भारत के उत्तरी भाग में हिमाचल प्रदेश राज्य में एक प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि रखने वाला सुन्दरतम नगरों में से एक हैं – शिमला। प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटक इस शहर की खूबसूरती की ओर आकर्षित होकर भ्रमण करने चले आते हैं। शिमला की सागर तट ऊंचाई 2202 मीटर मानी जाती हैं।
शिमला को “समर रिफयूज़” एवं “हिल स्टेशनों की रानी” उपनामों से भी जाना जाता हैं। सभी पर्यटकों को यहाँ पर स्थित बर्फीले पहाड़, झीले, नदियाँ एवं अन्य पुरातन इमारते अत्यधिक मनमोहक लगती हैं। यदि कोई भी व्यक्ति शिमला में घूमने की सोच रहा हैं।
इस लेख में शिमला में घूमने के लिए ये 26 जगहें की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो यह लेख ध्यानपूर्वक पढ़ें।
शिमला में घूमने के लिए ये 26 जगहे
लेख का विषय | शिमला में भ्रमणीय स्थल |
लाभार्थी | पर्यटक |
श्रेणी | सूचनात्मक लेख |
आधिकारिक वेबसाइट | https://himachaltourism.gov.in/ |
1. रिज़ रोड
यह शिमला शहर के केंद्र में खुले स्थान के रूप में दिखाई देता हैं जिसे पर्यटकों के लिए शिमला के दिल के रूप में जाना जाता हैं। साथ ही शहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मुख्य बिंदु हैं। इसके साथ ही शिमला का प्रसिद्ध शॉपिंग केंद्र मॉल रोड हैं। यहाँ से पूर्व-पश्चिम तक चलता हुआ स्कैंडल पॉइंट पर ले जाता हैं। पूर्व की तरफ रोड लकड़ी के शिल्प बाजार, लक्कड़ बाज़ार पर ले जाता हैं, जहाँ खरीदने के लिए सुन्दर वस्तु मिल जाती हैं।
यहाँ पर जब सर्दियाँ शुरू होने पर बर्फ़बारी होती हैं तो अधिकांश समाचार पत्रों में नयी बर्फ से सराबोर रिज़ की तस्वीरें आती हैं। यही से लोग बर्फीली पर्वतमाला का मनमोहक दृश्य लेते हैं। बार, बुटीक, कैफे एवं अन्य दुकानों से सुसज्जित एक समृद्ध बाज़ार लोगो को मजेदार खरीदारी करने के लिए लालायित करता हैं।
2. मॉल रोड
शिमला में भ्रमण करने आने वाले पर्यटकों के लिए मॉल रोड को छोड़ना असम्भव सी बात हैं। यह एक हिल स्टेशन होने के साथ एक सुन्दर एवं पर्यटकों को आकर्षित करने वाले स्थानों में से एक हैं। यहाँ पर पर्यटकों के लिए अच्छा बाज़ार उपलब्ध हैं जिसके अंतर्गत कैफे, रेस्टोरेंट, शोरूम, ट्रिंकेट की दुकाने एवं विशेष हस्तशिल्प की दुकाने हैं।
यहाँ अधिकतर पर्यटक पहुँचकर आनंदित दिखाई देते हैं। पर्यटकों को यहाँ पर गहने, कपडे, किताबे आदि को खरीदते देखा जाता हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ का बाज़ार लोगो को अन्य प्रकार की खरीदारी का अवसर देता हैं। यह स्थान प्रत्येक दिन सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता हैं।
3. क्राइस्ट चर्च
क्राइस्ट चर्च का निर्माण वर्ष 1857 में तीन वर्षो के समय के बाद हुआ था। ये उत्तर भारत के प्राचीन चर्चो में से दूसरा स्थान रखता हैं। रात के समय चर्च की सुंदरता लोगो को गहरे आध्यात्मिक अनुभव में ले जाती हैं। रिज़ के मुख्य पानी आपूर्तिकर्ता जलाशय को वर्ष 1880 के दशक में बिना सीमेंट के सिर्फ चूने के मोर्टार से बनाया गया था। चर्च में काँच की चित्रदार खिड़कियाँ, घडी स्तम्भ एवं फ्रेस्कोस भी आकर्षक लगते हैं।
4. कुफरी
शिमला से कुफरी लगभग 15 किमी दूर स्थित हैं यहाँ शिमला से एक घंटे से भी कम समय में पहुँचा जा सकता हैं। पर्यटक यहाँ पर घुड़सवारी, जीप की सवारी एवं सेब के बागानों का लुप्त ले सकते हैं। यहाँ पर कई लोग फोटोग्राफी एवं अन्य साहसित कार्यों को करते देखे जाते हैं। सर्दियों में अत्यधिक बर्फ़बारी के बीच अच्छी-अच्छी खाने की दुकाने लोगों को एक अच्छा अनुभव देती हैं।
