उत्तर प्रदेश की सरकार अपने किसान नागरिकों के हित में समय-समय पर विभिन्न योजनाएँ एवं कार्यक्रम संचालित करती रहती है। इसी क्रम में राज्य के किसानों के लिए एक विशेष प्रकार की यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना को शुरू किया है। हम सभी इस तथ्य से भली-भाँति परिचित है कि यूपी के किसानों को खेतो की सिचाई के लिए विभिन्न प्रकार की परेशानी होती है। इसका परिणाम यह होता है कि वे अपनी फसल को सही सिचाई नहीं दे पाते है। Nishulk Boring Yojana के अंतर्गत किसानों के खेत में बोरिंग की व्यवस्था दी जाएगी।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना में सिर्फ उन्ही किसानों को लाभार्थी बनाया जायेगा जिनके पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर क्षेत्रफल की जोत होगी। 0.2 हेक्टेयर से कम की खेती होने पर सामान्य श्रेणी के किसानों को योजना का लाभार्थी नहीं बनाया जायेगा। जिन किसानों के पास 0.2 हेक्टेयर से कम की जोत है वे आपसी समूह बनाकर योजना का लाभ ले सकते है। इस लेख के अंतर्गत आपको योजना के उद्देश्य, पात्रता, आवश्यक प्रमाण पत्र, आवेदन की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। अतः यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के लाभार्थी बनाने की इच्छा रखने वाले पाठक लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
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लेख का नाम | यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना |
सम्बंधित विभाग | लघु सिंचाई विभाग |
उद्देश्य | निःशुल्क बोरिंग की सुविधा देना |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश के किसान |
श्रेणी | यूपी सरकार योजना |
अधिकारिक वेबसाइट | http://minorirrigationup.gov.in/ |
Table of Contents
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के उद्देश्य
वर्ष 1985 में राज्य के लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए बोरिंग की सुविधा देने के उद्देश्य से सरकार ने यूपी निशुल्क बोरिंग योजना को शुरू किया था। Nishulk Boring Yojana के माध्यम से राज्य के सामान्य और अनुसूचित जाति/जनजाति के छोटे किसानों को कृषि सिचाई के लिए बोरिंग की व्यवस्था दी जाएगी। लाभार्थी किसानो को बोरिंग हेतु पम्प की खरीद पर ऋण की सुविधा मिलेगी। राज्य में जिन भी किसानों के पास कमज़ोर आर्थिक स्थिति की वजह से खेतों में नलकूप नहीं होगा उन्हें बोरिंग के बाद पम्प की सुविधा देकर समृद्धि की ओर लेकर जाना है। फसलों में पानी की सप्लाई राज्य के पठारी स्थानों पर खेत की हैंड बोरिंग में परेशानी होने पर इनवेल अथवा वैगन ड्रिल मशीन के माध्यम से बोरिंग का कार्य किया जायेगा। सभी लाभार्थी किसानों को योजना के अनुदान की धनराशि सीधे बैंक खातों में प्राप्त होगी।
यूपी बोरिंग योजना में पात्रताएं
- उमीदवार किसान यूपी राज्य का स्थाई निवासी हो।
- लाभार्थी किसानी का कार्य करता हो।
- किसान एवं लघु एवं सीमान्त किसान हो।
- एससी/एसटी वर्ग के किसानों के खेत के लिए किसी प्रकार की सीमा नहीं है।
- किसान के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर की जोट उपलब्ध हो।
- आवेदन किसान किसी अन्य सिचाई योजना का लाभार्थी ना हो।
- असिंचित जमीन वाले किसानों की सूची बनाई जाएगी।
