आने वाले समय की पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण बहुत जरुरी है। हमारे देश सहित विश्वभर में अनेकों जगह जल की कमी का आभाव है।
बहुत से वंचित तबके के नागरिको को दैनिक जरुरत के पानी के लिए लम्बी-लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ता है।
इन सबसे के बावजूद बहुत से लोग पानी की बर्बादी करते देखे जाते है। समाज को जल के संरक्षण का महत्व समझाते हुए पानी के सही प्रबंधन करने की प्रेरणा देनी जरुरी है।
जल संरक्षण पर निबंध
परिचय
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति एवं संचालन के लिए तीन तत्वों की जरुरत है – पहला वायु, जल एवं भोजन। इनमे से एक के भी न होने पर जीवन को खतरा हो जाता है।
पानी की बात करें तो यह बेहद जरुरी है, जल ही जीवन है, इसे व्यर्थ ना बहाए – यह पंक्ति पानी के महत्व को अच्छे से बताती है। वैसे तो धरती के 70 प्रतिशत भाग पर पानी है, किन्तु इसमें से सिर्फ 1 प्रतिशत पानी ही मानव प्रयोग के योग्य होता है।
जल संरक्षण क्या होता है
पानी का सही उपयोग करना और संभावित तरीकों से इसको बचाना ‘जल संरक्षण’ कहलाता है। जल संरक्षण में विभिन्न विधियों का प्रयोग होता है, इनसे पानी को साफ़ रखने एवं गंदगी से बचाए रखने का काम भी होता है।
सभी लोगो को अपने रोजमर्रा के जीवन में सुबह से लेकर रात तक पानी की जरुरत रहती है। किन्तु लोग अधिक मात्रा में जल के इस्तेमाल के साथ जल को बर्बाद भी कर देते है। ऐसे में कम पानी इस्तेमाल करने की जरुरत है।
जल का महत्व
जल जीवन है, सभी लोग इस बात से परिचित है ,किन्तु फिर भी व्यवहारिक जीवन में लोग पानी का मूल्य समझ नहीं पाते है। हमारे शरीर का 70 प्रतिशत भाग पानी है, ऐसे में मनुष्य के स्वयं का अस्तित्व भी पानी पर ही टिका है।
किन्तु अधिकतर लोग पानी को अहमियत नहीं देते है, सभी को पानी का संरक्षण करना होगा। अन्यथा भविष्य में सभी को पानी की बूँद-बूँद के लिए तरसना होगा। पानी का संरक्षण ही इसका उत्पादन है, और ऐसा ही हम नयी पीढ़ी को पानी दे पाएंगे।
जल है, तो कल है। इस नारे को दिमाग में रखकर सभी लोगो को स्वयं जल का बचाव करके भविष्य की पीढ़ी के लिए जल संरक्षित करना है।
जल की एक-एक बूँद में मानव का अस्तित्व है, सभी छोटे एवं बड़े जीवो को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मानव जीवन एवं खेती में जल का विशेष स्थान है।
नदियों के पानी से ही आधुनिक जगत की सबसे जरुरी चीज ‘बिजली’ का उत्पादन होता है। पानी की कमी का प्रभाव सीधा ही जैव विविधता एवं प्रकृति के संतुलन पर पड़ता है।
जल संरक्षण पर निबंध – 2
परिचय
प्रकृति में मानव एवं अन्य जीवो के लिए बहुत से अनमोल वरदान है, जैसे पानी, हवा एवं फल-फूल इत्यादि। इनमे से सर्वाधिक जरुरी तत्व पानी है। धरती के 70 प्रतिशत भाग में जल समुद्रो, नदियों, झीलों एवं तालाबों इत्यादि में रहता है।
इस पूरे भाग में से 1 प्रतिशत हिस्सा ही मानव के लायक होता है। किन्तु प्रत्येक प्राणी के जीवन का आधार जल है।
हमारे देश के साथ अन्य देश भी जल स्त्रोतों का संरक्षण करने में लग गए है, ताकि भविष्य में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
जलीय चक्र
धरती में इसका एक जलीय चक्र भी पाया जाता है, ये चक्र नदियों एवं समुद्रो से वाष्पीकरण के बाद वायुमण्डल में पहुँचता है। वहाँ यह बदलो में संघनित होता है और फिर बारिश, ओले एवं बर्फ के रूप धरती पर वापिस आता है।
धरती पर आकर ये जमीन में समा जाता है, धरती की ऊपरी सतह पर भी पानी नदी बनकर रहता है। इसके बाद ये प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाती है।
जल संरक्षण क्या है?