यद्यपि यह एक छोटा सा स्थान हैं फिर भी यहाँ पर हैकिंग, ट्रैकिंग आदि की अच्छी व्यवस्था हैं। इन साहसिक खेलों का प्रशिक्षण देने के कारण इस स्थान को भारत की शीतकालीन खेलों की राजधानी भी कहते हैं। अत्यधिक बर्फ़बारी के बाद यहाँ का प्राकृतिक बगीचा एक बेहद लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट कहलाता हैं।
5. समर हिल्स
यह हरियाली के भरा हुआ एक पहाड़ी क्षेत्र हैं जिसका दृश्य इतना स्वर्णिम रहता हैं कि पर्यटक अपलक देखकर भावविभोर हो उड़ते हैं। यह शिमला से बाहरी क्षेत्र में बसा एक शहर हैं जिसे पोटर्स हिल भी कहते हैं। एक समय शिमला के सभी कुम्हार मिट्टी के बर्तन के लिए कच्ची मिट्टी लेने इस पहाड़ी में आते थे अतः इसका नाम “पोर्टल हिल” पुकारा जाने लगा। इसमें सुन्दर बस्ती और घूमने के लिए सात पर्वतमाला का समूह हैं।
सुन्दर एवं समृद्ध दृश्यों से परिपूर्ण यह स्थान घूमने के साथ-साथ विश्राम के लिए भी उपयुक्त हैं। यहाँ पर सूर्योदय एवं सूर्यास्त के दृश्य के दर्शन करना एक अद्वितीय अनुभव हैं। समर हिल की सागर तल से ऊँचाई लगभग 1,238 मीटर आँकी जाती हैं। मशहूर स्थान रिज़ से मात्र 5 किमी दूरी होने के कारण पर्यटक आसानी से यहाँ तक पहुँच जाते हैं। प्रकृति की शांति के बीच गुजरते हुए पर्यटक देवदार एवं अन्य पहाड़ी पेड़ों का साथ पाएंगे।
6. नारकंडा
यदि शिमला से नारकंडा की यात्रा करनी हो तो 60 किमी की यात्रा करनी होगी जोकि 2 घंटे से अधिक का समय लें सकती हैं। यह स्थान काफी ऊँचे पर्वतीय क्षेत्र में स्थित हैं। और यहाँ पर अधिक बर्फ़बारी के बीच विभिन्न साहसिक खेलो जैसे स्केटिंग, जीप लाइनिंग आदि की व्यवस्था है। पर्यटक यहाँ कैंपिंग करते हैं यद्यपि कुछ ही दूरी पर होम स्टे का लुप्त मिलता हैं।
जनवरी से मार्च माह तक पर्यटन विकास निगम की ओर से स्कीइंग का प्रशिक्षण मिलता हैं। बर्फ से आच्छादित पर्वतमाला को देखकर पर्यटक रोमांचित होते हैं। यहाँ पर सड़को के पास चेरी, सेब और देवदार के पेड़ बेहद सुन्दर दृश्य तैयार करते हैं। यह एक दूसरे नाम “फलों का कटोरा” से भी जाना जाता हैं।
नारकंडा में सर्वाधिक प्रसिद्ध स्थल में से एक हेतु शिखर हैं जोकि हाटू माता का मंदिर हैं। यह मंदिर 12,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित हैं इसके लिए मान्यता हैं कि रावण की पत्नी मंदोदरी ने हाटु माता का मंदिर बनवाया था। यहाँ पर हिमालय की सभी दिशाओं का दर्शन लिया जा सकता हैं।
7. शिमला का राज्य संग्रहालय
प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर स्थानों में एक ऐतिहासिक राजकीय स्थान भी हैं जोकि अपनी लघु चित्र, मूर्तियों, चित्रकलाओं, सिक्को, आभूषण, हथियार-कवच, गुड़िया एवं अन्य इतिहास से सम्बंधित वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध हैं। 1974 में सांस्कृतिक समृद्धि एवं अपने इतिहास को सम्हालने के लिए इस संग्रहालय को बनाया गया था। यहाँ की सभी वस्तुएं राज्य के भव्य सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर के अवशेष की प्रतिनिधि हैं।
राज्य के विभिन्न मंदिरों से लाई गयी कांसे की मूर्तियों का संग्रह देखने योग्य हैं। इसका भवन ब्रिटिश काल में ही निर्मित था और अब यह संग्रहालय सोमवार एवं राजपत्रिक अवकाश के दिन को छोड़कर प्रत्येक दिन खुला रहता हैं। इतिहास एवं पुराने समय की सभ्यता में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए तो यह स्थान समय के खजाने जैसा हैं।
8. भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान
इसका निर्माण वर्ष 1880 से 1888 के मध्य एक अंग्रेजी वास्तुकार हेनरी इरविन में अपने देश की प्रसिद्ध जेकोबियन शैली में किया था। यह ऑब्जर्वेटरी हिल पर स्थित एक हरे भरे लॉन के मध्य में हैं जो देखने में किसी पुराने स्कॉटिश महल जैसा लगता हैं। समय के साथ यह विभिन्न कार्य के लिए प्रयुक्त हुआ हैं जैसे – अंग्रेजी वॉयसराय लॉर्ड डफरिन का घर, भारत के राष्ट्रपति की ग्रीष्मकालीन रिट्रीट, वर्तमान समय में उच्च शिक्षा एवं अनुसन्धान संस्थान।
ऐसी मान्यता हैं कि भारत एवं पकिस्तान बनाने का निर्णय यही लिया गया था। इसके प्रवेश द्वार में एक सुंदर कैफे-सह-स्मारिका की शॉप लोगों को दिलचस्प अनुभव देती हैं। यहाँ कार्यदिवस में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक आया जा सकता हैं। राजकीय छात्रों को अपने शिक्षक के साथ निःशुल्क प्रवेश की अनुमति हैं। सोमवार का दिन अवकाश के रूप में बंद रहता हैं।
9. जाखू हिल
शिमला का सबसे ऊँचा स्थान होने के कारण पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं। विशाल हरे वृक्षों के बीच में खड़े हुनमान जी की विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति (108 फ़ीट) आस्तिक लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। सागर तट से 8,000 फ़ीट की ऊँचाई रखने वाला जाखू पर्वतमाला शिमला का उच्चतम बिंदु माना जाता हैं। पुराणिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में भगवान हनुमान ने लंका युद्ध के समय लक्ष्मण की चिकित्सा के लिए संजीवनी बूटी लाने के दौरान यही विश्राम किया था।
यहाँ की चढाई लोगों की सहन शक्ति की अच्छी परीक्षा लेती हैं। इस स्थान पर बंदरों की अधिकता देखी जाती हैं अतः अपने साथ खुले में खाने-पीने के सामान न रखे। मंदिर जाने के लिए सड़क मार्ग से गाडी ले जा सकते हैं अथवा कैब की भी व्यवस्था उपलब्ध हैं।
10. कालका-शिमला रेलवे
कालका एवं शिमला के मध्य की नैरो गेज लाइन एक विश्व विरासत स्थान हैं इसको “ट्राय ट्रैन” के नाम से जाना जाता हैं। 1898 में बनाई गयी रेलवे को वर्तमान समय में ही यूनेस्को ने विश्वधरोहर स्थल घोषित किया है। अपनी यात्रा के दौरान यह ट्रैन 864 पुलों एवं 102 सुरंगो से होकर छोटी-छोटी बस्तियों एवं पहाड़ियों से गुजरती हैं।
यात्रा का समय लगभग 5 घंटे का रहता हैं और अच्छे दृश्य प्रदान करने के कारण यह बहुत लोकप्रिय हैं। हरियाणा के कालका की शिवालिक रेंज की तलहटी से शिमला तक बहुत सुन्दर एवं पहाड़ी रास्तों से घूमते हुए गाँवो और पहाड़ियों के दर्शन करवाती हैं। लंबी गुफाएँ एवं टेड़े-मेढे रास्ते पर्यटकों को आश्चर्य विभोर करते हैं।
11. सेना विरासत संग्रहालय
इतिहास से लगाव रखने वाले लोगो के लिए आर्मी हेरिटेज म्यूज़ियम शिमला में घूमने के लिए अच्छा स्थान हैं। भारतीय सेना से सम्बन्ध रखने वाली विभिन्न वस्तुओं का संग्रह इस संग्रहालय की विशेषता हैं। म्यूजियम के अंदर प्रत्येक सामान को इस प्रकार से जमाया गया हैं कि देखने वाले व्यक्ति को सरलता से उनका विवरण पढ़कर समझ सके।
पर्यटकों को बम-बारूद से लेकर भारतीय योद्धाओं के इतिहास की जानकारी एक अच्छे माध्यम से प्राप्त होती हैं। संग्रहालय के वर्गीकरण में हथियार, हथियार एवं बम-बारूद, सेना के लोकाचार, महान सैनिक नेता, शिमला शहर का इतिहास, सेना के झंडे और बैंड, सेना को मिले पुरस्कार-सम्मान इत्यादि सम्मिलित हैं।
