हिमाचल सरकार ने प्रदेश के आम नागरिकों को अच्छी सुविधाएँ देने के लिए हिमाचल प्रदेश सहारा योजना को शुरू किया है। इसके अंतर्गत जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर, पैरालिसिस मस्कुलर डिस्ट्राफी थैलेसीमिया, पार्किसंस, हिमोफिलिया, गुर्दे की समस्या इत्यादि के लिए निःशुल्क चिकित्सा मिलेगी।
योजना में इन रोगो से पीड़ित नागरिको को 3,000 रूपये प्रति महीना देने का भी प्रावधान है। इस लेख के अंतर्गत आपको सहारा के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी दी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना
हमारे देश में आज भी ऐसे कमज़ोर वर्ग के लोग है जो अपने इलाज़ के दौरान पैसे की समस्या से जूझते है। हिमाचल सरकार इस योजना के माध्यम से राज्य के निर्धन लोगों को घातक रोगों की चिकित्सा के लिए वित्तीय सहायता देना चाहती है। यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसी बिमारी से पीड़ित है जिसमे स्थायी रूप से अक्षमता आ जाती है, तो वे भी योजना के कवर पाने के पात्र होंगे।
सहारा योजना की धनराशि से लोगों को घातक रोगों से लड़ते रहने के लिए सामाजिक सुरक्षा मिलेगी जिससे चिकित्सा के दौरान कठिनाइयाँ कम होगी। हिमाचल सरकार की एचपी बुढ़ापा पेंशन स्कीम में 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिको को 1,300 रुपए प्रतिमाह पेंशन का लाभ मिलेगा।
एचपी सहारा योजना डिटेल्स
योजना का नाम | हिमाचल प्रदेश सहारा योजना |
सम्बंधित विभाग | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, एचपी |
उद्देश्य | घातक रोगों में आर्थिक सहायता देना |
लाभार्थी | राज्य के बीमार नागरिक |
माध्यम | ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | http://sahara.hpsbys.in |
हिमाचल प्रदेश सहारा पेंशन योजना
प्रदेश में अपनी आर्थिक स्थिति के कारण बिमारियों के इलाज में बहुत समस्या से पीड़ित लोगों के लिए वर्ष 2019 के बजट में सहारा योजना एचपी का शुभारम्भ किया गया। राज्य के मुख्यमंत्रीजी से 11 सितम्बर 2020 के दिन सहारा पेंशन योजना की घोषणा की।
सीएम के माध्यम से ऑनलाइन वेबसाइट पर भी योजना के लाभार्थियों की संख्या एवं योजना के मुख्य बिंदुओं को प्रचारित किया गया है। योजना के प्रथम चरण में प्रदेश सरकार ने 12 संस्थानों को शामिल किया था। इस समय योजना में शामिल 80 प्रतिशत लोगों को स्वस्थ किया जा चुका है।
सहारा पेंशन योजना की विशेषताएँ
- निर्धन एवं वंचित वर्ग की सहायता – प्रदेश में ऐसे बहुत से लोग है जो विभिन्न बिमारियों से ग्रसित होने के साथ-साथ गरीबी से भी परेशान है। इसी कारण से योजना का शुभारम्भ करके पैसों की तंगी को दूर करके अपनी बीमारी का इलाज़ करने का अवसर दिया जा रहा है।
- आर्थिक सहायता – योजना में लाभार्थी बनाने के बाद रोगी को 3 हज़ार रुपए की सहायता राशि प्रति माह दी जाएगी। इस कारण व्यक्ति का इलाज सही प्रकार से सुनिश्चित होगा और निरंतर इलाज़ के बाद पूर्णरूप से सही होने की सम्भावना बढ़ेगी।
