नमामि गंगे योजना क्या है? – दोस्तों जैसा की सभी जानते है, भारत देश छोटी, बड़ी नदियों का एक धनी देश है, भारत में सभी नदियां किसी न किसी सभ्यता और संस्कृति से जुडी हुई है, और सभी नदियों का अपना एक रहस्य भी है। परन्तु आज के युग में नदियों की हालत बहुत ख़राब हो गयी है, नदियाँ बहुत गन्दी होती जा रही है, और उनको गन्दा भी हम लोगों के द्वारा ही किया जाता है, बड़ी बड़ी फैक्ट्री से निकलने वाला सारा कचरा नदियों में ही आकर मिल जाता है,
ऐसी ही एक नदी भारत में बहती है, गंगा इस नदी को माँ गंगा के नाम से भी पुकारा जाता है, सरकार के द्वारा गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को समाप्त करने के लिए नमामि गंगे संरक्षण मिशन को शुरू किया है। गंगा नदी गौमुख से लेकर हरिद्वार का सफर तय करती है, इस बीच गंगा नदी 405 किलोमीटर का सफर तय करती है,
गंगा नदी के पास 15 शहर और 132 गांव से निकलने वाला सारा कूड़ा करकट और इसके अलावा सीवेरज का गन्दा पानी भी गंगा के पानी को दूषित करता है। इन्ही सब को देखते हुए सरकार के द्वारा गंगा की निर्मलता और सफाई के लिए बहुत कोशिशे की जा रही है, और इसी के चलते वर्तमान में 65 प्रोजेक्ट शुरू किये है।
नमामि गंगे योजना क्या है?
केंद्रीय मंत्रिमंडल सरकार ने 2023 में नमामि गंगे योजना के बजट को 2019 – 2020 के बजट से चार गुना और बढ़ा दिया है। 2019 – 2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 हज़ार करोड़ रूपये खर्च करने के प्रस्ताव को सरकार के द्वारा पास कर दिया गया है। इस योजना को 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ किया जायेगा, जिसकी वजह से योजना को केंद्रीय योजना का नाम दिया जायेगा। यह बात तो सभी जानते है, गंगा नदी को साफ़ करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसी वजह से योजना का नेतृत्व केंद्र और राज्य की सरकार दोनों की निगरानी में किया जायेगा, इससे मंत्रिमंडल में केंद्र और राज्य सरकार के मध्य सम्बन्ध भी अच्छे बनेंगे, और यह कार्य मिलकर किया जायेगा।
भारत की गंगा नदी हिन्दू धर्म का एक धार्मिक स्थल है, और आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक में भी गंगा नदी का अधिक योगदान है, इसके अलावा भारत की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 2014 में न्यूयोर्क के मैडिसिन स्क्वायर गार्डन में भारत के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहाँ था, ” अगर हम गंगा नदी की सफाई करने में सक्षम हो गए तो, देश के 40 % लोगों की सहायता हो जाएगी ” इसके अलावा गंगा की की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है।
इसी सोच के तहत भारत सरकार ने गंगा के प्रदूषण को समाप्त करने और गंगा को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे नामक गंगा संरक्षण मिशन की शुरुवात की है। केंद्र की सरकार के द्वारा 2019 में नमामि गंगा योजना के लिए बनाये गए बजट को चार गुना बढ़ा दिया है, और इस योजना को केंद्रीय योजना का नाम दिया है।
Namami Gange Yojana 2023 Key Points
योजना का नाम | Namami Gange Yojana 2023 नमामि गंगे योजना |
योजना का प्रारम्भ | पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और कायाकल्प विभाग |
योजना प्रारम्भ वर्ष | 2014 |
परियोजना की अवधि | 18 वर्ष |
आधिकारिक वेबसाइट | https://nmcg.nic.in/ |
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नमामि गंगे का प्रोजेक्ट तीन भागों में बाँटा गया है
- प्रवेश स्तर की जो गतिविधियाँ तुरंत दिखाई देती है, जैसे नदी के सतह की सफाई, ग्रामीण स्वछता, शौचालय नण घाट की मरम्मत आदि।
- ऐसी गतिविधियां जो 5 वर्ष की समय सीमा के भीतर लागू की जाएगी, जैसे – तकनिकी संस्थानो का कचरा, कचरे की समस्या का निवारण नगरपालिका सीवरेज कैपेसिटी बढ़ानी, वनरोपण इत्यादि,कार्य 5 वर्ष के भीतर किये जायेंगे।
