हिंदी शब्द का अर्थ क्या है? साथ में हिंदी के 100 कठिन शब्दों को भी जानते हैं

हिंदी भाषा को देश के लगभग 80 करोड़ लोग प्रयोग करते है किन्तु हिंदी शब्द का अर्थ भी बहुत सी मान्यताएँ संजोए हुए है। भाषा एक प्रकार का उच्चारण ध्वनि संकेत होती है। भाषा से मानव अपने विचार एवं शब्द अन्य व्यक्ति तक पहुँचा सकते है। भारत में हिंदी, हिन्दू एवं हिन्दुस्तान आदि शब्दों की उत्पति फारसी भाषा से ही हुई है।

इस लेख में हिंदी शब्द के अर्थ, इतिहास, उत्पत्ति और इसके कठिन शब्द की भी जानकारी मिलेगी। समय के साथ बहुत सी भाषाओं के प्रभाव से हिंदी भाषा में काफी कठिन शब्द आ चुके है।

Hindi word meaning - हिंदी शब्द का अर्थ
Hindi word meaning – हिंदी शब्द का अर्थ

हिंदी शब्द का अर्थ

13वी सदी के मशहूर कवि औफी ने सबसे पहले “हिंदवी” शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका मतलब “हिन्दुस्तान की भाषा” है। हिंदी के प्रसिद्ध कवि ने भी 16वी सदी में ‘हिंदवी’ शब्द का प्रयोग किया। साहित्य एवं लेखों में 17वी शताब्दी से हिंदी शब्द का प्रयोग मिलता है।

18वी सदी में अंग्रेज़ों के अधिकारियों ने भी भारत में हिंदी भाषी लोगों को ‘हिन्दुस्तानी’ नाम दिया था। कुछ जानकारों के अनुसार हिन्दुओं द्वारा बोले जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया गया था। देश की सांस्कृतिक एकता, सामाजिक चेतना एवं आपसी बंधुता को बनाये रखने में हिंदी हमेशा अहम भूमिका निभाती है। हिंदी भाषा के ज्ञान को हिंदी पत्र लेखन में अच्छे से प्रयोग कर सकते है।

हिंदी शब्द का अर्थ की जानकारी

लेख का विषयहिंदी शब्द का अर्थ
उद्देश्यहिंदी के कठिन शब्द बताना
लाभार्थीसभी लोग
आधिकारिक वेबसाइटhttps://rajbhasha.gov.in/

