My Mother Essay – माँ एक शख्सियत है जो हमारे पालन-पोषण में अपने जीवन का हर क्षण लगा देती है। इसी कारण से माँ को पूरी दुनिया में सम्मान दिया जाता है। विश्व भर में माता को जीवनदात्री एवं पालनकर्ता होने के कारण काफी सम्मान दिया जाता है। भारत में तो अन्य महत्वपूर्ण चीजों को भी माता का स्थान मिला है जैसे धरती माँ, गंगा माँ, गौ माता, प्रकृति माता। माँ की अन्य विशेषताओं में दया एवं त्याग भी है। पुराने समय में विभिन्न ऐसी घटनाओं का वर्णन है जो माँ के कद को काफी ऊँचा बताती है। यह लेख आपको मेरी माँ शीर्षक के अंतर्गत निबंध लिखने की कुछ नमूने बता रहा है।

मेरी माँ पर निबंध – 1
मेरी माँ एक साधारण ग्रहणी है और वे मेरी सुपर हीरो भी है। वे मेरे हर कदम में साथ देकर विश्वास भी बढ़ाती है। वे दिन और रात में मेरे साथ रहकर मुझे सहारा देती है। उनके हर काम, लगन, बर्ताव एवं समर्पण मुझे प्रेरित करते है। अब मैं इस निबंध में यह बताने जा रहा हूँ कि मेरी माँ क्यों इतनी खास है।
मैं अपनी माँ से प्यार क्यों करता हूँ?
मैं अपनी माँ से सिर्फ इस वजह से प्यार नहीं करता हूँ चूँकि वे मेरी माँ है या फिर हमें बड़ो का आदर करना सिखाया गया है। मैं उनको इस वजह से सम्माननीय मानता हूँ चूँकि जब मैं बोल भी नहीं पाटा था तब भी वे मेरा ध्यान रखा करती थी। मेरी उस स्थिति में भी वे मेरी सभी जरूरतों का अच्छे से ध्यान रखती थी। इसके बाद उन्होंने ही मुझको चलना, बोलना एवं अपना ध्यान रखना सिखाया है। इसके बाद मैंने जब कभी भी अपने जीवन में कोई बड़ा कदम लिया है तो ये मेरी माँ के कारण ही था। अगर वे मुझे छोटे कदम लेना नहीं सिखाती तो मैं कभी भी इतना बड़ा कदम न ले पाता।
उनका मेरे लिए प्यार
वे स्वयं में एक सच्चाई, प्यार एवं भरोसे का साररूप है। वे अपने कार्य एवं आशीष से पुरे परिवार को जीवित बनाये रखती है। साथ ही वे हमको सभी कुछ देने के बाद भी वापसी में कुछ भी नहीं लेती है। जिस प्रकार से मैं उनको परिवार की देखरेख करते देखता हूँ इससे मुझे भी भविष्य में ऐसा करने की प्रेरणा मिलती है। वे अपने प्रेम को हमारे परिवार तक ही नहीं रखती है बल्कि वे अनजान व्यक्ति एवं पशुओं तक से काफी हार्दिक वर्ताव करती है। वे अपने आसपास के लोगो एवं पशुओं के लिए भी काफी दयावान एवं समझदार दिखती है।
उनकी शक्ति
वे शारीरिक से तो बहुत शक्तिशाली नहीं दिखती है किन्तु उनमे गजब की मानसिक शक्ति देखने को मिलती है। यही वजह है कि वे मुझको उनके समान बनने और विपरीत स्थितियों में ना हारने की प्रेरणा देती है। इसके साथ ही वे मुझको सर्वंगिण कौशल एवं अध्ययन में सुधार लाने के लिए भी काफी प्रेरणा देती है। वे मुझको बिना भय के निरंतर कोशिश करने की प्रेरणा देती है जब तक मैं सफलता प्राप्त नहीं कर लेता।
समस्या में साथी
जब कभी भी मैं परेशान होता हूँ या अपने अध्यापक एवं पिता से डांट खाता हूँ तो मैं तुरंत ही अपनी माँ के पास जाता हूँ। वे ही ऐसी इंसान है जोकि मुझको इस परेशानियों में सही रास्ता सुझा सकती है। वह चाहे घर की छोटी परेशानी हो या फिर कोई बड़ी परेशानी, वे मुझे हमेशा ही साथ देती है। पहले जब मैं अँधेरे से डरा करता था तो वे खुद ही मेरे साथ आकर रौशनी के समान मेरा मार्गदर्शन कर देती थी। और जब कभी मुझे रात में नींद नहीं आया करती थी तो वे मेरे सिर को अपनी गोद में रखकर सोने में मदद करती थी। वे बड़ी और मुश्किल समस्या में भी मेरा साथ कभी नहीं छोड़ती थी।