- ऐसे कार्य जो 10 वर्ष के भीतर किये जायेंगे, जैसे – बेहतर जल उपयोग क्षमता, सिचाईं की क्षमता को बढ़ाना, नदी का प्रवाह व्यवस्थित करना आदि, इन कार्यो के लिए समय सीमा 10 वर्ष राखी गयी है।
नमामि गंगे योजना कार्यान्यवन क्रिया
धनराशि का योगदान
गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार के द्वारा भारी मात्रा में निवेश किया गया है, तथा निवेश को चार गुना और अधिक बढ़ा दिया गया है, परन्तु यह राशि पर्याप्त नहीं होगी, गंगा के पुनर्निर्माण के लिए नमामि गंगे योजना को बनाया गया है, गंगा सफाई के लिए जिसमे आप सभी धनराशि योगदान देकर गंगा नदी को और बेहतर बना सकते हो।
जैव – विविधता और वनरोपण
योजना के अंतर्गत नदी की सफाई के अलावा जैव विविधता पर भी ध्यान दिया जायेगा, जैसे – वनीकरण ( वन लगाए जायेंगे ), पानी की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिया जायेगा, और इसके लिए कदम भी उठाये जा रहें है, महत्वपूर्ण प्रजाति जैसे – घड़ियाल, डॉलफिन, गोल्डन महासीर आदि जीवो के संरक्षण के लिए पहले से कार्य किये जा रहें है।
नमामि गंगे योजना के तहत जलवाही स्तर में वृद्धि की जाएगी, वन कटाव और नदी के पारिस्थितिक तंत्र को अच्छा बनाने और उसमे सुधार करने के लिए 30, 000 हेक्टेयर जमीन में वृक्ष लगाए जायेंगे। वनीकरण यानि वन लगाने का कार्य 2016 में शुरू किया गया है, इसके अलावा पानी की गुणवत्ता चेक करने के लिए 113 रियल टाइम जल गुणवत्ता केंद्र स्थापित किये जायेंगे।
नदी फ्रंट विकास का कार्य
263 घाटों, शमशानघाटों, कुंडों तथा तालाब का निर्माण किया जायेगा, इनका निर्माण कार्य आधुनिकीकरण और नयी नयी तकनीकियों के द्वारा किया जायेगा, इसके लिए 64 परियोजना को संचालित किया जा चुका है।
नदी सतह की सफाई
योजना के तहत घाटों और नदी के सतह की सफाई की जाएगी, और ठोस कचरे को निकाला जायेगा, यह कार्य 11 स्थानों पर आरम्भ हो चुका है।
जन जागरूकता
नमामि गंगे योजना के तहत लोगों को जागरूक किया जायेगा, गंगा की सफाई का अधिकार आम जनता का भी है, योजना के अंतर्गत सम्मेलन जैसी गतिविधियों को आयोजित किया गया है, रैलियों, अभियानों, प्रदर्शन, स्वछता अभियान आदि के द्वारा लोगों में जन जागरूकता फैलायी जाएगी, टीवी, रेडियो, प्रसार, चैनल्स, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भी प्रचार किया जायेगा।
औधोगिक प्रदूषण की समस्या से समाधान
गंगा के किनारे बसे उद्योगों के गंदे पानी की वजह से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार के द्वारा निर्देश दिए गए है, और इसके साथ में उद्योग के गंदे पानी को भी कम करने के निर्देश दिए गए है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को योजना के प्रारम्भ होने से पहले तैयार कर दिया गया था, सभी उद्योग को गंदे पानी के लिए रियल टाइम ऑनलाइन निगरानी केंद्र स्थापित करना होगा।
Namami Gange Yojana, गंगा संरक्षण योजना अधिनियम
अधिनियम 1860 के तहत राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पांच प्रकार की परिकल्पनाएं की गयी थी, जो निम्नलिखित है।
- राज्य गंगा समिति का गठन किया गया है।
- राज्य में बहने वाली गंगा और उसकी सहायक नदी को समाप्त करने वाले प्रत्येक निर्दिष्ट जिले में गंगा समिति बनाई जाएगी।
- स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन ( NMCG ) को लागू किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में गंगा परिषद् का निर्माण किया जायेगा।
- जल शक्ति के केंद्रीय मंत्री ( जल संसाधन, नदी विकास और कायाकल्प विभाग ) की अध्यक्षता में गंगा नदी पर अधिकार टास्क फाॅर्स ( ETF )
नमामि गंगे योजना के तहत होने वाले कार्य
