आज के समय में इंटरनेट से जुड़ा हर व्यक्ति सुन्दर पिचाई से परिचित है। Sundar Pichai भारत और दुनियाभर में पहचाने जाने वाले शख्स है। और इसकी मुख्य वजह यह है कि सूंदर पिचाई मशहूर सर्च इंजन गूगल के CEO है। सुन्दर ने भारत और अमेरिका में अपनी तकनीकी शिक्षा ग्रहण की है। सुन्दर को पेंसिलवानिया युनिवेर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से पुकारा जाता था। उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2004 में गूगल कंपनी में काम शुरू किया था। तब वे वहाँ पर प्रोडक्ट एवं इनोवशन अधिकारी थे। एंड्राइड सिस्टम के डेवलपमेंट एवं साल 2008 में गूगल क्रोम की लॉन्चिंग में उन्होंने अहम काम किया था।
सुन्दर अभी एक सॉफ्टवेर इंजीनियर के रूप में गूगल इंक कंपनी में सीईओ (चीफ एक्सिक्विटिव अधिकारी) है। भारत में जन्म लेने वाले सुन्दर ने करीबन एक दशक से ज्यादा का समय गूगल कंपनी के साथ बिताया है। अपने काम के शुरूआती वर्षो से ही उन्होंने अपने नाम बहुत सी उपलब्धी जोड़ी है और कंपनी को खास योगदान दिया है। भारत के एक छोटे से कमरे से अपने सफर को शुरू करते हुए गूगल के सीईओ बनने एक सफर हर कोई जानने की इच्छा रखेगा। हर घण्टे करोड़ों रुपए कमाने वाले सूंदर पिचाई की जीवनी को इस लेख के अंतर्गत बताया जायेगा।
वास्तविक नाम | पिचाई सुंदराजन |
जन्म-तिथि | 12 जुलाई 1972 |
जन्म स्थान | मदुरै, चेन्नई (तमिलनाडु) |
स्कूली शिक्षा | जवाहर नवोदय विद्यालय, चेन्नई और वना वाणी स्कूल, चेन्नई |
उच्च शिक्षा | बीटेक – आई आई टी खड़गपुर, एमएस – स्टैनफोर्ट युनिवेर्सिटी, एमबीए – पेंसिल्वेनिया युनिवेर्सिटी |
नागरिकता | भारतीय मूल के अमरीकी |
धर्म | हिन्दू |
सुन्दर पिचाई का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन
- सुन्दर पिचाई का जन्म दक्षिण भारत के मदुरै (तमिलनाडु) में हुआ है। वे एक तमिल परिवार से सम्बंधित है। इनके पिता का नाम लक्ष्मी एवं पिता का नाम रघुनाथ पिचाई है। इनकी माँ एक स्टेनोग्राफर थी और पिताजी एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे। इनके पिता का इलेक्ट्रिक पुर्जे बनाने का एक प्लांट भी है। सुन्दर के परिवार का जीवन एक कमरे तक ही सीमित था चूँकि इनके दो कमरों के घर में से एक को किराए पर दे रखा था। पिचाई को बचपन से ही क्रिकेट और फुटबाल में काफी रूचि थी, वे बचपन में सचिन तेंदुलकर और लियोनेल मेस्सी को काफी पसंद करते थे।
- साथ ही वे अपनी पढ़ाई में भी काफी अच्छा करते थे। इनके पहले घर में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नहीं था। जब वे 12 वर्ष के थे तो इनके पिता घर पर एक फ़ोन लेकर आये थे इस प्रकार से यह उनका पहला टेक्निकल गैजेट था। सुन्दर का सबसे मजबूत पक्ष उनकी मानसिक क्षमता थी, वे जो भी नंबर एक बार डायल कर लेते थे उसको कभी भूलते नहीं थे। उन्हें ये नंबर आज भी याद है, वे फ़ोन के अलावा भी सभी नंबर अच्छे से याद कर लेते है।
- सुन्दर अपने स्कूल एक लिए जाते समय ऑटो में भी पढ़ा करते थे। और जब कभी भी उनके पिता कोई इलेक्ट्रिकल उपकरण घर लाते थे तो वे इसको रूचि के साथ पढ़ते और इंस्पेक्ट करते थे। इसके बाद ही उन्होने आगे जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का मन बनाया। जल्दी ही ये JEE प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने लगे जो दुनिया में सबसे कठिन मानी जाती है। किन्तु यह परीक्षा भी सुन्दर ने अपनी लगन के दम पर उत्तीर्ण कर ली।
शिक्षा
- दुनिया की जाने मानी तकनीकी कंपनी में अपनी सेवाएँ देने वाले सुन्दर पिचाई ने कक्षा 10 तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय से ही है। इसके बाद उन्होंने कक्षा 12 की पढ़ाई वाना स्कूल से पूर्ण की।
- इसके बाद इनकी बैचलर डिग्री प्रसिद्ध भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़कपुर में मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग से हुई है। यह यहाँ अपने अच्छे प्रदर्शन से उन्होंने रजत (सिल्वर) पदक भी प्राप्त किया।
