मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य Makka Madina History Facts Hindi

Makka Madina History Facts Hindi -दुनिया भर में रहने वाले मुस्लिम धर्म के नागरिको के लिए मक्का मदीना एक पवित्र, ऐतिहासिक एवं सम्माननीय स्थान है। मक्का मदीना का इतिहास भी उतना ही खास है जितना यह धार्मिक स्थल है। Makka Madina सऊदी अरब में स्थित है। इस्लाम के पहले प्रवर्तक पैगम्बर मुहम्मद का जन्म यही पर हुआ था। इसके अतिरिक्त यह स्थान व्यापार का भी प्रमुख केंद्र रहा है। विश्व के सभी मुसलमान (इस्लाम में आस्था रखने वाले) अपने जीवन में कम से कम एक बार मक्का मदीना की यात्रा जरूर करना चाहते है। मक्का मदीना की धार्मिक यात्रा पर जाने को ‘हज’ कहते है।

Makka Madina History Facts Hindi - मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य
Makka Madina History Facts Hindi

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मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य

इस्लाम धर्म में प्रत्येक उस व्यक्ति को makka madina में हज यात्रा पर जाने के लिए कहा गया है जो शारीरिक और आर्थिक रूप से संपन्न है और उसकी परिवार से दूर जाने पर भी भरण-पोषण हो सकता हो। मक्का मदीना में पहुंचकर सभी जायरीन (दर्शनार्थी) सामूहिक रूप से पूजा-प्रार्थना एवं परिक्रम करते दिखते है।

मक्का मदीना का इतिहास (Makka Madina History)

मक्का मदीना का इतिहास काफी प्राचीन और कथाओं से परिपूर्ण है। इस्लामी शास्त्रों के अनुसार मक्का वह शहर है जिसे अल्लाह (GOD) की प्रार्थना के लिए पहले घर की तरह बनाया गया था। इस शहर की मस्जिद में आकर नमाज़ (प्रार्थना) करना 1 लाख बार नमाज अदा करने के बराबर है। दुनियाभर में रहने वाले सभी मुस्लिम व्यक्ति एक दिन में 5 बार पवित्र मक्का की तरफ मुँह करके नमाज अदा करते है। मक्का की राजधानी समुद्री तट से 277 मीटर की ऊँचाई पर जिन्नाह घाटी में शहर से 70 किमी भीतर स्थित है। इस स्थान पर कुरआन (इस्लाम की सबसे धार्मिक पुस्तक) की शुरुआत हुई थी। मक्का से 3 किमी दुरी पर एक खास गुफा भी है जिसको काबा का घर कहते है।

makka madina kahan hai ये सवाल भी काफी जरुरी हो जाता है। वर्तमान समय में मक्का शहर सऊदी अरब के प्राचीन शहर हेजाज़ क्षेत्र में मौजूद है और मक्काह प्रान्त की राजधानी है। इस शहर की आबादी 17 हजार है। मक्का शहर का प्राचीन नाम ज्यादातर बक्काह, बाक़ा, बेक़ाह, बाक़ाह् वर्णित है। यहाँ पर मौजूद घाटी के लिए विशिष्ट रूप से ‘जल्दी’ नाम कहा जाता था।

मक्का का इतिहास (Makka History in Hindi)

मक्का मदीना का इतिहास : इस्लाम धर्म के पाँच मुख्य स्तम्भ है इनमे से हज करना भी एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। यही कारण है कि हर साल यहाँ पर 40 लाख से ज्यादा हजयात्री धू-अल-हिजाब के समय आते है। इस्लाम में वर्णन है कि मक्का की स्थापना नबी इस्माइल के वंश ने की थी। यह शहर इस्लाम का सबसे पवित्र शहर है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि महान पैगम्बर मोहम्म्मद का का जन्म भी वर्ष 570 में यही पर हुआ था।

