साल 2020 की शुरुआत में कोरोना बीमारी ने दुनियाभर में अपना फैलाव करके लाखों नागरिको को संक्रमित और बहुत को मारा भी था। यह वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुआ है। साल 2020 में ही WHO ने कोविड-19 को ‘महामारी’ घोषित कर दिया है।
इस लेख के अंतर्गत आपको कोविड-19 बीमारी पर निबन्ध दिए जा रहे है।
कोविड-19 पर निबंध
कोविड-19 पर निबन्ध – 1
परिचय
कोरोना की बीमारी वायरस जनित होती है जोकि एक महामारी का रूप भी धारण कर लेता है। एक समय में इसने विश्वभर में कोहराम कर दिया था। यह बीमारी सिर्फ जुकाम और बुखार जैसी छोटी बीमारियों से शुरू होती है किन्तु समय के साथ ये बीमारी विराट रूप ले लेती है। इससे मरीज की श्वसन प्रणाली बहुत प्रभावित होती है। इस प्रभाव से मरीज की मौत भी हो जाती है।
कोविड की उत्पत्ति
साल 1930 में सर्वप्रथम कोरोना की उत्पत्ति हुई थी तब इस वायरस ने मुर्गी की श्वसन तंत्र पर प्रभाव डाला था। 1940 में तो ये वायरस दूसरे पशुओं को भी प्रभावित करने लगा। किन्तु 1960 में वायरस ने ज्यादा खतरनाक होकर एक आदमी को भी बीमार बीमार कर दिया। किन्तु कुछ दशक बाद इस वायरस ने साल 2019 में फिर से प्रसार किया और चीन में बहुत अधिक संख्या में लोगो को बीमार करके अन्य देशों में भी लोगो को बीमार करके मारा।
कोरोना से बचाव
कोरोना बीमारी से बचाव ही सर्वोत्तम समाधान है चूँकि ये एक संक्रामक बीमारी है जो तेजी से एक से दूसरे इंसान में फ़ैलती है। WHO संघठन ने भी कुछ सावधानियों की लिस्ट जारी की है। साथ में कहा कि कोविड वायरस के बचने में ये मूल मन्त्र होंगे –
- बाहर से अपने घर आने पर अपने हाँथों को साबुन से 20 से 30 सेकंड तक अच्छे से धोये।
- अपने हाथ को अपने मुँह एवं आँखों से न छुए, इससे संक्रामक वायरस आपके भीतर नहीं जायेगा।
- हमेशा अन्य लोगो से 5 से 6 फ़ीट की दूरी बनाकर रखे।
- अनावश्यक रूप से घर के बाहर ना जाए।
- पब्लिक प्लेस में जाने से परहेज करना है।
- अपने मुँह एवं नाक को हमेशा मास्क से ढँककर रखे।
- संक्रमण हो जाने पर अपने आप को अन्य लोगो से दूर कर ले और पास के हॉस्पिटल में संपर्क करें।
उपसंहार
कोविड-19 वायरस एक जानलेवा रोग का वायरस है जोकि किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है। इससे बचाव के लिए सभी प्रकार की सावधानियों का पालन करना चाहिए। इसके बारे में बच्चों को भी बताना चाहिए और उनमे हाथ धोने एवं बचाव के तरीको का ज्ञान होना चाहिए। नागरिको को ऐसी बीमारी से बचने के लिए अपना आयुष्मान कार्ड बनवाकर रखना चाहिए।
कोविड-19 पर निबन्ध – 2
कोरोना वायरस क्या है
यह एक वायरस है जो अपने संक्रमण से जुकाम एवं बुखार जैसी परेशानी पैदा करता है। कोरोना जानलेवा बीमारी है जिसमे सावधानी ही सबसे बड़ी दवा है। इससे पहले इस वायरस को कभी बीमारी फैलाते नहीं देखा गया था। ये अपने रोगी के श्वसन प्रणाली को बुरी तरह से ख़राब करता है। इससे संक्रमित मरीज का सही उपचार ना हुआ तो ये उसकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