- अतिरिक्त सहायता – योजना में सरकार से लाभार्थी को पैसों की सहायता मिल रही है। इसके अलावा राज्य सरकार लाभार्थी को सभी सामुदायिक अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा देने जा रही है। ऐसी सहायता अभी तक सिर्फ आयुष्मान भारत एवं हिमकेयर योजनाओं में ही मिलती थी। अब समाज के पिछड़े वर्ग लोग अपना इलाज़ बेहतर ढंग से करवाने में समर्थ होंगे।
- प्रथम चरण के लाभार्थी – यह योजना कुछ चरणों में कार्यान्वित होगी। इसके पहले चरण में न्यूनतम 6,000 नागरिकों को लाभार्थी बनाया जायेगा। ध्यान रखेंगे कि योजना की सूची में शामिल घातक बिमारियों से पीड़ित मरीज़ ही लाभार्थी बनेंगे।
- पहले चरण के संस्थान – योजना के पहले चरण में कुल 12 संस्थान शामिल होंगे। इसमें प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध “इंदिरा गाँधी स्वास्थ्य संस्थान एवं अस्पताल” का नाम भी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के जिला अस्पतालों को भी जोड़ा जायेगा। इन सभी संस्थानों और अस्पतालों में योजना के लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेगी।
- ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम – अपना इलाज करवाने वाले मरीज़ को आवश्यकता पड़ने पर रेफेरल देने के लिए योनलिने मॉनिटरिंग की सुविधा भी दी जाएगी।
- मोबाइल डाइगोनोस्टिक वाहन – प्रदेश में बहुत से रोगियों को सर्जरीकल कैंसर एवं स्तन कैंसर की समस्या है। ऐसे मरीज़ो की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उनके लिए मोबाइल वैन की सुविधा दी जाएगी। यह वैन राजकीय चिकित्सा संस्थानों के साथ मरीज़ों के इलाज़ में सहायता करेगी।
- एचआईवी/ एड्स मरीज़ों की सहायता – प्रदेश में आंकड़ों को देखे तो एचआईवी/ एड्स से ग्रसित रोगियों की संख्या लगभग 4,200 आंकी जाती है। ऐसे रोगियों को योजना में लाभार्थी बनाया जायेगा और प्रतिमाह 1,500 रुपयों की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
- हिमाचल सरकार वित्तपोषित योजना – यह योजना पूरी तरह प्रदेश सरकार के बजट में आने वाली है। ऐसे योजना में खर्च होने वाला 100 प्रतिशत बजट सरकार वहन करेगी। योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा बैंक खातों में हस्तांतरित होगी।
एचपी सहारा योजना में पात्रताएँ
- व्यक्ति हिमाचल का मूल निवासी हो।
- रोगी के परिवार की वार्षिक आय 4 लाख से अधिक ना हो।
- गरीबी रेखा से नीचे आने वाले नागरिक पात्र होंगे।
- सरकारी पेंशनभोगी व्यक्ति योजना के लिए अपात्र है।
- आवेदक के पास अपनी बीमारी का प्रमाण पत्र हो।
- बीमार पेंशन योजना के लाभार्थी आवेदन नहीं कर सकेंगे।
- उम्मीदवार किसी भी आयु का हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना में जरुरी प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- मतदाता प्रमाण पत्र
- वार्षिक आय प्रमाण पत्र
- बीमारी के इलाज़ का रिकॉर्ड
- आवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता पासबुक
- नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो
एचपी सहारा योजना में आवेदन करना
1. स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन करना
प्रदेश में घातक रोगों से पीड़ित लोग व्यक्तिगत रूप से अपने समीप के “स्वास्थ्य विभाग कार्यालय” में जाकर सहारा योजना एचपी में आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर सकते है। इसके बाद आपको आवेदन में माँगी जा रही सभी जानकारियों को सही प्रकार से भरना है।
