जल ही जीवन है, जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में जल की अहम भूमिका है, और जल ही मूल तत्व है। हर व्यक्ति को जल की आवश्यकता पड़ती है। इसी जरुरत को पूर्ण करने के लिए केंद्र सरकार जल संरक्षण की नयी योजना लेकर आई है।
अमृत सरोवर रचनात्मक कार्यों का प्रतीक है जोकि आज़ादी के अमृत महोत्सव को समर्पित है। भारत सरकार के द्वारा 15 अगस्त 2022 को पूरे देश में 50,000 अमृत सरोवर तालाब बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। 15 अगस्त 2023 तक 50 हज़ार तालाब बनाने का कार्य पूरा किया जायेगा। इस काम के लिए राज्य की जगहों को चिन्हित कर लिया गया है।
इस लेख में अमृत सरोवर योजना की आवेदन प्रक्रिया, लाभ पाने का तरीका, जरुरी पात्रता एवं प्रमाण-पत्र इत्यादि सभी जानकारी दी जाएगी।
अमृत सरोवर योजना
जल प्राकृतिक संसाधनों में से एक है जोकि मनुष्य, जीव-जंतुओं एवं पक्षियों के लिए एक उपहार है। पृथ्वी का 71% भाग जल से भरा हुआ है किन्तु इस पानी में से पीने योग्य पानी सिर्फ 2 से 3 प्रतिशत ही है। अभी भारत सहित बहुत सारे देश पानी के अभाव से जूझ रहें है। इसी समस्या को देखते हुए मोदी जी के द्वारा अमृत सरोवर योजना को शुरू किया गया है।
योजना में भारत के सभी राज्यों के जिलों में 75 तालाब का निर्माण किया जायेगा। 14 दिसंबर 2022 तक लगभग 43,050 जगह पर तालाबों का निर्माण कर दिया गया है। योजना की सहायता से ऐसे स्थान पर तालाब का बनेंगे जहाँ पर सतही और भूमिगत जमीन होगी। ऐसी जगह पर जल को बढ़ाने में सहायता मिलती है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अमृत सरोवर योजना की शुरूवात की गयी है। योजना के अंतर्गत हर ज़िले में 75 तालाब का निर्माण किया जायेगा जिससे अधिक गर्मी होने पर जल का अभाव ना हो और ज़िले में पानी की समस्या भी दूर हो। सरकार खेती सिचाई कार्यों में मदद के लिए किसान सूर्योदय योजना का भी लाभ दे रही है।
अमृत सरोवर योजना के की-पॉइन्ट
योजना का नाम | अमृत सरोवर योजना |
उद्देश्य | भूमिगत जगह पर जल की पूर्ति करना |
लाभार्थी | देश के सभी ज़िले |
लाभ | जल के अभाव से छुटकारा मिलेगा और किसानो को सिचाईं के जल की पूर्ति होगा। |
तालाब | प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण करना |
अधिकारीक वेबसाइट | amritsarovar.gov.in |
अमृत सरोवर योजना उद्देश्य
योजना का लक्ष्य देश में जल की कमी को पूरा करना, किसानो को कृषि भूमि सिचाई के लिए जल की पूर्ति करवाना और अधिक गर्मी से सूखे अभाव को पूरा करना है। इसके लिए ही सरकार के द्वारा 2023 तक 50,000 तालाब बनाने का निर्णय लिया गया है। योजना में प्रत्येक तालाब का क्षेत्रफल न्यूनतम 1 एकड़ रखा गया है जिसमे 10,000 घन लीटर जल धारण की क्षमता होगी।
भारत में कुछ जगह तालाबों का कार्य प्रगति पर है। भारत सरकार के द्वारा योजना की कार्यन्वयन क्रिया को देखने के लिए एक पोर्टल भी लांच किया गया है इससे आप घर बैठे ही योजना की समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते है।
अमृत सरोवर योजना के लाभ
- अमृत सरोवर योजना का प्रारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया गया है।
- भारत के प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75 -75 तालाब का निर्माण किया जाएगा। इनकी मरम्मत का कार्य प्रगति पर है।
- तालाब का निर्माण करने से उस जगह को और सुन्दर बनाया जायेगा जिससे पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- गर्मी के समय में भूजल स्तर में कमी नहीं आएगी।
- किसानो को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल मिलेगा।
- भीषण गर्मी के पड़ने से सूखा पड़ने की वजह से जल की कमी को पूरा किया जायेगा।
- एक तालाब कम से कम 1 एकड़ में के क्षेत्रफल में बनाया जायेगा जिसमे 10,000 लीटर क्यूबिक पानी भरा जा सकेगा।
- अमृत सरोवर के निर्माण से पक्षियों को भी गर्मी में जल की कमी नहीं होगी।