इसके अतिरिक्त लोगो को धनुष, तीर-कमान, एके-47 राइफल, सेना की वर्दियाँ इत्यादि का विस्तृत संग्रह देखने मिलता हैं। सार संक्षेप में सम्पूर्ण संग्रहालय को भारतीय सेना के आदर्श का अच्छा परिचायक बनाकर बच्चो एवं युवाओं को एक दिन में ही बहुत कुछ प्रेरणा देता हैं।
12. सोलन: भारत का मशरूम शहर
1972 में राज्य के जिलों के गठन के समय सोलन जिला बना था। माता शूलिनी के नाम पर शहर को ‘सोलन’ नाम दिया गया था। यहाँ महाभारत काल में पांडवो की प्रसिद्ध पांडव गुफा करोल पर्वत के अंदर हैं। किवदंतियों के अनुसार यह गुफा लाक्षागृह के नीचे बनी थी।
एक और विशेष कारण से सोलन भारतभर में प्रसिद्ध हैं चूँकि यहाँ का पर्यावरण मशरूम की खेती के लिए अत्यंत उपर्युक्त हैं। इसी कारण से सोलन को भारत की “मशरूम सिटी” भी कहते हैं। सोलन से 2 किमी दूरी पर ही चंबाघाट मशरूम खेती का केंद्र हैं। यहाँ एशिया का प्रथम कृषि वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय स्थित हैं। सोलन प्रसिद्ध साहित्यकार सलमान रुश्दी का गृह स्थान हैं। यहाँ विश्वप्रसिद्ध देश की सबसे पुरानी वाइन इकाई भी स्थित हैं।
पर्यटकों के लिए यहाँ पर कसौली का मंकी पॉइंट, सन सेट पॉइंट आकर्षण का केंद्र हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य स्थान जैसे – चायल, कसौली, लॉरेन्स विद्यालय-सनावर, एशिया का सबसे ऊँचा शिवजी मंदिर, जाटोली मंदिर में बाबा की समाधि, अर्की-नालागढ़ किला, मोहन राष्ट्रीय धरोहर इत्यादि हैं।
वन्य जीव अभ्यरण में जंगली मुर्गे, चीतल को हैं। डगशाई की 18वी सदी जेल में ब्रिटिश काल में भारतीयों को कैदी बनाया जाता था यहाँ पर गांधीजी एवं भगत सिंह को भी रखा गया था।
13. तारा देवी का मंदिर
शिमला से 11 किमी दूरी पर कालका रोड पर तारों की देवी को समर्पित एक विशेष प्रकार का तारा देवी मंदिर हैं। ऐसा मानते हैं कि यह 250 वर्ष पुराना हैं जिसका निर्माण पश्चिम बंगाल के सेन वंशीय राजा भूपेंद्र सेन ने करवाया था। एक बार जंगल में आखेट के दौरान राजा को माँ ने दर्शन देकर मंदिर बनाने की आज्ञा दी थी।
मंदिर में देवी की लकड़ी से बनी मूर्ति स्थापित हैं इसके अतिरिक्त मंदिर के अंदर दरवाज़े और लकड़ी पर देवी-देवताओं के छोटे चित्र सुन्दरतम रूप में हैं। एक पवित्र जगह पर सोने और चाँदी का प्रयोग देखने मिलेगा। देवी तारा स्थानीय लोगों पर हमेशा ध्यान रखते हुए अपना आशीर्वाद बरसाती रहती हैं। देश में पंडोखर धाम मनोकामना पूर्ति करने का स्थान है।
पहाड़ की एक चोटी पर स्थित यह मंदिर पर्यटकों की सुविधा के लिए बस सेवा से जुड़ चुका हैं। यहाँ एक ओर सड़क और दूसरी ओर घने जंगल हैं। मंदिर की प्रसिद्धि के कारण यहाँ पर मनोकामना पूर्ण होने के बाद भंडारे के आयोजन में पाँच वर्ष तक का इंतज़ार करना पड़ता हैं। मन की शांति एवं गहरे आत्मिक अनुभव के खोजी मंदिर के अंदर विशेष सकारात्मक वातावरण पाते हैं।
14. मनाली
हिमाचल राज्य में 6,398 फ़ीट ऊँचाई पर कुल्लू जिले में व्यास नदी के किनारे मनाली स्थित हैं। शिमला से उत्तर दिशा की ओर 270 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध हिल स्टेशन हैं। मनाली को हिन्दू देवता “मनु” का निवास एवं सप्त ऋषियों का घर होने की विरासत प्राप्त हैं। यहाँ पर अंग्रेजो के द्वारा शुरू किये गए सेब के बागान पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण रखते है। साथ ही स्थानीय लोगो के लिए आय का सबसे बड़ा साधन हैं।
