बहुत से विद्यार्थियों अपना परिचय देने में परेशानी अनुभव करते है। वे नहीं जानते, परिचय को कहाँ से शुरू और कैसे अंत करना है। कैसे ये परिचय सुनने वाले को भी अच्छा लगना चाहिए। सभी छात्रों को अपना औपचारिक परिचय देना आना चाहिए।
इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा साथ ही सुनने वाला व्यक्ति भी यह जान पाता है कि वह एक अच्छे छात्र से मिल रहा है। आत्म-परिचय एक सामाजिक कुशलता है जो अन्य लोगों पर विशिष्ट प्रभाव डालने में काफी सहायता देता है।
विद्यार्थी का परिचय
अपना परिचय खड़े होकर दें जिससे आप काफी आत्मविश्वासी दिखाई देंगे और अपनी बात को अधिक स्पष्टता से कह सकेंगे। यदि आप कमरे के मध्य में है तो अपने सिर को दोनों ओर बारी-बारी से घुमा सकते है। जब कभी हमें इंटरव्यू देना होता है तो इसे देने में हमको उत्सुकता होती है। किन्तु जैसे ही इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति यह सवाल करता है कि आप अपने विषय में कुछ बताओं तो लोग दिमाग में खाली महसूस करते है। विद्यार्थी सीईओ सुन्दर पिचाई का जीवनी से अच्छे विद्यार्थी के जीवन को भी जान सकते है।
विद्यार्थी परिचय के चरण
किसी भी विद्यार्थी को अपना परिचय शुरू करने में कुछ चरणों पर ध्यान देना चाहिए। अपने इन चरणों को अपने परिचय में सम्मिलित करना सुनिश्चित करना है –
अभिवादन (नमस्कार)
विद्यार्थी परिचय को अभिवादन से शुरू करते है। अभिवादन में सुप्रभात, शुभ संध्या, नमस्ते इत्यादि अभिवादन सूचक शब्दों को शामिल करते है। एक अच्छा अभिवादन स्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता है। साथ ही इससे आपके परिचय की शुरुआत में आत्मविश्वास को भी दर्शाता है।
उद्देश्य
यदि आप अपना परिचय दे रहे है तो इसके पीछे आपका कुछ ना कुछ उद्देश्य तो जरूर है। अभिवादन के बाद आपने परिचय के उद्देश्य को बताना है। वार्तालाप शुरू होने के लिए ठोस उद्देश्य एवं लक्ष्य जरूर होना चाहिए। अपने परिचय के समय एक सही उद्देश्य आपके परिचय को ज्यादा प्रभावपूर्ण एवं मूल्यवान बनाता है।
नाम
आपके उद्देश्य का विवरण देते समय आपके परिचय में दूसरा जरुरी तत्व आपका नाम होता है। मानव का नाम ही उसकी पहचान होता है। कुछ भी ज्यादा कहने से पहले आपने अपने नाम का विवरण देना है। परिचय के आरम्भ में ही अपने नाम का वर्णन दें।
स्थान
नाम जैसा ही आपका मूल स्थान भी आपके परिचय में काफी जरुरी तत्व है। आपने अपनी पृष्ठभूमि के विषय में संक्षिप्त विचार देने के लिए स्थान की जानकारी जरूर देनी है।
योग्यता
आपके परिचय में बहुत महत्वपूर्ण बात आपकी योग्यता है जिसका विवरण देना काफी जरुरी है। आप विद्यालय अथवा कॉलेज के छात्र हो और अपना इंटरव्यू दे रहे है तो आपने अपनी पिछली सभी योग्यताओं एवं उपलब्धियों के विवरण देने है।
अन्य विवरण
ये सभी विवरण विद्यार्थी के परिचय के अभिन्न एवं जरुरी तत्व है। इसके अतिरिक्त अन्य विवरण भी है जिनको आपने आत्म परिचय में शामिल करना है। आपने प्राप्त हुई उपलब्धियो, शौक, पसंद-नापसन्द, लक्ष्य आदि के विषय में बताना है।
निष्कर्ष
सब प्रकार के विवरण देने के बाद आपने अपने परिचय का निष्कर्ष भी निकलना है। इसमें यह सुनिश्चित हो कि आपका उत्तर एक अविस्मरणीय एवं आकर्षक हो। ऐसे आपके परिचय का प्रत्येक स्त्रोता आपको स्मरण रखे। अपने परिचय को समाप्त करते समय आपने एक पंक्ति अथवा वाक्यांश में ऐसी बात रखनी है जो आपका प्रतिनिधित्व करें।
अंत में अभिवादन करें
अपनी बात के एक बार समाप्त होने के बाद आपने धन्यवाद के साथ दुबारा अभिवादन करना है। आप कह सकते है कि मुझको अपना परिचय देने का अवसर देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
छात्र के परिचय के विभिन्न नमूने
विद्यार्थियों को अपना परिचय देने के लिए एक दुविधा का सामना करना होता है कि किस प्रकार से अपने परिचय को प्रभावी तरीके से दे। इस संदेह को दूर करने के लिए आप नीचे दिए गए उदाहरणों को देख सकते है। आप अपने विवरण में अपने अनुसार बदलाव भी कर सकते है।
नमूना संख्या 1