पानी को समझदारी से प्रयोग करना एवं भविष्य के लिए बचाना ही ‘जल संरक्षण’ कहलाता है। आज बहुत से जल स्त्रोत या तो सूख रहे है, या दूषित हो रहे है।
ऐसे में जल इस्तेमाल के लायक नहीं रहता है, इसके बाद पानी की कमी होने लगती है। और धरती के जल स्तर में गिरावट आने लगती है। इन सब बातो से जल संरक्षण काफी जरुरी हो जाता है।
खाना बनाने में कम पानी का इस्तेमाल करना, छोटी बौछारे लेना एवं पानी के लीकेज को सुधारना इत्यादि जल संरक्षण होगा। अपने बगीचों में सूखा रोधी पौधे लगाने से भी जल का संरक्षण हो जाता है।
जल संरक्षण की जरुरत
पानी धरती के सर्वाधिक जरुरी संसाधन में आता है, जोकि सभी जीव-जन्तुओ के जीवन में जरुरी है। मानव को भी पीने, भोजन पकाने, धुलाई एवं सिचाई के कार्यों में जल की जरुरत होती है।
लेकिन पानी को सभी लोग बहुत लाहपरवाही से इस्तेमाल करते है। जल संरक्षण से ही आने वाली पीढ़ियों को पीने योग्य जल मिल सकेगा। पानी के बचाव से ही धरती पर जल स्तर सही बना रहता है।
पानी को बचाने के लिए कुछ काम कर सकते है जैसे – ब्रश एवं दाढ़ी बनाते समय नल को बंद रखना, दिन के ठन्डे घंटो में पौधों को पानी देना, शावर का कम इस्तेमाल, कम प्रवाह वाले प्लंबिंग जुड़नार लगवाना इत्यादि।
जल संरक्षण में सभी लोग योगदान दे सकते है और अपनी छोटी-छोटी आदतों को बदलकर पानी को बचा सकते है। सरकार ने भी मेरा पानी मेरी विरासत योजना से पानी के बचाव में मदद शुरू की है।
निष्कर्ष
पानी हमारी धरती पर जीवन के लिए बहुत अहम तत्व है, परन्तु फिर भी कोई भी पानी को अनमोल नहीं मानता है। इसे बेबाकी से नष्ट करते है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी उपलब्ध रखने के लिए जल संरक्षण जरुरी है।
जल संरक्षण का मतलब है, पानी का अनुशासन से इस्तेमाल करना। पानी के संरक्षण से प्रकृति के संसाधनों पर दबाव कम होगा।
जल संरक्षण पर निबंध – 3
जल संरक्षण क्या है
जल संरक्षण से भविष्य की पीढ़ी के लिए पानी को बचा सकते है। इसका सबसे मुख्य तरीका पानी को कम मात्रा में इस्तेमाल करना है, किन्तु वर्तमान समय में पानी का इस्तेमाल बहुत अधिक हो रहा है।
ना चाह कर भी पानी की तंगी हो रही है, देश के बहुत से क्षेत्रों में पानी की परेशानी बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में जल संरक्षण से भविष्य के लिए पानी बचाकर रख सकते है।
जल संरक्षण से वायुमंडल को भी बहुत लाभ होगा, चूँकि वायुमंडल में पानी की एक विशेष भूमिका है। अगर पानी ख़त्म होगा या प्रदूषित होगा तो पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जायेगा।
जल के संरक्षण की आवश्यकता
हमारे देश के साथ विश्व के अन्य देशों में भी पानी की परेशानी बढ़ रही है। धरती के जल स्त्रोत तेज़ी से दूषित हो रहे है, और साफ़ पानी का अभाव हो रहा है।
जल संरक्षण इसलिए भी जरुरी है, ताकि पीने के पानी को वायुमंडल में सुरक्षित किया जा सके। हालाँकि विभिन्न देशो की सरकार जल संरक्षण को विशेष महत्व देकर विभिन्न योजनाएँ चला रही है।
जल संरक्षण के तरीके
सरकार के साथ आमजन भी जल संरक्षण कर सकते है। इन्ही में से कुछ नियम निम्न है –
जल को गन्दा होने से बचाये
