अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi)

अनुशासन पर निबंध:- अनुशासन व्यक्ति के जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। एक व्यक्ति अपने जीवन में समय समय पर कुछ न कुछ नया सीखता ही रहता है और व्यक्ति का अनुशासित रहना उसे इस सीखने की प्रक्रिया में लाभ पंहुचाता है। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति ही अपने जीवन में नई उंचाईयों को छूते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। शांतिपूर्ण और तनावमुक्त जीवन के लिए अनुशासन को आवशयक माना गया है।

अनुशासित व्यक्ति ही समाज में सम्मान पाता है और नई सफलतायें भी अपने जीवन में प्राप्त करता है। अनुशासन एक कार्य न होकर जीवन जीने की पद्धति है। इस प्रकार अनुशासन व्यक्ति के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। इस लेख में हम आपको बतायेंगे कि अनुशासन के विषय पर निबंध कैसे लिखें और अनुशासन हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साथ ही इस लेख को पूरा पढने के बाद आप स्वयं भी अनुशासन पर एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं।

अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi)
अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi)

प्रस्तावना – अनुशासन पर निबंध

अनुशासन किसी भी व्यक्ति के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिये बहुत आवश्यक है। बिना अनुशासन के व्यक्ति हमेशा दुविधा में होता है और यदि व्यक्ति दुविधा में हो तो आसान से आसान कार्य भी उसके लिये दुष्कर हो जाता है। इसलिये नियम पूर्वक अनुशासन का पालन करना महत्वपूर्ण है और इसके कई लाभ हमें जीवन के प्रत्येक स्तर और हमारी दैनिक दिनचर्या में प्राप्त होते हैं।

हमारे घर से लेकर सार्वजनिक स्थलों, हमारे कार्यस्थलों तक में हमारे द्वारा किया गया व्यवहार हमारे व्यक्तित्व में अनुशासन को दर्शाता है। अनुशासन हमें शांतिपूर्ण और तनावमुक्त जीवन जीने में मदद करता है जो कि आज की भाग दौड भरी जिंदगी में एक आवश्यक जरूरत भी बन गया है।

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अनुशासन का अर्थ

शाब्दिक अर्थ के रूप में देखें तो अनुशासन का अर्थ स्वयं के उपर शासन करने से है। स्वयं के उपर शासन करने से अभिप्राय व्यक्ति का संयमित होना है। यदि हम प्रत्येक परिस्थिति में संयम से काम लेते हैं और हमारा अपने उपर अर्थात मन, बुद्वि और इन्द्रियों के उपर नियंत्रण है तो ही हम किसी अनुशासन को अपनाकर कार्य कर सकते हैं।

आपने देखा होगा कि हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के सन्दर्भ में कोई कठिनाई न आये, इसके लिये कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों में अनुशासन के लिये नियम भी बने होते हैं। इन नियमों का समय से पालन करके ही हमें अनुशासित रहने में मदद मिलती है।

वास्तव में किसी कार्य को नियमानुसार समय पर करना ही अनुशासन होता है। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे कि किसी भी कार्यालय या विद्यालय के खुलने और बन्द होने का एक निश्चित समय होता है। और कार्यालय में जाने के लिये कुछ नियम बनाये जाते हैं। यही अनुशासन कार्यालयों, विद्यालयों या हमारे दैनिक जीवन को भी व्यवस्थित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अनुशासन का महत्त्व

जब हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता की आशा करते हैं तो यह सफलता बिना अनुशासन के पूरी नहीं हो सकती है। सफलता प्राप्त करने के लिये रणनीति का सबसे अहम हिस्सा होता है अनुशासन, क्योंकि बिना अनुशासन के योजना और रणनीति हमारे किसी काम नहीं आती और हम अपना समय भी व्यर्थ गंवा देते हैं। वहीं यदि हम अनुशासित रहकर अपनी योजनाओं और रणनीतियों पर काम करते हैं तो इससे हमारे लिये किसी भी कार्य या क्षेत्र में सफलता प्राप्ति के अवसर निश्चित रूप से बढते हैं।

चाहे जीवन में कोई नयी चीज सीखना हो या कम समय में किसी कार्य को करना हो अथवा अपनी कार्यक्षमता को बढाना हो, अनुशासन हर जगह हमारे काम आता है और हमारे कार्याें में सफलता के आसार को बढाता ही है। वहीं दूसरी ओर जीवन में अनुशासन की कमी हमारे अन्दर निष्क्रियता की भावना को बढावा देता है और हम अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति से वंचित रह जाते हैं और उन्नति के स्थान पर अवनति की ओर चले जाते हैं।