मेरा नाम शंकर है और मैं हरिद्वार में में कक्षा 10 का विद्यार्थी हूँ। मैं मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के छोटे से गाँव का निवासी हूँ। मेरे पिता का नाम श्री सोहन लाल एवं माता का नाम विद्या देवी है। इस समय मैं हरिद्वार के एक छात्रावास में रहता हूँ। मुझे पुस्तके पढ़ने में बहुत रूचि है। मैं अपनी पढ़ाई के बाद एक IAS अधिकारी बनना चाहता हूँ।
नमूना संख्या 2
नमस्कार मैं महेश हूँ। मैं नेटवर्क इंजीनियर के रूप में 5 वर्षों से कार्यरत हूँ। मेरे बड़े भाई भी इसी पेशे से है और उन्होंने ही मुझे इस कार्य के लिए प्रोत्साहन दिया था। मैंने अपने कॉलेज से 55 प्रतिशत अंकों से स्नातक किया है। मेरे विषय गणित, फिज़िक्स एवं इलेक्ट्रॉनिक्स रहे है। साथ ही मैं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहता हूँ। वैसे मेरा लक्ष्य एक सफल प्रोफेसर बनने का है।
मेरा विश्वास है कि मेरी सबसे बड़ी शक्ति मेरा दृष्टिकोण है। इसी कारण से मुझे चूनौतियाँ स्वीकारना काफी पसंद है। मैं जीवन में आने वाली सफलता एवं असफलता को स्वीकारने की धारणा रखता हूँ। मैं किसी प्रश्न को छोड़ना नहीं चाहता हूँ चूँकि मुझे स्वयं एवं अपने कार्य पर पूर्ण विश्वास है।
नमूना संख्या 3
मैं सुरेश हूँ और दिल्ली में जन्मा एवं पला-बढ़ा भी हूँ। अपना परिचय देने का मौका मिलने से मैं खुद को काफी भाग्यशाली मानता हूँ। मैंने 61 प्रतिशत अंकों में फ्लोरैंस निघटिंगल कॉलेज से बीए (अर्थशास्त्र) किया है। अभी मैं कोच्चि के विश्विद्यालय से एमए (अर्थशास्त्र) पूर्ण करना चाह रहा हूँ। मेरा विश्वास है कि पूरे जोश से अपने करियर में दृढ रहने से ही सफलता मिल सकती है। ऐसे मैं एक संतुलित जीवन पाने की चाह रखता हूँ। साथ ही जीवन में और भी अधिक ऊँचाई पाना चाहता हूँ।
नमूना संख्या 4
सुप्रभात,
मेरा नाम मोनिका है और आपको अपना परिचय देने में अत्यधिक हर्ष महसूस कर रही हूँ। मैं मूल रूप में मध्य प्रदेश से हूँ और इस समय दिल्ली में रहती हूँ। मेरी विद्यालयी शिक्षा दिल्ली के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से हुई है। मुझे कक्षा 10 में 75 प्रतिशत और कक्षा 12 में 90 प्रतिशत अंक मिले है। अब मैं कंप्यूटर विज्ञान स्ट्रीम से बीटेक कर रही हूँ जिसका अंतिम साल चल रहा है।
मेरे मन में एक इंजीनियर के रूप में करियर बनाने का लक्ष्य शुरू से ही था। इस समय मेरा ध्यान इस लक्ष्य को पूर्ण करने पर है। मुझे पढ़ाई के साथ पुस्तके पढ़ने का भी काफी शौक है और खाली समय में पुराने हिंदी गाने सुनना भी पसंद है।
फ्रेशर्स के लिए विद्यार्थी परिचय नियम
किसी भी छात्र के लिए विद्यालय, कॉलेज अथवा कार्यस्थल में अपना परिचय देने के कुछ प्रमुख नियम होते है। इन नियमो का पालन करना अनिवार्य है। अपने परिचय को सही प्रारूप देने के लिए क्या करना है और क्या नहीं, ये जरूर सुनिश्चित करें। इन नियमों से अपने परिचय को प्रभावी बनाना है –
- परिचय देते समय हमेशा आँखे मिलाकर बात करे। इसके स्पष्ट होगा कि आप किसी प्रकार के भय में नहीं है।
- अपने आत्म परिचय में सही विवरणों को ही स्थान दे।
- परिचय बहुत लम्बा न हो इससे श्रोता बोर होने लगते है। उनका ध्यान आपके जरुरी विवरणों से हटकर अन्य विवरणों पर आ जाता है। ये एक मिनट की अवधि से कम एवं छोटा, प्रभावी एवं रोचक होना चाहिए।
- अपनी भाषा में अपशब्दों का प्रयोग ना करें। किसी छात्र को अपना पूर्ण परिचय याद करने की जरुरत नहीं है इसके बजाए जरुरी बिन्दुओं को ही याद रखना है। इसके बाद इन बिंदुओं को अधिक विस्तार देना है।
विद्यार्थी का परिचय से जुड़े प्रश्न
अपना परिचय देने का उचित तरीका क्या है?
विद्यार्थी के आत्म परिचय का अर्थ अपने विषय में साफ, संक्षिप्त एवं सही विवरण को अच्छी भाषा में प्रस्तुत करना है। एक विद्यार्थी को अपने परिचय में बहुत तथ्य जोड़ने पड़ते है।
क्या पूर्ण आत्म-परिचय सीखना जरुरी है?
सम्पूर्ण आत्म-परिचय जानने की जरुरत नहीं है। इसके अतिरिक्त आपको कुछ मुख्य बिंदुओं को जानकर स्मरण रखना है, इसके बाद इन्ही बिंदुओं को विस्तार से वर्णित करना है।
एक अच्छी आत्म चर्चा क्या होती है?
ये एक प्रकार का भीतरी एकालाप है जिससे अन्य श्रोता आपके विषय में मुख्य बाते जान पाते है। साथ ही आपकी जिंदगी के हो रही जरुरी चीजों की भी जानकारी देकर अच्छा महसूस करवाता है।