Japan’s Moon Landing :- भारत के बाद अब जापान ने मून मिशन को सफल करने पर जापान चाँद पर पहुंचने वाला 5वा देश बना है। जापान ने चांद पर अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। जापनी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि उसके ‘मून स्नाइपर’ रोबोटिक एक्सप्लोरर ने सफलतापूर्वक चाँद पर लैंड हो चूका है। जापान से पहले कई देश चाँद पर पहुंच चुके है जैसे की – अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद जापान

हालांकि जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने यह चिंता जताई है कि उसका चांद मिशन समय से पहले काम करना बंद कर सकता है क्योंकि जापान के अंतरिक्ष यान का सौर सेल पर्याप्त बिजली पैदा नहीं कर पा रहा है। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि उसे लैंडर से सिग्नल मिल रहा है, जो उम्मीद के मुताबिक संचार कर रहा है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि अभी उनका लैंडर सीमित बैटरी पावर पर काम कर रहा है, लैंडर की केवल कुछ ही घंटों तक चलने की उम्मीद है। JAXA टीम सौर सेल समस्या का कारण और लैंडर के लिए अगले कदम निर्धारित करने के लिए डाटा का विश्लेषण कर रही है। उन्होंने कहा कि सौर सेल की समस्या इसलिए हो सकती है क्योंकि अंतरिक्ष यान पूर्व निर्धारित दिशा में नहीं जा रहा है।
कई मीडिया एवं अन्य रिपोर्ट के अनुसार, जापान के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अभी भी यह उम्मीद है कि चंद्रमा पर सौर कोण बदलने के बाद सोलर सेल चार्जिंग करना शुरू कर सकता है, लेकिन वह इसका निर्धारित समय बताने में असमर्थ हैं क्योंकि उसमे अभी कुछ समय लग सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि एसएलआईएम भीषण ठंडी चंद्र रात में जीवित रह सकता है या नहीं। जापान एजेंसी का यह मानना है कि उनका SLIM मिशन सफल रहा है, क्योंकि इसने पूर्व निर्धारित सभी मानदंडों को पूरा किया है। अंतरिक्ष यान ने ऑप्टिकल नेविगेशन का उपयोग करके चंद्रमा पर सटीक और सॉफ्ट लैंडिंग की। JAXA के डायरेक्टर डॉ. हितोशी कुनिनाका ने मिशन की सफलता को 100 में से 60 अंक दिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी का स्मार्ट लैंडर (SLIM) जापान का अंतरिक्ष यान शुक्रवार सुबह 10:20 बजे (स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:20 बजे) चंद्रमा की सतह पर उतरा। यह मानवरहित अंतरिक्ष यान है यानि के उसमे कोई भी मानव नहीं है वह केवल एक मशीन है। अंतरिक्ष यान के चांद की सतह पर उतरने के फौरन बाद एजेंसी के मिशन नियंत्रण कक्ष ने बताया कि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ और एसएलआईएम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतर गया है। हम चांद पर लैंडर की सही स्थिति की जांच कर रहे हैं।
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