भारत के प्रमुख समाधि स्थल – देश में बहुत से प्रसिद्ध व्यक्तियों की समाधी स्थल बनाई गयी है, चूँकि उनका जीवन राष्ट्र एवं समाज के लिए समर्पित रहा है।
इन महान व्यक्तियों ने लोगों को प्रेरित करने का काम जीवन में तो किया ही साथ ही मृत्यु के बाद भी ये अपनी समाधि के माध्यम से लोगों को प्रेरणा दे रहे है।
इन लोगों के विषय में कई पुस्तको से विस्तृत जानकारी मिल जाती है, यदि बात करें इन हस्तियों की समाधि स्थल की तो ये इनके अनुयायी एवं प्रसंशक लोगों के लिए प्रेरणादायक केंद्र बन जाते है।
और सम्बंधित व्यक्ति को समाज से मिटने नहीं देते है, इस लेख के माध्यम से आपको भारत देश में स्थित विभिन्न प्रसिद्ध समाधि स्थल (Pramukh Samadhi Sthal List) के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी।
भारत के प्रमुख समाधि स्थल
समाधि स्थल | सम्बंधित व्यक्ति |
राज घाट | महात्मा गांधी |
चैत्य भूमि | डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर |
शांतिवन | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
विजय घाट | लाल बहादुर शास्त्री |
समता स्थल | जगजीवन राम |
किसान घाट | चौधरी चरण सिंह |
शक्ति स्थल | श्रीमती इंदिरा गांधी |
एकता स्थल | ज्ञानी जैल सिंह |
अभय घाट | मोरारजी देसाई |
वीर भूमि | राजीव गांधी |
कर्म भूमि | शंकर दयाल शर्मा |
स्मृति स्थल | अटल बिहारी वाजपेयी |
राजघाट (महात्मा गाँधी)
गाँधीजी उन थोड़े से भारतीय नेताओं में से एक है, जिनके कार्य एवं सोच को देश और उसके बाहर के देशों में अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त हुई है।
जैसा कि सभी लोग जानते है, गाँधी जी ने अपने जीवन काल में देश के विभिन्न रियासतों के लोगों को एकजुट करने का काम किया था।
वे लोगों को सत्याग्रह एवं अहिंसा के मार्गों पर चलकर अंग्रेजी सरकार से मुक्ति पाने के लिए प्रेरित करते रहे है। उनकी समाधि को मृत्यु के एक दिन बाद 31 जनवरी में राजघाट पर बनाया गया। यह एक काले रंग का संगमरमर का मंच है, और अंत में ‘हे राम’ लिखा है।
चैत्रा भूमि ( डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर )
भीम राव अम्बेडकर देश के कानून मंत्री एवं संविधान निर्माता रहे है। उनका जीवन वंचित एवं महिला वर्ग के नागरिको के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। उनके देहांत के बाद दादर (मुंबई) में समाधि स्थल का निर्माण किया गया है।
शांति वन (जवाहर लाल नेहरू)
जवाहर लाल नेहरू देश की स्वतंत्र होने के बाद पहले प्रधानमंत्री बने थे। वे देश में समाजवाद एवं लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए कटिबद्ध रहे है।
उनके देहांत के बाद यमुना नदी के किनारे गाँधी रोड पर 52.6 एकड़ में विशाल हरे घास के मैदान में ‘शांति वन’ नाम से समाधि स्थल को बनाया गया है।
विजय घाट (लाल बहादुर शास्त्री)
लाल बहादुर शास्त्री का व्यक्तित्व भी शानदार रहा है, और वे एक छोटे से गांव से देश के प्रधानमंत्री तक बने। उनके विशेष कार्य के लिए विजय घाट का निर्माण करवाया गया है।
उनकी समाधि का नाम विजय घाट इस लिए रखा गया है, चूँकि उनके नेतृत्व में ही देश ने पाकिस्तान से साल 1965 की लड़ाई में ‘विजय’ प्राप्त की थी।
यह स्मारक उसी स्थान पर बना है, जहाँ पर शास्त्री जी का अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी स्मृति में इसी समाधि पर उनकी जयंती एवं पुण्य तिथि पर प्रार्थना सभा भी होती है।
समता स्थल (जगजीवन राम)
अपने समय में देश के प्रमुख वंचित समाज के नेता एवं कॉंग्रेस पार्टी के सदस्य जगजीवन राम के समाधि स्थल के रूप में ‘समता स्थल’ प्रसिद्ध है। यह दिल्ली में बनाया गया है।
किसान घाट (चौधरी चरण सिंह)
चौधरी चरण सिंह देश के प्रसिद्ध किसान नेता रहे है। उनकी समाधि स्थल को यमुना नदी के किनारे एवं गाँधी रोड के मध्य राजघाट के ठीक पास में बनाया गया है।
उन्हें देश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के एकछत्र राज को चुनौती देने के लिए प्रसिद्धि मिली थी। किन्तु वे हमेशा से ही उत्तर भारत के किसान नागरिको के लिए चिंता करने वाले नेता रहे है।
