झारखण्ड आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना – दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है, हमारे समाज में आदिम जाति, जनजाति पिछड़ी हुई जाति है। इन जाति के अधिकतर लोगों के कोई व्यवसाय का साधन नहीं होता है, यह लोग जंगलो में रहकर अपना जीवन यापन करते है।
आदिम जातियों के संरक्षण के लिए झारखण्ड के मुख्यमंत्री जी ने आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना को शुरू किया है। इस योजना के आदिम जनजाति के लोगो को निशुल्क अनाज प्रदान किया जाएगा।
इस अनाज योजना में आदिम जाति के लोगों के घर तक अनाज पहुँचाने की व्यवस्था की गयी है, योजना के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों के आदिम जनजाति के लोगों को अनाज की सुविधा दी जाएगी।
यह योजना का मुख्य लक्ष्य आदिम जाति के लोगों को अनाज की पूर्ति करवाना है, जिससे आदिम जनजाति भूखी न रहें, और उनके बच्चों का शारीरिक विकास भी सही ढंग से हो सकें।
यदि आप झारखण्ड राज्य के निवासी है, और आदिम जनजाति से आपका सम्बन्ध है तो उसके लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ें, हमारे द्वारा आर्टिकल में योजना से सम्बंधित सभी विशेष जानकारी विस्तारपूर्वक दी जा रही है।
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना
झारखडं के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के द्वारा राज्य के आदिम जनजाति के लोगों के लिए खाद्यान योजना को शुरू किया गया है। योजना के माध्यम से राज्य के सभी आदिम जनजाति के लोगों को लाभ दिया जाएगा।
जैसे की राज्य सरकार आदिम जनजाति के लोगों के संरक्षण हेतु विभिन्न योजना शुरू करती है, उनमे से एक योजना आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना है।
योजना के तहत राज्य के लोगों को उनके परिवार का भरण पोषण करने के लिए हर महीने 35 किलो चावल दिए जाएंगे, तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहें इन चावलों का कोई पैसा भी नहीं लिया जाएगा।
योजना का सांचलन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा किया जा रहा है, सभी कार्य विभाग की निगरानी के अंतर्गत किये जाएंगे। अनाज को सम्बंधित विभाग के द्वारा उनके घर पर भेजा जाएगा, और यह प्रक्रिया हर महीने इसी प्रकार से चलेगी।
राज्य सरकार के द्वारा किये गए सर्वे के मुताबिक अनाज को बिरहोर जनजाति के परिवारों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा, झारखण्ड सरकार घर घर अनाज पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
जिससे राज्य का कोई भी परिवार आर्थिक स्थिति ख़राब होने की वजह से भूखे न रहें। राज्य के लोगों को अनाज लेने के लिए घर से दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, उनको घर बैठे ही अनाज की आपूर्ति होगी।
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना मुख्य बिंदु
योजना का नाम | आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना |
सम्बंधित विभाग | खाद्य एवं आपूर्ति विभाग |
लाभार्थी | राज्य की आदिम जनजाति |
उद्देश्य | परिवारों को निशुल्क अनाज प्रदान करना |
लाभ | हर महीने 35 किलो चावल देना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन |
राज्य आधिकारिक वेबसाइट | jharkhand.gov.in |
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना का उद्देश्य
राज्य सरकार का योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य की आदिम जनजाति को अनाज की आपूर्ति करना है, जिससे किसी को भी भुखमरी का सामना न करना पड़ें।
क्यूंकि आदिम जनजाति के लोगों के पास किसी भी प्रकार का कोई व्यवसाय नही होता है, जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति भी ख़राब होती है, वो जंगलों से प्राप्त हुए उत्पादों से ही अपना जीवन बसर करते है।