आवेदन के साथ अवश्य प्रमाण पत्रों को संलग्नित कर दें और अपने हस्ताक्षर करने के बाद समबन्धित कर्मचारी के पास जमा करवा दें। इस प्रकार से आवेदन एवं प्रमाण पत्रों की जाँच के बाद आपको सहारा योजना एचपी का लाभार्थी बना दिया जायेगा।
2. हिमाचल प्रदेश सहारा योजना की वेबसाइट से आवेदन
- सबसे पहले सहारा योजना एचपी की आधिकारिक वेबसाइट https://cdn.s3waas.gov.in/s3b534ba68236ba543ae44b22bd110a1d6/uploads/2018/04/2018042587.pdf में जाए।
- नए पेज में सहारा योजना एचपी का आवेदन पत्र दिखेगा जिसे डाउनलोड करके प्रिंट कर लें।
- आवेदन फॉर्म में सभी जानकारियों जैसे अपना नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और सम्बंधित बीमारी इत्यादि को दर्ज़ करें।
- फिर आवेदन पत्र के साथ जरुरी प्रमाण-पत्र संलग्न कर दे।
- ऐसे तैयार आवेदन पत्र को नजदीक के स्वास्थ्य विभाग में जमा कर आए।
- विभाग आवेदन और प्रमाण पत्रों की जाँच करके सत्यापन करेगा।
- इसके बाद योजना का लाभ मिलने लगेगा।
सहारा पेंशन योजना में मुख्य बीमारियाँ
बिमारियों के नाम | बिमारियों के नाम |
हेमोफिलिया | मस्क्युलर डाइस्ट्रफी |
तलशसेमिया | पारकिनसन |
किड्नी की बीमारी | पैरलिसिस |
लिवर फेल्यूर | कैंसर |
सहारा पेंशन योजना के लिए अभियान
हिमाचल सरकार ने सहारा पेंशन योजना को राज्य के ज्यादा से ज्यादा नागरिको तक पहुँचने के लिए अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को कार्यान्वन की जिम्मेदारी मिलेगी।
योजना के कार्यकर्त्ता प्रदेश के लोगों को योजना की जानकारी देंगे और मरीज़ो को चिन्हिकृत करके उनका आवेदन पूर्ण करवाएंगे। अभियान को सफल और कारगार बनाने के लिए प्रति मरीज़ आवेदन करवाने पर कार्यकर्त्ता को 200 रुपए मिलेंगे।
हिमाचल सहारा पेंशन योजना से जुड़े प्रश्न
सहारा पेंशन योजना क्या है?
एचपी सहारा पेंशन योजना में राज्य के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को घातक बिमारी के इलाज़ में सरकार से आर्थिक और अन्य जरुरी सहायता पहुँचती है।
सहारा पेंशन योजना में कितनी बिमारियों की चिकित्सा होगी?
सहारा पेंशन योजना में लाभार्थी बनने के बाद कुल 12 प्रकार की घातक बिमारियों के इलाज़ में सहायता मिलेगी। प्रत्येक मरीज़ को 3 हज़ार रूपये की आर्थिक सहायता प्रति माह मिलेगी।
क्या अन्य राज्यों के नागरिक भी योजना के लाभार्थी होंगे?
नहीं, यह योजना सिर्फ हिमाचल राज्य के स्थाई निवासियों को ही लाभार्थी बनाएगी। अतः स्थाई निवासी प्रमाणित ना कर पाने पर योजना लिया जा सकेगा।
सहारा पेंशन योजना का हेल्पलाइन नम्बर क्या है?
हिमाचल प्रदेश के किसी नागरिक को योजना में समस्या होने पर हेल्पलाइन 0177-2629802 पर संपर्क करना है।
मुख्य मंत्री महोदय,
सादर प्रणाम।
मैं मस्कुलर डिस्ट्रोफी का पेशेंट हूं। मुझे सहारा योजना का लाभ नहीं मिल रहा। मुझे इन पैसों से बहुत सहायता मिलती है। मैंने सारे डॉक्यूमेंट्स भी पुनः दिए फिर भी मुझे सहारा योजना का लाभ नहीं मिल रहा। कृपया मेरी सहायता करें।
प्रार्थी
विनय शर्मा
Sir ji, 4 baar hi Sahara yojna madad ayi. July 2022 se band thi. Kripa karein. Dhanyabad.