BPO क्या होता है? बीपीओ कितने प्रकार के होते हैं एवं इसके लाभ और हानि BPO Full Form in Hindi

बीपीओ का मतलब होता है “Business Process Outsourcing” एक व्यापार/ व्यवहार की प्रक्रिया है जिसमें एक संगठन किसी कंपनी को अपना काम (task) करने के लिए अनुबंध करती है।

बीपीओ इसका मुख्य कारण है, आजकल भारत के शहरों में ओउटसोर्सिंग का कार्य बहुत अधिक मात्रा में हो रहा है।

विशेषरूप से आईटी कंपनियों में यह काम अधिकतर किया जा रहा है, इन कंपनियों में कई नाम है जो दूसरी व्यापारिक पार्टियों के लिए काम करते है।

BPO क्या होता है? बीपीओ कितने प्रकार के होते हैं एवं इसके लाभ और हानि BPO Full Form in Hindi
BPO क्या होता है? BPO Full Form in Hindi

यह काम उस कंपनी का मूल व्यवसाय अथवा उसका कोई अतिरिक्त व्यवसाय हो सकता है। वर्तमान समय में बहुत से नौजवान बीपीओ एग्जीक्यूटिव की तरह जॉब करना चाहते है।

इसके साथ ही क्या आप जानते हैं की नार्को टेस्ट क्या होता है? अगर नहीं तो आपको हमारा दूसरा आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। इससे संबंधित आपको बहुत सारी जानकारी प्राप्त होंगी।

BPO क्या होता है?

बहुत सी स्थिति में ऐसा होता है, की कई कार्य कंपनी के कार्य का भाग नहीं होता है, तो ऐसे में कंपनी को यह कार्य किसी दूसरी कंपनी से करवाना पड़ता है।

अपना कार्य अन्य कंपनी को देने की प्रक्रिया को BPO कहते है।

बीपीओ में होने वाले कार्य – सेल्स एंड मार्केटिंग, कस्टमर सर्विस, डाटा एंट्री, कस्टमर सपोर्ट इत्यादि।

उदाहरण से समझे – अमेरिका के मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए कस्टमर केयर नंबर का केंद्र भारत में रखा जाता है, भारत की टेलीकॉम कंपनी में कार्यरत कर्मचारी ही अमरीकी भाषा में बात करते है।

कस्टमर को कई बार बहुत सी दिक्कत हो जाती है, जैसे नेटवर्क न आना, नेट नहीं चलना या कालिंग में दिक्कत तो ऐसी स्थिति में क्लाइंट कॉस्टमेर केयर पर कॉल करता है, और भारत के कस्टमर एग्जीक्यूटिव से बात कर अपनी परेशानी का हल प्राप्त करते है।

इन सभी प्रक्रिया में अमेरिका के कस्टमर को यह नहीं पता चलता है, कि कस्टमर रिप्रेजेन्टेटिव भारत में है या अमेरिका में इसके अतिरिक्त बीपीओ (BPO) के अंतर्गत अन्य प्रकार के कार्य भी किये जाते है। .

लेख का विषयबीपीओ क्या होता है
उद्देश्यबीपीओ कार्य की जानकारी देना
लाभार्थीसभी लोग
आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.naukri.com/bpo-jobs

बीपीओ का प्रयोग क्यों करते है

बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्स छोटे एवं मध्यम व्यापारों के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है, कई बड़े कॉर्पोरेट अपने मुख्य कार्य के अतिरिक्त व्यापारिक प्रक्रियाओं का प्रबंधन को करने के लिए भी बीपीओ का सहारा लेते है।

बीपीओ इन्ही बड़े व्यापारिक संस्थानों को कम कीमत पर अधिक कुशलतापूर्ण तरीके से रोज़ के बिज़नेस रिकार्ड्स का प्रबंधन करने में भागीदारी देते है।

यह डेटा काम की पेंडेंसी से बचाव करता है, और उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया के अनुसार प्रभावित होने से बचाव करवाता है।

यदि बात करे कार्य लेने वाली कंपनी की तो अतिरिक्त नौकरी रखने वाली कंपनियों को भी ओउटसोर्सिंग का काम बहुत लाभकारी विकल्प देता है।

इस कारण से गैर-प्रमुख व्यापारिक प्रक्रिया एवं बैक ऑफिस कार्यों को पेशेवर विधि से पूरा कर लेते है, इस प्रकार से कंपनी के बिज़नेस रिकार्ड्स परिशुद्धता के साथ तैयार एवं अपडेट हो जाते है।

बिज़नेस प्रोसेसिंग ऑउटसोर्सिंग के अंतर्गत संस्थाएँ 2 तरीकों से कार्य करती है –

  • बैक ऑफिस फंक्शन
  • फ्रंट ऑफिस फंक्शन

बैक ऑफिस फंक्शन – बैक ऑफिस फंक्शन को इंटरनल बिज़नेस फंक्शन भी कहते है, जिसमें एकाउंट्स, आईटी सेवाएँ, मानव संसाधन, क्वालिटी जाँचना एवं भुगतान प्रक्रियाएँ इत्यादि शामिल है।

फ्रंट ऑफिस फंक्शन – इसके अतिरिक्त फ्रंट ऑफिस फंक्शन में उपभोक्ता-सम्बन्ध सेवाएँ, मार्केटिंग एवं सेल्स आदि आते है। इस प्रकार के संगठन कुछ और भी कार्य करते है, जैसे पेरोल बनाना, मानव संसाधन के कार्य को भी पूरी तरह से ओउटसोर्से करते है।