यहाँ पर कई होटल एवं रेस्टोरेंट स्थापित हो चुके हैं। पर्यटक विभिन्न साहसिक खेलों जैसे स्कीइंग, हायकिंग, पहाड़ चढ़ना, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग आदि का लुप्त लेते हैं। मनाली में तिब्बती समुदाय के लोगों के बौद्ध मंदिर दर्शनीय स्थान हैं और वर्ष 1969 में बना गर्दन थेकोकलिंग गोम्पा भी प्रसिद्ध हैं।
मनाली के दक्षिणी क्षेत्र में नाग्गर किला में पाल साम्राज्य का स्मारक हैं। यहाँ पर चट्टानों एवं लकड़ियों के कढ़ाइयों से निर्मित समृद्ध कलाकृतियों का मिश्रण हैं जिसे वर्तमान समय में एक होटल बना दिया गया हैं। पांडव भीम की पत्नी हिडिम्बा के नाम पर वर्ष 1553 में निर्मित हिडिम्बा देवी मंदिर भक्तो में खास स्थान रखता हैं। ये एक चार मंजिला शिवालिक एवं विशेष काठ की कड़ाई के लिए प्रसिद्ध हैं।
15. कुल्लू
कुल्लू मनाली के साथ ही मिलकर एक लोकप्रिय पर्यटक स्थान हैं। पुराने समय में कुल्लू घाटी को कुलंथपीठ कहते थे जिसका अर्थ रहने योग्य दुनिया का अंत। यह मनमोहक दृश्यों एवं देवदार के वृक्षों के आच्छादित पर्वतमाला की एक खुली घाटी हैं। प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए तो यह स्थान धरती पर स्वर्ग का साक्षात हैं। प्रकृति की गोद में समाया छोटा किन्तु रमणीय स्थल हैं।
विज नदी के किनारे स्थित यह स्थान अपनी हरियाली एवं सुंदरता के कारण पर्यटकों को आकर्षित कर देता हैं। यहाँ पर हिन्दू आस्था के पर्यटक के लिए 17वी सदी में बना रघुनाथजी का मंदिर भी तीर्थ स्थल हैं। कुल्लू को एक अन्य नाम सिल्वर घाटी भी कहते हैं।
पर्यटकों के लिए मछली पकड़ने के स्थान जैसे पिरड़ी, रायसन, कसोल नागर एवं जिया मुख्य हैं। लोग यहाँ पर ट्रैकिंग एवं व्यास नदी पर वाटर राफ्टिंग करते हैं। नग्गर में 16वी सदी के पत्थर एवं लकड़ी के महल पर्यटकों को होटल के रूप में प्रदर्शित होते हैं। यहाँ पर रुसी चित्रकार निकोलस रोएरिक के चित्र दीर्घा दिखती हैं।
जगतसुख कुल्लू में दो प्रमुख पुराने मंदिर हैं जिनमे गौरीशंकर मंदिर एवं दूसरा संध्या देवी मंदिर हैं।
16. अर्की किला
राज्य के सोलन जिले में अर्की एक छोटा सा शहर हैं जिसमे अर्की किला स्थित हैं। किले का निर्माण राणा पृथ्वी सिंह ने 17वी से 18वी सदी के मध्य किया था। किले का वास्तु राजपुताना, मुगलई एवं राजस्थानी शैली का मिश्रित रूप हैं। 18वी सदी में इस पर गोरखाओं ने कब्ज़ा लिया था, इन्होने हिमाचल राज्य को फैलाने के लिए अपने आधार केंद्र शिविर की तरह प्रयुक्त किया था।
गोरखा सेनापति अमर सिंह थापा ने अर्की को अपना गढ़ बनाकर प्रदेश को कांगड़ा तक विस्तीर्ण किया। एक समय अर्की बघल रियासत की राजधानी होती थी। सागर तट से 4,100 फ़ीट ऊँचाई पर स्थित किला अपने सुखद एवं दुखद अनुभवों को दर्शाता प्रतीत होता हैं। वर्तमान समय में किला एक विरासतधारी होटल के रूप में हिमालय की बर्फीली पर्वतमाला का मनोरम दृश्य दिखता हैं।
किले में बहुत सी सुंदर मूर्ति एवं कलाकृति बघल काल की कला को दर्शाती हैं। यह स्थान ग्रीष्मकालीन स्टॉपेज और एक हनीमूल केंद्र हैं। पर्यटक यहाँ पर बर्फ़बारी, ट्रैकिंग, वन्यजीव दर्शन, सुन्दर पर्वतमाला एवं मठों का अनुभव करते देखे जाते हैं। इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटकों की सूची में यह स्थान अवश्य सम्मिलित रहता हैं।
17. नालदेहरा
सागर तट से 2,044 मीटर ऊँचाई पर शिमला से 22 किमी की दूरी पर एक बहुत ही सुन्दर हिल स्टेशन नालदेहरा हैं। यहाँ लार्ड कर्ज़न ने एक गोल्फ कोर्स का निर्माण किया था। इसका नाम नाग और डेहरा को मिलाकर बनाया गया हैं चूँकि यहाँ एक नाग देवता का मंदिर हैं। यहाँ देवदार के पेड़ एवं हरियाली एक प्राकृतिक आकर्षक वातावरण तैयार करते हैं।
