Mera gaon par nibandh-हम सभी इस तथ्य को भली प्रकार से जानते है की हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। ऐसी कहावत भी चली आ रही है कि भारत गाँवों का देश है। सरकार के विभिन्न डेटा को देखे तो हमें मालूम होगा कि भारत की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या खेती एवं ग्रामीण पृष्टभूमि से सम्बंधित है। गाँव के नागरिक खेती, पशु-मत्स्य पालन, बुनाई, मिट्टी के काम इत्यादि कार्यों को करते हुए मेहनत करने के लिए जाने जाते है। इन्ही गाँवों के बच्चे पढ़कर देश के कारखानों और सरहदों की मज़बूत बुनियाद बनते है। बच्चे शहरी हो अथवा ग्रामीण उनके पाठ्यक्रम में अक्सर मेरा गांव पर निबंध शीर्षक के अंतर्गत प्रश्न समायोजित होता है।

यह ऐसा शीर्षक है जो कक्षा 4 से लेकर कक्षा 10 के छात्रों को परीक्षा की दृष्टि से हमेशा उपयोगी रहता है। इस लेख के अंतर्गत गाँव के जीवन का सही वर्णन दिया जायेगा, साथ ही इन तथ्यों को सभी प्रकार से एक निबंध के रूप में समायोजित करने का प्रारूप बताया जायेगा। मेरा गांव पर निबंध शीर्षक पर निबंध को लिखने के इच्छुक छात्र लेख में बताए तथ्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
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Mera gaon par nibandh
लेख का विषय | मेरा गांव पर निबंध |
उद्देश्य | ‘गाँव पर निबंध’ का प्रारूप देना |
लाभार्थी | विद्यार्थी एवं अन्य पाठक |
श्रेणी | शैक्षिक लेख |
आधिकारिक वेबसाइट | rural.nic.in |
निबंध की रूप-रेखा (Mera gaon par nibandh)
- गाँव का परिचय
- गाँव का दैनिक जीवन
- गाँव के काम
- गाँव की पाठशाला
- स्सद्द
- उपसंहार
मेरा गांव पर निबंध (Mera gaon par nibandh)
- गाँव का परिचय – गाँव हमारे देश का आधार है। गाँव के लोगों की मेहनत सहनशीलता से ही हमारा देश विकास के मार्ग पर बढ़ता जा रहा है। यदि शहर तकनीकी का केंद्र बने हुए है वही गाँव अच्छा भोजन एवं मानव संसाधन उपलब्ध करवाकर उन्नति में पीछे से योगदान दे रहे है। शहरों की मंडियों में अनाज, फल एवं सब्जियों को पहुँचाकर ग्रामीण लोग कमाई के साथ-साथ शहरी आबादी को अच्छा स्वास्थ्य भी देते है। शहरों के प्रदूषित वातावरण के दूर गाँवो की हरियाली एवं सौन्दर्य किसी का भी मन मोह लेता है। मैं दिल्ली शहर में रहता हूँ और गर्मी एवं सर्दी की छुट्टियों में हमेशा अपने दादा-दादी से मिलने गाँव अवश्य जाता हूँ। गाँव के खेत-खलिहान , नदी, तालाब आदि के पास घूमना एवं बैठना बहुत सुखद अनुभव देता है।
- गांव का दैनिक जीवन – गाँव के सभी लोग सुबह जल्दी उठने की आदत रखते है। सुबह उठने पर वे अपने पशुओं को चारा देते है और इनका दूध निकालते हैं। सभी पुरुष दिन के समय अपने खेतों के कार्यों को पूरा करते है। गाँव की महिलाओं को घर एवं खेत के सभी कार्यों को करना होता है। गाँव का जीवन साधारण तो होता है परन्तु यह आसान नहीं होता है। दिन के कठिन परिश्रम के बाद रात होते-होते लोग आपस में बहुत से विषयों पर बाते करते है। उनकी बातों में व्यक्तिगत, घरों की समस्या से लेकर सामाजिक एवं मनोरंजन के विषय शामिल रहते है। गाँव में शहरों की तरह भीड़ एवं ज्यादा आबादी नहीं होती है।
