बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)

भारत सरकार के द्वारा चलायी जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत बेटियों को शिक्षा तथा सामाजिक क्षेत्र में समान अधिकार दिये जाते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध में भारत के गिरते लिंगानुपात को ध्यान मे रखते हुये लिंगानुपात को नियंत्रित करने की दिशा में चल रही योजना की जानकारी दी जाएगी।

इस लेख में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध में योजना के शीर्षक से साथ निबंध को लिखने की जानकारी देंगे। क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण योजना है और बहुत बार प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य ज्ञान में भी इन योजनाओं से प्रश्न आते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)
Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध

लेख का विषयबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
योजना का नामबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
सम्बंधित विभागमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार
मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भारत सरकार
शुभारम्भ22 जनवरी 2015
आधिकारिक वेबसाइटwcd.nic.in
main.mohfw.gov.in
education.gov.in

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – निबंध

प्रस्तावना

हमारे समाज की पितृसत्तात्मक सोच की जडें इतनी गहरी हैं कि आजादी के 75 वर्ष पूरे करने के बाद भी महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रहों और उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक समझने वाली मानसिकता पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। भारत में लैंगिक असमानता की खाई को सरकार और प्रसाशन के अनेक प्रयासों से भी अभी तक नहीं भरा जा सका है।

देश में महिलाओं का शोषण और अत्याचारों के मामले दिन प्रतिदिन बढते ही जा रहे हैं। आज की इक्कीसवीं सदी में हमारे समाज की महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जा रहा है। सरकार के द्वारा इस कुव्यवस्था को रोकने के प्रयासों में हालिया ही एक मजबूत एवं सशक्त प्रयास हुआ है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (भारत सरकार), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) तथा मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय (भारत सरकार) के संयुक्त तत्वाधान से निर्मित इस अभियान को पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान – आज की जरूरत

आजादी के बाद से जब भारत में जनगणना की शुरूआत हुई तो प्रत्येक दशक की जनगणना में भारत की तकरीबन आधी आबादी मानी जाने वाली महिलाओं की संख्या में दशकवार गिरावट दर्ज की गयी। इस विषय को 1991 की राष्ट्रीय जनगणना में पहली बार गंभीरता से लिया गया लेकिन इसके बाद भी यह गिरावट जारी रही और स्थिति चिंताजनक ही बनी रही।

2001 की राष्ट्रीय जनगणना में इस गिरावट के प्रतिशत में और अधिक वृद्वि दर्ज की गयी। जहाँ 1991 की जनगणना में लिंगानुपात 927/1000 था वहीं 2011 की अंतिम राष्ट्रीय जनगणना में यह अनुपात घटकर 917/1000 रह गयादेश में इसी लिंगानुपात की दूरी को कम करने के लिये लिंगानुपात बढ़ाने के साथ-साथ महिला अत्याचारों पर रोक लगाने वाले प्रयास की आवश्यकता थी।

इसलिए सबसे पहले प्रसव पूर्व लिंग की जाँच को अपराध करार दिया गया और कन्या भ्रूण हत्या अधिनियम भी लागू किया गया। इस ओर के नवीनतम प्रयास में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को केन्द्र सरकार ने पानीपत, हरियाणा से की है। भारत के सभी राज्यों में से हरियाणा ही सबसे कम लिंगानुपात वाला राज्य है।

इसमें लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या को कानून के दायरे में लाया गया और दोषी पाये जाने पर दण्ड का प्रावधान भी है। साथ ही ऐसे कार्यों में सहयोग करने वाले चिकित्सकों और अन्य व्यक्तियों के लिये भी अपराध श्रेणी का क़ानूनी जुर्म माना गया है। चिकित्सक और चिकित्सालय के लाईसेंस रद्द करने के साथ-साथ जेल और जुर्माने के भी प्रावधान है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)
Beti Bachao Beti Padhao Niband in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के उद्देश्य

पितृसत्तात्मक समाज की रूढिवादी सोच में परिवर्तन लाना योजना का प्रमुख उद्देश्य है। इस योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया जायेगा और जन जागरूकता से समाज को जागरूक किया जायेगा। साथ ही इस अभियान से एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण भी होगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में बालकों और बालिकाओं के बीच हो रहे भेदभाव को भी रोकने में मदद मिलेगी। क्योंकि इस योजना में बालिकाओं को समान अवसर देने का भी प्रावधान किए है। सामाजिक, आर्थिक अथवा राजनीतिक क्षेत्र में उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक नहीं समझा जायेगा।

इस अभियान के मूल उद्येश्यों में भारतीय समाज में उत्पन्न हुये गंभीर लैंगिक असमानता नियंत्रित कर उसे दूर करना है। और सिर्फ जनसंख्या बढाना ही नहीं बल्कि बालिकाओं को भी बालकों के बराबर समानता उपलब्ध करवाना और तथाकथित आधुनिक समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और उनके शोषण पर रोक लगाना भी है।

महिलाओं के दुर्व्यवहार का एक बडा कारण अशिक्षा भी है। अधिकांश महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए उन्हें शिक्षित करना बेहद जरूरी है। पढ-लिख कर वे पाने हक के लिये आवाज भी बुलंद कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपना योगदान भी दे सकती हैं।

इसीलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम से महिलाओं को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार गाँव की बेटिओं को कक्षा 12 में अच्छे अंक लाने पर गाँव की बेटी योजना से 6 महीने की छात्रवृति दे रही है।

उपसंहार

यदि एक सामूहिक समाज के रूप में हमें आगे बढना है तो समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता को अवश्य दूर करना होगा और इस के लिये कन्या शिशु मृत्यु दर को कम करना होगा। महिलाओं को उनका अधिकार और हक न देने वाली समाज की परम्परागत पर हमें चोट करनी होगी। महिलाओं अन्याय के प्रति स्वयं जागरूक होकर समाज में भी जागरूकता लानी है।

इस सम्बन्ध में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान सरकार के द्वारा उठाया गया एक मजबूत कदम है। योजना की शुरूआत से वर्तमान तक कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में गिरावट आयी है और समाज में लैंगिक असमानता के प्रति भी जागरूकता बढी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में हमारे देश का वर्तमान में लिंगानुपात 1000/ 1020 है।

यदि हम अपने अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुये तो वह दिन दूर नहीं जबकि सरकार को लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को रोकने के लिये योजनाओं और कानून का सहारा लेने पर विवश नहीं होना पडेगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध से जुड़े प्रश्न

बेटी बचाओ दिवस कब मनाते है?

भारत में हर साल बेटी बचाओ या राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस (National Girl Child Day) को 24 जनवरी के दिन मनाते है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य क्या है?

इस अभियान के मूल उद्देश्य में भारतीय समाज में फैले हुये गंभीर लैंगिक असमानता को नियंत्रित कर उसे दूर करना है। महिलाओं की जनसंख्या बढ़ाना, बालिकाओं को भी बालकों जैसी समानता उपलब्ध करवाकर आत्मनिर्भर बनाना और महिला अत्याचार एवं शोषण पर रोक लगाना है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत किसने की?

22 जनवरी 2015 को प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत पानीपत, हरियाणा से की गई।

वर्तमान में भारत का लिंगानुपात कितना है?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ताज़ा सर्वेक्षण के अनुसार भारत ने वर्तमान में प्रति 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं यानी लिंगानुपात 1000/ 1020 है।

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