राजस्थान में कितने जिले हैं – राजस्थान का नक्शा | Rajasthan Map in Hindi

इस समय देश में क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है। जनसंख्या के हिसाब से ये देश के सातवें स्थान का राज्य भी है।राज्य को ऐतिहासिक राजाओ एवं राजपूतो के कारण काफी लोकप्रियता मिली हुई है। साथ ही आज भी बहुत से लोग राजस्थान की प्राचीन संस्कृति को देखने के लिए राजस्थान जाना पसंद करते है।

30 मार्च 1949 के दिन राजस्थान को भारत गणराज्य में सम्मिलित किया गया था जिसमे कुल 33 जिले एवं 7 मण्डल हैं। प्रदेश में इस समय कुल 7,95,02,477 (करीबन 8 करोड़) नागरिक रहते है।

इस लेख में राजस्थान के सभी जिलों के नाम और इनमे से कुछ प्रमुख जिलों के बारे में विशिष्ट जानकारी दी जा रही है।

rajasthan map in hindi
rajasthan map in hindi

राजस्थान में कुल जिले

राजस्थान में कुल 33 जिले है किन्तु 2008 से पहले तक प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 32 हुआ करती थी। बाद में एक नया जिला प्रतापगढ़ बनने से प्रदेश के कुल जिलों की संख्या 33 हो गई।

लेकिन राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसमें अब राज्य में 17 नए जिलों की स्थापना और की जाएगी यानी जिसके बाद राजस्थान राज्य में जिलों की कुल संख्या 50 होगी। इसी के साथ संभाग की कुल संख्या 7 से 10 हो जाएगी। राजस्थान के नागरिको को जन कल्याण पोर्टल राजस्थान से सरकारी योजनाओं के लाभ एवं जानकारी मिल रही है।

राजस्थान में जिले

क्रमांकजिलों के नाम/मुख्यालयक्षेत्रफलजनसंख्या
1अजमेर8,4812,584,913
2अलवर8,3803,671,999
3बांसवाड़ा5,0371,798,194
4बरन6,9921,223,921
5बाड़मेर28,3872,604,453
6भरतपुर5,0662,549,121
7भीलवाड़ा10,4552,410,459
8बीकानेर30,2472,367,745
9बूंदी5,5501,113,725
10चित्तौड़गढ़7,8221,544,392
11चुरू13,8582,041,172
12दौसा3,4321,637,226
13धौलपुर3,0841,207,293
14डूंगरपुर3,7701,388,906
15हनुमानगढ़9,6561,774,692
16जयपुर11,1526,626,178
17जैसलमेर38,401669,919
18जालौर10,6401,828,730
19झालावाड़6,9281,411,129
20झुंझुनू5,9282,137,045
21जोधपुर22,8503,687,165
22करौली5,0431,458,248
23कोटा5,2171,951,014
24नागौर17,7183,307,743
25पाली12,3872,037,543
26प्रतापगढ़4,117867,848
27राजसमंद4,5501,156,597
28सवाई माधोपुर10,5271,335,551
29सीकर7,7422,677,333
30सिरोही5,1361,036,346
31श्री गंगानगर11,1541,969,168
32टोंक7,1941,421,326
33उदयपुर11,7243,068,420

राजस्थान के जिले कब निर्मित हुए

  • राजस्थान की स्थापना 1 नवंबर 1956 में हुई थी और इसी दिन यहाँ एक नया जिला अजमेर भी बना था। अपनी स्थापना के समय यह प्रदेश का 26वां जिला था।
  • 10 अप्रैल 1991 के दिन प्रदेश में 3 जिलों का निर्माण हुआ था जिनके नाम बारा, दोसा और राजसमंद थे।
  • ऐसे राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 30 हो गयी।
  • 12 जुलाई 1954 के दिन प्रदेश में 31वे जिले के रूप में हनुमान बना।
  • 12 जुलाई 1997 के दिन करौली जिले का गठन हुआ।
  • इसके बाद प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 32 हो गयी थी।
  • 26 जनवरी 2008 के दिन प्रदेश का 33वां एवं अभी तक का अंतिम जिला “प्रतापगढ़” गठित हुआ।
  • अब राज्य में जिलों की कुल संख्या 50 हो जाएगी, इसके साथ ही संभाग की संख्या 7 से बढ़कर 10 जाएगी।

राजस्थान का इतिहास

देश के बड़े राज्य राजस्थान का इतिहास करीबन 5 हजार वर्ष प्राचीन है। करीबन 700 ईसा से प्रदेश के बहुत से क्षेत्रो में राजपूत राजवंशो का प्रादुर्भाव हुआ एवं इन्होने प्रदेश में अपने साम्राज्य की स्थापना शुरू कर दी। पुराने समय में राजस्थान का नाम ‘राजपूताना’ होता था किन्तु उस समय यह क्षेत्र अंग्रेजी सरकार के अधीन आता था।