Namami Gange प्रोजेक्ट के दौरान 231 योजना जो गंगोत्री नदी से शुरू होकर उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखण्ड और बंगाल आदि जगह पर गंगा के पानी की सफाई का कार्य किया जायेगा। और इसके साथ में तालाबों को नदी से जोड़कर यह देखा जायेगा तालाब पर इसका क्या असर पड़ रहा है। गंगा सफाई अभियान के दौरान निम्नलिखत कार्य किये जायेंगे।
- पुराने घाटों का पुनःनिर्माण किया जायेगा।
- स्नान घाटों, बाथरूम और शमशान घाटों का निर्माण किया जायेगा।
- गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नाले की टेम्पिंग की जायेगी।
- गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे वृक्षारोपण किया जायेगा।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जायेगा।
- गंगा नदी से लगे शहरों में एसटीपी का निर्माण किया जायेगा।
- लोगों में जनजागरूकता फैलायी जाएगी, जिसके लिए सोशल मीडिया, रैली, प्रदर्शन अदि कार्यक्रम किये जायेंगे।
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Namami Gange Yojana के लाभ
- टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली गढ़वाल में घाटों का निर्माण किया जायेगा।
- नमामि गंगे योजना के अंतर्गत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, मुनि की रेती, रुद्रप्रयाग, कीर्तिनगर, जोशीमठ, चमोली, कर्णप्रयाग और नंदप्रयाग में सीवेज स्वच्छता परियोजनाओं की आधार पर शिलायें रख दी गयी है।
- नमामि गंगे योजना के तहत 6 परियोजना हरिद्वार में शुरू की जाएगी, और इसके अलावा जगजीतपुर और सराय में दो एसटीपी का निर्माण किया जायेगा।
- गंगा की सफाई के बाद जिन क्षेत्रों में जल का आभाव है, गंगा का पानी उन सभी क्षेत्रों में भेजा जाएगा,
- गंगा नदी से लगे शहरों को डेवेलप किया जायेगा।
नमामि गंगे योजना के अंतर्गत आने वाले शहरों की सूची
भारत के पाँच राज्य जहाँ प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
- उत्तराखंड
- उत्तरप्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- बिहार
- झारखण्ड
Namami Gange project इन क्षेत्रों में शुरू किया गया है।
- उत्तरकाशी
- रुद्रप्रयाग
- मुनि की रेती
- रुद्रप्रयाग
- कीर्तिनगर
- जोशीमठ
- चमोली
- कर्णप्रयाग
- नंदप्रयाग
- बद्रीनाथ
- गोपेश्वर
- श्रीनगर
- हरिद्वार
- ऋषिकेश
- गौचर
- गोपेश्वर
इन शहरों में 132 एमएलडी क्षमता के एसटीपी, 59 नालों की टेम्पिंग और 70 से ज्यादा स्नानघाट इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर शमशान घाट आदि कार्य प्रगति पर है।
नमामि गंगे योजना का कितना कार्य हो चुका है
गंगा नदी की सफाई के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने कहाँ है, 2020 में गंगा की सफाई का काम 70 से 80% हो चुका है, इसके अलावा मीडिया का यह दावा है की 151 घाटों में से अभी सिर्फ 36, 37 घाट ही बनकर तैयार हुए हुए है,
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के लिए कुल 154 प्रोजेक्ट बनाये गए थे, इसके अलावा 2014 – 2015 एवं 2016 – 17 योजनाओ के लिए सरकार के द्वारा अनुमति दे दी गयी थी, तथा 70 योजनाओ को 30 दिन से लेकर 1,140 दिन में जकरा अनुमति मिली थी , इसके अलावा 83 बची हुई योजनाएं अभी भी शेष है।
नमामि गंगे योजना क्या है? से सम्बंधित प्रश्न / उत्तर
नमामि गंगे योजना क्या है?
नमामि गंगे योजना गंगा संरक्षण मिशन है, जिसे सरकार ने गंगा के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए प्रारम्भ किया है, जिससे नदी को पुनर्जीवित किया जायेगा।
Namami Gange Yojana किस वर्ष में शुरू की गयी थी ?
Namami Gange Yojana 2014 में शुरू की गयी थी।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट को कितने भागों में बाँटा गया है ?
नमामि गंगे का प्रोजेक्ट को तीन भागों में बाँटा गया है।
नमामि गंगे योजना कार्यान्यवन क्रिया क्या है ?
धनराशि का योगदान
जैव – विविधता और वनरोपण
नदी फ्रंट विकास का कार्य
जन जागरूकता
नदी सतह की सफाई
औधोगिक प्रदूषण की समस्या से समाधान