हिंदी के 100 कठिन शब्द

नीचे की गई सूची में आपको हिंदी भाषा के 100 कठिन शब्द दिए गए है –

अर्थवानमतलब के साथविपणनविक्रय या व्यापार
अवगतजानकारी देनावितरणबांटना
उजागारप्रकट, प्रकाशित, सामने आनादोहनशोषण करना या लूटपाट
अखण्डताखंडित न होनेवाला या नहीं बटने वालाअवरूद्धरुकावट या बाधा
आपूर्तिभरना या देनासहभागीभागीदार या हिस्सेदार
अभियानदल बल सहित चल पड़ना या सैनिक आक्रमण, चढ़ाईअट्टालिकाकिसी ऊँची इमारत का ऊपरी कक्ष या हिस्सा
श्रमजीवीमेहनत से जीविका चलानेवालाजिजीविषाजीवित रहने की इच्छा।
संवाहकले जानेवाला या माध्यमतारतम्यकिसी घटना या क्रम की आवृत्ति
प्रजातिजीव का एक प्रकारअक्षुण्णजिसके टुकड़े न हो सके
निर्वाहनिबाहनाज्ञापनजताना या प्रकट करना
पुख्तापक्का या मजबूतउपागमपास आना या घटित होना
संवर्गअपनी ओर समेटना या अपने लिए बटोरनासमन्वयनियमित क्रम या संयोग
फीसदीप्रतिशत या प्रति सैकड़ाभूमिगतभूमि के अंदर छिपा हुआ
व्यापकविस्तृत या चारों ओर फैला हुआश्लाघ्यप्रशंसनीय
त्वरिततेज़ी सेस्वैराचारस्वेच्छाचार
समीक्षाछानबीन या जाँच-पड़ताल करनासुमुत्सुकउत्साहित
मानदेयकिसी कार्य या सेवा के लिए दिया जाने वाला धनवात्याचक्रभंवर
निजातछुटकारा पानाआभासअहसास
अंकक्षेणबही खातों की जाँचकंगालजिसके पास बिल्कुल धन न हो
प्रावधाननियम या कानून या व्यवस्थातरणिनौका
प्रायोजनकिसी उत्पाद के प्रचार हेतु कार्यक्रमअनिष्टगलत
प्रायोजककार्य करने वालाअवधिसमय सीमा
अहमियतमहत्व या गंभीरतादैवभाग्य
निस्तारणसमाधान करनाअश्लीलगंदा
निवारणरोकने या दूर करने की क्रिया या अवस्थाअनायासगैरजरुरी
वरीयतारैंकिंग या श्रेष्ठताअभियानउद्देश्यपूर्ण यात्रा
अवसंरचनामूलभूत भौतिक एवं संगठनात्मक संरचनाबीड़ाज़िम्मेदारी या भार लेना
चेतावनीआगाह या धमकीपंजीकरणनाम लिखवाना
संसाधनकार्य में सहायक सामग्रीनिष्पादितनियम, आदेश निकलना
सघनघना या ठोससंप्रषेणभेजना या पहुँचाना
वृष्टिआकाश से जल गिरना या वर्षा या बारिशविमर्शविचार, वार्तालाप
भागीदारीहिस्सेदारीहितग्राहियोंलाभार्थी या ग्रैच्युटी
विसर्जितत्यागा हुआ या बहाया गयाआधारभूतमौलिक या आधारिक
सुमेलितसही प्रकार से मिलता जुलताचुनिंदाचुना हुआ या श्रेष्ठ या उत्तम
भयावहडरावना या भयानक स्थितिनिगरानीदेख-भाल या चुकीदारी
आंकड़ासंख्याआरूझाईउलझाना
प्रविष्टअंदर आया या घुसा हुआपाषाण कोर्त्तकपत्थर की मूर्ति बनाने वाला
पारदर्शितावस्तु के आर-पार देखेने का गुण या क्षमतानिर्निमेषअपलक देखना
स्वावलम्बीअपने ही सहारे पर रहने वालाचरायंधदुर्गंध
जबाबदेहीउत्तरदायित्व या जिम्मेदारसांसोच्छेदनसांसों को समाप्त करना
विविरणात्मकविवरण से सम्बन्ध रखने वालासंगणककंप्‍यूटर
हस्तामलकवत्हथेली पर रखे आंवले के समाननश्वारतानाशवान
भक्ष्याभक्षखादय, अखादययत्किंचितथोड़ा बहुत
विस्थापनलोगों को अपने घरों एवं जमीनों से हटानाप्रगल्भचतुर, हाेशियार
गादनदियों द्वारा वहन किये जाने वाले मिट्टी, रेत, धूल एवं पत्थरक्षीणवपुकमजोर
स्वैच्छिक संस्थाएक संस्था जो सरकार से स्वतंत्र होसम्बलसहारा या सहायक
प्रावधाननियमअस्थिहड्डी
कृतघ्नउपकार ना मानने वालाअनुचितबुरा
निर्वाणमुक्ति, मोक्ष या मृत्युरिक्तखाली
निर्माणबननाइतिश्रीसमाप्ति, अंत या पूर्णता

हिंदी शब्द की उत्पत्ति

हिंदी शब्द का मूल ‘फारसी’ भाषा में माना जाता है। हिंदी के इतिहास को देखे तो मध्य युग में तुर्किस्तान और ईरान के कुछ मुस्लिम व्यापारी एवं लुटेरे भारत आये थे। उनके लिए भारत सिंधु नदी के पार स्थित था अतः बोलचाल में वे हिन्दू शब्द का प्रयोग करने लगे। इसी कारण से भारत में बोले जाने वाली भाषा को हिंदी कहा जाने लगा। ऐसे ही यहाँ की भाषा को “हिंदी” पुकारा जाने लगा।

परन्तु कुछ कट्टर हिंदी प्रेमी विद्वान हिंदी भाषा में ही इसका नामकरण बताते है। जैसे : हिन – हनन करने वाला + दु – दुष्ट, यानि कि दुष्टों का हनन करने वाला। कुछ के अनुसार हिंदी उन लोगो की भाषा है जो हीन (हीनों) + दु (दुलन) = हिन्दु अर्थात हीनों का दलन करने वाला हिन्दू है और उसकी भाषा हिंदी है।

चूँकि इन व्याख्याओं के प्रमाण कम एवं अनुमान अधिक है अतः इन्हे सामन्यतया अस्वीकार किया जाता है। ऐसे यूनानी के ‘इंडिका’ एवं अंग्रेजी के ‘इंडिया’ शब्द को भी “हिंदीका” शब्द का विकसित रूप कहते है। पहली व्यख्या को मानते हुए हिंदी को संस्कृत भाषा के “सिंध” शब्द से बहुतायत में स्वीकारा जाता है।

What is the meaning of Hindi word - hindi
What is the meaning of Hindi word – hindi

