25 Stunning Monuments in India: भारत देश एक विविध देश है, जहाँ हर जाति, वर्ग और धर्म के लोग एकता के साथ मिल-जुलकर रहते हैं, जिसकी पहचान यहाँ बने भारतीय पुरातात्विक स्थल, अखंड मूर्तियाँ, रॉक मूर्तिकला और यहाँ के खूबसूरत और प्रसिद्द स्मारक जैसे साक्ष्यों से होती है। यह अनूठे वास्तुशिल्प भारत की संस्कृति, कला और इतिहास को दर्शाते हैं, जिसे देखने के लिए देश और दुनियाभर से हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक भारत आते हैं। इन स्थल में पर्यटकों को इनके महान अतीत और परिवर्तन की विभिन्न लहरें देखने को मिलती है।
यदि आप भी घूमने के शौक़ीन हैं और भारत की संस्कृति और इतिहास के बारे में जान्ने के इच्छुक चाहते हैं तो यहाँ घूमने के लिए हमे आपको 25 ऐसे आश्चर्यजनक स्मारकों की जानकारी प्रदान करने जा रहें हैं, जिन्हे आपको अपने जीवन में एक बार अवश्य ही देखना चाहिए।
जाने भारत के ऐसे सभी 25 आश्चर्यजनक स्मारकों का विवरण 25 Stunning Monuments in India
हमारे देश के विभिन्न राज्यों के अनूठे वास्तुशिल्प जो अपनी संस्कृति, समृद्धि और इतिहास को दर्शाते हुए भारत को उन देशों की सूची में शुमार करता हैं और इसका अनूठा वास्तु पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। तो चलिए जानते हैं भारत के ऐसे सभी 25 आश्चर्यजनक स्मारकों का पूरा विवरण जिन्हे आप अपने परिवार व दस्तों के साथ ट्रिप के दौरान देखने जा सकते हैं।
लाल किला दिल्ली
दिल्ली के ऐतिहासिक स्मारकों में लाल किला पुरानी दिल्ली के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है जहाँ हर वर्ष स्वतंत्रा दिवस समाहरों आयोजित किया जाता है। जिसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान किया गया था। लाल बलुआ पत्थरों और प्राचीर के कारण इस लाल कहा जाता है, जो मुगलों के समय में शाही परिवार का सत्तावादी निवास हुआ करता था, जिसके लिए इसे किला-ए-मुबारक भी कहा जाता था। लाल किला एक UNESCO की विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में शामिल है, जिसका आकार अष्टकोणीय है और इसके दिल्ली गेट, लाहौर गेट, कश्मीर गेट जैसे कई द्वार है। लाल किले की सुंदरता और भव्यता को देखने दुनियाभर से लोग दिल्ली आते हैं और इसकी शाही बनावट और वास्तुकला लोगों को काफी आकर्षित करती है।
अगर आप दिल्ली के लाल किला आना चाहते हैं तो हवाई मार्ग से दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचकर आप लाल किले के लिए 20 किमी की दूरी बस, टैक्सी के माध्यम से पूरी कर सकेंगे। ट्रैन से दिल्ली जंक्शन पहुँचने पर लाल किले की दूरी 3 किमी है जिसके लिए आप बस, ऑटोरिक्शा, टैक्सी ले सकते हैं, इसके अतिरिक्त सड़क मार्ग के लिए भी आपको हरयाणा, पंजाब, उत्तराखंड से बस या अपनी निजी वाहन से यात्रा कर सकते हैं।
- समय – सुबह 9:30 बजे शाम 4:00 बजे तक (केवल सोमवार को बंद)
- स्थान – नेताजी सुभास मार्ग, चांदनी चौक, नई दिल्ली
- प्रवेश शुल्क – भारतीय – 35 रूपये, विदेशी – 500 रूपये, वीडियो कैमरा – 25 रूपये अतिरक्त
इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित, 42 मीटर लंबा एक भव्य युद्ध स्मारक है, जो चौराहे पर बने आर्कवे की तरह आर्क-डी-ट्रॉयम्फ है। इस स्मारक का निर्माण अंग्रेजी शासकों द्वारा उन 90 हजार भारतीय सैनिकों की याद में किया गया था, जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए थे। इसके नीचे अमर जवान ज्योति एक जलती हुई संरचना है जो भारत के अमर सैनिकों का प्रतीक है। इंडिया गेट बलुआ पत्थर-ग्रेनाइट महराबदार द्वारा देश के सबसे बड़े युद्ध स्मारक में से एक है, जिसका शिलान्यास 1921 में ड्यूक कनॉट के रॉयल हाइनेस द्वारा किया गया था, जिसकी सुंदरता और इसके आस-पास के हरे-भरे लॉन की प्रसंशा यहाँ आने वाले सभी पर्यटक करते हैं।
अगर आप हवाई मार्ग से इंडिया गेट में जाना चाहते हैं तो इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 14 किमी दूर और ट्रैन से जाते हैं तो नाइडेलही रेलवे स्टेशन से इंडिया गेट की दूरी केवल 5 किमी है, जहाँ से आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – 24 घंटे खुला रहता है, लाइट शो का समय 7 बजे से 9:30 बजे तक, नाव का समय दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक
