अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध – विश्वभर में महिलाओ को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। मानव जाति बिना महिलाओं के अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकती है। 8 मार्च के दिन विश्वभर में महिला दिवस को बड़ी जागरूकता के साथ मनाया जाता है। तो यह प्रश्न आना स्वाभाविक ही है कि आखिर क्यों महिला दिवस की जरुरत होती है। इसका उत्तर है कि महिलाओं की स्थिति को बेहतर करते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढने, नए युग में महिलाओं की समस्या एवं उनके हल को जानने के लिए महिला दिवस जरुरी हो जाता है। इस लेख में आपको अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (Women’s Day Essay In Hindi) की जानकारी दी जाएगी।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध
Women’s Day Essay In Hindi
प्रस्तावना
विश्वभर में 8 मार्च का दिन महिलाओं को समर्पित है और यह दिन महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंसान हो अथवा पशु इस दुनिया में महिलाओं के बिना सृष्टि कल्पना करना भी असंभव है। वे सिर्फ संतान को जीवन ही नहीं देती है वरन उसकी कर प्रकार से सहायता और पालन-पोषण भी करती है। इस व्यक्ति के जीवन में महिला का क्या स्थान है? इस बात को ऐसे समझ सकते है कि उस व्यक्ति को और उसकी अगली पीढ़ी को जन्म देने का कार्य महिलाओं द्वारा ही होता है।
किन्तु इन सभी बातो के बावजूद भी विश्व के विभिन्न भागों में हजारो वर्षों से निरंतर महिलाओं के शोषण की कुप्रथा जारी है। महिलाओं का समाज एवं घर में मानसिक और शारीरिक शोषण होना एक आम सी बात होती है। चाहे वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति में पूर्व समय से कुछ सुधार जरूर हुआ हो किन्तु आज भी हमारे देश एवं दुनिया में महिलाओं को लेकर कुछ संगीन घटनाएँ सामने आ जाती है।
इन्ही विषयो को ध्यान में रखते हुए दुनिया में महिला दिवस को मनाने की परंपरा की शुरुआत की गयी है। इस प्रकार से महिलाओं को उनकी स्थिति को बेहतर करने के लिए क़ानूनी जानकारी एवं अन्य समाधानों का ज्ञान भी दिया जाता है। महिलाओं का सशक्तिकरण करके ही उनको सामाजिक एवं घेरलू शोषण से बचाया जा सकता है। महिला दिवस के दिन सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की जानकारी देकर अन्य महिलाओं को प्रेरित किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के उद्देश्य
दुनियाभर में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के उद्देश्य से महिला दिवस को मनाया जाता है। साथ ही समाज एवं स्वयं महिलाओं को उनके योगदान को लेकर भी जागरूक करने का प्रयास होता है। इसके अतिरिक्त महिला दिवस को दुनियाभर में महिलाओं के सम्मुख आने वाली विभिन्न नई परेशानियों एवं संभावनाओं को लेकर चिंतन एवं जागरूकता लाने के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाते है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास एवं प्रारम्भ
अभी तक के महिला जागरूकता इतिहास में प्रथम बार 28 फरवरी 1908 के दिन अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 15 हजार महिलाओं के एक महिला संघठन ने एक रैली निकली थी। इस रैली का उद्देश्य समाज के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार में पुरुषों के बराबर अधिकार के साथ ही वोटिंग के अधिकार भी दिलवाने थे। इसी रैली के 1 वर्ष बीतने के बाद से ही यानी 28 फरवरी 1909 के दिन सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने ‘महिला दिवस’ मनाने की घोषणा कर दी। किन्तु अमेरिका में 28 फरवरी 1960 से राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन शुरू हुआ।
