श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है | Shree Shivay Namastubhyam Mantra

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है – दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है, भारत देश अपनी संस्कृति और सनातन धर्म के लिए विश्व विख्यात है, और भारत देश में सभी लोग अपने देवी देवताओं की पूजा अर्चना भी करते है। इसके अलावा विदेशों के लोग भी सनातन धर्म की पूजा करते है, और हिन्दुओं के देवी देवताओं की पूजा करते है। इसके साथ ही सनातन धर्म में प्राचीन काल से मंत्रो उच्चारण का भी अधिक महत्व रहा है, किसी भी देवी देवता की पूजा करने से पूर्व मन्त्र उच्चारण किये जाते है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है | Shree Shivay Namastubhyam Mantra
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है | Shree Shivay Namastubhyam Mantra

ऐसे ही एक मन्त्र है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र यह मन्त्र शिवजी भगवान को समर्पित है। यह मंन्त्र महामृत्युंजय मन्त्र से अधिक शक्तिशाली होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएँगे की श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र क्या है, इसका उच्चारण किस प्रकार से किया जाता है, तथा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है। यह सभी जानकारी को जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर देखें।

Shree Shivay Namastubhyam Mantra क्या है ?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र – यह मन्त्र भगवन शिव को समर्पित है, Shree Shivay Namastubhyam Mantra भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली मन्त्रों में से एक है, यह मन्त्र महामृत्युंजय मन्त्र के सामान है। भगवान शिव का यह मन्त्र बहुत ही सरल है, और यह मन्त्र एक सफल मन्त्र है, इसके जाप से व्यक्ति के पाप कम होते है, और इसके जाप से किसी व्यक्ति की संम्पूर्ण इच्छा पूरी होती है, और उस व्यक्ति के जीवन में तरक्की के रास्ते भी खुल जाते है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र कहाँ से लिया गया है ?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र भगवान शिव को समर्पित शिव महापुराण से लिया गया है। इस पुराण को शिवपुराण भी कहा जाता है। शिव महापुराण में भगवान शिव के जीवन का सम्पूर्ण विस्तार से उल्लेख किया गया है। शिव पुराण में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सभी पूजा विधियों का भी उल्लेख किया गया है, भगवान शिव जी को त्रिदेवों में से एक और संहार देवता भी कहा जाता है। शिवपुराण को 6 खंडो और 2400 श्लोको में विभाजित किया गया है। शिवपुराण के 6 खंड निम्नलिखित है।

  1. विधेश्वर संहिता
  2. रूद्र संहिता
  3. कोटि रूद्र संहिता
  4. उमा संहिता
  5. कैलाश संहिता
  6. वायु संहिता

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श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ क्या है ?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ है – ” हे! शिव में आपको नमस्कार करता हूँ, या हे! में आपको नमस्कार करती हूँ। “ भगवान शिव को समर्पित यह मन्त्र बहुत शक्तिशाली है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ

अगर देखा जाये तो भगवान शिव के सभी मन्त्र बहुत शक्तिशाली है, और उनके बहुत सारे मन्त्र भी है। परन्तु भगवान शिव जी का श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र सारे मंत्रो में सबसे ख़ास है। महर्षि और विद्वानों ने भी कहा है, की इस मन्त्र के जाप से भोले बाबा प्रसन हो जाते है।

ज्योतिष शास्त्रों में भी इस मन्त्र को सबसे शक्तिशाली बताया है, इस मन्त्र का जाप करने से 1000 महामृत्युंजय मन्त्र जाप करने का लाभ मिलता है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ निम्नलिखित प्रकार से है।

  • शिवपुराण में बताया गया है, की शिव का यह मन्त्र सबसे अधिक प्रभावशाली और शक्तिशाली है, और महामृत्युंजय मन्त्र के बराबर है।
  • श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने से मन को बहुत अधिक शांति प्राप्त होती है, और मन प्रफुल्लित होता है।
  • मन्त्र में जाप से सारी बाधाएं समाप्त हो जाती है।
  • Shree Shivay Namastubhyam Mantra के जाप से धन, समृद्धि और सुख शांति प्राप्त होती है।
  • मन्त्र का जाप करने से निःसंतान व्यक्तियों को संतान की प्राप्ति होती है।
  • मन्त्र का जाप करने से किसी भी व्यक्ति की दुश्मनी समाप्त हो जाती है, और तरक्की के रास्ते खुल जाते है।
  • Shree Shivay Namastubhyam Mantra के नियमित जाप से घर की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आता है, और आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है।
  • मन्त्र का जाप करने से मन और दिमाग में आने वाले नकारात्मक विचार हमेशा के लिए समाप्त हो जाते है।
  • मानसिक विकारों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
  • Shree Shivay Namastubhyam Mantra यदि कोई व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य करता है, तो उसको इस मन्त्र का जाप निरूपित रूप से करना चाहिए, ऐसा करने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
  • इस मन्त्र के जाप से शारीरिक बीमारी और लम्बे समय से चल रहें रोग से निवारण मिलता है।
  • श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जाप से मानसिक विकारों से मुक्ति मिल जाती है।

Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप कैसे करें

जैसा की भगवान शिव का यह मन्त्र Shree Shivay Namastubhyam Mantra बहुत शक्तिशाली और गुणकारी है। लेकिन इस मन्त्र का सही से जाप न करने की वजह से व्यक्तियों को फल प्राप्त नहीं होता है। Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप करने की सही विधि को यहाँ नीचे दिया गया है।

  • मन्त्र का उच्चारण करने का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल का होता है, इसलिए अगर कोई व्यक्ति Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप करता है, तो उसको प्रातःकाल का समय चुनना चाहिए, क्यूँकि इस समय सब जगह शांति का वातावरण बना रहता है।
  • मन्त्र का जाप करने के लिए आपको सबसे पहले आपको स्नान करना है।
  • मन्त्र के उच्चारण के लिए एक आसन पर बैठ जाये,, और वो आसन साफ़ सुथरा होना चाहिए, और आसन कुशन या ऊन का बना होना चाहिए।
  • मन्त्र के उच्चारण के लिए आपको शांति वाली जगह पर रहना है, आप चाहे तो किसी जंगल में चले जाओ या मंदिर में जाकर आप इस मन्त्र का उच्चारण कर सकते है।
  • मन्त्र के उच्चारण के लिए तन मन की शुद्धि होना बहुत आवश्यक है।
  • जिस समय आप इस मन्त्र का उच्चारण करते है, उस समय आपको शिवजी प्रतिमा अपने पास रखनी है।
  • सबसे एहम बात यह है, की मन्त्र का उच्चारण बिल्कुल सही होना चाहिए, मन्त्र के शब्द गलत नहीं होने चाहिए।
  • मन्त्र का उच्चारण करते समय ध्यान इधर उधर नहीं भटकना चाहिए।
  • मन्त्र का जाप करते समय 108 रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करना है।
  • इस मन्त्र का जाप 108 बार करना है।
  • इस मन्त्र को प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आपको महामृत्युंजय के 1 लाख 8 हजार बार जाप करने बराबर लाभ प्राप्त होता है।

Shree Shivay Namastubhyam Mantra का उच्चारण कब करना चाहिए

Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप आप किसी भी समय कर सकते है, लेकिन ब्रह्ममुहृत और प्रदोषकाल में इस मन्त्र का उच्चारण सबसे शुभ माना जाता है। सोमवार को भगवान शिव को जल चढ़ाते हुए रुद्राक्ष की माला से Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप 108 बार करना अच्छा माना जाता है।

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निष्कर्ष

आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताया की Shree Shivay Namastubhyam Mantra का जाप किस प्रकार से करना चाहिए, और किस समय करना चाहिए, तथा हमारे द्वारा आपको मंत्र के सभी लाभ और मन्त्र को कहा से लिया गया यह सभी जरुरी बातों को बताया गया है।

Shree Shivay Namastubhyam Mantra से सम्बंधित प्रश्न / उत्तर

Shree Shivay Namastubhyam Mantra क्या है ?

यह मन्त्र भगवन शिव को समर्पित है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली मन्त्रों में से एक है। यह मन्त्र महामृत्युंजय मन्त्र के सामान है। भगवान शिव का यह मन्त्र बहुत ही सरल है, और यह मन्त्र एक सफल मन्त्र इसके जाप से व्यक्ति के पाप कम होते है। और इसके जाप से किसी व्यक्ति की संम्पूर्ण इच्छा पूरी होती है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को कहा से लिया गया है ?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र भगवन शिव को समर्पित शिव महापुराण से लिया गया है। इस मन्त्र को शिवपुराण भी कहा जाता है। शिव महापुराण में भगवान शिव के जीवन का सम्पूर्ण विस्तार से उल्लेख किया गया है। शिवपुराण को 6 खंडो और 2400 श्लोको में विभाजित किया गया है। शिवपुराण के 6 खंड निम्नलिखित है।
1. विधेश्वर संहिता
2. रूद्र संहिता
3. कोटि रूद्र संहिता
4. उमा संहिता
5. कैलाश संहिता
6. वायु संहिता

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ क्या है ?

1. मन्त्र के जाप से धन, समृद्धि और सुख शांति प्राप्त होती है।
2. मन्त्र का जाप करने से निःसंतान व्यक्तियों को संतान की प्राप्ति होती है।
3. मन्त्र का जाप करने से किसी भी व्यक्ति की दुश्मनी समाप्त हो जाती है, और तरक्की के रास्ते खुल जाते है।
4. इस मन्त्र के नियमित जाप से घर की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आता है, और आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है।
5. मन्त्र का जाप करने से मन और दिमाग में आने वाले नकारात्मक विचार हमेशा के लिए समाप्त हो जाते है।
6. मानसिक विकारों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ क्या है ?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ है – ” हे! शिव में आपको नमस्कार करता हूँ, या हे! में आपको नमस्कार करती हूँ। “ भगवान शिव को समर्पित यह मन्त्र बहुत शक्तिशाली है।

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