हिंदी का उदय एवं इतिहास

हिंदी भाषा के उद्गम को भारोपीय परिवार की भारतीय आर्य भाषा शाखा से मानते है। चूँकि दुनिया की भाषाओं का वर्गीकरण दो प्रमुख आधार पर किया गया है –

  • आकृतिमूलक वर्गीकरण
  • पारिवारिक वर्गीकरण

इन दोनों में से ‘पारिवारिक वर्गीकरण’ के अंतर्गत विश्व की भाषों के चार खण्ड किये है – यूरेशिया खंड, अफ्रीका खंड, प्रशांत महासागरीय खंड, अमरीका खंड।

इन चारों खण्डो में से ‘यूरेशिया खण्ड’ पुनः दो भागों में बाँटते है – केन्टुयत एवं शतम वर्ग।

‘शतम वर्ग’ की भारत-ईरानी भाषा तीन रूपों के विकसित हुई – भारतीय आर्य भाषा, दरद या पिशाच एवं ईरानी।

वर्तमान समय की “हिंदी” भाषा भारतीय आर्य भाषा के अंतर्गत आती है।What is the meaning of Hindi word - hindi bhasha parivaar

आदियुग में हिंदी

हिन्दी की उत्पत्ति आज से एक हज़ार वर्ष मानी जाती है। हिंदी साहित्य में अपभ्रंश भाषा के बाद से ही हिन्दी की शुरुआत मानी जाती है। चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ ने अवहट्ट को ‘पुरानी हिंदी’ का नाम दिया है। अपभ्रंश भाषा की समाप्ति से ही हिंदी और अन्य सह भारतीय भाषाओं की उत्पत्ति के समय को ‘संक्रांति काल’ कहते है।

अपने शुरूआती समय में हिंदी सभी तरह अपभ्रंश भाषा से सम्बंधित थी। हिंदी का व्याकरण भी इसके समान कार्य करता था। परन्तु अपने प्रयोग का समय बीतने पर 1500 ईसवी के बाद से यह अपना स्वतंत्र रूप लेने लगी। 1460 के आसपास देश में हिंदी का साहित्य बनने लगा था। इस समय दोहा, चौपाई, छप्पय दोहा, गाथा इत्यादि छन्दों में रचना होने लगी।

मध्यकाल में हिंदी (1500-1800 तक)

मध्यकाल में हिन्दी में बहुत बदलाव देखे जाते है। इस समय देश में मुस्लिम शासकों का प्रभाव होने से उनकी भाषा का हिन्दी पर गहरा असर दिखा। इस समय हिंदी भाषा में फारसी के 3500, अरबी के 2500, तुर्की के 125, पश्तो के 50 शब्द जुड़ गए। इसी समय यूरोपीय देशो से व्यापारिक गतिविधियाँ होने लगी और पुर्तगाली, स्पेन, फ्रांसीसी एवं अंग्रेजी भाषा के शब्द हिंदी से जुड़ें।

तत्कालीन मुग़ल दरबारों में फारसी जानने वाले व्यक्तियों को नौकरियाँ मिलने लगी। इसका परिणाम हुआ कि पढ़े-लिखे व्यक्ति हिंदी भाषा के वाक्यों को फारसी की तरह बनाने लगे। इस समय हिंदी से अपभ्रंश भाषा का प्रभाव समाप्त हो चुका था और जो थोड़ा असर था वो हिंदी की प्रकृति का ही हिस्सा बन चुका था।

इस समय हिंदी के स्वर्णिम साहित्य का निर्माण होने लगा था। भक्ति काल के कवियों की रचना ने देश की जनता के मन को प्रभावित किया। इन कवियों में बहुत से ज्ञाता तत्सम मुक्त भाषा में रचना कर रहे थे। राम और कृष्ण के जन्म स्थल की ब्रज भाषा में काव्य रचना हो रही थी जो इस समय के साहित्य की मुख्य धारा बनी। इसकी समय काल में दखिनी हिंदी का रूप भी देखने मिलता है।

रचनाकार पिंगल, मैथली एवं खड़ी बोली में रचनाएँ कर रहे थे। इस समय के प्रमुख कवि कबीरदास, रविदास, मीराबाई, सूरदास, भूषण, जायसी, तुलसीदास एवं बिहारी इत्यादि है। इसी समय हिंदुओं के प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘रामचरितमानस’ की रचना हुई थी। इस समय के कवि निर्गुण भक्ति एवं सगुण भक्ति के रचनाकार थे।

आधुनिक काल में हिंदी (1800 से वर्तमान)