इतिहासिक प्रमाणों के अनुसार इस्लाम के उदय होने के पहले इस स्थान को ‘यसरीब’ नाम से जानते थे। पैगम्बर ने ही इस शहर का नाम ‘मक्का’ रखा था। मक्का में ही इस्लाम का पवित्र पत्थर काबा मौजूद है। ईश्वर के सन्देशवाहक के रूप में हजरत पुत्र पैगम्बर इब्राहिम एवं पैगम्बर इस्माइल ने मक्का शहर का दौरा करने में ही अपना ज्यादातर समय बिताया था।

मोहम्मद एवं उस समय के मक्का निवासियों में आस्था को लेकर विवाद रहा। इसी कारण से मोहम्मद पैगम्बर को मक्का को छोड़कर मदीना जाना पड़ा। इस्लाम में मक्का के बाद काबा मस्जिद को सबसे पवित्र स्थान बताया गया है। मक्का में इस्लाम की सबसे पवित्र मस्जिद है जिसको मान्यताओं के मुताबिक पहली बार काले पत्थर से अदम ने फिर अब्राहम और उनके बेटे इशमेल ने बनाया था। एक बड़े समय के दौरान मक्का पर मोहम्मद के वंशज सरीफ का शासन रहा है। साल 1925 में मक्का शहर को निर्मित किया गया था।

मदीना (Madina)

मदीना को इस्लाम (Islam) में दूसरे सबसे पवित्र स्थान की जगह दी गयी है। मदीना का मतलब है – पैगम्बर का शहर, जोकि पश्चिमी सऊदी अरब के लाल समुद्र से करीबन 100 मील दूर एवं सड़क मार्ग से 275 मील दूर हेजाज़ क्षेत्र में मौजूद है। ये स्थान हज यात्रा का भाग नहीं है किन्तु हज के लिए यात्री मदीना जा सकते है। अरबी भाषा में मदीना का अर्थ ‘चमकदार शहर ‘ बताया जाता है। इस्लाम के आने से पहले इस शहर को ‘यसरिब’ कहा जाता था किन्तु बाद में पैगम्बर मोहम्मद में अपने द्वारा इस शहर को ‘मदीना’ नाम दिया।

मदीना का इतिहास (Madina History in Hindi)

मक्का मदीना का इतिहास : मदीना के शुरूआती इतिहास को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। किन्तु ऐसा माना जाता है कि यहाँ पर पहले से ईसाई काल के दौरान फिलिस्तीन से निष्कासित किये गए यहूदी आकर बसे हुए थे। किन्तु बाद के सालो में उनको यहाँ से पलायन कारण पड़ा था। मोहम्मद पैगम्बर ने सितम्बर 622 में मदीना की यात्रा की और इसके बाद नखलिस्तान के नए इतिहास की शुरूआत हुई।

इसी यात्रा की तारीख के अनुसार इस्लामी कैलेंडर (हिजरा) शुरू हुआ। इस शहर के केंद्र में अल मस्जिद अन-नबवी (पैगम्बर की मस्जिद) है इस वजह से मक्का के बाद इस्लाम में दूसरा सबसे पवित्र शहर है। मोहम्मद के नेतृत्व में ये शहर तेज़ी से फ़ैल रहे इस्लाम की राजधानी के रूप में विकसित हुआ था।

मदीना के उत्तर में माउन्ट यहूद नाम से एक पहाड़ है जोकि मुस्लिम एवं मक्का सेनाओं के माही हुई दूसरी लड़ाई का स्थान है। मोहम्मद के समय में ही यहाँ पर पहली मस्जिद ‘कुबा मस्जिद’ बनी थी किन्तु यह बिजली गिरने से नष्ट हो गयी गयी थी। पवित्र हदीस के अनुसार इसी स्थान पर मोहम्मद को आज्ञा हुई थी कि अपने क़िबले को यरूशलेम से मक्का की दिशा में बदलना है।