भारत के साथ विश्व के अन्य देशों में इसके गहरे प्रभाव दिखे है। इसके असर को देखते हुए WHO ने भी इसको महामारी घोषित कर दिया है। ये बीमारी शुरू में एक सामान्य फ्लू लगती है जोकि समय के साथ एक घातक बीमारी बन जाती है। यह वायरस धीमे-धीमे पुरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेता है।
कोरोना का फैलाव
साल 2019 के दिसंबर महीने में चीन के वुहान शहर में कोरोना की शुरुआत देखी गयी। इसके बाद ये बीमारी दुनियाभर में एक संक्रामक रोग की तरह फैली। बाद में तो कोरोना ने महामारी का आकार ले लिया। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से उसकी नाक अथवा मुँह से निकली छोटी-छोटी बूंदे वायरस को अन्यो में भी ले जाती है। साथ ही ये बूंदे आसपास की चीजों की सतहों पर भी बैठ जाती है और अन्य व्यक्ति इनको छूकर अपने मुँह अथवा आंख में हाथ लगाएगा तो संक्रमित होगा।
कोविड-19 के लक्षण
कोविड-19 में मुख्य लक्षण बुखार, जुकाम, थकान एवं खाँसी है। कुछ मरीजों में शरीर का दर्द, नासिका में संकुलन, नाक में पानी, गले में खारिश या फिर दस्त की शिकायत होती है। ये शुरू में हल्के होते लेकिन आगे विराट रूप ले लेते है। कुछ मरीजों में संक्रमण के बड़ा भी कोई लक्षण नहीं दिखता है और ये स्वस्थ भी अनुभव करते है।
ज्यादातर संक्रमितों (करीबन 80%) को विशेष उपचार बिना ही वायरस से उबरने का अवसर रहता है। किन्तु कोविड-19 से प्रभावित 6 में से 1 व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे रोगियों को साँस सम्बन्धी परेशानी हो जाती है। बूढ़े, हाई ब्लड प्रेशर मरीज, ह्रदय रोगी और डायबटीज़ रोगी इस वायरस से प्रभावित होते दिखते है।
कोविड-19 वायरस से बचाव
कोविड-19 वायरस के बहुत तेज़ी से फैलने की वजह से डब्लूएचओ ने भी इसको एक महामारी घोषित किया है। ये वायरस विश्वभर में काफी कम समय में फ़ैल गया था। बहुत लोगो ने इस वायरस से तकलीफे एवं मौत का सामना किया है। सबसे पीड़ा की बात यह है कि रोगी की मृत्यु होने के बाद शव को परिवार से दूर रखते है। बिना अंतिम दर्शन के ही शव जला देते है।
लेकिन कुछ तरीको से स्वयं एवं अपने परिवार को संक्रमण से बचा सकते है। समय-समय पर हाँथो को साबुन से अच्छे से धोये, अपने मुँह एवं आँख को हाथो से न छुएँ, अनावश्यक घर के बाहर न जाए, अन्य लोगो से 6 फ़ीट की दूरी रखे, सार्वजिक स्थानों में सतर्क रहे और वहाँ कम जाए, लोगो से हाथ ना मिलाए, सार्वजानिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, जहाज से अनावश्यक यात्रा न करें, घर से बाहर निकलते ही अपने मुँह एवं नाक को मास्क अथवा कपडे से ढँक ले।
उपसंहार
बहुत से लोगो ने इस वायरस से जीतकर घर एवं परिजनों के पास वापसी भी की है। अतः इस वायरस से भयभीत नहीं होना है बल्कि कुछ सावधानी रखकर वायरस से दूर रह सकते है। अपना और अपने परिजनों का अच्छे से ध्यान रखे, आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखे, चिकित्सको द्वारा बताये भोजन से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रखे।
कोविड-19 पर निबन्ध – 3
वायरस क्या है