देश में इमरजेन्सी के दौर में पीएम पद के दावेदार रहे, और उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 1979 में प्रधानमंत्री भी बने। किन्तु उनका स्मारक कांग्रेस के नेताओं के साथ ही बनाया गया है।
शक्ति स्थल (इंदिरा गाँधी)
इंदिरा गाँधी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री रही है, उनके कार्यकाल में देश ने काफी परिवर्तन के कार्य को देखा। साल 1984 में जानलेवा हमले में असमय मृत्यु होने के बाद उनकी समाधि को दिल्ली में बनाया गया है।
वे अपने जीवन में तीन बार प्रधानमंत्री रही और अपने चौथे कार्यकाल में उनकी हत्या हुई।
एकता स्थल (ज्ञानी जैल सिंह)
ज्ञानी जी देश के 7वें राष्ट्रपति रहे है, और उनके कार्यकाल में गोल्डन टेम्पल (अमृतसर) में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के आदेश दिए गए।
इनके कार्यकाल के दौरान ही पीएम इंदिरा जी की भी हत्या हुई, उनके समाधि स्थल को एकता नाम देश की एकजुटता एवं अखंडता के लिए दिया गया है।
अभय घाट (मोरारजी देसाई)
मोरारजी देसाई को देश की आजादी के बाद से गांधीजी के शिष्य नेता के रूप में प्रसिद्धि मिली है। अपने राजनैतिक जीवन में उनको एक बार देश के प्रधानमंत्री बनने का अवसर भी मिला।
उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ और पाकिस्तान से निशान-ए-पाकिस्तान भी मिला है।
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वीर भूमि (राजीव गाँधी)
साल 1984 में पीएम इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके बड़े बेटे राजीव गाँधी को बहुमत से प्रधानमंत्री का पद मिला। किन्तु साल 1989 के लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस पार्टी की पराजय हुई।
साल 1991 में देश में लोकसभा के चुनावी माहौल में दक्षिण भारतीय प्रदेश तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में बम विस्फोट में राजीव गाँधी का निधन हो गया। दिल्ली में ‘वीरभूमि समाधि’ उनकी याद में बनी है।
कर्म भूमि (शंकर दयाल शर्मा)
शंकर दयाल शर्मा देश के नवें राष्ट्रपति रहे है, जोकि पिछली सदी के अंतिम दशक में राष्ट्रपति रहे। इस पद पर चुने जाने से पहले वे देश के उप राष्ट्रपति भी रह चुके थे।
देश की स्वतंत्रता के बाद ही वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे। साल 1999 में हार्ट अटैक के कारण से उनकी मृत्यु हो गयी और आज के कर्म भूमि में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।
उदय भूमि (के आर नारायणन)
नारायणन देश के पहले दलित एवं मलयाली राष्ट्रपति रहे है। उनका जन्म दक्षिण भारत के केरल राज्य के एक छोटे से गाँव में हुआ था। वे देश के नवें राष्ट्रपति बने और उन्होंने साल 2005 में आर्मी रिसर्च एन्ड रेफरल अस्पताल (नयी दिल्ली) में अंतिम साँस ली।
स्मृति स्थल (अटल बिहार वाजपेयी)
अटल बिहार वाजपेयी जी का नाम देश के कुशल वक्त नेता एवं विशिष्ट कवि में आता है। सभी को सम्मान देते हुए राजनीति करने वाले नेता के रूप में अटलजी को लोकप्रियता मिली थी।
वे देश के विदेश मंत्री एवं 2 बार प्रधानमंत्री रहे है। वे नयी सदी में देश के पीएम रहे थे, 16 अगस्त 2018 के दिन उनका देहांत होने के बाद नई दिल्ली में अंतिम संस्कार के स्थान पर ही उनका स्मृति स्थल बनाया गया है।
भारत के प्रमुख समाधि स्थल से जुड़े प्रश्न
समाधि स्थल क्या होता है?
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी स्मृति में बने स्मारक को ‘समाधि स्थल’ कहते है। यह (Samadhi Sthal) स्थान उस व्यक्ति को समर्पित होता है।
‘शक्ति स्थल’ किसकी समाधि है?
देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी का समाधी स्थल है।
दिल्ली में कौन सी समाधि प्रसिद्ध है?
दिल्ली में विभिन्न हस्तियों के समाधी स्थलों में राजघाट में गाँधीजी की समाधि काफी प्रसिद्ध है।
कर्मभूमि किसकी समाधि है?
यह देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा की समाधि स्मारक है।