देश के स्वतंत्र होने पर अपनी आत्मनिर्भरता की घोषणा के लिए राजस्थान नाम अपनाया और भारतीय संघ में अपना विलय कर दिया। प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर है जोकि प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। राजस्थान को अपने ऐतिहासिक पहाड़ी किलो एवं महल के लिए काफी प्रसिद्धि मिली है।

राजस्थान का धर्म एवं संस्कृति

इस राज्य में अधिकतर आबादी हिन्दू धर्म के लोगो की है जोकि ज्यादातर ब्रह्मा, शिव, विष्णु एवं अन्य देवी-देवताओं का पूजन करते है। साथ ही यहाँ पर नाथ सम्प्रदाय एवं कृष्ण अनुयानियों का भी काफी प्रभाव देखा जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर आर्य समाज के हिन्दू धर्म सुधारक का भी प्रभाव देखा जाता है।

यहाँ पर जैन धर्म भी प्रमुख है जिन्होंने कभी भी शासन नहीं किया किन्तु व्यापार में अच्छा करके एक धनी वर्ग तैयार किया है। राजस्थान में महावीरजी, रणकपुर, धुलेव और करेरा इत्यादि जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल है। इनके अतिरिक्त प्रदेश में मुस्लिम, सिख एवं ईसाई धर्म के लोगो की भी जनसंख्या देखी जाती है।

यह प्रदेश सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी समृद्ध है। कला एवं संस्कृति की परम्पराएँ यहाँ भारतीय मार्ग को प्रदर्शित करती है। खेती के साथ शास्त्रीय संगीत एवं खास प्रकार का नृत्य भी प्रदेश की संस्कृति की परम्परा का भाग है। यहाँ से हाथ से निर्मित लकड़ी के सुन्दर फर्नीचर एवं कालीन, नीली मिटटी के बर्तन का भी निर्यात होता है।

यहाँ की स्त्रियाँ अपनी पारम्परिक वेशभूषा टखने तक की लम्बाई के घाघरा और छोटा पूरी अस्तीन का शीर्ष पहनती है। सामान्यतया राजस्थानी परिधान नीले, पीले एवं नारंगी रंग में चमकदार एवं डिजाइनिंग वाले होते है।

राजस्थान के जिलों का नक्शा

rajasthan-district-map

राजस्थान के प्रमुख जिले

जयपुर

यह शहर प्रदेश में नए एवं पुराने का अच्छा संगम है। जयपुर को एक अन्य नाम पिंक सिटी के नाम से भी पुकारते है। राजस्थान का यह राजनैतिक राजधानी क्षेत्र सभी को अपनी सुंदरता से काफी प्रभावित करता है।

जयपुर के कुछ प्रमुख देखने लायक स्थान हवा महल, आमेर किला, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, चौखा धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम एवं बिरला मंदिर इत्यादि है। यहाँ पर सुन्दर किले, मंदिर एवं संग्रहालय इत्यादि देखे जा सकते है।

jaipur-fort
उदयपुर

यह राजस्थान का झीलों वाला शहर है जिसमे अरावली पर्वतमालाएँ खूबसूरती की अनूठी प्रतीक है। आश्चर्यचकित करने वाली वास्तुकला एवं पिचोला झील में नाव की सवारी लोगो को काफी मजा देती है। घाटी के स्थित एवं चार झीलों से घिरे इस नगर को ‘राजस्थान का कश्मीर’ भी कहते है।

udaipur
जैसलमेर

यह राजस्थान का ‘सुनहरी शहर’ है जिसको यह नाम थार के रेगिस्तान के उड़ते सुनहरे पीले टिब्बो की वजह से दिया गया है। पडोसी देश पाकिस्तान की सीमा को साझा करने वाला यह शहर प्रदेश का लोकप्रिय नगर है।

यहाँ पर बहुत से ऐतिहासिक स्थान भी है जोकि स्वर्ण पीले रंग के चुने-पत्थर से बने है। यहाँ लोगो को ऊंट की सवारी एवं रात्रि में आसमान के नीचे कैम्पिंग का अद्वितीय अनुभव मिलता है।

thar desert
माउन्ट आबू

ये एक पर्वतीय क्षेत्र है जिसका हराभरा माहौल सभी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। प्रदेश के ऐतिहासिक स्थल में दिलवारा मंदिर भी सम्मिलित है जोकि अपनी वास्तुकला के लिए देशभर में लोकप्रिय है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहाँ पर नक्की झील की बोटिंग एवं सनसेट पॉइंट भी काफी आकर्षक है।

mount-abu
जोधपुर

सर्वाधिक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल मेहरगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध जोधपुर को ‘गेटवे टू थार’ भी कहते है। किले में एक संग्रहालय भी है और राजस्थानी वास्तुकला का बारीकी से इस्तेमाल हुआ है। किले के प्रवेश दरवाजे पर राजस्थानी लोकगीत के दर्शन भी होते है। यह किला राजस्थान के बड़े किलो में शुमार है।