वायरस एक अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव है जोकि सिर्फ जीवित कोशिका में ही अपना वंश बढ़ा सकता है। यह नाभिकीय अम्ल एवं प्रोटीन के जुड़ाव से तैयार होता है। खुले वातावरण में तो ये मरे जैसे ही होते है किन्तु किसी जीवित शरीर में यह फिर से जिन्दा होकर अपनी संख्या बढ़ाने लगते है। अपने अतिसूक्ष्म आकार के कारण ये वायरस सामान्य व्यक्ति की आँखों से नहीं दिखता है। प्रशिक्षित व्यक्ति ही इनको सूक्ष्मदर्शी से देख सकते है।
वायरस की उत्पत्ति
कोविड-19 वायरस की सबसे पहले उत्पत्ति 1930 में एक मुर्गी में देखी गयी थी जोकि मुर्गी के श्वसन तंत्र को ख़राब कर रहा था। 1940 से दूसरे पशुओ में भी ये वायरस देखा जाने लगा। फिर 1960 में वायरस ने इंसानो को भी अपनी चपेट में ले लिया और संक्रमित व्यक्ति में सर्दी की शिकायत हुई। लेकिन साल 2019 में कोविड-19 वायरस ने विकराल रूप दिखाते हुए दुनियाभर में लाखों लोगो को संक्रमित और मारने का काम किया।
कोविड-19 क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संघठन (WHO) ने संक्रामक वायरस को ‘कोविड-19’ नाम दिया है। COVID में CO – कोरोना, VI – वायरस एवं D – डिसिस है जिसमे 19 को साल 2019 के लिए है। 2019 के दिसंबर माह में यह वायरस चीन के वुहान शहर में अपना प्रकोप दिखाने के बाद पूरी दुनिया में फैला। इसके बाद तो WHO ने भी इस बीमारी को महामारी घोषित किया। कोरोना एक अतिसूक्ष्म वायरस है जोकि मनुष्य के एक बाल की तुलना में 900 गुना आकार में छोटा होता है।
बीमारी के लक्षण
कोरोना के लक्षण काफी कुछ फ्लू बीमारी से मिलते है। संक्रमित में सबसे पहले हल्के बुखार एवं जुकाम के लक्षण होते है। फिर सूखी खाँसी के 1 सप्ताह बाद साँस लेने में भी तकलीफ होती है। ये सभी लक्षण होने पर यह निश्चित नहीं होता है कि मरीज कोरोना से ही पीड़ित हो। संक्रमित होने के बाद निमोनिया, श्वसन में परेशानी, किडनी में खराबी और अंत में मृत्यु होना देखा जाता है। पहले से अस्थमा, डायबिटीज एवं ह्रदय संबधी बीमारी से पीड़ित को वायरस से सबसे ज्यादा खतरा होता है।
कोरोना के लक्षण
- बुखार
- सर्दी लगना
- सूखी खाँसी
- बदन में थकावट
- साँस लेने में तकलीफ
- मांसपेशियों में अकड़न
- ज्यादा समय तक थकावट बने रहना।
कोरोना से बचाव की विधि
कोरोना संक्रमण बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में फ़ैलता है। विश्व स्वास्थ संघठन ने भी इसको घातक महामारी की श्रेणी में रखा है। विश्वभर में बीमारी ने अपने घातक असर नागरिको एवं सरकारों के मन पर छोड़ा है। इन महामारियों ने मानव को यह सीख दी है कि इनकी सही जानकारी ही सबसे बड़ा उपचार है। कोविड-19 से बचाव के उपाय निम्न है –
- दिन में बार-बार हाथ धोते रहे।
- अपने मुँह और आँखों को सीधे उँगलियों से ना छुएं।
- अन्य लोगो से 5 से 6 फ़ीट की दूरी बनाये रखे।
- अनावश्यक रूप से घर से बाहर जाने से बचे।
- पब्लिक प्लेस जैसे मॉल, रेस्टोरेंट, मार्किट इत्यादि जगहों पर बेवजह जाने से बचे।
- सही भोजन से अपनी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती दे।