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासन की शुरूआत हमारे दैनिक जीवन से ही होती है। दैनिक जीवन में लागू किया गया अनुशासन ही भविष्य की सफलताओं का मूल मंत्र होता है। हमें अपने दैनिक कार्य योजना बनाकर और समय के साथ पूरे करने होते हैं। इसके लिये सबसे प्रमुख होता है अपनी आदतों में सुधार करना। अब क्योंकि कहते हैं कि आदतें एक दिन में नहीं बदलती और न ही एक दिन में अपनायी जाती है तो इसलिये अच्छी आदतों को अपनाने और अच्छी बातों का अपने जीवन में पालन करने के लिये भी हमारे दैनिक जीवन का अनुशासन महत्वपूर्ण हो जाता है।

उदाहरण के तौर पर यदि हम अपने विद्यालय को ही लें तो हम जानते हैं कि विद्यालय में भी अनुशासन के नियम होते हैं। और यदि हम समय से विद्यालय जाते हैं, निर्धारित परिधान और परिवेशानुसार नियमों का पालन करते हैं, अपने अध्यापकों और बडों के द्वारा दिये गये कार्य, ज्ञान और सीख को निर्धारित समय में अपनाते और पूरा करते हैं तो आप एक अनुशासित छात्र कहे जाते हैं। और अच्छे अंकों के साथ साथ छात्र का नैतिक और सामाजिक विकास भी अनुशासन से होता है।

विद्यालय और हमारे कार्यस्थल के अलावा जो अनुशासन की सबसे महत्वपूर्ण कडियों में से एक है, वह है हमारा घर। इसीलिये हमें अपने घर पर भी अनुशासित रहना चाहिये और एक व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करना चाहिये। घर में अनुशासित रहने के लिये हमारी प्रतिदिन की आदतों का सही होना बहुत जरूरी है। इसके लिये हमें प्रतिदिन समय से उठना चाहिये, ससमय दैनिक कार्य से निवृत्त होकर स्वस्थ रहने के लिये व्यायाम और योग करना चाहिये। इसके बाद निर्धारित समय पर ही प्रतिदिन भोजन करना चाहिये और अपने स्कूल अथवा कार्यालय को प्रस्थान करना चाहिये।

हमेशा घर में अपने बुजुर्गों, अपने शिक्षकों और बडों के द्वारा दिये गये आदेश का पालन करना चाहिये। सभी के साथ अपना व्यवहार अच्छा रखना चाहिये और अच्छे तरीके से शिष्टाचार पूर्वक बात करते हुये किसी भी प्रकार की अभद्रता और अपमान करने से बचना चाहिये। आप कोई भी कार्य कर रहे हों तो उस कार्य को योजना बनाकर, समय से और साफ सफाई से पूर्ण करना चाहिये। और हर दिन कुछ नया सीखने की आदत डालने का भी प्रयास करना चाहिये। निर्धारित नियमों का हमेशा ध्यानपूर्वक ही पालन करना चाहिये और कभी भी नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिये।

अनुशासित कैसे रहें

यदि हमें अनुशासन को अपने जीवन में उतारना है तो इसके लिये प्रेरणा लेने के लिये प्रकृति से बेहतर और क्या विकल्प होता है। प्रकृति के अटूट और मजबूत अनुशासन से हम परिचित ही हैं। प्रकृति का एक अपना अनुशासन है जो कि निरंतर चलता आ रहा है। जैसे कि सूर्य प्रतिदिन उगता है, सूर्य प्रतिदिन पूर्व दिशा से ही उगता है और पश्चिम दिशा में ही अस्त होता है। यह सूर्य का अनुशासन है। इसी तरह से हमारी ऋतुयें हैं जो कि प्रत्येक वर्ष में निरंतर एक निश्चित समय के लिये आती हैं और उस समय में अपना निर्धारित कार्य जैसे वर्षा, हिमपात आदि करके चली जाती हैं।

नदी हमेशा अपने निर्धारित पथ पर ही बहती है, पर्वत हमेशा अचल ही रहता है, यही क्रम चलता रहता है। यह प्रकृति का अनुशासन है।

इसी प्रकार प्रकृति की प्रत्येक वस्तु जैसे चांद, नदी, पर्वत आदि हमें प्रतिदिन सीख देते हैं, अनुशासन में रहने की। यदि प्रकृति इतने हजारों करोडों वर्षों से अनुशासन में है और प्रकृति के द्वारा कभी भी इसका उल्लंघन नहीं किया जाता तो हम भी प्रकृति से अनुशासन की सीख क्यों न लें। इसी प्रकार हम अपने माता पिता, शिक्षकों, बुजुर्गों की बातें मानकर, उनसे चर्चा करके, शिक्षकों के द्वारा सिखायी गयी बातों को समझकर अपने जीवन में अनुशासन को उतारना चाहिये और निरंतर अनुशासन में रहना चाहिये।