- स्थान – राजपथ इंडिया गेट, नई दिल्ली
- प्रवेश शुल्क – निशुल्क
कुतुब मीनार, दिल्ली
कुतुब मीनार दिल्ली शहर की मेहरौली भाग में स्थित ईट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है, जिसे विजय मीनार के रूप में भी जाना जाता है। कुतुब मीनार भारत की सबसे ख़ास और पर्यटक स्थलों में से एक है, जिसे यूनेस्को द्वारा सबसे पुराने वैश्विक धरोहर स्थलों की लिस्ट में शामिल किया गया है। संगमरमर और बलुआ पत्थर से बने इस 5 मंजिला मीनार की ऊँचाई 72.5 मीटर है, जिसके पास फ़ारसी, अरेबिक और नगरी भाषाओं में लिखी हुई शिलालेख भी देखने को मिलती है, जिसे देखने के लिए देश और विदेश से हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं और इस मीनार के साथ फोटो क्लिक करवाते हैं।
हवाई मार्ग से पहुँचने के लिए आप दिल्ली के इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे पर पहुँचने के लिए उड़ान भरें और वहाँ से 14 किमी दूर कुतुबमीनार बस या मेट्रो से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कैब बुक, टैक्सी बुक करवाकर या सड़क मार्ग से भी बस, टैक्सी या अपने निजी परिवाहन से यहाँ पहुँच सकते हैं।
- समय – सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है (पूरे हफ्ते)
- स्थान – सेठ सराय, मेहरौली, नई दिल्ली
- प्रवेश शुल्क – भारतीय- 10 रूपये, विदेशी – 250 रूपये, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क
जामा मस्जिद, दिल्ली 25 Stunning Monuments in India
पुरानी दिल्ली में लाल किले के सामने वाली सड़क पर बना यह विशाल मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है, जिसका वास्तविक नाम मस्जिद-ए-जहां-नुमा है। यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसका निर्माण मुग़ल साशक शाहजहाँ द्वारा करवाया गया था। जिसकी उत्कृष्ट वास्तुकलात्मक सौंदर्य अपने अंदर कई ऐतिहासिक घटनाओं और यादों को समेटे हुए है, इस समारक की मुख्य विशेषता इसकी जटिल नक्काशी शानदार संरचना, लंबी मीनारे, धनुषाकार द्वार, प्रार्थना के लिए एक विशाल प्रांगण और विशिष्ट मुग़ल वास्तुकला पर्यटकों के लिए बेहद ही आकर्षण का केंद्र है।
- समय – सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 1:30 बजे से शाम 6 बजे तक (सप्ताह के साथ दिन खुला रहता है)
- स्थान – जमा मस्जिद रोड, जमा मस्जिद, चांदनी चौक, नई दिल्ली
- प्रवेश शुल्क – सभी के लिए निशुल्क (कैमरे के लिए 200 रूपये)
लोटस टेम्पल, दिल्ली 25 Stunning Monuments in India
लोटस टेम्प जिसे कमल मंदिर भी कहा जाता है, दिल्ली के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह एक सफ़ेद रंग के आकर का एक वास्तुशिल्प है जिसके कारण इसे लोटस टेम्पल कहा जाता है। यहाँ ना ही किसी तरह की मूर्ति है और ना ही किसी प्रकार की पूजा किया जाता है। यहाँ सभी धर्मों के लोग केवल शान्ति और सुकून का अनुभव करने आते हैं। इस मंदिर का निर्माण आधे खिले कमल की आकृति में 27 पंखुड़ियों से बनाया गया है, जिसकी ऊँचाई 40 मीटर है यहाँ करीब 2500 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है।
कमल मंदिर पहुँचने के लिए आप इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुँचकर बस या मेट्रो से 16 किलोमीटर की दूरी तय कर लोटस टेम्पल पहुँच सकते हैं। इसके अलावा मेट्रो का प्रयोग भी कर सकते हैं, इसके लिए नेहरू प्लेस से कालका जी पहुँचने के बाद आप 5 मिनट में पैदल चलकर या रिक्शा करके मंदिर पहुँच सकते हैं।
- समय – गर्मियों में सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक
- स्थान – लोटस टेम्पल रोड, बहपुर कालकाजी, नई दिल्ली
- प्रवेश शुल्क – सभी के लिए निशुल्क प्रवेश
हुमांयू का मकबरा, दिल्ली 25 Stunning Monuments in India
दिल्ली में स्थित हुमांयू का मकबरा दिल्ली का पहला राजवंशीय मकबरा है जो मुग़ल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। जसिका निर्माण 16 वीं शताब्दी में सम्राट हुमांयू की पत्नी ने अपने पति की याद म बनवाया था। हुमांयू के मकबरे को यूनेस्को द्वारा वर्ष 1993 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई। इस मकबरे को मुग़लों का शयनागार भी कहा जाता है, क्योंकि इसके कक्षों में 150 से अधिक मुग़ल परिवार के सदस्य दबे हुए हैं, यह मकबरा 27.4 मीटर हेक्टेयर के परिसर में स्थित है और इसकी संरचना अष्टकोणीय है, जिसके चारों लंबे और चेम्फर्ड किनारे है, इस मकबरे की शैली में लाल बलुआ पत्थरों और सफ़ेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। इसकी अनोखी और अद्भुद सुंदरता को अनेक वास्तुकला नवाचारों से प्रेरित है।