साल 632 में अरफाट के मैदान पर मोहम्मद ने करीब 30 हजार अनुयायियों को एकत्रित करके घोषणा कर दी थी कि अब धरती पर उनका मिशन पूर्ण हो चुका है। इसके दो महीनो के बाद ही मोहम्मद का देहांत हो गया। यही पर उनको दफन कर दिया गया और इसके बाद से इनकी कब्र भी एक पवित्र स्थान के रूप में प्रसिद्ध हुई। यहाँ से यहूदी समुदाय के लोगों के चले जाने के बाद काफी तेज़ी से इस्लाम धर्म का फैलाव होने लगा।

यह बाद में इस्लामिक राज्य की प्रशासनिक राजधानी के रूप में विकसित हुई। मक्का की ही तरह मदीना में भी गैर -मिस्लिम व्यक्तियों का प्रवेश परुई तरह से वर्जित है।आज 21वीं सदी में इस्लाम दुनियाभर के सबसे बड़े धर्म में से एक है।

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मक्का मदीना से जुड़े तथ्य (Makka Madina Historical Facts)

मक्का मदीना का इतिहास और अन्य जानकारियाँ जानने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें –

  • इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मोहम्मद का जन्म स्थान मक्का है जिसकी स्थापना आज से लगभग 1,400 वर्ष पूर्व मोहम्मद पैगम्बर ने ही की थी। बाहर से देखें तो यह एक चौकोर भवन के समान ही दिखता है और इसके चारो ओर काला लिहाफ चढ़ा हुआ है।
  • मक्का को इस्लाम धर्म में सर्वाधिक पवित्र स्थान बताया गया है जा सऊदी अरब के मक्का प्रान्त की राजधानी भी है।
  • मक्का में आज से हजारो वरह पूर्व कुरान की घोषणा हुई थी।
  • इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए जीवन में 5 बातों को ध्यान में रखना जरुरी हो जाता है। इन पाँच बातों में मक्का आकर हज यात्रा करना भी है। इस वजह से प्रत्येक वर्ष हज या उमरा करने के लिए विश्वभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मक्का आते है। ये सभी लोग मक्का के चारों ओर बनी मस्जिद में नमाज अदा करते है।
  • मक्का में एक बड़ा पत्थर इस्लाम में काफी पवित्र है और हज यात्री इसको चूमकर अपनी मनोकामना भी मांगते है।
  • मक्का की विशाल मस्जिद के बीच में काबा का पत्थर है जिसकी लम्बाई लगभग 40 फुट एवं चौड़ाई 33 फुट है।
  • यह काले रंग का बड़ा पवित्र पत्थर हमेशा ही मक्का में नहीं रहा है, साल 930 में इसे कर्मेतटीयन ने चोरी कर लिया था और इसको पूर्वी अरब ले गए।
  • ये पत्थर दुनियाभर के लोगों के लिए आश्चर्य का प्रतीक है तो भारत में बहुत से विद्वान इसको खण्डित शिवलिंग बताते है।
  • पूरी दुनिया में रखने वाले मुसलमान एक दिन में 5 बार मक्का की दिशा में ही अपना मुँह करके नमाज अदा करता है।

