। हमारे हरे भरे जंगल भी बंजर हो जायेंगे। पानी के न रहने से पृथ्वी का तापमान बेतहाशा बढ जायेगाा जो कि मौसम और ऋतुओं के चक्र में परिवर्तन का कारण होगा और अंत में पर्यावरण के विनाश के साथ साथ हमारा ग्रह भी विनाश की कगार पर पंहुच जायेगा।
उपसंहार (जल का महत्व पर निबंध)
जल पर निबंध – यद्यपि हम जानते हैं कि पृथ्वी के अधिकर हिस्से में जल है, लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि इतनी अधिक मात्रा में जल होने के बावजूद इस जल का कुछ फीसदी भाग ही मनुष्यों और जीव जन्तुओं के उपयोग, उपभोग करने के योग्य है।
उपलब्ध जल की मात्रा को ध्यान में न रखते हुये लोग जल का असीमित दोहन करते हैं। हमारे सौरमंडल के ग्रहों में भी पृथ्वी पर जीवन तभी साकार हो पाया क्योंकि पृथ्वी पर जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध था। लेकिन यदि जल का दोहन इसी गति से चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमें जल की बूँद बूँद के लिये कठिनाई का सामना करना होगा और हमारी धरती पर जल ही नहीं बचेगा। इसलिये समय रहते हमें जल के महत्व की ओर ध्यान देना होगा।
Jal Par Nibandh – हमारी सरकारें भी समय समय पर जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देती है और नागरिकों को जागरूक करने के लिये कई प्रकार की योजनायें भी चलाती हैं। इस प्रकार हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम भी जितना आवश्यक हो उतना ही जल का उपयोग करें तथा अपने स्तर पर जल संरक्षण को बढावा दें और जल को बचाने के प्रयासों में देश और समाज की मदद करें।
जल का महत्व पर निबंध (Jal Par Nibandh) से जुड़े प्रश्न
जल का रासायनिक सूत्र क्या है?
जल पर निबंध – H2O जल का रासायनिक सूत्र है। यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के 2:1 के संयोजन से बनता है।
विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है?
Jal Par Nibandh – विश्व जल दिवस (World Water Day) प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है।
जल के पर्यायवाची क्या हैं?
पानी, वारि, नीर, सलिल, तोय, अंबु, पय, आदि जल के पर्यायवाची शब्द हैं।
पृथ्वी के कितने भू भाग पर जल है?
पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत भू भाग में जल है। इस 71 प्रतिशत में से केवल 3 प्रतिशत जल ही हमारे उपयोग करने के योग्य है।
हमारे शरीर में कितना जल होता है?
Jal Par Nibandh – एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 60-65 प्रतिशत तक पानी होता है।