बर्फ से आच्छादित हिमालय पर्वत को देखने के लिए सर्वोत्तम स्थल हैं। यहाँ के वातावरण की शांति में हवाओं की आवाज़ सुनना एक विचित्र एवं सुखद अनुभव होता हैं। पर्यटकों को इस स्थान को घूमने के लिए घोड़ो की सवारी उपलब्ध रहती हैं इसके साथ पहाड़ो से शाम एवं सुबह का सूर्य दर्शन प्रकृति के सौन्दर्य को दिखता हैं।
नालदेहरा को देश के सबसे पुराने गोल्फ कोर्स बताया जाता हैं। यह अच्छी तरह से तैयार किया गया स्पोर्टी एवं प्यारा मैदान हैं। यहाँ कई प्रतियोगिताएँ का आयोजन होता हैं। गोल्फ मैदान के किनारे स्थित होटल गोल्फ ग्लैड यहाँ के पर्यटकों को एक रिट्रीट देते हैं। पर्यटक आस-पास के पिकनिक स्पॉट्स में अच्छा समय गुजार सकते हैं। नालदेहरा में अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों के मौसम में जलवायु काफी ठंडी रहती हैं और यहाँ का तापमान -2 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता हैं। यही समय यात्रा के लिए उपर्युक्त हैं।
18. मशोबरा
सागर तट से 7,700 फुट ऊँचाई पर स्थित मशोबरा सिंधु और गंगा नदी के किनारे स्थित हैं जोकि एशिया के बड़े वाटरशेड की तरह जाना जाता हैं। शिमला से उत्तर दिशा मशोबरा की दूरी सिर्फ 11 किमी हैं। मशोबरा एक छोटी सी बस्ती हैं जो ब्रिटिश अधिकारियों के लिए पहली पसंद थी जो ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला के पास रहना चाहते हैं।
यहाँ के पाईन एवं सेब से सुन्दर बगीचे पर्यटकों के लिए सुंदरतम स्थल हैं। धार्मिक दृष्टि से एक लकड़ी के मंदिर में देवी महाकाली एवं भगवान शिव स्थित हैं। मशोबरा में छोटे बाज़ार में मशरूम का आचार, ताज़े फलों का रस, जैम, स्क्वैश खरीदारी के लिए अच्छे माने जाते हैं। यहाँ आने वाले सैलानी इन्हे अपने साथ ले जाना बहुत अच्छा मानते हैं।
बैडोची अपने समय में अभिनेत्री वहीदा रहमान का ग्रीष्मकालीन आवास रहा हैं। यहाँ का बगीचा पूरे क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय हैं। दि रिट्रीट एक चोटी पर स्थित पुराना कॉटेज हैं। वर्तमान समय में यह भारत के राष्ट्रपति की आधिकारिक सैरगाह है जहाँ वे वर्ष में एक बार जरूर छुट्टियाँ बिताते हैं। यहाँ पर वर्ष 1914-18 में हुए युद्ध के शहीद सैनिको को समर्पित एक चर्च हैं जहाँ भारी मात्रा में पर्यटकों की आवाजाही होती हैं।
19. अनाडेल मैदान
सागर तट से 6,117 फ़ीट ऊँचाई पर स्थित शिमला शहर से मात्र 3 किमी की दूरी पर अनाडेल मैदान अपनी सुंदरता एवं ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। एक समय पर यह सेना के पास था। हर ओर हरियाली से घिरे होने के कारण इस सुन्दर मैदान को ‘शिमला का दिल’ कहते हैं।
इसके नाम के बारे में विख्यात हैं कि चार्ल्स केनेडी सर्वप्रथम यहाँ आये तो इसकी सुंदरता से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी प्रेमिका के नाम पर ही इस मैदान को ऐनाडेल रखा था। यह मैदान काफी पुराना हैं जो वर्ष 1830 में एंग्लो इंडियन के लिए मनोरंजन स्थान की तरह प्रसिद्ध था। तब लोग इस जगह पर पिकनिक, जन्मदिन एवं पोलो का आनंद लिया करते थे।
अन्नाडेल 3.2 किमी की दूरी पर द रिज़ से पहाड़ी नीचे स्थित हैं। यह मैदान एक विशाल समतल घाटी का तल हैं। इस सुन्दर मैदान को आसपास के विभिन्न शहरों से देखा जा सकता हैं। स्थानीय लोगों की श्रद्धा का केंद्र गण देवता मंदिर या देवरा मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं। यह एक गोल्ड कोर्स की भांति ही कार्य करता हैं। यहाँ के हेलीपैडों में वीवीआईपी को उतारा जाता हैं। अब इसका रखरखाव सेना द्वारा किया जाता हैं और वे यहाँ पर अभ्यास करते देखे जाते हैं।
