भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश -क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत दुनिया का सांतवा सबसे बड़ा देश है। भारत के राज्य अपने क्षेत्रफल, आबादी एवं संस्कृति के आधार पर भिन्नता रखते है। विदेशों में भारत को उसकी संस्कृति के लिए काफी पहचान मिल चुकी है। इस समय देश में कुल 28 राज्य एवं 8 केंद्र शासित प्रदेश है। एक प्रभुसत्ता सम्पन्न, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य भारत बहुत से राज्यों का एक संघ है। भारतीय संघ राज्य क्षेत्रों को राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्ति पाए प्रशासक द्वारा प्रशासित किया जाता है।

भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश
Indian states and union territories and their capitals भारत विश्व में दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है जोकि दक्षिणी एशिया में मौजूद है और इसकी राजधानी नई दिल्ली है। देश के संविधान के अनुसार भारत विभिन्न प्रदेशो एवं केंद्र शासित प्रदेशों का एक संघ है, जिसको आधिकारिक रूप से ‘भारत गणराज्य’ कहा जायेगा। भारतीय संघ में सरकार को संसदीय प्रणाली से नियुक्त करके चलाया जाता है। देश में किसी भी केंद्र शासित प्रदेश को मान्यता देने का अधिकार केवल भारतीय संसद के पास है। संविधान के आर्टिकल 3 के अंतर्गत भारतीय संसद को अधिकार है कि वो देश में कुछ नया क्षेत्र पृथक करके एक नया राज्य निर्मित कर सकता है।
कुछ समय पहले तक भारतीय संघ में 29 राज्य एवं 7 केंद्र शासित प्रदेश होते थे। 5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हट जाने के कारण दो नए केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आ गए। इस प्रकार से अब देश में राज्यों की संख्या कम होकर 28 हो गए और केंद जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के बनने से केन्द्र शासित राज्यों की संख्या 9 हो गयी। इसके बाद 26 जनवरी 2020 के दिन केंद्र सरकार ने ‘दमन एवं दिव’ और ‘दादर एवं नागर हवेली’ को मिलाकर 1 केंद्र शासित राज्य निर्मित कर दिया। इस तरह से भारतीय संघ के केंद्र शासित राज्यों की संख्या 8 हो चुकी है।
राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश में अन्तर
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश
- इन दोनों प्रकार के प्रदेशो में सबसे पहला अंतर तो यह है कि राज्य में एक अपनी सरकार होती है जिसको वहां की जनता लोकतान्त्रिक मतदान के द्वारा चुनती है।
- तो दूसरी ओर किसी केंद्र शासित राज्य में अपनी सरकार नहीं होती है और राज्य को केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित किया जाता है। प्रत्येक राज्य में एक ‘राज्यपाल’ के रूप में एक संवैधानिक प्रमुख नियुक्त होता है। इसी प्रकार से केंद्र शासित राज्य में कार्यकारी प्रमुख देश का राष्ट्रपति होता है।
- देश के सभी राज्यों में विधानसभा बनायीं जाती है किन्तु केंद्र शासित राज्य के लिए ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। देश में किसी भी केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली एवं पुदुचेरी के अतिरिक्त) में विधानसभा नहीं है।
- केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा हो सकती है और नहीं भी। दिल्ली एवं पुदुचेरी राज्यों में विधानसभा है और वहां पर मुख्यमंत्री भी नियुक्त होते है। यहाँ मुख्यमंत्री एवं प्रशासक प्रदेश को सही प्रकार से चलाते है।
- राज्य में शासन का संचालन मुख्यमंत्री के द्वारा होता है किन्तु केंद्र शासित प्रदेश में मंत्रिमंडल द्वारा नियुक्त राष्ट्रपति ही ये सभी कार्य करते है।