दुनिया की हर एक माँ अपने बच्चों के लिए बेहद विशेष होती है। वे एक अच्छी अध्यापक, प्यारी मित्र, कठोर माता-पिता होती है। इसके साथ ही वे पुरे परिवार का ध्यान रखने का कार्य करती है। यदि कोई बच्चों को उनकी माँ से अधिक प्यार कर सकता है तो वह सिर्फ भगवान ही हो सकता है। केवल मेरी माँ ही नहीं दुनिया की हर वो माँ जो अपने परिवार के लिए जीती और मेहनत करती है, तारीफ के काबिल है।

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi) – 2
परिचय
अंग्रेजी साहित्य के महान लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने लिखा है – ‘भगवान प्रत्येक स्थान पर नहीं हो सकते इस कारण से उन्होंने माँ बनाई है।’ एक लेखक के ये शब्द काफी है किसी भी माँ के महत्व एवं स्थान को बताने में, चूँकि वे भगवान से कुछ कम नहीं है। माँ अद्वितीय देखरेख एवं प्रेम की प्रतिमूर्ति है। कोई भी परिवार माँ की उपस्थिति के बगैर पूरा नहीं हो सकता है। वे हमारी जिंदगी की खाली जगह को अपने आप से भर देती है। वे सच में बिना स्वार्थ के प्यार एवं करुणा की मूर्त है।
इसी प्रकार से मेरी माँ भी ऐसी ही इंसान है जिनके ऊपर मैं पूरा विश्वास रखता हूँ। वे कठिन मेहनत करती है और मेरे विकास एवं बढ़ोतरी का एक मात्र वजह है। वे कभी परिवार के लोगों के बीच भेदभाव नहीं करती है और परिवार पर अपना एक जैसा एवं अविभाजित प्रेम और करुणा देती रहती है। वे परिवार को बेशर्त एवं पूरे मन से प्रेम देती है। उन्होंने परिवार की आवश्यकताओं एवं कामनाओं के लिए अपनी बहुत सी इच्छाओं का त्याग किया है। इसी कारण से मेरी माँ मेरे लिए प्रेरणा का सबसे जरुरी स्त्रोत है। मेरे हर प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक उन्नति में अद्वितीय योगदान किया है।
माँ की परिभाषा
किसी भी माँ को छोटे शब्दों से परिभाषा देना संभव नहीं है। यद्यपि आसान शब्दों में एक माँ निशर्त प्यार देने वाली, रक्षक, खानसामा, गहरी मित्र, देखरेख करने वाली, मनोविज्ञानी एवं अनुशासन देने वाली होती है। वे हमारी हर एक अच्छाई और बुराई को उठती है। किस भी माँ को उनके कड़े परिश्रम एवं अथक काम के कारण बहुत पहचान एवं सम्मान नहीं मिलता है। एक माँ में बहुत से गुण पाए जाते है। वे क्षमा की मूरत है जोकि हमारी सभी गलतियों को माफ़ करने की क़ाबलियत रखती है। भविष्य में हम किसी परेशानी में ना आ जाये तो वे हमारी गलतियों को भी सुधारने का भरपूर प्रयास भी करती है।
वे ये तय करती है कि हमें हमारी गलतियों का भरपूर अहसास हो जाए और हमें अपनी जिम्मेदारियों की यद् बनी रहे। इस प्रकार से माँ दिन के शुरू होने से दिन के ख़त्म होने तक परिवार की इच्छाओं की पूर्ति करने में कड़ा प्रयत्न करती रहती है। एक माँ ही वह इंसान है जोकि परेशानी के वक्त हमें आराम देने का कार्य करती है। वो अपने त्याग से बच्चे को एक आरामदायक जिंदगी प्रदान करने की हर मुमकिन कोशिश करती है। माँ एक स्वार्थरहित हस्ती है जो उस सूर्य की भाँति है जिसका प्रकाश धरती के सभी अंधकार को दूर करने का कार्य करता है।