अनुशासन के लाभ

जीवन में अनुशासित रहने से हमें लाभ ही लाभ होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति ही अपने जीवन में नई उंचाईयों को छूते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। फिर चाहे वह हमारी शिक्षा हो, रोजगार हो अथवा हमारा शांतिपूर्ण और तनाव मुक्त जीवन हो, हर क्षेत्र में सफलता के लिये अनुशासन को ही आधार माना जाता है।

आपने देखा होगा कि सेना और सुरक्षा संगठन जैसे पुलिस में तो अनुशासन को ही सबसे उपर रखा जाता है। साथ ही खेल जैसे दौड प्रतियोगिताओं और फुटबाल जैसे खेलों में भी इसे बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है क्योंकि यहां पर एक सेकेण्ड की चूक भी आपकी जीत को हार में बदल सकती है और इसके प्रतिकूल परिणाम आपको प्राप्त हो सकते हैं। इनके अतिरिक्त भी सभी क्षेत्रों में अनुशासन को प्राथमिकता दी जाती है।

यदि विद्यालयों का ही उदाहरण ले लें तो सभी विद्यालयों में अनुशासन पर जोर दिया जाता है और इससे सम्बन्धित नियमों को लागू भी किया जाता है। विद्यालयों अनुशासन को छात्र के जीवन का आधार माना जाता है और प्रतिदिन छात्रों को अनुशासन का पाठ पढाया जाता है। क्योंकि जब कोई विद्यार्थी अनुशासन के दायरे में रहकर गम्भीरता पूर्वक अध्ययन करता है तो वह अपनी परीक्षा में निश्चित रूप से सफल होता है। साथ ही इससे छात्र के नैतिक और सामाजिक विकास में भी सहायता मिलती है।

नौकरी पेशा लोगों के जीवन में भी अनुशासन का बहुत महत्व होता है। वर्तमान दौर में रोजगार भी ऐसे व्यक्ति को मुहैया कराया जाता है जो कि अनुशासित हो। कार्यालयों में भी विभिन्न प्रकार के नियमों से संचालन होता है जिनका पालन करने के लिये हमारा व्यक्तित्व बेहद अनुशासित होना चाहिये, रोजगार के क्षेत्र में की गयी अनुशासनहीनता के गंभीर परिणाम नौकरी पेशा लोगों को भुगतने पड सकते हैं। इस प्रकार अनुशासित रहने से नौकरी पेशा लोगों को भी लाभ प्राप्त होता है। इन तथ्यों के अतिरिक्त हमारी दैनिक दिनचर्या और घरेलू जीवन में अनुशासित रहने से हम एक प्रकार से शांतिपूर्ण और तनावमुक्त जीवन पा सकते हैं।

उपसंहार

अनुशासन के महत्व और इसकी हमारे जीवन में उपयोगिता के विषय में हम चर्चा कर चुके हैं और हम जानते हैं कि वर्तमान की भाग दौड भरी जिंदगी और तनावपूर्ण जीवन में अनुशासन से हमें कितना लाभ हो सकता है। इसी तरह हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हमारे जीवन में सफलता की नई उंचाईयों को प्राप्त करने के लिये अनुशासन ही वह मन्त्र है जिसकी सहायता से उन्नति के दरवाजे खोले जा सकते हैं और विकास की सीढी को पार किया जा सकता है।

अनुशासन केवल नियम मात्र नहीं है बल्कि संयम, सदाचार और नैतिकता की रूपरेखा है, जो कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनानी चाहिए। अनुशासन हमारे बचपन से शुरू होकर हमारे जीवन पर्यन्त चलने वाला नियम है जिसका हमें किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं करना चाहिये और लगातार कुछ नया सीखने का संकल्प करते हुये आगे बढते रहना चाहिये।

अनुशासन के क्या लाभ हैं?

अनुशासन हमारे व्यक्तित्व के विकास में बहुत ही सहायक है। इससे हमारी कार्यक्षमता का विकास होता है और हमारे अन्दर अच्छी आदतों का विकास होता है साथ ही अनुशासन से हमें समय के महत्व का भी ज्ञान होता है। अनुशासन से हमें तनावमुक्त जीवन प्राप्त होता है ।

अनुशासन पर निबंध कैसे लिखें?

अनुशासन पर निबंध लिखने के लिये महत्वपूर्ण तथ्यों जैसे अनुशासन क्या है, अनुशासन से हमें कौन से लाभ प्राप्त होते हैं, अनुशासन क्यों जरूरी है और व्यावहारिक रूप से अनुशासन आपके निजी जीवन में क्या महत्व रखता है, इन पर विचार करें और अपने विचारों को क्रमबद्व तरीके से लिखें।

सबसे अच्छा अनुशासन कौन सा है?

आत्म अनुशासन सबसे श्रेष्ठ अनुशासन है। किसी बाह्य कारक के आरोपित किये बिना जिन नियमों को हम स्वयं के संयमित रूप से पालन करने के लिये बनाते हैं, यही आत्म अनुशासन का मूल अंग है।

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