अजमेर

यह शहर अरावली के पर्वतो से घिरा हुआ है। राजस्थान में मुग़ल वास्तुकला से परिचित होने के लिए अजमेर शरीफ की दरगाह काफी अच्छा पर्यटन स्थान है। साथ ही शहर में संस्कृति एवं शिल्प कला भी काफी लोकप्रिय स्थान है।

रणथम्भौर

देश में उच्च कोटि के टाइगर के अभयारण्य के साथ विभिन्न पशु एवं पक्षियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यह नगर विन्द्य एवं अरावली की तलहटी में स्थित है। यहाँ का राष्ट्रीय उद्यान एवं रणथम्भोर किला बहुत लोकप्रिय है और छुट्टियों के लिए बहुत अच्छा स्थान है। यहाँ पर वन्य प्राणियों की तस्वीर निकालने के शौकीन लोग भी काफी संख्या में देखे जाते है।

बीकानेर

बीकानेर को संस्कृति एवं पर्यटक का स्वर्ग कहते है। यहाँ पर ऊँटो की सवारी करते हुए बालू के टिब्बो के ऊपर से गुजरना अद्वितीय अनुभव है। यहाँ के प्राचीन महल एवं किले सभी को काफी आश्चर्य देते है। यह शहर ‘ऊँटो के शहर’ के नाम से भी जाना जाता है।

यहाँ पर ऊँटो का पर्व भी आयोजित होता है। साथ ही बीकानेर अपनी विशिष्ट वास्तुकला, संस्कृति एवं कला के लिए भी काफी लोकप्रिय है।

पुष्कर

भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक पुष्कर का नाम पांच पवित्र धामों में भी आता है। साथ ही यह देश का एकमात्र शहर भी है जहाँ पर आपको सृष्टि निर्माता भगवान ब्रह्मा का भी मंदिर मिलेगा। नवंबर के महीने में यहाँ पर भारत का सबसे बड़ा ऊँट मेला भी आयोजित होता है।

यहाँ छोटी एवं रंगीन दुकानों में कम मूल्य में शिल्प कौशल से निर्मित चीजे भी मिलती है। पर्यटक यहाँ की संस्कृति से काफी प्रभावित होते है।

भरतपुर

यह नगर ‘पक्षियों के स्वर्ग’ के नाम से जाना जाता है जोकि संस्कृति से परिपूर्ण शहर है। संस्कृति से परिपूर्ण यह शहर अपनी सादगी का भी अच्छा प्रदर्शन करता है। यहाँ का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भी काफी प्रसिद्ध है जिसमे पशु-पक्षियों की 370 प्रजातियाँ पाई जाती है। यह स्थल ‘बर्ड सेन्चुरी’ के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है।

यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी देखे जाते है जिनकी कुल 230 प्रजाति एवं 200 प्रकार के दूसरे जानवर जैसे – मछली, कछुआ, साँप, छिपकली इत्यादि के साथ 350 प्रकार के फूलदार पौधे भी मिलते है।

राजस्थान में जिले से जुड़े प्रश्न

राजस्थान का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला जिला कौन सा है?

राजस्थान में आकार के अनुसार सबसे बड़ा जिला ‘जैसलमेर’ है जिसका कुल क्षेत्रफल 38,401 वर्ग किमी है।

राजस्थान में सर्वाधिक लिंगानुपात वाले जिले का नाम क्या है?

राजस्थान में सबसे कम लिंगनुपात वाला जिला ‘धौलपुर’ है जिसमें लिंगानुपात कुल 846 है।

राजस्थान में सर्वाधिक साक्षर जिला कौन सा है?

राजस्थान में सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाला जिला ‘झुंझुनू’ है जिसमे पुरुषों की साक्षरता दर 86.9 प्रतिशत है। वही सर्वाधिक महिला साक्षरता के मामले में कोटा जिले का नाम है।

राजस्थान में सर्वाधिक कम साक्षर जिला कौन सा है?

राजस्थान में सबसे कम साक्षरता वाला जिला प्रतापगढ़ है जिसकी साक्षरता 69.5 प्रतिशत है। ऐसे सर्वाधिक कम महिला साक्षरता वाला जिला ‘जालौर’ है। यहां की साक्षरता 38.5 प्रतिशत ही है।

Leave a Comment

Join Telegram