- लोगो से हाथ न मिलाये।
- अपने मुँह एवं नाक को मास्क से अच्छे से ढँककर रखे।
उपसंहार
सावधान रहे, साफ-सफाई रखे और चिकित्सको के दिशा-निर्देशों का पालन करें। पहले भी कुछ महामारी आई थी जिन्हे जीत लिया गया था। सभी को सहायता देकर कोरोना को भी हरा सकते है। स्वयं की रक्षा भी दूसरो की ही रक्षा है।
कोविड-19 पर निबन्ध – 4
प्रस्तावना
चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 से कोविड-19 नाम की बीमारी ने तबाही मचाई थी। कुछ ही समय के बाद ये बीमारी दुनिया के अन्य देशों में भी फैलने लगी। संक्रमित देशो में रोज हजारो नागरिक अपनी जान गवाने लगे। इस बीमारी की स्थिति को देखते हुए 11 मार्च 2020 के दिन WHO (विश्व स्वास्थ्य संघठन) ने भी इसको ‘महामारी’ घोषित कर दिया। तत्काल वायरस से बचाव के लिए सरकारों ने भी लॉकडाउन लगाया। दुनियाभर के नागरिक अपने घरों में कैद हो गए।
कोविड-19 का संक्रमण
कोरोना बीमारी का वायरस आस पास की सभी जीवित एवं मृत वस्तुओं में अपना संक्रमण छोड़ने की ताकत रखता है। निर्जीव वस्तुओं पर ये कुछ मिनट एवं दिनों तक जीवित रह सकता है। लेकिन जीवित शरीर में तो ये रहकर अपनी आबादी भी बढ़ाता है। संक्रमित की नाक एवं मुँह से थूक, छींक एवं वाष्प के छोटे कण निकलकर अन्यों को अपनी चपेट में लेता है। इससे बचने के लिए लोगो को अपने नाक एवं मुँह को मास्क से ढँकना चाहिए।
लक्षण और बचाव
कोरोना वायरस सबसे पहले मनुष्य के श्वसन प्रणाली पर होता है। यह वायरस सबसे पहले मनुष्य के आँख, नाक या मुँह से शरीर के अंदर पहुँच जाता है। संक्रमित के गले में खरास, सूजन, हल्का बुखार, जुकाम एवं सूखी खाँसी भी रहती है। किन्तु समय के साथ फेफड़े एवं श्वसन तंत्र के साथ किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साँस लेने में काफी परेशानी होती है।
किन्तु ये जरुरी नहीं है कि ये लक्षण होने पर वह व्यक्ति कोरोना से ग्रसित हो। कुछ लोगों में ये लक्षण नहीं दिखते है किन्तु वे बीमारी से ग्रसित होते है।
कोविड से बचाव के तरीके
- किसी वस्तु को अनावश्यक छूने से बचे।
- अन्य लोगो से हाथ मिलाने के बजाए हाथ जोड़कर नमस्ते करे।
- बेवजह अपने घर से बाहर ना निकले।
- जरुरत होने पर घर से बाहर जाने पर मुँह एवं नाक को मास्क से ढँक ले।
- सार्वजानिक स्थानों जैसे ऑफिस, बैंक, मॉल एवं वाहन पार्किंग इत्यादि में अनावश्यक जाने से बचे।
- हमेशा छींक एवं खासी आने पर अपने मुँह को रुमाल से ढँके और रुमाल न होने पर अपनी बगलो पर मुँह लगा ले।
कोविड-19 से जुड़े प्रश्न
कोविड-19 से ज्यादा मृत्यु किस देश में हुई?
दक्षिण अमरीका पेरू देश में कोरोना से सर्वाधिक मौते रिकॉर्ड हुई।
कोरोना वायरस का सबसे पहला टिका कहाँ बना था?
रूस की इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एन्ड बायोटेक्नोलॉजी में कोरोना का पहला टीका निर्मित हुआ था।
कोविड-19 की उत्पत्ति कहाँ हुई थी?
सबसे पहले चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस की उत्पति एवं प्रसार देखने को मिला था।