अमृत सरोवर योजना में शामिल मंत्रालय/ विभाग / कार्यालय
सरोवर योजना शुरू करने के बाद 6 मंत्रालयों / विभागों के साथ कार्य शुरू किया गया है, जोकि निम्न प्रकार से है –
- भूमि संसाधन विभाग
- ग्रामीण विकास विभाग
- पंचायती राज मंत्रालय
- जल संसाधन विभाग
- पेयजल एवं स्वछता विभाग
- वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
अमृत सरोवर योजना की मुख्य विशेषताएँ
- योजना के तहत देश के सभी राज्यों के सभी जिलों में 75 तालाब का निर्माण किया गया है।
- सरोवर योजना के तहत रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय आदि एजेंसी भी तालाब की खुदाई में लगी हुई है और मिलकर कार्य कर रही है।
- ग्रामीण क्षेत्र में सरोवर के विकास से क्षेत्र का विकास होगा।
- सभी सरोवर नीम, बरगद और पीपल के पेड़ से घिरे होंगे।
- सभी अमृत सरोवर में ध्वजा रोहण का व्यवस्था भी कराई जाएगी। जैसे स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया जायेगा। स्वतंत्रता सेनानियो, उनके परिवार या शहीदों के परिवार तथा पद्म पुरस्कार विजेता को एक अथिति के रूप में बुलाया जायेग।
- तालाब-खेत की सिचाई, बत्तख पालन, मत्स्य पालन और जल पर्यटन आदि अनेको उद्देश्य से तालाब में जल भरकर आजीविका सृजन का स्त्रोत बनाया जायेगा। इसके अलावा सरोवर तालाब उस क्षेत्र में सामाजिक सभा स्थल के रूप में भी कार्य करेगा।
- तालाब आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव को समर्पित है।
अमृत सरोवर योजना के तहत जल संरक्षण कैसे होगा
- सरोवर योजना के तहत 15 अगस्त 2023 तक देश के प्रत्येक ज़िले में 75-75 सरोवर का निर्माण किया जायेगा।
- नए बड़े गहरे तालाब बनाये जायेंगे और पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया जायेगा।
- इन तालाबों से ही जोड़कर छोटे छोटे नाले निकले जायेंगे जो बारिश का पानी एकत्रित होने पर खेतो की सिचाई के कार्य में कारगर होगा।
- तालाबों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जायेगा।
अमृत सरोवर योजना के तहत प्रमुख राज्य
- उत्तरप्रदेश राज्य में कुल 15,415 सरोवर में से लगभग 8,343 सरोवर का कार्य पूर्ण हो गया है।
- जम्मूकश्मीर में 3,586 में से 1,383 सरोवर का कार्य सम्पूर्ण हो गया है।
- कर्नाटक राज्य में 4,703 सरोवर में से 589 सरोवर सम्पूर्ण हो गए है।
- हिमाचल प्रदेश में 1,457 में से 615 का कार्य पूरा हो गया है।
- तमिलनाडु राज्य में 3,740 में से 799 सरोवर का कार्य पूर्ण हो गया है।
- राजस्थान राज्य में 5,050 सरोवर में से 833 सरोवर का कार्य सम्पूर्ण हो गया है।
- मध्यप्रदेश राज्य में 5,974 सरोवर में से कुल 1,564 सरोवर का कार्य सम्पूर्ण हो गया है।
- बिहार राज्य में 3,374 सरोवर में से 719 सरोवर का कार्य सम्पूर्ण हो गया है।
- गुजरात राज्य में 2,776 सरोवर में से 742 सरोवर का निर्माण पूर्ण हो गया है।
- महाराष्ट्र राज्य में कुल 3,469 सरोवर में से 629 सरोवर का कार्य सम्पूर्ण हो गया है।
अमृत सरोवर योजना से जुड़े प्रश्न
अमृत सरोवर योजना क्या है ?
योजना के अंतर्गत भारत के सभी राज्यों के जिलों में 75 तालाब का निर्माण किया जायेगा। आज़ादी के 75 वे अमृत महोत्सव का एक रूप है।
अमृत सरोवर योजना कब शुरू हुई ?
केंद सरकार ने अमृत सरोवर योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2022 को की है।
सरोवर योजना में कौन-कौन से मंत्रालय / विभाग शामिल है ?
भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वछता विभाग, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
अमृत सरोवर योजना के तहत जल संरक्षण कैसे होगा ?
योजना के अंतर्गत बड़े गहरे नए तालाब बनाये जायेंगे और पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया जायेगा। इन तालाबों से ही जोड़कर छोटे छोटे नाले निकले जायेंगे जो बारिश का पानी एकत्रित होने पर खेतो की सिचाई के कार्य में कारगर होगा।