हुमांयू का मकबरा देखने के लिए आप यदि ट्रैन से जाते हैं तो दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद यह रास्ता केवल 7 किमी रह जाता है, जसी आप बस, टैक्सी से पूरा कर सकते हैं। वहीं हवाई मार्ग से आने पर इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी 17 किमी है, जिसे आप एयरपोर्ट से निकलकर टैक्सी या कैब बुक करवाकर पूरा कर सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (सप्ताह के पूरे दिन खुला रहता है)
- स्थान – मथुरा रोड, हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के सामने, निजामुद्दीन नई दिल्ली
ताजमहल, आगरा 25 Stunning Monuments in India
ताजमहल सफ़ेद रंग के संगमरमर से बना एक मकबरा है, जो आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिणी तट के किनारे स्थित है, जो दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। ताजमहल का निर्माण 17 वीं शताब्दी में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी प्रिय पत्नी मुमताज की याद में किया गया था, जो की मुग़ल वास्तुकला का एक बेहतरीन उद्धरण है और इसे आज भी जिसे आज भी प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।। यह शानदार मकबरा यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल है, सम्पूर्ण ताजमहल का मुख्य केंद्र मुमताज महल का मकबरा है जो सफ़ेद संगमरमर का बना है, जिसके ऊपर बड़ा गुंबद इसकी शोभा बढ़ता है, हालाकिं कब्रों में प्रवेश प्रतिबंध है और पर्यटक केवल इस राष्ट्रीय स्मारक के प्राकृतिक उद्यान में ही घूम सकते हैं। इस
यदि आप हवाई मार्ग से ताजमहल देखने आते हैं तो आगरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डे से यह स्मारक 12 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आप टेक्सी या कैब से पूरा कर सकते हैं, वहीं अगर आप ट्रैन से सफर करते हैं, तो रेलवे स्टेशन आगरा कैंट से इसकी दूरी 6 कीमी है, जिसे आप बस टैक्सी या ऑटोरिक्शा से पूरी कर सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से शाम 6:30 बजे तक (शुक्रवार को बंद)
- स्थान – धर्मपुरी, वन कॉलोनी, ताजगंज, आगरा, उत्तर प्रदेश
- प्रवेश शुल्क – भारतीय- 45 रूपये, विदेशी – 1050 रूपये, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क, सार्क और बिम्सटेक – 535 रूपये, अतिरिक्त समाधि के लिए 200 रूपये
फतेहपुर सीकरी किला, आगरा 25 Stunning Monuments in India
फतेहपुर सीकरी उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित 16 वीं शताब्दी में बनाया गया एक शाही शहर है, जिसका निर्माण 1571 में मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा किया गया था। फतेहपुर सीकरी किला इंडो-इस्लामिक स्थापत्य का एक बेहतरीन उद्धरण है, आगरा से 36 किलोमीटर दूरी पर स्थित लाल बलुआ पत्थर से बना यह मकबरा वास्तुकलात्मक परियोजना का प्रतिबिंब है, जिसकी चार दीवारी के भीतर देखने के लिए लोक प्रिय चीजों में अकबर का निवास, बुलंद दरवाजा, दरबारी बीरबल का घर, पंच महल और इबादत खाना शामिल है। जिसमे बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी की वास्तुकला की पहचान है, जिसका दरवाजा 52 मीटर लंबा है, जो दुनिया का सबसे ऊँचा प्रवेश द्वार है। फतेहपुर सीकरी के शाही महल परिसर को यूनेस्को द्वारा विरासत स्थल के रूप में शामिल किया गया है, जिसे देखने हर वर्ष लाखों सैलानी यहाँ आते हैं।
यदि आप हवाई मार्ग से ताजमहल देखने आते हैं तो आगरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डे से यह किला 35 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आप टेक्सी या कैब से पूरा कर सकते हैं। अगर आप ट्रैन से सफर करते हैं तो फतेहपुर में एक छोटा रेलवे स्टेशन है, जिसकी दुरी किले से 300 मीटर है, जबकि आगरा कैंट रेलवे स्टेशन देश के अन्य हिस्सों से बेहतर तरीके से जुड़ा है, यहाँ से आप किले के लिए कैब या बस लेकर 36 किमी की दूरी तय कर सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (सप्ताह के पूरे दिन खुला रहता है)
