इंडियन आर्मी दुनियाभर में सबसे प्रतिष्ठित एवं देश में सम्माननीय विभाग है। अन्य सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों की तरह ही भारतीय सेना में भी अपने कर्मियों के लिए रैंक एवं पद विभाजित रहते है।
हमारे देश के बहुत से ग्रामीण एवं शहरी नौजवान सेना में भर्ती होकर नौकरी करने की तैयारी करते है। इस प्रकार के छात्रों को सेना में जाने की तैयारी करने से पहले यहाँ से रैंक विवरण को जरूर जान लेना चाहिए।
भारतीय सेना को विश्वभर में चौथे स्थान की श्रेष्ठ सेना है और वर्तमान में इंडियन आर्मी में 14 लाख से ज्यादा सैनिक जुड़े हुए है।

इंडियन आर्मी में पद और रैंक
इंडियन आर्मी के सैनिक सेना के अंतर्गत विभिन्न रैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी होते है। इन्ही पदों के अनुसार सैनिको की पहचान भी होती है। ऐसे ही रैंक के अनुसार उनके यूनिफॉर्म एवं बैज भी भिन्न-भिन्न होते है इनको देखकर अधिकारी का पद जान सकते है।
भारतीय सेना में 17 रैंक है जिनको 3 वर्गों में बाँटा गया है। जवानों को उनकी रैंक एवं पद के अनुसार अलग-अलग वेतन मिलता है। सेना के ऊँचे पदों में अधिक वेतन मिलता जाता है। इंडियन आर्मी में पद दो भागो में वर्गीकृत है – सीनियर पद एवं जूनियर पद।
भारतीय सेना में पश्चिमी देशों की तरह रैंकों बने है जोकि विशेषरूप में ब्रिटिश एवं राष्ट्रमण्डल सेनाओं को प्रदर्शित करते है। इन रैंकों को अंग्रेजी सेना के अनुरूप ही नाम मिले है। इस समय इंडियन आर्मी की रैंक 3 श्रेणियों में विभाजित है –
- कमीशन ऑफिसर (CO)
- जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO)
- अन्य रैंक (गैर-कमिशन ऑफिसर्स एवं सैनिक)
कमीशन ऑफिसर (CO)
भारतीय सेना में कमिशन पाने वाले अधिकारी अखिल भारतीय सेवाओं एवं समूह ‘क’ सर्विस ऑफिसर्स के बराबर पद रखते है और सेना में नेतृत्व सम्हालते है। ये अधिकारी प्लाटून, कंपनी, बटालियन, ब्रिगेड, डिवीज़न, कोर एवं पूरी सेना से कही पर भी नेतृत्व कर सकते है। सेना में सभी ऑफिसर्स को अधिकारी कैडेट की तरह ही नियुक्ति मिलती है। ऑफिसर कैडेट के पद अधिकारी को यूनिफॉर्म से बिना प्रतीक चिन्ह के ही दर्शाते है। विभिन्न पदोन्नति और नियुक्ति हेतु इंडियन आर्मी के ऑफिसर्स को समय-समय पर अलग-अलग कोर्स से जोइनिंग मिलती है। सेवाकाल के दौरान योग्यता के अनुसार इनका मूल्यांकन भी होता है।
इंडियन आर्मी के ऑफिसर्स अलग-अलग कोर्सों से गुजरते है जैसे कि यंग ऑफिसर्स कोर्स, जूनियर कमाण्ड कोर्स, डीएसएससी वेलिंगटन। ये कोर्स इनको विभिन्न संस्थानों से पूर्ण करने होते है। इंडियन नेवी एवं एयरफोर्स के अधिकारीयों पर इसी प्रकार की प्रणाली लागू रहती है।
फील्ड मार्शल
यह इंडियन आर्मी का सर्वोच्च रैंकों वाला पद है जोकि पाँच सितारा रैंक का जनरल ऑफिसर है। यह पद एक सम्मान के रूप में मिलती है जोकि नियमित ऑफिसर को नहीं मिलती है जैसे लड़ाई में अच्छा पराक्रम दिखाने वाले ऑफिसर को। सेवाकाल पूर्ण होने पर भी फील्ड मार्शल का टाइटल बना रहता है। अभी तक ये रैंक दो ही ऑफिसर्स को मिली है – सैम मानेकशॉ और कोन्डडेरा मडप्पा करियप्पा। इस पद का प्रतीक चिन्ह एक क्रॉस हुई तलवार एवं 5 सितारा और राष्ट्र के प्रतीक के साथ क्रॉस बैटन रहता है।