- राज्य में विधानसभा राज्य विषय सूची के अनुसार कानून निर्मित कर सकती है किन्तु केंद्र शासित राज्य में ये काम प्रशासन की अनुमति के बिना कर सकते है। कुछ मामलों में विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेश भी अपने इच्छा से कानून का निर्माण कर सकते है।
- राज्य के मुख्यमंत्री को लोकतान्त्रिक प्रणाली से वहां के नागरिक चुनते है किन्तु केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार चुनने का काम करती है।
केंद्र शासित राज्य बनाने के कारण
वैसे तो केंद्र शासित राज्य बनाने के बहुत से कारण होते है जिनसे से कुछ प्रमुख निम्न है –
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश
- क्षेत्रफल एवं आबादी का कम होना – देश में दिल्ली को छोड़कर बाकी सभी केंद्र शासित प्रदेशो का आकर एवं आबादी काफी कम है।
- भिन्न संस्कृति – देश के विभिन्न प्रदेशों में विदेशी शक्तियों का राज रहा है इस वजह से यहाँ पर उनकी संस्कृति का प्रभाव रहता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव (पुर्तगाली) और पुदुचेरी (फ्रेंच) है।
- प्रशासनिक विशिष्ठ्ता – देश की आजादी के बाद से चंडीगढ़ जिला पंजाब राज्य का भाग होता था किन्तु 1 नवम्बर 1966 से नए राज्य हरियाणा के बनने के बाद से चंडीगढ को पंजाब खास प्रशासनिक महत्व होने की वजह से नहीं छोड़ रहा था। इसके बाद चंडीगढ़ को पंजाब एवं हरियाणा राज्यों की संयुक्त राजधानी बना दिया गया।
- सामरिक महत्व वाला क्षेत्र – देश के लक्षद्वीप एवं अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सुदूर पश्चिम एवं पूर्व में मौजूद है। इस वजह से वे देश की मुख्य जमीन से बहुत दूर है। इन क्षेत्रों को केंद्र सरकार द्वारा सीधा नियंत्रित करना सरल है। साथ ही ये क्षेत्र देश की रणनीति में भी बहुत जरुरी है। यदि कोई आपात स्थिति होती है तो केंद्र सरकार सीधे यहाँ पर कार्यवाही कर सकती है।
- दूसरे प्रदेशो से ज्यादा दुरी – देश में दिल्ली, चंडीगढ़ एवं पांडुचेरी को छोड़कर बाकी के सभी केंद शासित प्रदेश दूसरे राज्यों से काफी दूर मौजूद है। इन राज्यों को दूसरे प्रदेशो से ज्यादा घनिष्ठता से आर्थिक एवं सामाजिक रिश्ते कायम करना संभव नहीं है।

देश में राज्यों की स्थापना
ब्रिटिश सरकार के समय में भारत में 2 वर्ग की राजनैतिक इकाई हुआ करती थी –
- ब्रिटिश प्रान्त – ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत आपने वाले राज्य।
- राज रियासत – राजा द्वारा प्रशासित होने वाले राज्य किन्तु ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत।
1947 के भारत के स्वतंत्र होने के समय यहाँ पर कुल 552 विभिन्न रियासते मौजूद थी। इन सभी रियासतों में से 549 को भारतीय संघ में मिला लिया गया और 3 रियासतों (हैदराबाद, जूनागढ़ एवं जम्मू-कश्मीर) को बाद में मिलाया गया।

राज्यों का वर्गीकरण
1950 में संविधान के लागू हो जाने पर भारत में राज्यों को चार भागो में वर्गीकृत किया गया। इस समय भारत में राज्यों की संख्या 29 थी –
भारत के 28 राज्य और उनकी राजधानी | Rajya Aur Unki Rajdhani
क्रमाँक | राज्य | राजधानी | स्थापना |
1 | आंध्र प्रदेश | अमरावती | 1 नवंबर 1956 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | ईटानगर | 20 फरवरी 1987 |
3 | असम | दिसपुर | 26 जनवरी 1950 |
4 | बिहार | पटना | 26 जनवरी 1950 |
5 | छत्तीसगढ़ | रायपुर | 1 नवम्बर 2000 |
6 | गोवा | पणजी | 30 मई 1987 |
7 | गुजरात | गांधीनगर | 1 मई 1960 |
8 | हरियाणा | चंडीगढ़ | 1 नवम्बर 1966 |
9 | हिमांचल प्रदेश | शिमला | 25 जनवरी 1971 |
10 | झारखण्ड | रांची | 15 नवम्बर 2000 |