इन्ही सब परिस्तिथियों को देखते हुए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू किया है, और इस परिस्तिथि में राज्य में यह एक नयी पहल है, जिसके माध्यम से राज्य के सभी आदिम जाति के लोगों को अनाज की पूर्ति हो सकेगी।
राज्य की 50 जनजातियों को मिल रहा है, लाभ
Aadim janjaati dakiya khadya yojana के माध्यम से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुताबिक जिले के अभी तक सिर्फ 50 परिवारों को ही योजना का लाभ दिया जा रहा है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने वाले आदिम जनजाति तोपचांची प्रखंड जिले के चलकरी के रहने वाले है। इसके साथ ही जब सरकार के द्वारा द्वारा सर्वे किया गया तो बिरहोर जाति के छूटे परिवारों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
इसके लिए अभी काम चल रहा है, ताकि सभी आदिम जनजति के लोगों को लाभ दिया जा सकें। और योजना के साथ जोड़ा जा सकें।
झारखण्ड आदिम डाकिया खाद्यान्न योजना के लाभ
- झारखण्ड राज्य सरकार के द्वारा आदिम जनजाति के लोगों के संरक्षण के लिए योजना को शुरू किया गया है।
- योजना के तहत राज्य के लोगों को हर महीने 35 किलो चावल दिए जाएंगे।
- व्यवसाय या रोजगार न होने की वजह से लोगों को भुखमरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- योजना का सञ्चालन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
- डाकिया खाद्यान योजना के माध्यम से चयनित लाभार्थियों का अनाज उनके घर तक पहुँचाया जाएगा।
- आदिम जाति के लोगों को अनाज को लेने के लिए घर से कही दूर जाने की आवश्यकता नहीं है।
- योजना का लाभ अभी राज्य के सिर्फ 50 परिवारों को ही दिया जा रहा है।
- जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब है, उनकी स्थिति में सुधार आएगा।
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना पात्रता
- योजना में आवेदन करने के लिए आदिम जनजाति के लोगों को झारखण्ड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- योजना का लाभ सिर्फ आदिम जनजाति के लोगों को ही दिया जाएगा।
जनजाति डाकिया खाद्यान योजना आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट फोटो
- मोबाइल नंबर
झारखण्ड आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना आवेदन प्रक्रिया
- योजना के आवेदन करने के लिए आदिम जनजाति के लोगों को अपने किसी निजी तहसील में जाना होगा।
- तहसील कार्यालय में जाने के बाद वहां पर योजना से सम्बंधित अधिकारी से आदिम जनजाति खाद्यान योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
- आवेदन पत्र में मांगी गयी सभी आवश्यक जानकारी को दर्ज करें, और ध्यान रखें की दर्ज की गयी जानकारी सही हो।
- उसके बाद आवेदन पत्र में मांगे गए आवश्यक दस्तावेज की फोटो संलग्न कर दें।
- अब आवेदन पत्र को वापस वही पर जमा कर दें, जहाँ से आपने फॉर्म लिया था।
- सरकारी अधिकारियों के द्वारा आपके आवेदन पत्र का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
- सभी जानकारी सही होने के बाद आवेदनकर्ता के परिवार को योजना का लाभ दिया जाएगा।
- इस प्रकार से राज्य के आदिम जनजाति के लोग योजना में आवेदन कर सकते है।
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना से सम्बंधित प्रश्न / उत्तर
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना क्या है ?
जनजाति डाकिया खाद्यान योजना को झारखण्ड के आदिम जाति के लोगों के लिए किया गया है, इस योजना के माध्यम से आदिम परिवारों को हर महीने 35 किलो चावल दिए जाएंगे।
योजना में आवेदन कौन कर सकता है ?
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना में आवेदन राज्य के सिर्फ आदिम जाति के लोग ही कर सकते है।
आदिम खाद्यान योजना में आवेदन की प्रक्रिया क्या है ?
खाद्यान योजना में आवेदन की प्रक्रिया हमारे द्वारा ऊपर आर्टिकल में बताई गयी है।
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना में आवेदन किस प्रकार से किया जाएगा?
आदिम जनजाति डाकिया खाद्यान्न योजना में आवेदन की प्रक्रिया ऑफलाइन है।