महिला दिवस के लिए पहल
“क्लारा जेटिकन” में महिला दिवस को मनाने की पहल की थी। इस समय विश्वभर में बहुत से ऐसे देश थे जहाँ पर महिलाओं को पुरूषो के जैसा काम करने पर भी बराबर रोजगार एवं वोटिंग अधिकार नहीं थे। इसी बात पर ध्यान देने के लिए क्लारा ने साल 1910 में बहुत से देशों के महिलाओं को इकट्ठा करके ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ को मनाने का प्रस्ताव रखा था। यद्यपि उनकी तरफ से इस दिवस के लिए किसी खास दिन का प्रस्ताव नहीं दिया गया था।
दुनियाभर के 17 देश की 100 महिलाए इस सम्मलेन का हिस्सा बनी थी और इसी समय क्लारा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस को मनाने का प्रस्ताव दिया था। उनकी इस पहल के बाद साल 1911 से पहली बार 19 मार्च के दिन में स्विजरलैंड, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क एवं जर्मनी में महिला दिवस को मनाया जाने लगा। किन्तु समय बीतने के बाद अन्य देशो में भी महिला दिवस को मनाने की माँगे जोर पकड़ने लगी। इन बातो को ध्यान में रखते हुए साल 1975 में ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ’ ने 8 मार्च के दिन को दुनियाभर में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा कर दी। इसी साल संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस को एक खास थीम के अंतर्गत मनाने की बात भी रखी और पहले महिला दिवस की थीम ‘सेलीब्रेटिंग द पास्ट एन्ड प्लानिंग फॉर द फ्यूचर’ रखी गयी।
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महिला दिवस के लिए 8 मार्च की तिथि की वजह
ध्यान रखे कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाए जाने की पहले पूर्व समय ने हो चुकी थी किन्तु इसके लिए किसी खास तारीख को तय नहीं किया गया था। 1917 में रुसी क्रांति के समय रूस की महिलाओं की ओर से ‘ब्रेड एंड पीस’ नाम का भूख हड़ताल आन्दोलन शुरू हुआ था। इसी की सहायता से देश के तानाशाही शासक ‘जार निकोलस’ के शासन को भी समाप्त किया था। 23 फरवरी 1917 के दिन की तारीख को जूलियन कैलेण्डर के अनुसार रुसी महिलाओं के ‘ब्रेड एंड पीस’ आंदोनल की तारीख मानी जाती है।
हालाँकि ग्रेडियन कैलेण्डर के अनुसार रुसी महिलाओं के इस आंदोलन की तारीख 8 मार्च 1917 होती है। इसी आंदोलन को भविष्य में संगृहीत रखने के उद्देश्य से राष्ट्र संघ ने भी 8 मार्च के दिन को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने का निश्चित किया।
महिला दिवस का महत्व
महिला दिवस को अपने शुरूआती समय में महिला वोटिंग का अधिकार मिला था। किन्तु वर्तमान समय में भी समस्याओ और उद्देश्य निम्न प्रकार से होंगे –
- महिला दिवस को हर वर्ष मनाने की मुख्य वजह महिलाओं एवं पुरुषों के बीच बराबरी रखनी है। चूँकि इस समय भी विश्व में कुछ ऐसे समाज भी है जहाँ पर स्त्रियों को बराबरी का अधिकार नहीं मिला है। महिलाएँ अपने नौकरी में व्यवहार एवं पदोन्नति को लेकर काफी परेशानियाँ झेल रही है। यदि स्वरोजगार में भी महिलाओं की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है।
- बहुत से देशों में महिला स्वास्थ एवं शिक्षा के हालात भी दयनीय अवस्था में है और यही पर महिलाओं पर क्रूरता एवं भेदभाव के मामले काफी ज्यादा देखने को मिलते है। महिला दिवस समाज एवं महिलाओं को इन बातो के समाधान के लिए जागरूक करता है।
- सभी देशों की राजनीति में पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की भागीदारी अभी भी काफी कम ही है और आर्थिक दृष्टि से भी महिलाओं की स्थिति कमजोर ही है। महिला दिवस आज के समय में इन समस्याओं को लेकर महिलाओं में जागरूकता लाने का प्रयास करता है।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023