- तकनीकी शिक्षा की डिग्री पाने के बाद ये अमेरिका चले गए और वहाँ की प्रशिद्ध स्टैनफोर्ट युनिवेर्सिटी में मास्टर इन साइंस (MS) पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लिया। यहाँ पर उन्होंने भौतिकी एवं इंजीनियरिंग विषयों की पढ़ाई की। इसी युनिवेर्सिटी से ही गूगल के संस्थापक सेर्गेय ब्रिन और लैरी पेज ने अपनी पीएचडी की पढ़ाई की थी।
- इसके बाद इन्होने व्हार्टन स्कूल ऑफ पेंसिल्वेनिया से बिज़नेस प्रबंधन (MBA) की डिग्री में प्रवेश लिया।
सुन्दर पिचाई की शादी और परिवार
सुन्दर पिचाई साल 1989 के दौरान अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री कर रहे थे। इनके संस्थान में अंजलि ने भी प्रवेश लिया जो की केमिकल इंजीनियरिंग की छात्रा थी। वे राजस्थान के कोटा शहर से थी। दोनों ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और इनकी कुछ क्लासेस एक साथ हो जाया करती थी। इस प्रकार से इन दोनों का परिचय हो गया। यहाँ से पढ़ाई करने के बाद सुन्दर अमेरिका में पढ़ने के लिए चले गए। उस समय दोनों के बीच ISD कॉल के रेट अधिक होने के कारण कोई संपर्क नहीं हो पाता था। किन्तु अपनी पहली नौकरी लगने के बाद ही सुन्दर ने अंजलि के पिता से दोनों की शादी को लेकर बात की। इस प्रकार से दोनों की शादी हो गयी। और इनके परिवार में एक बेटा किरण पिचाई एवं बेटी काव्या पिचाई है।
सुन्दर पिचाई का करियर
- सुन्दर की गूगल के साथ साल 2004 में शुरुआत हुई थी, तब वे गूगल की एक छोटी टीम का हिस्सा थे जो कि गूगल के सर्च बार के टूल पर काम करती थी।
- गूगल के बहुत से उपयोगी ऐप पर सुन्दर ने कार्य किया है, इनमे से प्रमुख है जीमेल, गूगल मैप एवं गूगल ड्राइव।
- उनसे पहले गूगल के पास गूगल क्रोम जैसा प्रोडक्ट नहीं था, इसी कमी को पहचानते हुए सुन्दर ने गूगल क्रोम के ऊपर कार्य करते हुए एक सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाल ऐप तैयार किया।
- सुन्दर को एक बार विचार आया कि गूगल तो माइक्रोसॉफ्ट वेब ब्राउज़र का एक डिफाल्ट ऑप्शन ही है। ऐसे में अगर माइक्रोसॉफ्ट कभी अपना सर्च इंजन बना ले तो गूगल को अपने काम से हटा देगा। ऐसे में गूगल को अपना वेब ब्राउज़र जरूर डेवेलप करना चाहिए।
- किन्तु उस समय एरिक सचमिड्ट ने इस प्रोजेक्ट को बहुत महँगा बताकर अनुमति देने से इंकार कर दिया।
- लेकिन सुन्दर ने इसके बाद भी हार नहीं मानी और इस प्रोजेक्ट के लिए गूगल के सह-निर्माताओं लार्री पेज और सेर्गे ब्रिन को मना लिया। इस प्रकार से साल 2006 में गूगल एक प्रोजेक्ट क्रोम शुरू हो गया।
- साल 2006 में वही हुआ जिसका विचार सूंदर के मन में आया था। माइक्रोसॉफ्ट ने गूगल को अपने डिफ़ॉल्ट ब्राउज़र से हटाकर bing सर्च इंजन को अपना ब्राउज़र बना लिया। गूगल के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका था चूँकि इससे पहले उन्हें प्रतिदिन लाखों ग्राहक मिल जाते थे।
- पिचाई ने जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकल लिया और गूगल के ब्राउज़र पर एक पॉप-अप नोटिस बनाया की क्या आप गूगल को अपना डिफ़ॉल्ट ब्राउज़र सेट करना चाहेंगे। इस प्रकार वे गूगल के 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों को वापस लाने में सफल हो गए।
- साल 2008 में गूगल क्रोम के दुनिया के नंबर एक ब्राउज़र बनने के बाद कंपनी ने सुन्दर को प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट का वाईस प्रेजिडेंट बना दिया।
- इसके चार वर्षों बाद ही सुन्दर क्रोम एवं एप्स के शीर्ष उपाध्यक्ष बन गए।
- उनके काम में अन्य सफलता एवं लगन को देखते हुए गूगल ने उनको कंपनी का सीईओ नियुक्त कर लिया।
- वे 13 मार्च 2013 को एंड्राइड प्रोजेक्ट से जुड़े जिसको उनसे पहले एंडी रुबिन देख रहे थे।