11 | कर्नाटक | बेंगलूरू | 1 नवम्बर 1956 |
12 | केरल | थिरुवानान्थ्पुरम | 1 नवम्बर 1956 |
13 | मध्य प्रदेश | भोपाल | 1 नवम्बर 1956 |
14 | महाराष्ट्र | मुंबई | 1 मई 1960 |
15 | मणिपुर | इम्फाल | 21 जनवरी 1972 |
16 | मेघालय | शिल्लोंग | 21 जनवरी 1972 |
17 | मिजोरम | ऐज़ाव्ल | 20 फ़रवरी 1987 |
18 | नागालैंड | कोहिमा | 1 दिसम्बर 1963 |
19 | ओडिशा | भुबनेश्वर | 26 जनवरी 1950 |
20 | पंजाब | चंडीगढ़ | 1 नवम्बर 1956 |
21 | राजस्थान | जयपुर | 1 नवम्बर 1956 |
22 | सिक्किम | गंगटोक | 16 मई 1975 |
23 | तमिलनाडु | चेन्नई | 26 जनवरी 1950 |
24 | तेलंगाना | हैदराबाद | 2 जून 2014 |
25 | त्रिपुरा | अगरतला | 21 जनवरी 1972 |
26 | उत्तर प्रदेश | लखनऊ | 26 जनवरी 1950 |
27 | उत्तरखंड | देहरादून | 9 नवम्बर 2000 |
28 | पश्चिम बंगाल | कोलकाता | 1 नवम्बर 1956 |
भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों की सूची
क्रमाँक | केन्द्रशासित प्रदेश | राजधानी | स्थापना |
1 | अंदमान और निकोबार द्वीप | पोर्ट ब्लेयर | 1 नवम्बर 1956 |
2 | चंडीगढ़ | चंडीगढ़ | 1 नवम्बर 1966 |
3 | दादर और नगर हवेली और दमन और दियु | दमन | 26 जनवरी 2020 |
4 | दिल्ली | नई दिल्ली | 9 मई 1905 |
5 | जम्मू और कश्मीर | श्रीनगर और जम्मू | 31 अक्टूबर 2019 |
6 | लक्षद्वीप | कवरत्ती | 1 नवम्बर 1956 |
7 | पुद्दुचेरी | पांडिचेरी | 1 नवम्बर 1954 |
8 | लद्दाख | लेह | 31 अक्टूबर 2019 |
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भारत में राज्यों का इतिहास
1956 से पहले (भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश)
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश भारत के इतिहास को देखे तो यहाँ पर अलग-अलग जाति के समूह राज करते रहे है और इसे विभिन्न प्रशासनिक सम्बंधित भागो में बाँटा था। आधुनिक भारत में प्रशासनिक प्रभाग में नयी घटनाएं हुई जिनमे अंग्रेजी शासन में प्रमुख रही। ब्रिटिश भारत में वर्तमान के भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बर्मा एवं अफगानिस्तान के प्रांतो को संरक्षण मिल रहा था। इन प्रांतो पर ब्रिटिश सरकार अथवा इनके राजाओं का शासन रहा है। 1947 में ब्रिटिश सरकार से भारत के स्वतंत्र होने के बाद इन सभी प्रांतो को भारत में संरक्षित किया गया। पंजाब एवं बंगाल के भागो को भारत और पाकिस्तान के बीच संरक्षित किया गया।
नया देश बनने पर सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इन राजसी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाना। आजादी के बाद देश में अस्थिरता का माहौल रहा। बहुत से राज्यों को अंग्रेजी सरकार की औपनिवेशिकरण नीति के तहत बनाया गया था। किन्तु इन प्रांतो पर देश के नागरिक अथवा राजसी रियासतों की कोई इच्छा नहीं लग रही थी। 1956 में जातीय तनाव ने भारतीय संसद की ओर रुख किया और देश में ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम’ के माध्यम से जातीय एवं भाषा के अनुसार दुबारा निर्माण का अधिनियम आया।
1956 के बाद (Indian states and union territories and their capitals)
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश भारत में इसके पहले फ़्रांसिसी एवं पुर्तगाली उपनिवेशों को संघ का हिस्सा बनाया गया था। उसी प्रकार से साल 1962 में पांडिचेरी, दादर, नगर हवेली, गोवा, दमन एवं दियू को संघ राज्य की मान्यता दी गयी। साल 1956 के बाद से देश में बहुत से नए राज्य एवं संघ राज्य स्थापित हुए। 1 मई 1960 में बम्बई पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार बम्बई राज्य को गुजरात एवं महाराष्ट्र के नाम से पृथक किया गया। इसी प्रकार से साल 1966 में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम से भाषाई एवं धार्मिक आधार पर पंजाब को हरियाणा (हिन्दू बहुल) और हिमाचल प्रदेश (पंजाब के हिन्दू बहुत उत्तरी जिले) के रूप में स्थापित कर दिया गया। यहाँ के एक जिले चंडीगढ़ को भी पंजाब एवं हरियाणा की राजधानी बनाया गया।