यूपी बोरिंग योजना के लिए प्रमाण पत्र
- किसान का आधार कार्ड
- आवास प्रमाण पत्र
- किसान की आय के प्रमाण पत्र
- आयु के प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- नवीनतम पासपोर्ट फोटोज
- मोबाइल नंबर
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना की आवेदन प्रक्रिया
उतर प्रदेश राज्य के वे सभी किसान जो बोरिंग योजना की सभी पात्रता एवं प्रमाण पत्र रखते हो वे बहुत सरलता से योजना की आवेदन प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है। योजना की आवेदन प्रक्रिया निम्न प्रकार से है –
- सबसे पहले यूपी लघु सिचाई विभाग की आधिकारिक वेबसाइट minorirrigationup.gov.in को ओपन कर लें।
- अब योजना की वेबसाइट की होम मेनू में “योजनाएँ” विकल्प को चुन लें।
- आपको स्क्रीन पर निशुल्क बोरिंग योजना के डिटेल्स मिलेंगे, इन्हे ध्यान से पढ़ें।
- इसी वेब पेज पर नीचे की ओर “आवेदन पत्र” विकल्प को चुन लें।
- आपको एक नयी टैब में पीडीएफ प्रारूप वाला आवेदन पत्र दिखेगा।
- आवेदन पत्र को डाउनलोड करके प्रिंटआउट प्राप्त करें।
- आवेदन पत्र में मांगी जा रही सभी जानकारियों जैसे – नाम, मोबाइल संख्या, ईमेल आईडी, आवासीय पता इत्यादि को सही प्रकार से भरें।
- एक बार आवेदन पत्र भरने के बाद इसके साथ सम्बंधित प्रमाण पत्रों को संलग्नित कर दें।
- सही प्रकार से भरे गए आवेदन पत्र को अपने क्षेत्र के लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में समबन्धित कर्मचारी को दे दें।
- इन सभी चरणो को सही प्रकार से करने वाले उम्मीदवारों का आवेदन पूर्ण हो जायेगा।
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के लक्ष्य
- यूपी राज्य के निर्धन किसानों को खेत की सिचाई में निःशुल्क बोरिंग की सुविधा देना।
- लघु एवं सीमान्त किसानों को कृषि के पम्प सेट के लिए सरकार अनुदान पहुँचाना।
- राज्य के वंचित किसानों की खेती एवं जीवन में उन्नति लाना।
- भारत सरकार के किसान की दुगनी आय के संकल्प को प्राप्त करना।
- राज्य के किसानों को तकनीकी रूप से विकसित करना।
- प्रदेश के लघु कृषकों को 5 हज़ार रूपये का अनुदान मिलेगा।
- योजना में सीमान्त कृषकों को 7 हज़ार रुपयों का अनुदान मिलेगा और एससी-एसटी लाभार्थियों को 10 हज़ार रुपए का अनुदान मिलेगा।
- गाँव की पंचायत से तैयार जल संसाधन समिति की सहमति से लक्ष्य के 25 प्रतिशत से ज्यादा संख्या में लाभार्थियों को चुना जायेगा।
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के नियम
- बोरिंग करने से पहले यह देखा जायेगा कि जिस स्थान पर बोरिंग हो रही है वहाँ पर खेती है अथवा नहीं। चूँकि बोरिंग करवाने के लिए खेती होना अनिवार्य है।
- राज्य के अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंड में योजना का काम नहीं होगा।
- बोरिंग के समय यह देखा जायेगा कि दिए जा रहे पंप सेट से लगभग 3 हेक्टयेर खेत की सिचाई हो सके।
- राज्य में विकास खण्डों के अंतर्गत आने वाले सेमी क्रिटिकल वर्ग के क्षेत्रों में नाबार्ड की स्वीकृत सीमा के अनुसार चयन किया जायेगा।
- पम्प सेट के बीच की दुरी को नाबार्ड द्वारा जनपद के लिए तय की गई दूरी से कम नहीं होना चाहिए।
- योजना की धनराशि को सबसे पहले समग्र ग्राम विकास योजना और नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के गाँवो में पहुँचाया जायेगा।
