यूपी राज्य सरकार के द्वारा किसान नागरिकों को गेहूं की खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा उपलब्ध की गयी है। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में मौजूद सभी किसान वर्ग के नागरिक अपनी फसल के विक्रय हेतु पोर्टल में पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर न्यूनतम समर्थन मूल्य में अपनी रबी फसल को बेच सकते है।
सरकार ने किसानो को अपनी रबी की फसल को एजेंसियो को बेचने के लिए यूपी गेंहू खरीद किसान ई-क्रय प्रणाली की शुरुआत की है। यह ऑनलाइन पोर्टल किसानो को फसल पंजीकरण के साथ ही बेचने की तारीख की भी जानकारी देगा।
इस लेख में उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण की आवश्यक जानकारी दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण
उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग की मदद से राज्य में खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश ई-क्रय प्रणाली पोर्टल को लॉन्च किया गया है। अब इस पोर्टल की मदद से सभी राज्य के किसान अपनी रबी के फसलों को आसानी से सरकारी एजेंसियों तक बेच सकते है। कोरोना वायरस संकम्रण के बाद प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए यह पोर्टल लॉन्च किया है।
जिसकी मदद से किसान भाई बिना किसी परेशानी के अपनी फसलों को मड़ियों तक पहुंचा सकते है। किसानों को रबी गेहूं की खरीद हेतु यूपी सरकार के द्वारा यह एक विशेष प्रकार की सुविधा को किसानों तक उपलब्ध करवाया गया है जिसकी सहायता से अब किसान घर बैठे उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर सकते है।
गेहूं खरीद पंजीकरण उत्तरप्रदेश हाईलाइट
लेख का विषय | गेहूं खरीद पंजीकरण उत्तरप्रदेश |
पोर्टल | खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश ई-क्रय प्रणाली पोर्टल |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
उद्देश्य | किसानों को रबी की फसल की खरीद हेतु सुविधाएँ उपलब्ध करवाना |
लाभ | किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य प्राप्त |
आधिकारिक वेबसाइट | http://eproc.up.gov.in |
उत्तर प्रदेश गेंहू खरीद योजना में गेहूं खरीद
1 अप्रैल 2021 से राज्य में उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद से न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं की खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गयी है। किसान ऑनलाइन अपनी फसलों को सरकारी एजेंसियों तक क्रय करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट में पंजीकरण कर सकते है।
जिन किसानों के द्वारा पहले खरीफ की फसलों के लिए पोर्टल में पंजीकरण किया गया था उन्हें फिर से पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। वह पंजीकरण को संसोधन कर पुनः लॉक कर सकते है। उत्तर प्रदेश के किसान यूपी बीज अनुदान योजना से बीज खरीदकर अपना कार्य अच्छे से कर सकते है।
उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद हेतु किसान पंजीकरण
राज्य के जो किसान अपनी फसलों को बेचने में असमर्थ है जिससे उन्हें कृषि क्षेत्र में कई हानियों हो रही है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को फसलों की खरीद हेतु यह पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल की मदद से किसान अब अपनी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में बेच पाएंगे।
जिससे वह एक अच्छी आमदनी प्राप्त करके अपने जीवन की आर्थिक गति को एक नयी दिशा देने में सक्षम हो सकते है। किसानों को फसलों के खरीद का समर्थन मूल्य सीधे उनके बचत बैंक खाते में समय से ट्रांसफर किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश ई-क्रय प्रणाली की विशेषताएं
- राज्य के सभी किसानों को अपनी फसल की खरीद के लिए पोर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। जिसके पश्चात उन्हें टोकन प्राप्त होने पर ही मंडी में अपनी फसल को लेकर निर्धारित समय में उपस्थित होना होगा।
- यूपी सरकार ने किसानों को सुविधाएँ पहुंचाने के लिए राज्य में 5,500 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किये हैं।
- गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 1,975 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
- गेहूं की फसल बेचने वाले सभी किसानों को पोर्टल की सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा।
गेहूँ खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण दस्तावेज
- किसानों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी के लिए खसरा – खतौनी, खसरा संख्या और जमीन का रकबा एवं गेहूँ का रकबा आदि डिटेल्स देनी होगी।
- किसान का आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक अकाउंट पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- किसान को अपने खेत की राजस्व अभिलेख की जानकारी भी प्रस्तुत करनी होगी।
ऑनलाइन किसान रजिस्ट्रेशन गेहूं खरीद अनिवार्य बाते
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में आवेदक को अपना आधार नंबर, आधार कार्ड में दर्ज नाम आदि सही से भरना होगा।
- पंजीकरण करने के लिए खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर रकबे एवं बोये गए रकबे की डिटेल्स को भी दर्ज करना है।
- पंजीकरण सफल होने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर को आगे के लिए सुरक्षित रखकर प्रिंट आउट लें।
- रजिस्ट्रेशन करने के लिए किसान को मौजूद मोबाइल नंबर को ही दर्ज करना होगा।
- आवेदन लॉक करने के बाद ही किसान का रजिस्ट्रेशन स्वीकार किया जायेगा।
- दिए गए मोबाइल नंबर में ही किसान को सभी सूचनाएं भेजी जाएगी।
- 100 क्विंटल से अधिक गेहूं की खरीद पर किसान को SDM से सत्यापन करवाना होगा।
- गेहूं विक्रय करने के पश्चात आवेदक किसान को केंद्र प्रभारी से रसीद प्राप्त करना अनिवार्य है।
उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण करना
- सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://fcs.up.gov.in में जाएँ।
- होम पेज में “किसान पंजीकरण” विकल्प क्लिक करें।
- नए पेज में “गेहूँ खरीद हेतु किसान पंजीकरण” विकल्प क्लिक करें।
- स्क्रीन में पंजीकरण हेतु सभी महत्वपूर्ण जानकारी पढ़कर आगे बढे।
- पंजीकरण के लिए किसान मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करके “आगे बढ़ें” ऑप्शन को क्लिक करें।
- अगले पेज में आवेदक पंजीकरण फॉर्म में जानकारी जैसे आवेदक किसान का नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, तहसील, जनपद, पति/ पिता का नाम आदि दर्ज करके “पंजीकरण करें” विकल्प क्लिक करें।
- पंजीकरण प्रारूप के लिए “पंजीकरण प्रारूप” ऑप्शन को क्लिक करें।
- स्क्रीन में एप्लीकेशन पीडीऍफ़ फॉर्म खुलेगा इसका प्रिंट आउट लेकर आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
- पंजीकरण करते समय कोई त्रुटि होने पर “पंजीकरण संसोधन” ऑप्शन क्लिक करके त्रुटियों में सुधार कर सकते है।
- किसान पंजीकरण फॉर्म प्रिंट करने के लिए “पंजीकरण फ़ाइनल प्रिंट” ऑप्शन क्लिक करें और पंजीकरण किये गए फॉर्म का प्रिंट निकालकर सुरक्षित रखें।
- लॉक के उपरांत टोकन बनाने की प्रक्रिया
- लॉक के उपरांत टोकन बनाने की प्रक्रिया के लिए दिए गए ऑप्शन में क्लिक करें।
- अब अपना मोबाइल नंबर दर्ज करके “आगे बढे” ऑप्शन को क्लिक करें।
- टोकन प्राप्त करने के लिए अगले पेज में फॉर्म को भरें।
- टोकन में किसान को मंडी में फसल पहुंचाने का सभी विवरण दिया जायेगा।
गेहूं खरीद हेतु किसान पंजीकरण उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रश्न उत्तर
गेहूं खरीद पोर्टल की शुरुआत किसके द्वारा की गयी है ?
उत्तर प्रदेश रसद विभाग एवं राज्य सरकार के द्वारा गेहूं खरीद पोर्टल की शुरुआत की गयी है।
गेहूं खरीद पोर्टल से किसानों को क्या सुविधाएँ हुई है ?
किसानों को समय से अपनी फसल बेचने की सुविधाएँ पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हुई है।
क्या किसानों को गेहूं खरीद पोर्टल से फसलों का समर्थन मूल्य प्राप्त होगा ?
हाँ ई-क्रय प्रणाली पोर्टल के माध्यम से किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त होगा।
गेहूं खरीद पोर्टल राज्य के किसानों को किस प्रकार लाभान्वित करेगा ?
यह पोर्टल किसानों को समर्थन मूल्य में उनकी फसल को बेचने में मदद करेगा जिससे किसान की फसल समय से बेचीं जा सकेगी और उन्हें समय से पैसा मिल पायेगा।