1962 में ही नागालैंड, मेघालय, 1971 में हिमाचल प्रदेश, 1972 में त्रिपुरा एवं मणिपुर राज्यों की स्थापना हुई। 1975 में सिक्किम राज्य भी भारतीय संघ में शामिल हो गया। 1987 में मिजोरम और 1987 में गोवा एवं अरुणाचल प्रदेश राज्यों का गठन हुआ। गोवा के उत्तरी भाग को दमन एवं दियु के रूप में भिन्न राज्य बनाया गया। साल 2000 में भी तीन नए राज्य अस्तित्व में आये जोकि मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग से छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र से उत्तराखण्ड एवं बिहार के दक्षिणी भाग से झारखण्ड है। देश के दो केंद्र शासित राज्य दिल्ली एवं पाण्डिचेरी (अब पुदुचेरी) ओके भी विधानसभा सदस्य का अधिकार मिला और ये अब छोटे राज्य की तरह जाने जाते है।
भारतीय राज्यों से जुड़े विशेष तथ्य
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश
- साल 1991 दिल्ली का अपना हाई कोर्ट, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद होने की वजह से इसे अर्ध-राज्य की मान्यता मिली थी।
- 1961 तक दमन एवं दीव पर पुर्तगाली कब्जा था किन्तु इंडियन आर्मी ने हमला करते हुए इसको जीत लिया था। इसके बाद गोवा के साथ यह केंद्र शासित राज्य बन गया। साल 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य के रूप में मान्यता मिल गयी।
- 1779 तक दादर एवं नगर हवेली पर मराठाओ और 1954 तक पुर्तगालियों का अधिपत्य था किन्तु 11 अगस्त 1961 में यह क्षेत्र भी भारतीय संघ में सम्मिलित हो गया।
- उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून प्राचीनतम शहर में से एक है चूँकि इसका वर्णन महाभारत एवं रामायण में भी मिलता है।
- सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक का अर्थ ‘पहाड़ की चोटी’ होता है और यह एक तिब्बती भाषा का शब्द है। यहाँ पर बौद्ध धर्म से जुड़े बहुत से मठ एवं आध्यात्मिक स्थान है।
- 2 जून 2014 में तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से पृथक करके देश के 29वें राज्य के रूप में बनाया गया और इसकी राजधानी हैदराबाद शहर है।
- हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा पूर्ण राज्य है जिसकी दो राजधानियाँ है। पहले शिमला इसकी राजधानी थी किन्तु 2017 में धर्मशाला को राज्य की शीतकालीन राजधानी बनाया गया।
- भारत का सबसे पुराना राज्य बिहार (110 वर्ष का समय) है और सबसे नया राज्य तेलंगाना है।
- केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारत का अकेला सक्रिय ज्वालामुखी है।
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश से जुड़े प्रश्न एवं उनके उत्तर
इस समय देश में कितने राज्य है?
इस समय भारत में 28 राज्य एवं 8 केंद्र शासित प्रदेश है।
भारत का सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला राज्य कौन है?
आकर के अनुसार देश में सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है और इसका कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है।
आजादी के बाद भारत का पहला प्रदेश कौन सा था?
1 अक्टूबर 1953 को भारत में भाषा के अनुसार आंध्र प्रदेश का देश के पहले राज्य के रूप में गठन हुआ।
भारत का सबसे कम क्षेत्रफल वाला राज्य कौन सा है?
गोवा देश का सबसे कम क्षेत्रफल वाला राज्य है।