20. ग्रीन वैली
शिमला से कुफरी जाने वाले मार्ग में ग्रीन वैली स्थित हैं। अपनी खूबसूरती के कारण यह फोटोग्राफी के लिए पसंद किया जाता हैं। यहाँ पर ऊँचे-नीचे पहाड़ सभी ओर से जंगली पेड़-पौधों से आच्छादित रहते हैं। शिमला रेलवे स्टेशन से मात्र 26 किमी दूर होने के कारण यहाँ सरलता से पहुँचा जा सकता हैं।
घाटी को हरे-भरे देवदार के पेड़ों ने प्राकृतिक रूप से समृद्ध किया हैं। इस हरियाली के वातावरण को देखकर सैलानी इसका हिस्सा बनाने का प्रयास करते हैं। यहाँ पर कुछ विचित्र जीव भी देखे जाते हैं जैसे याक जो की यहाँ घूमते दिख जाया करते हैं। प्रकृति के सम्मोहित करने वाले दृश्य में से एक बर्फीली पहाड़ी एवं कुछ हरे रंग के छीट-पुट नज़ारे पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं।
21. चैडविक फॉल्स
ऊँचाई पर स्थित चाडविक फाल्स समर हिल चौक से मात्र 7 किमी की दूरी पर हैं। यह स्थान शिमला शहर की हलचल से थोड़ी दूरी पर हैं। यह एक प्राकृतिक जलप्रपात हैं जो 1,586 मीटर की ऊँचाई स्थित हैं और पानी लगभग 80 मीटर की ऊँचाई से एक खाई में समाता हैं। हिमालय से आने वाला भारत का सबसे ऊँचे झरनो में से एक समझा जाता हैं।
यद्यपि यह बहुत विशाल नहीं परन्तु लोगों को शांति एवं आनंद देने के लिए पर्याप्त सम्पदा रखता हैं। यहाँ पर्यटक किनारो पर पिकनिक मानते देखे जाते हैं। आस पास के घने जंगल एक छत्र की तरह प्रतीत होते हैं जिनसे ताज़ी हवा एवं शांत ध्वनि एक सम्मोहक वातावरण देते हैं।
अपना जरुरी सामान लेकर प्रकृति में खो देने वाली पैदल यात्रा लोगो को एक नया अनुभव देती हैं। स्थानीय लोगों के लिए झरने का नाम “चिदकू झार” हैं जिसका मतलब हैं गौरैया और झरना। चूँकि यह मान्यता थी कि झरने के शीर्ष पर सिर्फ गौरैया ही पहुंच सकती थी। इसकी नाम को अंग्रेजो द्वारा “चैडविक” कहा जाने लगा।
22. हिमालय बर्ड पार्क
यह एक छोटा किन्तु महत्वपूर्ण हिमालयन एवियरी एक नाम से प्रसिद्ध हैं जो वायसरेगल लॉज के एकदम सामने स्थित हैं। यहाँ पर हिमालय के पूर्व राज्य पक्षी इंद्रधनुष मोनाल तीतर एवं अन्य दर्शनीय पक्षी पाए जाते हैं। पक्षी एवं अन्य वन्य जीव की एक श्रृंखला पर्यटकों को फोटोग्राफी के लिए प्रेरित करती हैं। इनमें से कुछ ऐसे जीव भी हैं जो हिमालयी जीवन के लिए एक विशिष्ठ स्थान रखते हैं।
वन्य जीव के अतिरिक्त यहाँ पर देखने योग्य वनस्पति भी उपलब्ध हैं जो पर्यटकों को बड़ी आसानी से आकर्षित कर सकती हैं। सर्दियों में बर्फ़बारी की वजह से यह पार्क बंद कर दिया जाता हैं। गर्मी के सत्र में पार्क को उसकी महिमा में देखा जाता हैं। प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए यह स्थान जरूर देखने की सूची में शामिल होना चाहिए।
23. जॉनी मोम संग्रहालय
जॉनी मोम संग्रहालय में प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मोम से निर्मित प्रतिमाओं को एकत्रित किया गया हैं। यहाँ पर मुख्य रूप से गांधीजी, माइकल जैक्सन, जेम्स बांड, हैरी पॉर्टर, आयरन मैन इत्यादि सम्मिलित हैं। इसकी सबसे विशेष बात यह हैं कि कोई भी पर्यटक अपने मनपसंद व्यक्ति के साथ खड़े होकर फोटो ले सकता हैं।
संग्रहालय को प्रत्येक दिन सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक खोला जाता हैं। इसमें प्रवेश के लिए बड़ों को 250 रुपए एवं बच्चो को 5 रुपए का टिकट लेना होता हैं। यदि आपके साथ पांच वर्ष से कम का बच्चा हैं तो उसको निःशुल्क प्रवेश दिया जायेगा।