Essay On Women’s Day In Hindi – साल 1911 में महिला दिवस के विभिन्न देशो में मनाये जाने की शुरुआत से अभी तक कुल 111 बार महिला दिवस मनाया जा चुका है। इस वर्ष यानी 2023 में 112वां महिला दिवस मनाया जा रहा है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में मनाया जायेगा। 8 मार्च के दिन महिला दिवस को विश्वभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों से मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में थीम
1996 से ही निरंतर महिला दिवस को किस नयी खास थीम के माध्यम से मनाया जा रहा है। इसकी सबसे पहली थीम बीते समय का जश्न एवं आने वाले समय की योजना रही थी। इसके बाद से ही हर वर्ष किसी नयी थीम एवं इसके उद्देश्य से महिला दिवस मनाया जा रहा है। पिछले 10 वर्षो से महिला दिवस की थीम निम्न प्रकार से है –
- 2009 – इस साल की थीम महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचारों के खिलाफ महिला एवं पुरुष के साथ आकर कोशिश करके परेशानी पर विचार किया था।
- 2010 – इस बार की थीम को महिला के बराबरी के अधिकार एवं मौको के द्वारा उन्नति को ध्यान में रखा गया था।
- 2011 – महिला शिक्षा, ट्रेनिंग और विज्ञान-तकनीकी इत्यादि सेक्टर्स में बराबरी के अधिकार को देकर उन्नति करने के मौके देने की बात कही गयी थी।
- 2012 – ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को बराबरी के मौके प्रदान करके उन्नति करके मजबूत बनाने की बात की गयी और साथ में आर्थिक पिछड़ापन एवं भुखमरी जैसी परेशानियों पर ध्यान देने की बात रखी गयी।
- 2013 – महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को खत्म करने की कार्यवाही की समयसीमा को सुनिश्चित करने की माँग रखी गयी।
- 2014 – महिलाओं की बराबरी एवं उन्नति को ही मुख थीम रखा गया।
- 2015 – इस बार की थीम में महिलाओं की उन्नति को पूरी मानवता की उन्नति से सम्बंधित करने की रखी गई।
- 2016 – महिला एवं पुरुष के अनुपात को भविष्य के 12 वर्षों में समान अनुपात में लाने की चर्चा हुई।
- 2017 – इस साल बदल रहे विश्व में स्त्रियों की स्थिति को आने वाले वर्षों में लिंग अनुपात में समानता पर लाने पर ध्यान दिया गया।
- 2018 – महिलाओं को स्वयं के विकास को लेकर जागरूकता बढ़ाने की थीम रखी गयी।
- 2019 – समान सोच, बेहतर बनाना एवं बदलाव के लिए कुछ नया करना।
- 2020 – प्रत्येक के लिए समान
- 2021 – महिला नेतृत्व के माध्यम से कोरोना महामारी के जगत में एक बराबर भविष्य को पाना।
- 2022 – टिकाऊ भविष्य के लिए लिंग अनुपात लाना।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के तरीके
विश्वभर के देशों में महिला दिवस को अपने तरीको से मनाया जाता है। अफगानिस्तान, चीन, कम्बोडिया, नेपाल एवं जार्जिया इत्यादि देशो में महिला दिवस पर छुट्टी रखी जाती है। वही कुछ देश आधे दिन की छुट्टी भी देते है। कही पर बच्चो का अपनी माँ को गिफ्ट देने की प्रथा भी है चूँकि यह दिन विशेष रूप से महिलाओं को समर्पित है। बहुत से देशों में तो पुरुष अपनी पत्नी, दोस्त, माँ एवं बहन को कोई गिफ्ट या फूल भी भेंट करते है। हमारे देश में बहुत से शैक्षिक संस्थान महिलाओं को सम्मानित एवं उत्साहवर्धन करने के कार्यक्रम आयोजन करते है। इस प्रकार से देखे तो दुनियाभर में देश महिला दिवस को अपने अंदाज में मनाते है किन्तु उनका उद्देश्य महिलाओं को अपनी समस्याओं पर विजय पाकर उन्नति करने से ही है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण
हमारे देश में लड़की के जन्म होने पर कहा जाता है कि लक्ष्मी का जन्म हुआ है। ये तुलना ही महिलाओं के स्थान को बताने में समर्थ है। इसके बाद शादी होने के बाद वधु को गृहलक्ष्मी की संज्ञा देते है। शास्त्र भी कहते है – जहाँ महिलाओ को सम्मान मिलता है वहाँ देवी-देवता वास करते है।