- स्थान – बुलंद गेट, ददुपुर, फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश
- प्रवेश शुल्क – भारतीय 40 रूपये, विदेशी – 550 रूपये, 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क
आगरा का किला 25 Stunning Monuments in India
आगरा का किला उत्तरप्रदेश के आगरा शहर का ऐतिहासिक किला है, जिसे किला-ए-अकबरी, लाल किला या किला रोज के नाम से भी जाना जाता है, यह ताजमहल से केवल 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है। आगरा का किला यूनेस्को की एक विश्व धरोहर स्थल है, जिसे 16 वीं शताब्दी में अकबर के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह भारत के लोकप्रिय स्मारकों में से एक है जो मुगल शैली की कला और वास्तुकला का आदर्श उद्धरण है, आगरा किले में सुलतान सिकंदर लोधी दिल्ली के ऐसे पहले सुलतान थे द्वारा अपना मुख्यालय स्थांतरित किया गया था। यह किला विशुद्ध रूप से लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित है जिसके भीतर पर्ल मस्जिद, दीवान-ए-ख़ास, दीवान-ए-आम जहाँगीरी महल और मोती मस्जिद जैसे मुगलों के वास्तुशिल्प शामिल है।
यदि आप हवाई मार्ग से ताजमहल देखने आते हैं तो आगरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डे से यह किला 11 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आप टेक्सी या कैब से पूरा कर सकते हैं। अगर आप ट्रैन से सफर करते हैं तो आगरा कैंट रेलवे स्टेशन किले से 5 किमी की दूरी पर स्थित है, इसके अतिरीक्त यदि आप आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन भी पहुँचते हैं तो यहाँ से किले की दूरी 1 किमी है, जिसे आप ऑटो रिक्शा, बस या टैक्सी से भी पूरा कर सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (सप्ताह के पूरे दिन खुला रहता है)
- स्थान – रकाबगंज आगरा, उत्तर प्रदेश में युमना नदी के दाहिने किनारे पर
- प्रवेश शुल्क – भारतीय 35 रूपये, विदेशी – 550 रूपये, 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क
स्वर्ण मंदिर, अमृतसर 25 Stunning Monuments in India
स्वर्ण मंदिर, जिसे श्री हरमिंदर शाहिद और दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है यह पंजाब के अमृसतर शहर में स्थित है। स्वर्ण मंदिर सिख धर्म के प्रमुख और पावन स्थलों में से एक है, यह वास्तव में एक गुरुद्वारा है लेकिन इसे स्वर्ण मंदिर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस गुरूद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने का बना हुआ है, जिससे यह सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहता है ,यहाँ सिखों के पवित्र धर्म ग्रन्थ, आदि ग्रन्थ स्थापित किए गए हैं। स्वर्ण मंदिर के चारों और गेट बने हुए हैं , जहाँ कोई भी धर्म या जाति का व्यक्ति जा सकता है। स्वर्ण मंदिर की अनोखी संरचना और इसका सौंदर्य की बात करें या यहाँ बनने वाली प्रशाद के रूप में लंगर की दोनों ही यहाँ आने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं को सदियों से अपनी और आकर्षित करते आए हैं।
- समय – स्वर्ण मंदिर 24 घंटे खुल रहता है (पूरे सप्ताह)
- स्थान – स्वर्ण मंदिर रोड, आटा मंदिर कटरा अहलूवालिया, अमृतसर, पंजाब
- प्रवेश शुल्क – सभी के लिए निःशुल्क
सिटी पैलेस, उदयपुर 25 Stunning Monuments in India
राजस्थान की पिछौली झील के किनारे, सिटी पैलेस उदयपुर राज्य का सबसे बड़ा शाही परिसर माना जाता है। इस पैलेस का निर्माण 400 साल पहले महाराणा उदयसिंघ द्वारा किया गया था, यह रीगल महल की जटिल वास्तुकला मध्ययुगीन, यूरोपीय और चीनी प्रभावों के मिश्रण से बना है, जो कई गुंबदों, मेहराबों और मीनारों से अलंकृत है। इसमें मंडप, आँगन, गलियारे, लटकते उद्यान, सजावटी टाइल्स के काम के साथ 11 महलऔर स्नाग्रहालय भी है जो राजपूत कला और संस्कृति को प्रदर्शित करता है। सिटी पैलेस के प्रवेश द्वार में हाथी गेट, है जिसे
उदयपुर के लिए यदि आप हवाई हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप उदयपुर हवाई अड्डे पर पहुँच सकते हैं वहाँ से पैलेस की दूरी 30 किलोमीटर है, यहाँ आप कैब या टैक्सी बुक करके पहुँच सकते हैं। ट्रैन से जाने के लिए आप उदयपुर रेलवे स्टेशन पहुँचे और यहाँ से आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर सिटी पैलेस आसानी से पहुँच सकते हैं।