24. रानी झाँसी पार्क
शिमला की मुख्य सड़क से रानी झाँसी पार्क में आसानी से पहुँचा जा सकता हैं। वर्तमान समय में शहर के लक्कड़ बाज़ार के ओपन स्केटिंग रिंग में 2 महीने के लिए स्केटिंग का लुप्त ले सकते हैं। जो पर्यटक किसी बच्चे के साथ आये हैं उनके लिए यह पार्क एक बेहतर स्थान हैं। इस पार्क को भारत की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई को श्रद्धांजलि देते हुए बनाया गया हैं जिसके मध्य में रानी के प्रतिमा अपने घोड़े के साथ स्थित हैं।
बच्चो एवं नौजवानो को प्रेरित करने के लिए रानी की उपलब्धियों को एक ग्रेनाइड के पत्थर पर उकेरा गया हैं। पार्क में हल्की मस्ती के साथ पिकनिक भी मनाई जा सकती हैं। पार्क की खूबसूरती एवं आस पास के हरे भरे पर्वत पर्यटकों को एक सुन्दर एवं आराम का अनुभव देते हैं।
25. गेयटी थिएटर
माल रोड की भीड़ से भर सड़क पर ही एक पुराना विचित्र प्रकार का गेयरी थिएटर हैं। शिमला में पुरानी बचे हुए ब्रिटिश संरचना में से एक हैं जिसका डिज़ाइन लोकप्रिय हेनरी इरविन ने निर्मित किया था। 1887 में गॉथिक शैली में बने थिएटर ने अपना आरम्भ किया जिसके अंदर 300 से अधिक लोगो के बैठने की व्यवस्था थी।
यद्यपि समय के साथ इसमें परिवर्तन करने पड़े हैं परन्तु इसका स्क्रीन मूल रूप में हैं। इसके निर्माण के कुछ समय बाद ही इसके परिसर को असुरक्षित मानकर तोड़ दिया था परन्तु थिएटर को बचाया गया था। पुराने समय में यह मनोरंजन एवं सामाजिक दृश्य का मुख्य स्थान था।
इसने लॉर्ड लिटन और रुडयार्ड किपलिंग के नाटकों का मंचन हुआ हैं। बाद में पृथ्वी राज कपूर, के एल सहगल एवं बेनेट पॉवेल भी अभिनय की कला प्रदर्शित कर चुके हैं। अपनी समृद्धि के साथ वर्तमान में भी यह विभिन्न नाटक समुदायों का कार्यस्थल हैं। यह विश्व में छः एवं एशिया का अकेला गॉथिक थिएटर हैं।
26. भीमा काली मंदिर
यह मंदिर शिमला में देवी दुर्गा के एक रूप भीमाकाली के लिए प्रसिद्ध हैं। मंदिर में निर्माण की मिश्रित शैली देखने को मिलती हैं जिसमे हिमाचली, हिन्दू, तिब्बती एवं बौद्ध प्रमुख हैं। मंदिर में मुड़ी हुई छत, अंदर पूजा के लिए शिवालय, स्वर्णिम मीनार एवं नक्काशीदार चाँदी के दरवाज़े स्थित हैं।
मान्यता के अनुसार यह 800 वर्ष पुराना 51 शक्तिपीठों में से एक स्थान रखता हैं। स्थानीय लोगो द्वारा दशहरे का पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। मंदिर को चारो तरफ से शिमला के राज परिवार के महलों ने घेरा हुआ हैं। मंदिर को लेकर यहाँ के स्थानीय लोगो के पास विचित्र कहानियाँ हैं जिन्हे पर्यटकों द्वारा पूछे जाने पर वे ख़ुशी से साँझा करते हैं।
शिमला में पर्यटन से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://himachaltourism.gov.in/ हैं।
शिमला में घूमने लायक जगहों से जुड़े प्रश्न
शिमला भ्रमण का उपयुक्त समय क्या रहेगा?
शिमला में जाने के लिए मार्च से जून का समय सबसे उत्तम हैं। इस समय पर यहाँ पर सुहाना मौसम रहता है और आउटडोर क्रियाकलाप करने का अवसर मिलता हैं।
शिमला में किस समय पर अच्छी बर्फ़बारी होती हैं?
यहाँ पर दिसंबर मध्य से जनवरी तक भारी बर्फ़बारी रहती हैं। बर्फ़बारी के बाद पहाड़ बेहद सुन्दर लगते हैं। इस समय रोमांचक खेल स्केटिंग का अच्छा प्रबंध मिल जाता हैं।
शिमला में प्रसिद्ध चीज क्या हैं?
शिमला में सबसे ऊँचाई पर स्थित जाखू हिल सबसे प्रसिद्धतम स्थान माना जाता हैं। यह समंदर तल से 8,000 फ़ीट ऊंचाई पर बेहद सुन्दर अल्पाइन वृक्षों से ढंका हुआ रमणीय स्थान हैं।