Types Of BPO

ऑफशोर आउटसोर्सिंग – यदि कोई बहार की कंपनी दूसरे देश से दूसरे देश में कॉन्ट्रक्ट करती है, तो इसी ऑफशोर ऑउटसोर्सिंग कहा जाता है, हाई-स्पीड नेट कनेक्शन दुनिया में कही भी आउटसोर्सिंग का कार्य कर सकते है।

ऑनसोर्स कंपनी – इसको घरेलु ओउटसोर्सिंग के नाम से भी जाना जाता है, इस प्रकार का कार्य कंपनी तब करती है, जब वह अपने ही देश के किसी संगठन से कार्य का अनुबंध करती है, अथवा उसे कार्य पर रखती है।

नियर सोर्स आउटसोर्सिंग – यदि कोई कंपनी अन्य पडोसी देशों की कंपनी से सेवाएँ अथवा प्रक्रियाएँ प्राप्त करने के लिए अनुबंध करती है, उसे नियरसोर्स आउटसोर्सिंग कहा जाता है

बीपीओ के लाभ

जो संगठन किसी बीपीओ से कार्य करवाने के लिए अनुबंध करते है, उन्हें सामान्यतया बीपीओ के लिए निम्न फायदे होते है –

वित्तीय लाभ – संघठन हमेशा यह देखता है, कि एक मौका देने वाला कम खर्चे पर व्यापारिक प्रक्रिया को कर सकता है।
संघठन से जुड़े व्यक्ति यह देखते है कि एक ओउटसोर्स प्रोवाइडर से अनुबंध करके बहुत तरीकों के परिणाम से खर्चो को बचाया जाता है, जैसे कि आयकर बचत।

लचीलापन – बीपीओ अनुबंध में लचीलेपन के साथ व्यापारिक प्रक्रियाओं को पूरा करवाने का प्रयास होता है, इस कारण से कंपनी को बदलते बाज़ार की गतिशीलता पर अच्छी प्रतिक्रिया मिलें।

कार्य में उच्च गुणवत्ता एवं प्रदर्शन – उच्च गुणवत्ता के अंतर्गत बीपीओ प्रोवाइडर के काम को कोर व्यापारिक प्रक्रिया में प्रदर्शन से होता है। अपने मौलिक सिद्धानों को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तर के कार्य में यह ध्यान रखना होता है कि कार्य हमेशा शुद्धता, क्षमता एवं गति के अंतर्गत किया जाए।

बीपीओ 24 घंटे सुविधा प्रदान करता है।

बीपीओ की मुख्य हानियाँ

  • वार्तालाप की समस्या – बीपीओ में आमतौर पर उपभोक्ता एवं एग्जीक्यूटिव के बीच बातचीत में परेशानी आती है। इस प्रकार से ग्राहक अपनी समस्या कर्मचारी को नहीं बता पाते है, और बात आपसी बहस अथवा गाली-गलौच का रूप ले लेती है।
  • नौकरी का समय – अक्सर बीपीओ में कार्य का कोई एक निश्चित समय नहीं होता है, एक दिन की शिफ्ट में भी अलग-अलग समय पर कार्य के लिए बुलवाया जा सकता है, कुछ बीपीओ रात्रि कार्य करने के लिए बाध्य करते है।
बीपीओ में नौकरी कैसे करें

किसी भी बीपीओ में जॉब पाना बहुत सरल होता है, और यदि बात करें इसमें कार्य करने के बारे में तो यह भी प्रशिक्षण के बाद निष्पादित किया जा सकता है।

यदि आप किसी बीपीओ में करियर शुरू करना चाहते है, तो दो प्रकार से कर सकते है –

  • 12वी उत्तीर्ण के लिए
  • स्नातक करने के बाद

एक बारहवीं पास किये छात्र के लिए बीपीओ में काम करना बहुत आसान है, परन्तु इस नौकरी में वेतन कम ही मिल पाता है। यदि सैलरी के अनुसार बीपीओ जॉब की तुलना करें तो ग्रेजुएशन स्तर की नौकरी अच्छी होती है।

चूँकि एक नौजवान को संगठन एवं कार्य के अनुसार 15 हज़ार से 28 हज़ार तक वेतन मिल सकता है।

ऑनलाइन जॉब प्रोवाइडर वेबसाइट पर इस प्रकार की नौकरियों को सर्च करना है,, एक बार आवेदन करने पर आपको बहुत सी कंसल्टेंसी संपर्क करेंगी।

और नौकरी लगवाने के लिए आपसे पैसा भी नहीं लेते है, इसके बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जायेगा और सही प्रकार से इंटरव्यू हो जाने पर आपको जॉब को शुरू करने का मौका दिया जायेगा।what is bpo - work office

BPO से सम्बंधित प्रश्न (BPO क्या होता है?)

बीपीओ एवं कॉल सेंटर में क्या फर्क होता है?

कॉल सेंटर में अपने उपभोक्ता से कार्य का सम्बन्ध बनाने का तरीका है, जबकि बीपीओ व्यापार को आगे ले जाने की प्रक्रिया है।

बीपीओ कैसे कार्य करते है?

बीपीओ में किसी अन्य संघटन के गैर-प्रमुख कार्यों को निष्पादित करने का काम होता है। जिससे कार्य देने वाले संगठन को पैसे, समय एवं क्षमता की बचत होती है।

बीपीओ कर्मचारी को क्या कहते है?

बीपीओ में कार्यरत कर्मचारी को ग्राहक सेवा प्रदाता कहते है, जो बहुत से ऑपरेशन करने में प्रशिक्षित होते है।

BPO क्या होता है?

बीपीओ एक बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग है। इसका अर्थ है की किसी बिजनेस के एक ख़ास टास्क या पार्ट को थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर को कॉन्ट्रेक्ट देना।

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