- समय – सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक सप्ताह के साथ दिन खुला रहता है।
- स्थान – पुराने शहर उदयपुर, राजस्थान में पिछौला झील के तट पर
- प्रवेश – बच्चे 15 रूपये, व्यसक – 30 रूपये और कैमरा के लिए 200 रूपये
हवा महल, जयपुर 25 Stunning Monuments in India
राजस्थान के पर्यटक स्थलों में हवा महल एक बेहद ही आकर्षक स्थल है, यह राजस्थान के जयपुर शहर में स्थित एक अद्भुद वास्तुकला और स्वर्णिम इतिहास का प्रतीक है। हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा सन 1799 में किया गया था, इस पाँच मंजिला ईमारत की ऊँचाई 87 फ़ीट है, जो अपनी गुलाबी रंग की बालकनियों और जालीदार खिड़ियों के लिए लोकप्रिय है, इस महल में कुल 953 झरोखें और 365 खिड़कियाँ है जहाँ से आप शहर का सुन्दर दृश्य देख सकते हैं। यह महल राजपूत, इस्लामी और मुग़ल स्थापत्य शैली का एक अद्भुद मिश्रण है, यहाँ आए सैलानियों को राजपुताना और इस्लामी मुग़ल वास्तुकला का मेल देखने को मिलता है।
अगर आप हवाई मार्ग से हवा महल देखने आते हैं तो जयपुर अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यह महल 12 किमी की दूरी पर स्थित है, यहाँ से आप टेक्सी या कैब ले सकते हैं। यदि आप ट्रैन से सफर करते हैं तो आप जयपुर जंक्शन पहुँच सकते हैं, यहाँ से महल की दूरी केवल 6 किमी की है जिसे आप ऑटो रिक्शा या कैब से बाकी की यात्रा पूरी कर सकेंगे।
- समय – सुबह 9 बजे से शाम 430 बजे तक खुला रहेगा
- स्थान – हवा महल, रोड बड़ी चौपडी, जेडीए मार्किट, पिंक सिटी जयपुर
- प्रवेश शुल्क – भारतीय 10 , विदेशी – 50 रूपये
आमेर किला, जयपुर 25 Stunning Monuments in India
राजस्थान की राजधानी जयपुर में मौजूद आमेर किला सबसे प्रसिद्द और चर्चित किलों में से एक है, आमेर किले को अंबर किले के नाम से भी जाना जाता है, यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर किला के निर्माण की शुरुआत 16 वीं शताब्दी के अंत में राजा मान सिंह द्वारा किया गया था, यह किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है, जिसके अंदर आकर्षक दृश्यों में से यहाँ की जटिल नक्काशीदार दीवारें, महल में ख़ूबसूरती से डिज़ाइन किए गए प्रवेश द्वार, चार आँगन, शीशा महल की दीवारों पर राजपूत शासकों के जीवन चित्र इसके अलावा एक विशेष दृश्य है यहाँ लगे शीशे जिन्हे कनकेव शीशो में उकेरा गया है, इन्हे इस तरह लगाया गया है, की यदि यहाँ एक शीशे पर रौशनी की किरण भी पड़ती है तो पूरा किला जगमगा उठता है।
- समय – सुबह 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक और लाइट और साउंड शो शाम 7 बजे से खुल रहता है।
- स्थान – देवीसिंहपुरा, आमेर जयपुर
- प्रवेश शुल्क – भारतीय – 25 रूपये, विदेशी – 550 रूपये, लाइट शो अंग्रेजी 200 रूपये, हिंदी – 100 रूपये
जैसलमेर का किला, जैसलमेर
जैसलमेर किला राजस्थान के जैसलमेर शहर में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण किला है, जिसे स्थानीय रूप से सोनार किला के नाम से भी जाना जाता है। जिसका निर्माण 1156 इसवीं में भाटी राजपूत शासक राव जैसल द्वारा बनाया गया था, जो राजस्थान के बेहतर वास्तुकला का एक बेहतरीन उद्धरण है, जैसलमेर का किला थार रेगिस्तान की सुनहरी रेत पर बसा केवल एक किला नहीं है बल्कि यह मंदिरों, दुकानों, घरों, रेस्ट्रों के साथ एक मिनी टाउन भी है, जो पर्यटकों के साथ इतिहास के प्रेमियों के भी जानकारी का आकर्षण बना रहता है।
किले में जाने का रास्ता जैसलमेर हवाई अड्डे से 15 किमी दूर और जैसलमेर रेलवे स्टेशन से केवल 2 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
घूमने के लिए दिल्ली के पास सर्वश्रेष्ठ हिल स्टेशन
- समय – सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक
- स्थान – नियर गोपा चौक, खेजर पारा, मानक चौक, अमर सागर पोल, जैसलमेर राजस्थान
- प्रवेश शुल्क – भारतीय – 50 रूपये, विदेशी – 250 रूपये, कैमरे के लिए – 50 रूपये
दिलवाड़ा मंदिर, राजस्थान 25 Stunning Monuments in India