Makka Madina History Facts Hindi

मक्का मदीना का इतिहास और इससे सम्बंधित विशिष्ट जानकारियाँ निम्न प्रकार से है –

  • इस्लामी मान्यता के अनुसार जिस भी मुसलमान पर हज फर्ज हो जाता है उसको अपने जीवन में एक बार makka madina की हज की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
  • अंग्रेजो भाषा में मक्का को ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया है जो बहुत सारे लोगों को आकर्षित करता है।
  • पवित्र स्थान मक्का के दक्षिणी भाग में दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची बिल्डिंगों में से एक रॉयल क्लॉक टावर बनाया गया है जोकि लंदन के बिग बेन क्लॉक के समान ही तैयार करवाया गया है।
  • यहाँ आने वाले लाखों-करोडो यात्रियों को मोहम्मद पैगम्बर एक पैरो के निशान के दर्शन का मौका मिलता है। सभी मुसलमान इसके दर्शन करके खुद को खुशनसीब मानते है।
  • यदि बात करने मक्का की कुछ आबादी की तो यह लगभग 20 लाख है किन्तु यहाँ पर आने वाले हज यात्रियों की संख्या इससे 3 गुनी रहती है।
  • मदीना शरीफ में इस दुनिया की सर्वाधिक ऊँची छतरी लगी है और यहाँ पर विश्वभर की सबसे अधिक विद्युत की खपत हो जाती है।
  • इसका प्रमुख कारण यह भी है कि मक्का-मदीना (makka madina) में ही दुनिया में सबसे ज्यादा एयर कंडीशनर लगे हुए है।
  • मक्का में ही पैगम्बर मोहम्मद साहब को दफनाया गया है।
  • दुनिया में प्रसिद्ध आबे जम-जम कुआँ भी मक्का में ही स्थित है जिसको लेकर मान्यता है कि यह हजरत इब्राहिम के पुत्र हजरत इस्माइल में पैर जमीन पर पटख़ने से बना था।
  • कई सौ सालों से लाखों हाजियों ने आबे जम जम के पानी पिया है लेकिन अभी तक यह इस कुँए का पानी सूखा नहीं है।साथ ही इसके पानी का स्वाद भी हमेशा एक जैसा ही बना रहता है।
  • भारत के प्रसिद्ध धर्मगुरु गुरु नानक देव मक्का गए थे और भारत से भी बहुत से श्रद्धालु मक्का में हज करने पहुँचते है।

मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य

मक्का मदीना का इतिहास और अन्य तथ्य देखे –

  • दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद “मस्जिद अल हरम” मक्का में मौजूद है जिसको ग्रैंड मॉस्क्यू भी कहते है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर सफा, मारवा, बैथ, उल्लाह जैसी प्रसिद्ध मस्जिदे भी है।
  • यह विशाल मस्जिद 356 हजार 800 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है जिसके चारो तरफ पुरातत्व महत्त्व के खम्बे मौजूद है। जिसको बनाने का श्रेय हजरत इब्राहिम को दिया जाता है।
  • बहुत से इस्लामी जानकार कहते है कि इसी मस्जिद के पास से हजरत मोहम्मद पैगम्बर अपने बुर्क (पँख वाला घोडा) पर बैठकर ईश्वर से मिलने स्वर्ग गए थे।
  • मस्जिद अल हराम को ब्रिटिश न्यूज़ पेपर न’द टेलीग्राम’ ने दुनिया की सबसे महँगी इमारत होने के लिए लिस्टेड किया है चूँकि इसको 100 बिलियन डॉलर के खर्च पर बनाया गया था।
  • इस्लाम का सर्वाधिक पवित्र शहर मस्जिद अल हरम मक्का में है। ये मुसलमानों के लिए पवित्र धार्मिक स्थल है। इसके अतिरिक्त इस्लाम का तीसरा पवित्र स्थल बैतूल मुकद्द्स में मॉस्क्यू ए अक्स है।
  • सऊदी अरब के हेजाज़ क्षेत्र के पश्चिम में मौजूद मदीना को अल-मदीना अल-मुनव्वर भी कहते है जोकि मक्का के बाद इस्लाम में दूसरा सबसे पवित्र स्थान है। इसी जगह मोहम्मद साहब को दफनाया गया था।
  • इस शहर को बक्का कहते है। कुछ जानकारों के अनुसार बक्का सिर्फ काबा एवं इसके आसपास के इलाके को इंगित करता है।
  • कुरान में इस शहर को उम्म अल कुरा के नाम से जाना जाता है जिसका अरबी में अर्थ है सभी बस्तियों की माँ।
  • वर्तमान समय में इस जगह को मक्का अल मुकर्रम कहते है जिसका अर्थ है “मक्काह द ऑनरेड”।
  • मोहम्मद पैगम्बर ने अपने जीवन के 50 साल मक्का में बिताए।
मक्का मदीना हज यात्रा से जुड़े तथ्य
  • पैगम्बर मोहम्मद ने सभी मुसलमानो को जीवन में एक बार makka madina की हज यात्रा करके पापों से मुक्ति की बात कही है।
  • इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 10 जिलहज के समय सभी इच्छुक मुसलमान मक्का आकर अपनी हज यात्रा करते है।
  • पवित्र काबा को ग्रेनाइड के पत्थरों से बनाया गया है और यहाँ पर कोई खिड़की नहीं है जबकि एक दरवाजा मौजूद है।
  • काबा को करीब 1400 साल पुराना माना जाता है।
  • इस्लाम में इस पवित्र तारीख को ‘बकरीद’ और ‘ईदुल अजहा’ कहा जाता है।मुस्लिम कानून शरीयत के मुताबिक हज यात्री को किसी पशु की कुर्बानी देनी है।
  • लोगों को यहाँ पर अलग-अलग स्थानों से ऊँट, ट्रक, गाडी, जहाज और पैदल आते देखा जाता है।
  • यहाँ पर सिर्फ मुसलमान ही आ सकते है अन्य लोगों का यहाँ आना पूरी तरह से वर्जित है।
  • यहाँ पर आकर सभी श्रद्धालु अपने को सर्वाधिक धन्य मुसलमान मानते है।
  • हज के लिए की जाने वाली पवित्र यात्रा को अरबी भाषा में ‘हिजरत’ कहते है।