इन सब बातो के बावजूद भी महिलाओं को निर्बल एवं रसोई सम्हालने वाली समझा जाता है। महिलाओं को सिर्फ गृह कार्यो के लायक समझकर शिक्षा से भी दूर रखा जाता है। किन्तु आज की महिलाएँ पुराने समय से चली आ रही विभिन्न मान्यताओं को गलत सिद्ध कर रही है। इसका सबसे अधिक श्रेय बीसवीं सदी में शुरू हुए महिला जागरूकता आंदोलन एवं महिला दिवस आयोजन को दिया जाता है।
महिला दिवस हर साल 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होता है जो महिलाओं को उनकी वर्तमान समस्याओ एवं भविष्य के लक्ष्यों को लेकर जागरूक करने का कार्य करता है। भारत सहित समूचे विश्वभर के देशों की महिलाएँ अपनी स्थितियों में संघर्ष कर रही है। इसी बड़ी वजह तो यही है कि अभी भी महिलाओं को समाज में पुरुषों के समान स्थान नहीं मिला है। लेकिन मात्र एक दिन में ही दिवस मना लेने भर से महिलाओं का उत्थान नहीं हो सकता है। महिलाओं को अपनी उन्नति के प्रयासों को निरंतर करते रहना होगा।
हमारे देश में भी सरकार बेटी को बचाने एवं शिक्षित करने के लिए नैतिक-आर्थिक मदद देने के भरपूर प्रयास कर रही है। हमें ऐसे प्रयास की जरुरत है जिससे समय बीतने के साथ महिलाओं को पुरुषों जैसी स्थिति में लाया जा सके।
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महिला दिवस प्रसिद्ध उद्धरण (Quotes)
- घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं,
लड़कियां धान के पौधों की तरह होती हैं। - अभी रौशन हुआ जाता है रास्ता,
वो देखो एक औरत आ रही है। - मन में ममता और करुणा का भाव लिए बड़ी ही खूबसूरती के साथ अपनी सभी जिम्मेदारियां निभाती है। परिवार की धूरी महिला चेहरे की रौनक सूरत सी बढ़ाती जाए भीतर की ऊर्जा सदा दमकाती जाए।
- कुछ लोग कहते हैं कि औरत का कोई घर नहीं होता है, लेकिन सच तो ये है कि औरत के बिना कोई घर नहीं होता है।
महिला दिवस के नारे (Slogan)
- जब नारी में शक्ति सारी,
फिर क्यों नारी हो बेचारी। - राजाओं की भी जो माता,
क्यों हीन उसे समझा जाता। - सौंप दे जो पूरा जीवन,
फिर क्यों आहत हो उसका मन। - अपने सब फर्ज़ निभाती है,
तभी तो नारी कहलाती है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महान लोगो के विचार
- औरत ही समाज की वास्तविक शिल्पकार हैं- चेर
- किसी भी सभ्यता का आंकलन औरतो के व्यवहार से किया जा सकता हैं. – राल्फ वाल्डो एमर्सन
- किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं. – डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- आदमी अपनी नियति को सम्भाल नहीं सकते हैं उनके लिए यह कार्य उनके जीवन से जुड़ी औरत करती हैं. – ग्रुशो मार्क्स
- अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता हैं तब एक आदमी ही शिक्षित होता हैं लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता हैं तब एक पीढ़ी शिक्षित होती हैं. – ब्रिघैम यंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध से जुड़े प्रश्न
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध in hindi कैसे लिखें?
आपने महिलाओं से जुडी मुख्य जानकारी जैसे – वे घर सम्हालती है, शक्ति की प्रतीक है, उनके बिना जीवन में गति नहीं है, वे घर को बगीचे सा महकाती है इत्यादि देकर विस्तृत वर्णन करना है।
महिला दिवस किस दिन मनाया जाता है?
महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है।
प्रथम महिला दिवस कब एवं कहाँ से शुरू हुआ था?
महिला दिवस 1911 में न्यूयॉर्क से शुरू हुआ था।
महिला दिवस का विचार किसने दिया?
महिला दिवस का विचार क्लारा जेटिकन ने दिया।