दिलवाड़ा जैन मंदिर, भारत के प्रमुख तीर्थ जैन स्थलों में से एक है, यह राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट अबू नगर में स्थित है। 11 वीं और 13 वीं शताब्दी में बने यह मंदिर उस समय के चालुक्य वंश के शासनकाल के सबसे अच्छे मंदिरों के सबसे खूबसूरत नमूना है। राजस्थान के ताजमहल कहे जाने वाले इस मंदिर को बनाने में 14 साल लगे, जिसे 1500 कारीगरों द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण गुडा मंडप है, जो एक बड़ा सा हॉल है, जिसमे श्री आदिनाथ की कई छवियाँ उकेरी गई हैं।
- समय – जैन मंदिर जैन भक्तों के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक और अन्य धर्म के लोगों के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
- स्थान – दिलवारा माउंट अबू , राजस्थान
- प्रवेश शुल्क – सभी के लिए निःशुल्क
गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुंबई
गेट वे ऑफ़ इंडिया भारत के मुंबई में अपोलो बंदरगाह के तट पर स्थित ऐतिहासिक स्मारक है, जिसका निर्माण 1911 में शुरू कर दिया गया और 1924 तक यह बनकर तैयार हो गया, गेटवे ऑफ़ इंडिया का संरचनात्मक डिजाइन 26 मीटर की ऊँचाई के साथ एक मेहराब के रूप में बनाया गया है, इस स्मारक की वास्तुकला की इंडो सरसैनिक शैली है, यहाँ पर्यटक दूर-दूर से इसे देखने आते हैं और यहाँ प्रवेश द्वार की तस्वीरें हुए समुद्र की ठंडी हवा का आनंद, विभिन्न तरह के स्ट्रीट फ़ूड और नौका की सवारी आनंद लेते हैं।
अगर आप हवाई मार्ग से गेटवे ऑफ़ इंडिया में जाना चाहते हैं तो मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतराष्ट्रीय महाराज अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 15 किमी दूर और मुंबई सेंट्रल गेटवे से केवल 7 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – पर्यटकों के लिए हफ्ते के सात दिन में 24 घंटे खुला रहता है।
- स्थान – अपोलो बंदर, कोलाबा, मुंबई , महारष्ट्र
- प्रवेश शुल्क – सभी के लिए नि:शुल्क
चारमीनार, हैरदराबाद
चारमीनार हैदराबाद, आँध्रप्रदेश भारत के प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इमारतों में से एक है। यह विश्व स्तर पर हैदराबाद के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, इसकी संरचना के आकार की वजह से इसे चारमीनार कहा जाता है यानी इसका अर्थ है चार मीनार का निर्माण सुलतान मोहम्मद क़ुतुब कुली शाह द्वारा किया गया था। इसकी संरचना वर्गाकार है जिसका हर साइड 20 मीटर लंबा है और इसके ऊपरी हिस्से में नुकीलीपत्ती की तरह एक बल्बनुमा गुंबद का डिजाइन है, जिसे देखकर लगता है किसी ने मीनार को तज पहना दिया हो।
अगर आप हवाई मार्ग से चारमीनार जाना चाहते हैं तो राजिव गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी 24 किमी और हैदराबाद डेक्कन रेलवे स्टेशन से चारमीनार केवल 5 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक सभी दिन खुला रहता है
- स्थान – चारमीनार रोड, चारकिनार बजार, हैदराबाद
- प्रवेश शुल्क – भारतीय 5 रूपये, विदेशी – 100 रूपये, 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क
बृहदीश्वर मंदिर, तंजावुरी
बृहदीश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजोर जिले में स्थित एक प्रसिद्द हिंदू मंदिर है, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे पेरिया कोविल, राजेराजेश्वर मंदिर या राजेराजेश्वरम के नाम से भी जाना जाता है, बृहदीश्वर मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक बेहतरीन उद्धरण है, जो भारत के सबसे विशाल प्रमुख ग्रेनाइट मंदिर में से एक है। यह मंदिर शैव धर्म के अनुयाइयों के लिए बेहद ही पवित्र स्थल है जिसे विश्व धरोहर के रूप में जाना जाता है।
अगर आप हवाई मार्ग से बृहदीश्वर मंदिर जाना चाहते हैं तो तिरुचिरापल्ली अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी 59 किमी और तंजावुर जंक्शन से बृहदीश्वर मंदिर केवल 2 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 और शाम 4 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है।
- स्थान – मेमबलम रोड , बालगणपति नगर, तंजावुर, तमिलनाडु
खजुराहो स्मारक समूह, छतरपुर मंदिर