पानी को दूषित होने से बचाना चाहिए, हमारे देश में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। इस प्रकार से धरती के अधिकतर जल स्त्रोत जल्दी ही दूषित हो जायेंगे।
देश में बहुत सी औद्योगिक इकाइयों का कचरा एवं गन्दा पानी साफ़ नदियों में बहा दिया जाता है। ऐसी कंपनियों को चिन्हित करके कचरे की रोकथाम के लिए बाधित करने की जरुरत है।
जरुरत के अनुसार पानी इस्तेमाल करें
ये देखा जाता है कि लोग कम पानी के बजाए ज्यादा में अपना काम करते है। जल संरक्षण में हमको जरुरत से अधिक जल इस्तेमाल नहीं करना होगा। साथ ही इस बारे में अधिक लोगो को जागरूक भी करना होगा।
ग्रामीण लोग अपने घरो के हैंडपंप एवं टूबवेल के पानी को खुला रखते है जिससे पानी व्यर्थ में बहने लगता है और काफी मात्रा में बर्बाद होता है। जरुरत के अनुसार पानी इस्तेमाल करने से हमारे देश में जल संरक्षण हो सकेगा।
जल के संरक्षण के उपाय खोजे
जिस जगह भी पानी का बहाव हो उसकी तुरंत रोकथाम कर दे। अपने पास के अधिक लोगो को जागरूक करें कि देश और दुनिया में किस प्रकार से समय के साथ पानी की कमी हो रही है।
लोगो को जागरूक करें कि वे हमेशा पानी का संयमित प्रयोग करके जल संरक्षण में योगदान दें। पानी का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करके ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते है।
उपसंहार
पृथ्वी पर प्रयोग में आने वाला पानी बहुत न्यून मात्रा में ही है। और हमको अपने बहुत से कार्यो में पानी की जरुरत है जैसे – पीने में, खाना बनाने में, कपडे धोने, खेती बाड़ी में इत्यादि।
पानी के सही इस्तेमाल एवं प्रदूषण की रोकथाम करके अगली पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता बनाये रखने की जरुरत है। कभी भी पानी को व्यर्थ ना बहाये और दूसरो को भी ऐसा न करने दे।
जल संरक्षण के लिए 10 पंक्तियाँ
- जल एक जरुरी प्राकृतिक संसाधन है, जिसका बचाव जरुरी है।
- यदि आज पानी नहीं बचाया गया तो भविष्य में इसके लिए काफी परेशान होना पड़ेगा।
- जल की कमी से सूखा, पारिस्थितिक तंत्र का ह्रास एवं प्रकृति की हानि होती है।
- शावरहेड के अधिक इस्तेमाल के बजाए बाल्टी का इस्तेमाल करने से पानी की बचत होगी।
- जल के अभाव में मानव, पशु एवं पेड़-पौधे मरने लगते है।
- पानी का प्रदूषण रोकना जरुरी है, और इससे वातावरण भी दूषित नहीं होगा।
- बारिश के पानी का संरक्षण इसके बचाव की सबसे सर्वोत्तम विधि है।
- जरुरत ना होने पर नलको को बंद कर देना चाहिए।
- इस्तेमाल किये पानी को किसी अन्य काम में इस्तेमाल करना भी अच्छा विकल्प है।
जल संरक्षण से जुड़े प्रश्न
जल संरक्षण क्या होता है?
पानी के इस्तेमाल को संयमित करना एवं पानी को दूषित होने से बचाना ही जल संरक्षण होता है।
जल संरक्षण का क्या महत्व है?
इससे स्वच्छ पानी की मात्रा धरती पर बनी रहती है और पानी से जुडी विपदा जैसे सूखा, अकाल एवं पानी की तंगी से भी बचाव होता है।
जल क्यों जरुरी होता है?
मानव आबादी, उद्योग एवं अन्य क्रियाओं में पानी की अतिआवश्यकता होती है। साथ ही प्रकृति में पारिस्थितिक तंत्र के लिए भी पानी की बहुत जरुरी है।