माँ की भूमिका
हमारे परिवार में मेरी माँ उन्नति एवं अच्छे के लिए एक जरुरी भूमिका निभाती है। वे हमें जोड़े रखती है और बेशर्त प्रेम, देखरेख एवं सहारा देकर परिवार को एक साथ रखती है। उन्होंने हमारे परिवार को एक संस्कारी माहौल देने का कार्य किया है। वे सर्वोत्तम भूमिका की किरदार बनकर हमको सही प्रकार से शिक्षा देती है। मैं बहुत समय माँ को बिन बोले संकेत को पढ़कर बता देता हूँ। उनका परिवार के साथ में सबसे अच्छा बंधन भी है। किसी परेशानी के बगैर वे भावनात्मक, शारीरिक एवं प्रयोगात्मक बदलावों के समय उनको जीवनरक्षक बना देती है। वे भरोसे, आत्मविश्वास एवं भावनात्मक ठहराव की सीख देती है। वे हम भाई-बहिनों के प्रयोगात्मक उन्नति का एक जरुरी भाग रहती है। वे हमारी भावनात्मक रीढ़ के रूप में काम करती है और हमारे परिवार के सकारात्मक असर में काफी ज्यादा हिस्सेदारी रखती है।
माँ का महत्व
माँ की जरुरत को उनके बच्चों में बनी निर्भरता से समझ सकते है। वे हमारे जीवन का स्त्रोत है और उनका होना मात्र जीवन में वरदानस्वरूप है। वे हमको भरोसे से पकड़ना एवं चलना सिखाती है एवं अपने आप पर भरोसा करना सिखलाती है। माँ ही वह इंसान है जो हम बच्चो की सोच एवं बर्ताव को आकार देने एवं इनको तय करने में अहम भूमिका रखती है। वे नैतिक सिद्धांतो को दिमाग में लाती है और इस प्रकार से बच्चो को अच्छे एवं बुरे में अंतर करने में अहम भूमिका रखती है। वे हमारी पहली अध्यापक भी है जोकि दुनिया से परिचय करवाती है और इस समाज के अच्छे में भागीदारी रखती है। माँ प्रत्येक परिवार की आधार होती है एवं हर इंसान को एक मजबूत एवं सम्पूर्ण समूह में एकत्रित करती है। मेरी माँ तो एक मूर्तिकार ही है वे सांचे में बनाने एवं तैयार करने का काम करती है।
माँ के गुण
माँ में सभी नैसर्गिक एवं प्राप्त हुए बहुमूल्य गुण होते है जोकि एक माँ की तरह उनकी भूमिका का अच्छे से प्रदर्शन करती है। माँ के गुण उनकी जिम्मेदारी से अर्जित होता है एवं माँ होने के लिए ये काफी जरुरी गुण भी हो जाता है। मेरी मन आयु एवं परिणाम की चिंता किये बगैर ही निस्वार्थ प्यार एवं करुणा देती है। उनकी सबसे ज्यादा मजबूत बात उनकी सहायक प्रणाली है जिससे हमें प्रत्येक ऊँच-नीच के समय मजबूती देती है। माताएँ समझ रखती है और अपने परिवार को लेकर सहनभूतिपूर्ण होती है। मेरी माँ की सर्वाधिक साहसी गुण ऊँची सहनशक्ति एवं झेलने का स्तर है। वे बहुत सी परेशानियों को हल करने के समय शांतिपूर्ण एवं धैर्य से भरी रहती है।
निष्कर्ष
मेरी माँ दया, क्षमा, प्यार, साहस, होशियारी एवं क्षमता की एक पावन मूरत है। हमारे परिवार को लेकर हमारी माँ को स्वार्थरहित प्यार इस जगत की किसी भी वस्तु से बदला नही जा सकेगा। मेरी सलाह में तो एक बच्चे की जिंदगी एवं लालन-पालन में माँ का स्वरूप सर्वाधिक जरुरी भूमिका में नजर आता है। इसकी वजह है कि वे बच्चे के जीवन में सबसे अधिक रोल मॉडल रहती है। ये हम लोगो की जिम्मेदारी है कि हम उनको वापिस वही स्नेह एवं प्रेम दे।