खजुराहो स्मारक समूह भारत के मध्य प्रदेश छतरपुर क्षेत्र में स्थित एक जैन और हिंदू धर्म के स्मारकों का एक समूह है। इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजवंश के शासनकाल के दौरान किया गया था, इस स्मारक को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। इस मंदिर के मुख्य केंद्र बिंदु संगीत, जूनून, नृत्य और कामुकता को चित्रित करने वाली विदेशी रॉक निक्कासी है कंदारिया महादेव मंदरी को काफी बड़ी मात्रा में मूर्तियो से सजाया गया है, जो भारतीय कला की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक है।
अगर आप हवाई मार्ग से खजुराहो स्मारक समूह स्मारक जाना चाहते हैं तो खुजराहो हवाई अड्डे से इसकी दूरी 7 किमी और तंजावुर जंक्शन से खजुराहो रेलवे स्टेशन से केवल 6 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पूरे सप्ताह खुला रहता है।
- स्थान – एमपी के छतरपुर के बुंदेलखंड क्षेत्र में
- प्रवेश शुल्क – भारतीय 40 रूपये, विदेशी – 600 रूपये, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए नि:शुल्क
सांची स्तूप, सांची
सांची स्तूप, भारत के एमपी राज्य के रायसेन जिले में सांची नगर के पास एक पहाड़ी पर स्थित एक छोटा सा गाँव है। सांची एक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व का धार्मिक स्थल है, तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व यह बौद्ध स्मारक देश का सबसे पुराना स्मारक है, यह स्तूप आज के समय में एक प्रसिद्द पर्यटक स्थल है, जो भोपाल शहर से लगभग 46 किमी की दूर सांची में स्थित है। सांची को 1989 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है।
हवाई मार्ग से यदि आप सांची स्तूप जाना चाहते हैं, तो भोपाल के राजा भोज अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी 55 किमी और ट्रैन से आना चाहते हैं तो, सांची रेलवे स्टेशन से सांची स्तूप केवल 2 किमी दूर है, जबकि भोपाल रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी 46 किमी है जो प्रमुख शहरों को बेहतर तरीके से जोड़ता है, यहाँ से आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
मैसूर पैलेस, मैसूर
मैसूर पैलेस का निर्माण सबसे पहले 14 वीं शताब्दी में किया गया था, यह पैलेस कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है जिसे अंबा विलास पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। भव्य इंडो सरसेनिक वास्तुकला से बना यह महल अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, यह पैलेस डेविड पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का एक अदभुत संगम है, यहाँ संग्राहलय में आपको स्मृति चिह्न, आभूषण, शाही पोषक और पेंटिंग जैसी बहुत सी चीजें देखने को मिलेगी।
हवाई मार्ग से यदि आप मैसूर पैलेस जाना चाहते हैं, तो मैसूर हवाई अड्डे से इसकी दूरी 11 किमी और ट्रैन से आना चाहते हैं तो, मैसूर जंक्शन से मैसूर पैलेस केवल 2 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – सैयाजी राव रोड, अग्रहारा, चमराजपुरा, मैसूर कर्नाटक
- स्थान – सुबह 10 बजे से शाम 530 बजे तक सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है, साउंड एंड लाइट शो सोमवार से शनिवार शाम 7 बजे से शाम 7:40 बजे तक
- प्रवेश शुल्क – भारतीय और विदेशी (व्यसक) 70 रूपये, भारतीय और विदेशी (बच्चे) – 30 रूपये, 10 वर्ष से कम उम्र बच्चों के लिए नि:शुल्क
सूर्य मंदिर, कोणार्क
भारतीय उपमहाद्वीपों के पूर्वी तट पर स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य महादेव को समर्पित है, इस मंदिर की वास्तुकला कला के उत्कृष्ट उद्धरणों में से एक है। यह मंदिर पत्थर के पहियों, दीवारों और स्तम्बों के साथ एक विशाल रथ के आकर का है, जिसे 13 वीं शताब्दी में बनाया गया था। यहाँ मंदिर में सूर्य भगाण की एक सुन्दर नक्कासीदार मूर्ति दीवारों पर हाथी और अन्य जानवरों के चित्र बने हुए हैं। इस सन 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।
हवाई मार्ग से यदि आप सूर्य मंदिर जाना चाहते हैं, तो भुवनेश्वर का बीजू पटनायक हवाई अड्डे से इसकी दूरी 62 किमी और ट्रैन से आना चाहते हैं तो, पूरी रेलवे स्टेशन से 36 किमी दूर है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक सभी दिन खुला रहता है
- स्थान – कोणार्क पुरी जिला, ओडिशा
- प्रवेश शुल्क – भारतीय – 40 रूपये, विदेशियों – 600 रूपये, सार्क और बिम्सटेक – 40 रूपये
बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस, गोवा
बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस गोवा की राजधानी पणजी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बेंगुइनिम नामक स्थान पर स्थित है, यह गोवा का सबसे पुराना चर्च है जो राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यूनेस्को द्वारा बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस चर्च को वैश्विक धरोहर स्थल के रूप में नामंकित किया गया है, यह चर्च अपने अनूठे अनुकरणीय बारोके वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
हवाई मार्ग से यदि आप बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस जाना चाहते हैं, तो गोवा अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी 27 किलोमीटर है और ट्रैन से आना चाहते हैं तो, वास्को डी गामा रेलवे स्टेशन पहुँचे और यहाँ से आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – यह सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से शाम 6:30 बजे तक और रविवार को सुबह 10:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
- स्थान – ओल्ड गोवा रोड, बेंगुइनिम, गोवा
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता भारत के पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में स्थित स्मारक है। यह संगमरमर की विशाल और चमचमाती हुई इमारत है, जो रानी विक्टोरिया को समर्पित है। यह बहुत सी मूर्तियों और मूर्तियों से बनाए गए बगीचों से घिरा हुआ है। इस सफ़ेद मकराना संगमरमर से निर्मित को इंडो सरसैनिक रिवाइवलिस्ट स्टाइल में डिज़ाइन किया गया है। विक्टोरिया मेमोरियल संग्रह के पास नौ दीर्घाओं में प्रदर्शित 28,394 कलाकृतियाँ है, जो देश की संस्कृति को दर्शाती हैं।
हवाई मार्ग से यदि आप विक्टोरिया मेमोरियल जाना चाहते हैं, तो कोलकता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे से इसकी दूरी 22 किमी और ट्रैन से आना चाहते हैं तो, सियालदह से 6 किमी और हावड़ा से इसकी दूरी 7 किमी है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- समय – क्वींसवे मैदान, कोलकाता
- स्थान – संग्रहालय सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुला, उद्यान सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, सोमवार और रविवार को बंद
- प्रवेश शुल्क – विक्टोरिया मेमोरियल गैलरी के लिए भारतीय नागरिकों से -30 रूपये, शार्क देशो के नागरिकों के लिए – 100 रूपये, अन्य देशों के – 500 रूपये
अजंता और एलोरा गुफाएं, औरंगबाद
अजंता और एलोरा गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पास वाघोरा नदी के नजदीक सह्याद्रि पर्वत माला में रॉक-कट गुफाओं की श्रृंखला के रूप में स्थित है, यह दोनों गुंफाऐं एक दूसरे से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। बड़े-बड़े चट्टानों और पहाड़ों को काटकर बनाई गई यह गुफाएँ भारतीय कारीगर और वास्तुकला का एक बेहतरीन प्रदर्शन है। अजंता की गुफाएं प्राचीनतम बौद्ध वास्तुकला, पेंटिंग और मूर्ति की गवाही देती है, जबकी एलोरा की गुफाओं में रॉक नक्कासी, हिंदू, बौद्ध मठ और जैन मंदिर स्थित है।
हवाई मार्ग से यदि आप अजंता और एलोरा गुफाएं जाना चाहते हैं, तो औरंगाबाद हवाई अड्डे से अजंता की दूरी 104 किमी और एलोरा की दूरी 36 किमी है वहीं ट्रैन से आना चाहते हैं तो जलगांव जंकशन अजंता गुफा 58 किमी और औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से एलोरा गुफाओं की दूरी 29 किमी है, जहाँ आप टैक्सी, कैब बुक करके भी जा सकते हैं।
- स्थान – एलोरा गुफा रोड, एलोरा, महाराष्ट्र
- प्रवेश शुल्क – अजंता भारतीय के लिए – 10 रूपये, विदेशियों के लिए – 250 रूपये, 15 वर्ष से कम उम्र बच्चों के लिए नि:शुल्क , एलोरा – भारतीय के लिए – 30 रूपये, विदेशियों के लिए – 500 रूपय
भारत के ऐसे सभी 25 आश्चर्यजनक स्मारक जिन्हे आपको अपने जीवन मेंआवश्य है देखना चाहिए इससे संबंधित सभी जानकारी हमने आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान करवा दी है। इसके लिए यदि आपको हमारा लेख पसंद आए या योजना से सम्बंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप कमेंट बॉक्स में मैसेज करके पूछ सकते हैं। हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।