Makka Madina History Facts Hindi (मक्का मदीना का इतिहास)

  • इस्लामी मान्यता के मुताबिक हर हज यात्री को तवाफ़ की रस्म को करने के बाद हज यात्रा पूरी करनी होती है।
  • मक्का मुसलमानों में काफी पवित्र है और यहाँ तक मान्यता है कि पृथ्वी की शुरुआत इसी जगह से हुई थी।
  • मक्का की ओर जाने वाले एक रास्ते पर ‘जेद्दाह’ नाम का मुख्य द्वार भी है जोकि एक विशाल इंटरनेशनल हवाई मार्ग का केंद्र और एक बदरगाह भी है। यहाँ पर मक्का के लिए कुछ जरुरी सन्देश अरबी भाषा में लिखे है।
  • मक्का-मदीना के साथ पूरे सऊदी अरब में इस्लामी कानून ‘शरीयत’ मान्य है।
  • पुराने समय से ही मक्का एक व्यापारिक केंद्र रहा है और एक सँकरी, बलुई एवं अनुपजाऊ घाटी में बसे शहर में यदाकदा ही बारिश होती है।
  • हज यात्रियों पर कुछ विशेष निर्देश लागू होते है जिसमें यात्री हज के लिए आने पर अपने साथ कुछ भेंट या धन चढ़ाते है।
  • इस्लाम के अनुयायी अपने जीवन में कमाए रुपयों से एक बार हज यात्रा करने की इच्छा रखते है।
  • ऐसी मान्यता है कि यहाँ आकर हर मुसलमान अपने जीवन में उन्नति करता है और मृत्यु के बाद सीधे जन्नत (स्वर्ग) जाकर सुख प्राप्त करता है।
  • यहाँ के स्थानीय लोग ‘हज इंडस्ट्री’ में ही हज की तैयारी से सम्बंधित कार्य करके अपना व्यवसाय करते है। इस शहर का खर्च हज यात्रियों से मिलने वाले टैक्स से चलता है।

मक्का से मदीना की दूरी

मदीना से दक्षिण की ओर मक्का नजदीक पड़ता है। मक्का से मदीना की दूरी हवाई यात्रा से करीबन 339 किमी, सड़क मार्ग से 439 किमी और रेल मार्ग से दोनों के बीच की दूरी 453 किमी है।