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मेरी माँ -तीसरा निबन्ध
प्रस्तावना
मेरी लिए मेरी माँ एक अभिभावक और अध्यायक सहित मेरी सबसे उत्तम दोस्त भी है। चूँकि किसी भी समय उनका मेरे लिए प्यारा एवं करुणा का भाव कम नहीं होने पाता है। मेरी परेशानी एवं मुसीबत की घडी में वे अपने आप बिना मुझे पता चले हर प्रकार की मदद करने उपस्थित हो जाती है।
ममता का जोड़
एक महिला अपने पुरे जीवनकाल में बेटी, बहन, पत्नी एवं माता की भूमिका में अपने दायित्व निभाती है। इन्ही सब सम्बन्धो में सर्वधिक महत्वपूर्ण एवं सम्मान योग्य रिश्ता माँ का होता है। ममता के रिश्ते को आम भाषा में व्यक्त करना सरल नहीं है। माता पाने बच्चों को जीवन देने के साथ ही उनके पालन-पोषण का भी काम करती है। किसी भी स्थिति में एक माँ अपने बच्चे के लिए करुणा में कमी नहीं आने देती है। वे अपने से भी अधिक बच्चो की सुविधाओं को लेकर परेशान रहती है। माँ अपने बच्चे को बचाने के लिए विशाल विपदा से भी जूझ जाती है। माँ अपने आप तो बहुत सारे कष्ट झेल लेती है किन्तु अपने बच्चों पर किसी प्रकार की तकलीफ भी नहीं आने देती है। ये सभी वजह ही एक माँ को इस धरती पर भगवान का स्थान देते है।
मेरी माँ खास दोस्त
मेरी माँ मेरी जिंदगी में विभिन्न जरुरी भूमिका अदा करती है। वे मेरी अध्यापक एवं सलाहकार होने सहित मेरी खास दोस्त भी है। जब कभी भी मैं किसी परेशानी में आ जाता हूँ तो वे मेरे मन में भरोसे का संचार करती है। इस समय मैं अपने जीवन के जिस भी मुकाम पर हूँ वह सभी कुछ मेरी माँ के कारण ही संभव हुआ है। वे हमेशा मेरी कामयाबी एवं नाकामयाबी में मेरे साथ ही एक सच्चे मित्र के रूप में साथ थी। अब उनके बगैर मैं अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता हूँ। इन्ही सभी वजहों से मैं उनको अपना सबसे उत्तम दोस्त भी मानता हूँ।
निष्कर्ष
मेरी माँ मेरी जिंदगी की आधार है, वे मेरी अध्यापक एवं गाइड होने सहित एक अच्छी दोस्त भी है। वह मेरी हर प्रकार की परेशानी, पीड़ा एवं मुसीबतों में साथ देती रहती है। वे मुझको जीवन की इन बाधाओं से पार जाने में ताकत देती है। उनकी हर छोटी से छोटी सलाह मेरी जिंदगी को अहम बदलाव देती है। इन्ही सभी वजहों से ही मैं अपनी माँ को अपना आदर्श एवं खास दोस्त कहता हूँ।
माँ से जुडी कुछ पंक्तियाँ
- भगवान का दूसरा नाम ‘माँ’ है।
- माँ सभी दुखो को हरने का काम करती है।
- माँ हजार गलतियों को भी माफ़ कर देती है।
माँ पर निबंध से जुड़े प्रश्न
हमारे देश में मदर डे कब होता है?
मई के माह के दूसरे रविवार के दिन मदर डे होता है। ये दिन माँ के कड़े परिश्रम एवं त्याग की प्रसंशा एवं याद दिलवाने के लिए होता है।
जीवन में माँ का क्या महत्व है?
माँ किसी भी इंसान के जीवन की पहली, जरुरी एवं विश्वसनीय मित्र होती है। वो एकमात्र ऐसी शख्सियत है जो अच्छे एवं बुरे अनुभव को बाँटने के लिए तैयार रहती है।
माँ को एक दिन की छुट्टी मिलने पर क्या होगा?
उनकी छुट्टी वाले दिन पुरे घर की सफाई नहीं होगी, घर की चीजे कहाँ है कोई नहीं जान सकेगा, सभी सदस्य परेशानी में होंगे। घर से कोई भी अपने काम पर सही समय पर नहीं जायेगा।