- आज के समय में कंप्यूटर सिस्टम के मामले में जितनी हिस्सेदारी माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की है उसी प्रकार से पर्सनल फ़ोन में ऑपरेटिंग सिस्टम एक सबसे बड़ा शेयर गूगल का है। और इस सफलता का अधिकतर श्रेय सुन्दर की सोच को जाता है।
- उनकी क़ाबलियत को देखते हुए गूगल ने साल 2014 में सुन्दर को गूगल के सभी प्रोडक्ट का हेड बना दिया। इन प्रोडक्ट में गूगल के सर्च इंजन, मैप, गूगल प्लस, कॉमर्स एवं गूगल एड शामिल है।
- 10 अगस्त 2015 में सुन्दर गूगल के सीईओ बन गए। इस प्रकार से आज उनकी कमाई 335 करोड़ प्रतिवर्ष है।
- जिस गूगल कंपनी में जॉब पाना ही बहुत बड़ी बात है वहाँ कंपनी के शीर्ष पद पर पहुँचाना तो बहुत मुश्किल काम है जिसे सुन्दर पिचाई ने अपनी इच्छा एवं लगन ने सच कर दिया।
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सुन्दर पिचाई से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- अपने स्कूल के दिनों में वे अपनी क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे और उस समय उनको तकनीकी विषयों में किसी प्रकार की रूचि नहीं थी।
- आईआईटी खड़कपुर में डिग्री करते समय वे कई बार रैगिंग को भी झेल चुके है।
- सुंदर ने अपनी डिग्री की पढ़ाई को छात्रवृति की मदद से पूर्ण किया। और बाद में अमरीकी यूनिवर्सिटी में भी प्रवेश लिया।
- उनके पिता धनवान व्यक्ति नहीं थे। पिचाई को विदेश भेजते समय उनके पास वायुयान के टिकट के पैसे भी नहीं थे। टिकट के लिए उन्होंने दूसरो से उधार पैसे लिए।
- साल 2011 में पिचाई को ट्विटर कंपनी की ओर से जॉब ऑफर हुई थी। वे इस जॉब के लिए तैयार भी हो गए थे, किन्तु गूगल ने उन्हें 305 करोड़ रुपए देकर रोक लिया चूँकि वह भी उनकी क़ाबलियत से अच्छे से परिचित थे।
- ट्वीटर से जॉन का प्रस्ताव मिलने पर उनकी पत्नी ‘अंजलि’ ने गूगल को ना छोड़ने की सलाह दी थी।
- सुन्दर और अंजलि ने एक साथ ही आईआईटी, खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री की है और डिग्री के अंतिम वर्ष में उन्होंने अंजलि को शादी के लिए प्रस्ताव दिया था।
- सुन्दर को टीम वर्क और मैनेजमेंट बहुत पसंद है वे अपनी टीम को साथ लेकर आगे बढ़ते है।
- एक समय पिचाई मेरिसा मेयर के ऑफिस के बाहर घण्टों बैठे रहते थे सिर्फ ये जानने के लिए कि उन्होंने टीम को अचे परफॉरमेंस नंबर दिए है अथवा नहीं।
- अमेरिका की मिडिया में सुन्दर को लैरी पेज का दायाँ हाथ कहा जाता है। चूँकि लैरी हमेशा अपनी मीटिंग में पिचाई को साथ लेकर जाते है।
- सुन्दर को सिर्फ तर्कपूर्ण बातें करना अच्छा लगता है, वे सिर्फ जरुरी बाते बोलने में विश्वास रखने है।
- सुन्दर पिचाई ने घोषणा की है कि गूगल भारत में 100 रेल स्टेशन पर रेलटेल के साथ साझेदारी करके वाईफाई की सेवा देगा।
- सुन्दर उन भारतीय मूल के व्यक्ति में से एक है जो 400 अरब डॉलर का व्यापार करने वाली इंटरनेशनल कंपनी में शीर्ष पद पर है।
- साल 2013 में सुन्दर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीईओ के पद की रेस में थे किन्तु बाद में सत्या नडेला चुने गए।
सुन्दर पिचाई से सम्बंधित कुछ प्रश्न
सुन्दर पिचाई का वास्तविक नाम क्या है?
सुन्दर का पूरा नाम पिचाई सुंदर राजन है। किन्तु दुनियाभर में वे सुन्दर पिचाई के नाम से ही जाने जाते है।
सुन्दर पिचाई ने कौन सी डिग्रीयाँ प्राप्त की है?
उन्होंने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद आईआईटी खड़गपुर से बीटेक (मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग) और इसके बाद अमेरिका की स्टैनफोर्ट युनिवेर्सिटी से मास्टर इन साइंस की डिग्री पाई है। इसके बाद भी उन्होंने एमबीए की डिग्री व्हार्टन स्कूल ऑफ पेंसिल्वेनिया से पूर्ण की है।
सुन्दर पिचाई की एक महीने का वेतन कितना है?
उनके पद एवं योगदान क देखते हुए लीडरशिप डेवलपमेंट एंड कंपनसेशन कमिटी ने उनका मूल वेतन 20 लाख डॉलर कर दिया था।
सुंदर पिचाई का घर कहाँ है?
इस समय सुन्दर पिचाई का घर लॉस अल्टोस हिल में है।