High Court Decision : हाल ही में हाई कोर्ट लोन की ईएमआई नहीं भरने पर बैंक और फाइनेंस कंपनियां जबरन जब्ती के लिए रिकवरी एजेंटों का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। यह फैसला पटना हाईकोर्ट ने दिया है।
पटना हाई कोर्ट ने कार लोन की ईएमआई नहीं भरने पर बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के वाहन जब्त करने के लिए रिकवरी एजेंटों की सेवाओं के इस्तेमाल को अवैध करार दिया है।
हाई कोर्ट ने कुछ बैंकों और वित्त कंपनियों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने का भी निर्णय दिया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने 19 मई को एक फैसले में यह स्थान लिया है कि वाहनों की अवैध जब्ती वसूली एजेंटों द्वारा होना उचित नहीं है और यह जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने जैसा है।
पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि कार लोन की ईएमआई नहीं भरने पर बैंक और वित्त कंपनियां वाहन जब्त करने के लिए रिकवरी एजेंटों का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। उन्होंने पुलिस को ऐसे वसूली एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
गिरवी रखी गई संपत्ति से करें वसूली
पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि वाहन ऋण की वसूली के लिए बैंकों और वित्त कंपनियों को प्रतिभूतिकरण के प्रावधानों का पालन करना होगा। उन्होंने पाया कि ईएमआई के भुगतान में चूक करने वाले ग्राहकों के वाहनों को जबरन जब्त करना अवैध है।