इस समय को हिंदी के लिए आधुनिक काल की संज्ञा दी गयी है। इस समय हिंदी आधुनिक भारत के विभिन्न बदलावों का हिस्सा बन रही है। भारतवासी देश की परतंत्रता के विरुद्ध खड़े हो रहे थे। अंग्रेजी का प्रभाव देशी भाषा पर देखने को मिल रहा था। मुग़ल काल के पतन से हिंदी में अरबी, फारसी भाषा के शब्दों का चलन कम होने लगा था। परन्तु इस समय हिंदी पर अंग्रेजी शब्दों का चलन बढ़ता जा रहा था।

फारसी से प्राप्त ध्वनियों क, ख, ग, ज, फ का हिंदी में चलन समाप्त हुआ। मुंशी सदासुख लाल नियाज़ ने खड़ी बोली का प्रयोग किया। खड़ी बोली की उत्पत्ति शौरसेनी अपभ्रंश के उत्तरी रूप से हुआ था। इसका क्षेत्र देहरादून का मैदानी क्षेत्र, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, दिल्ली, बिजनौर, रामपुर एवं मुरादाबाद माना जाता है।

इस समय के प्रसिद्ध कवि लल्लू लाल है। इन्होने कोलकाता के फोर्ट विलियम कॉलेज के अध्यापक जॉन गिलक्रिस्ट के कहने पर हिंदी भाषा की पहली रचना ‘प्रेम सागर’ की रचना की। इसी समय पर लेखक सदल मिश्र में नचिकेतोपाख्यान पुस्तक लिखी। इसकी विशेषता है कि इस पुस्तक में अरबी एवं फारसी शब्दों का प्रयोग न के बराबर है जबकि संस्कृत के अधिक शब्द है।

सन 1860 के आसपास ही हिंदी गद्य अपना रूप ग्रहण कर चुका था। इस समय ईसाई पादरियों ने भी अपने धर्म के प्रचार के लिए बाइबिल का अनुवाद खड़ी बोली में कर दिया था। यद्यपि इसका लाभ देश की जनता के बीच भाषा के प्रचार में हुआ।

हिंदी शब्द का अर्थ और रोचक तथ्य

  • हिंदी भाषा को अपना नाम फारसी भाषा के हिन्दू शब्द से मिला है जो कि सिंधु नदी के पास बसी सभ्यता के लिए प्रयोग होने वाला शब्द था।
  • विश्वभर में लगभग 500 मिलियन लोग हिंदी का प्रयोग करते है जिस कारण यह सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा में शामिल होती है।
  • भारत के पडोसी देशों के साथ फिजी, मॉरीशस, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबागो एवं नेपाल में भी हिंदी का प्रयोग होता है।
  • 14 सितम्बर 1949 के दिन हिंदी भाषा को शासकीय भाषा की मान्यता थी। इसी कारण से 14 नवम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
  • हिंदी भाषा को वर्ष 1965 में भाषा की आधिकारिक मान्यता मिली।
  • 1805 में प्रकाशित श्री कृष्ण पर लिखी किताब ‘प्रेम सागर’ को हिंदी भाषा की पहली किताब मानते है। इसकी रचना लल्लू लाल ने की थी।
  • हिंदी भाषा का टाइप राइटर वर्ष 1930 में आ चुका था।
  • हिंदी एक ध्वनिप्रधान लेखनी भाषा है चूँकि इसमें जो उच्चारित होता है वही लिखते है।
  • अंग्रेजी भाषा की रोमन लिपि में 26 वर्ण मिलते है जबकि हिंदी की देवनागरी में इसके दुगने 52 वर्ण है।
  • विश्व के लगभग 176 महाविद्यालों में हिंदी भाषा की पढ़ाई होती है। यूएसए में लगभग 45 महाविद्यालय हिंदी भाषा पढ़ाते है।
  • सन 2000 में पोर्टल वेब दुनिया डॉट कॉम के माध्यम से हिंदी इंटरनेट पर आयी।What is the meaning of Hindi word - kavita on hindi

हिंदी शब्द का अर्थ से जुड़े प्रश्न

हिंदी भाषा में कितने शब्द है?

हिंदी में वर्तमान समय तक शब्दों की संख्या 20,000 से बढ़कर 1.5 लाख हो गयी है।

हिंदी भाषा के तीन अर्थ कौन से है?

आज हिंदी भाषा में तीन अर्थ – व्यापक अर्थ, सामान्य अर्थ एवं विशिष्ट अर्थ मिलते है।

हिंदी में कितने स्वर है?

हिंदी भाषा में उच्चारण के लिए 52 वर्ण है, जिनमे से 41 व्यंजन एवं 11 स्वर है।

हिंदी कौन सी भाषा का शब्द है?

हिंदी शब्द की उत्पत्ति फारसी भाषा से हुई है। चूँकि सिंधु नदी के सिंध का ईरानी भाषा में हिन्द उच्चारण हुआ।

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