- गाँव के काम – एक ओर शहरों में हमें आजीविका के बहुत सारे साधन देखने को मिलते है, वही गाँव में आजीविका के साधन के रूप में पारम्परिक एवं सीमित साधन ही देखने मिलते है। उसी प्रकार से मेरे गाँव में भी लोग अपने पारम्परिक काम से जुड़े है। बहुत से लोगों का मुख्य काम खेती एवं पशुपालन ही होता है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर धोबी, लुहार, कुम्हार, दर्ज़ी, नाई, सुनार आदि का व्यवसाय करके लोगों को खुश देखा जा सकता है। कुछ लोग विभिन्न प्रकार के लघु उद्योग करके भी अपना जीवन यापन करते दिखते है।
- गाँव की पाठशाला – अन्य विद्यालयों की तरह हमारे गाँव के विद्यालयों में बच्चों को सभी प्रमुख विषयों का ज्ञान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बच्चों को खेती एवं बागवानी की सामान्य जानकारी भी दी जाती है। बच्चे कताई एवं बुनाई के कार्यों को बहुत प्रसन्नता के साथ करते दिखते है। सप्ताह में एक बार स्कूली बच्चे गाँव के आस-पास स्वच्छता कार्यक्रम करके सामाजिक दायित्व पूर्ण करते है।
- उपसंहार – मेरा गाँव सबसे अच्छा एवं शांत है। यहाँ पर प्रकृति का सौंदर्य, संवेदनशील लोग, पुरानी संस्कृति एवं आधुनिक संसाधन इत्यादि पाए जाते है। गाँव के सभी लोग किसी ना किसी रूप में आपसी रिश्तों में बंधे है। गाँव का परिवार एक समृद्ध एवं आकार में बड़ा परिवार होता है। प्रत्येक व्यक्ति को मेरे गाँव में आकर कुछ दिनों तक जरूर रहना चाहिए। मुझे आशा है कि मेरे गाँव का विवरण किसी भी व्यक्ति को मोहित एवं प्रभावित कर सकता है।
Mera gaon par nibandh गाँव पर निबंध के लिए जरुरी बिन्दु
- मेरे गाँव का नाम (गाँव का नाम दें) है और ये राज्य (राज्य का नाम दें) के जनपद (जिले का नाम दें) में स्थित है।
- मैं प्रत्येक वर्ष गर्मियों एवं सर्दियों की छुट्टी होने पर अपने गाँव में रहने जाता हूँ।
- मुझे गाँव में दादा-दादी मिलते है, उन्हें शहर से अधिक गाँव में रहना अच्छा लगता है।
- मेरे गाँव के घर को सबसे बड़े पक्के घर के रूप में जाना जाता है।
- हमारे गाँव में एक नदी, तालाब एवं कई कुँए-हैडपम्प है जो ग्रामीण लोगों की पानी की सभी जरूरतों को पूरा कर देते है।
- गाँव के लोगों में बहुत भाईचारा एवं समरसता है वे सभी अच्छे-बुरे समय में एक दूसरे के साथ खड़े होते है।
- मेरे गाँव के लोग बहुत परिश्रमी है, सभी आदमी दिनभर खेतों में परिश्रम करते है और महिलाएँ घर के काम पूरा करती है। गाँव के बड़े-बूढें बच्चे सम्हालने एवं अन्य सभी कार्यों में सहायता देते हैं।
- गाँवो में बड़ी सड़के, बिल्डिंग, चमकती लाइट नहीं हैं परन्तु यहाँ शांति, गर्मजोशी एवं अपनाने का रवैया है।
गाँव पर निबंध से सम्बंधित प्रश्न (Mera gaon par nibandh)
निबंध लेखन विधा में कैसे कुशल हो सकते है?
हिंदी में निबंध लेखन विधा को उत्तम करने के लिए अपने विषयों से सम्बंधित किताबों, समाचार पत्रों, पुस्तको एवं अन्य डिजिटल सामग्री को ध्यान से पढ़कर विषय पर अपना ज्ञान वृद्धि करनी चाहिए।
गाँव में किस प्रकार का व्यवसाय होता है?
गाँव में जलवायु एवं मौसम के अनुसार खेती करते है। साथ ही गाँव में पशुपालन करके विभिन्न प्रकार से धन प्राप्त किया जाता है।
गाँव के परिवार का स्वरूप कैसा होता है?
हमारे गाँव में मिश्रित (संयुक्त) परिवार पाए जाते है। जिनमे दादा-दादी, ताऊ-ताई, चाचा-चाची एवं अन्य भाई-बहन होते है।
गांव का दैनिक जीवन कैसा होता है ?
गांव का दैनिक जीवन काफी कठिन और परिश्रमी होता है। गांव में रहने वाले सभी लोग सुबह जल्दी उठकर अपने कार्यों में व्यस्त हो जाते है। गांव के लोगो का जीवन सादगी से भरा होता है।