भारत से मक्का और मदीना यात्रा के विकल्प

  • हवाई मार्ग से यात्रा – भारत से मक्का एवं मदीना जाने के लिए दिल्ली, मुंबई एवं बंगलौर से हवाई मार्ग की फ्लाइटें इंटरनेशनल हवाई अड्डे, जेद्दाह तक जाती है। ये अड्डा मक्का एवं मदीना के बीच एक प्रकार का प्रवेश द्वार है। आप अपनी इच्छा के अनुसार कुवैत एयरवेज, एयर इण्डिया, जेट एयरवेज एवं ओमान एयरवेज में से किसी को भी चुन सकते है। दिल्ली से सऊदी अरब के जेद्दा एयरपोर्ट की दुरी करीबन 3836.68 किमी है। सभी एयरलाइन अपने टिकट के लिए अलग-अलग पैसे लेती है। टिकट के मूल्य यात्रा के प्रकार पर निर्भर करता है। जैसे दिल्ली से जेद्दा तक की हवाई यात्रा एक टिकट करीब 17 हजार रुपए से शुरू होगा और बिज़नेस वर्ग के लिए यह 27,500 एवं इकोनोमिकल क्लास के लिए यह 1,52,000 रुपए तक हो सकता है।
  • समुद्री मार्ग से यात्रा – साल 1995 में मक्का और मदीना के लिए समुद्री मार्ग की यात्रा को बंद कर दिया गया था। किन्तु कुछ ख़बरों के मुताबिक साल 2018 में फिर से समुद्री यात्रा के सेवा को बहाल कर दिया गया। इस तरह मुंबई से जेद्दा बन्दरगाह के लिए 2515 नॉटिकल मील (करीबन 4527 किमी) की दुरी को तय करने में 2 से 3 दिनों का समय लग जाता है।
  • सड़क मार्ग से यात्रा – देश की राजधानी दिल्ली से मक्का-मदीना के लिए ड्राइविंग दूरी लगभग 9487 किमी है। इस दूरी को तय करने में 7 दिन 21 घण्टे एवं 44 मिनटों का समय लग जाता है।

मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य से सम्बंधित प्रश्न

मक्का मदीना का इतिहास क्या है और इसे किसने बनवाया है?

इस्लामी मान्यता के अनुसार मक्का की महान मस्जिद जिसको मस्जिद अल-हरम भी कहते है और काबा के घर का निर्माण अब्राहम एवं इश्माइल ने करवाया है। ये स्थान सभी मुस्लिमो के लिए पवित्र है और इसी की ओर मुँह करने मुसलमान प्रार्थना करते है।

मक्का मदीना की हज यात्रा कितने समय में पूरी हो जाती है?

हज यात्रा को मुस्लिम कैलेण्डर के आखिरी महीने धुअल-हिज्जाह की 8वीं तारीख से शुरू होकर धुअल-हिज्जाह की 12वीं तारीख में पूरी होती है। इस प्रकर से हज यात्रा 5 दिनों के समय में पूरी हो जाती है।

मक्का मदीना का इतिहास में हज यात्रा क्या है?

इस्लाम धर्म में आस्था रखें वाले लोगों के लिए हज यात्रा एक पवित्र एवं जरुरी तीर्थ यात्रा है। इस यात्रा के माध्यम से वे अपने ईश्वर से सम्बंधित होते है। हज यात्रा मस्जिद अल हरम में मौजूद काबा मस्जिद के दर्शन एवं मोहम्मद पैगम्बर के जन्म स्थान में प्रार्थना के साथ पूरी होती है।

मक्का मदीना में शैतान कौन है?

ईद-उल-जुहा के त्यौहार में शैतान को कंकड़ मारने का रिवाज है। मक्का के पास मौजूद रमीजमारात में ये रिवाज पुरे 3 दिनों तक चलता है। हज यात्री यहाँ आकर 3 बड़े स्तम्भों को कंकड़ मारते है, इन्हे शैतान कहते है।

मक्का मदीना का इतिहास के अनुसार वहाँ मक्का में पहले क्या था?

आज से 4 हजार वर्ष पूर्व मक्का एक निर्जन स्थल था और धरती से निकली एक पानी की धार ने इस जगह को बदल दिया। काबा में इस्लाम के उदय से पहले मूर्तियों की पूजा की जाती थी।

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