जनरल
यह इंडियन आर्मी में सर्वाधिक ऊँची रैंक है जिसके अधिकारी को ‘कमाण्डर इन चीफ’ भी कहते है। इस अधिकारी के पास एक क्रॉस बैटन एवं सैबर और एक सितारा के साथ अशोक की स्तम्भ होती है। इस पद का कार्यकाल 3 वर्षों का अथवा 62 साल की आयु तक होता है।

लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General)
सेना में यह दूसरे स्थान का सर्वोच्च रैंक का ऑफिसर पद है। लेफ्टिनेंट जनरल एक तीन सितारा रैंक कमीशन ऑफिसर होता है। इसके प्रतीक चिन्ह के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक सहित क्रॉस तलवार एवं डंडा रहता है।

मेजर जनरल
सेना में पदों के क्रम में मेजर जनरल लेफ्टिनेंट का स्थान जनरल के बाद आता है। इस अधिकारी के प्रतीक चिन्ह में तलवार एवं ऊपर तारे के साथ बैटन है। मेजर जनरल के कॉलर पैच 2 सुनहरे सितारे होते है।

ब्रिगेडियर
यह एक सितारा रैंक का कमीशन ऑफिसर होता है जोकि कर्नल से ऊपर एवं मेजर जनरल से नीचे के पद में स्थान रखता है। इस पद के लिए प्रतीक चिन्ह एक त्रिकोण में 3 सितारे एवं ऊपर राष्ट्रीय चिन्ह होता है।

कर्नल (Colonel)
इंडियन आर्मी में कर्नल की पोस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल से ऊपर एवं ब्रिगेडियर से निम्न होती है। इस पोस्ट के प्रतीक चिन्ह 2 स्टार एवं ऊपर राष्ट्रीय चिन्ह होता है।

लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel)
ये अधिकारी सेना में बटालियन का कमाण्डर होता है जिसको सैकड़ो सिपाहियों अथवा एक डिवीज़न या फिर कोर में एक सामान्य कर्मचारी, अधिकारी की जिम्मेदारी मिलती है। इस पद का प्रतीक चिन्ह ऊपर एक स्टार और राष्ट्रीय चिन्ह होता है।

मेजर
मेजर को सेना में कप्तान से ऊपर एवं लेफ्टिनेंट से नीचे का पद मिला होता है और इस पद के अधिकारी का प्रतीक चिन्ह राष्ट्रीय चिन्ह होता है।

कप्तान (Captain)
सेना में मेजर के बाद कैप्टन का पद होता है जिसका कमिशन 2 वर्षों की सेवा का रहता है। कप्तान का प्रतीक चिन्ह एक पंक्ति में 3 सितारे होते है। सेना में 2 वर्षों तक सभी नियमो के पालन के बाद कप्तान का पद मिलता है।

लेफ्टिनेंट (Lieutenant)
ये इंडियन आर्मी में एक जूनियर रैंक होती है। अधिकारी को 40 से 60 अधीनस्थों की देखभाल की जिम्मेदारी मिलती है। ये लोग सीधे ही लेफ्टिनेंट के अंतर्गत कार्य करते है। इस पद के अधिकारी का प्रतीक चिन्ह एक पंक्ति में 2 स्टार होते है।

जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO)
इस पद के अधिकारियों को गैर- कमीशंड ऑफिसर्स के पद से पदोन्नति मिलती है। सीनियर गैर-कमीशन अधिकारी को अपनी योग्यता एवं सीनियरटी के अनुसार ही JCO पद मिलता है। इसमें पद के अनुसार रिक्तियों की भी बाध्यता रहती है। कमिशन ऑफिसर्स एवं NCO के मध्य JCO पद के अधिकारी होते है। इनके साथ सेना में बहुत सम्मान के साथ बर्ताव होता है। सेना के सभी रैंक इनको ‘साहब’ सम्बोधन देते है।
- JCO को पर्यवेक्षक की भूमिका मिलती है जैसे – सूबेदार मेजर, सूबेदार एवं नायब सूबेदार।
ये अधिकारी इंडियन गवर्नमेंट के ग्रुप-B यानी राजपत्रिक अधिकारी के समान होते है। इनके पास कुछ अतिरिक्त विशेषाधिकार होने से एक भिन्न वर्ग की तरह मान्यता मिलती है। आर्मी में इन्हे एक अच्छे स्तर के पारिवारिक क्वार्टर, रेलवे यात्रा में AC दूसरे टियर में अधिकार मिलता है। सेना में प्रदर्शन एवं प्रमोशन टेस्ट से समय-समय पर ऑफिसर्स की तरह पदोन्नति मिलती है।
सूबेदार मेजर
जूनियर स्तर के अधिकारीयों में सूबेदार मेजर को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इस तरह से सूबेदार मेजर जूनियर ऑफिसर की अंतिम पोस्ट है। ये अधिकारी 34 वर्षो की सेवा के बाद सेवानिवृत हो जाते है। इनकी यूनिफॉर्म में एक सुनहरा राष्ट्रीय चिन्ह (अशोक स्तम्भ) और लाल-पीले रंग की पट्टी होती है।

सूबेदार
ये नायक सूबेदार से ऊँची रैंक के अधिकारी है जिनको एक जूनियर वर्ग के अधिकारी के रूप में जानते है। इनकी यूनिफॉर्म में दो-दो सितारे एयर दो लाल स्ट्रिप में मध्य में पीली स्ट्रिप होती है। इनका सेवाकाल 52 साल तक रहता है।

नायब सूबेदार
भारतीय सेना में जूनियर अधिकारी के पदों पर नायब सूबेदार पहली सीडी है जोकि सूबेदार के बाद आती है। इनकी यूनिफॉर्म में पाँच मुखी सितारा होता है एवं इसमें लाल-पीले रंग की स्ट्रिप लगी होती है। ये अफसर 28 वर्षो की सेवा करते है।

अन्य रैंक (गैर-कमीशन ऑफिसर्स)
इंडियन आर्मी में अन्य रैंकों पर गैर-कमिशन ऑफिसर्स एवं सिपाही सम्मिलित होते है।
हवलदार
सेना में सैनिको के प्रमोशन के अनुसार इनका चयन होता है। गैर-कमीशन अधिकारीयों में हवलदार का पद सबसे ऊँचा है। इनकी यूनिफॉर्म में पीले रंग की तीन पट्टी V आकार में होती है। ये 24 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत होते है।

नायक
नायक सेना में हवलदार के बाद एवं लांस नायक से पहले की पोस्ट है। इनकी यूनिफॉर्म में पीले रंग की 3 पट्टी V आकार में होती है। ये 22 वर्षों में अपना कार्यकाल पूर्ण कर लेते है।

लांस नायक
सेना में यह पद नायक के बाद आता है। इनकी यूनिफॉर्म में बाई ओर एक V आकार की पीली पट्टी रहती है। लांस नायक का सेवाकाल 22 वर्षों का रहता है।

सैनिक (सिपाही या जवान)
ये पद सेना के गैर-अधिकारी पद में सबसे अंतिम पद है। इनकी यूनिफॉर्म में कोई चिन्ह नहीं होता है, इसके स्थान पर उनकी रेजिमेंट का ही निशान रहता है। ये 20 वर्षों का कार्यकाल पूर्ण करते है।
इंडियन आर्मी के पद और रैंक से जुड़े प्रश्न
क्या सेना में वर्ग व्यवस्था होती है?
हाँ, सेना में विभिन्न प्रकार के वर्ग होते है।
सेना में कुल कितने पद है?
वर्तमान समय में भारतीय सेना में कुल 17 पदों की व्यवस्था देखी जाती है।
ब्रिगेडियर कितने समय में सेवानिवृत होते है?
भारतीय सेना में ब्रिगेडियर को 56 वर्ष के सेवा काल के बाद सेवानिवृति मिलती है।
भारतीय सेना में कितने कमाण्डो संघठन है?
इस समय भारतीय सेना में 7 कमाण्डो संघठन मौजूद है।