नलकूप बोरिंग योजना में सामग्री की जानकारी
- योजना में पीवीसी पाइपों का इस्तेमाल होगा।
- जलीय परिस्थिति वाले क्षेत्रों में एमएस पाइपों को लगाया जायेगा।
- एमएस पाइप के प्रयोग के लिए जिलों के क्षेत्रों को अधीक्षक अभियंता लघु सिचाई वृत्त से अनुमोदन प्राप्त करते है।
- पीवीसी पाइप की बोरिंग के लिए पीवीसी पाइप एवं अन्य सामानों का इंतेजाम किसानों द्वारा करवाई जायेगा।
- पीवीसी पाइप और अन्य सामग्री की दरों को निर्धारित करने के लिए जिलाधिकारी के अनुसार से एक समिति गठित होगी।
नलकूप बोरिंग का क्रियान्वन
योजना में अनुदान देने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति को बनाया जायेगा। समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जूनियर इंजीनियर, जेई (नलकूप खण्ड सिचाई विभाग) एवं जिलाधिकारी के अनुसार दो अधिकारियों चुने जायेगे। समिति योजना की अनुदान राशि एवं अन्य सामग्री की दरों को स्वीकृति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बोरिंग का कार्य के दौरान योजना से सम्बंधित सभी निर्देशों एवं आर्थिक नियमों का ध्यान रखा जायेगा।
बोरिंग का काम पूरा हो जाने पर बोरिंग कार्य पूर्ति का प्रमाण पत्र भी बनाया जायेगा। इस प्रमाण पत्र में किसान, बोरिंग टेक्नीशियन, जेई एवं गाँव के प्रधान के हस्ताक्षर होंगे। जूनियर इंजीनियर के माध्यम से पूर्व बोरिंग की सूची को ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड और सार्वजानिक स्थल पर लगाया जायेगा। इसके अतिरिक्त इस सूची को क्षेत्र पंचायत की बैठक में भी दिखाया जायेगा।
बोरिंग योजना में पम्पसेट अनुदान की जानकारी
नाबार्ड के अनुसार योजना में विभिन्न अश्वशक्ति वाले पंपसेट की खरीद के लिए ऋण की सीमा तय की जाएगी। पंपसेट की खरीद के लिए ऋणदाता बैंकों को चुना जायेगा। राज्य के विभिन्न जिलों में नकद माध्यम से पंपसेट की खरीदारी करने के लिए पंजीकृत पम्पसेट डीलरों की भी व्यवस्था होगी। अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी विकल्प से ISI मार्क वाले पम्पसेट खरीदने के लिए अनुदान दिया जायेगा।
बोरिंग योजना में गुणवत्ता नियन्त्रण
- योजना में सफलता प्राप्त करने के लिए समय-समय पर तय सालाना लक्ष्यों की जाँच होगी।
- बोरिंग के कार्यों में उच्च गुणवत्ता का स्तर निर्धारित किया जायेगा।
- योजना में उच्च गुणवत्ता देने के लिए विभिन्न स्तरों में सत्यापन, जाँच-पड़ताल और परीक्षण किये जायेंगे।
- प्रत्येक माह अधीक्षण अभियंता स्वयं सत्यापन की कार्यवाही को करके रिपोर्ट बनाएँगे और इस रिपोर्ट को अपनी समीक्षा टिप्पणी के साथ मुख्यालय में जमा करेंगे।
- बोरिंग के कार्यों के सत्यापन करने जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की जल संसाधन समिति को दी जाएगी।
- विभाग द्वारा बोरिंग के काम के पूरा होने के बाद इसकी सुचना ग्राम पंचायत और जल संसाधन समिति को दी जाएगी।
- गाँव में बोरिंग के कार्यस्थल की सम्पूर्ण स्थलीय सत्यापन की कार्यवाही विभाग के अधिकारी से संपन्न होगी।
- लघु सिचाई विभागमें में विभिन्न स्तरों के अधिकारी बोरिंग कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे।
निःशुल्क बोरिंग योजना में सामान्य निर्देश
- लाभार्थी किसान एवं खंड विकास अधिकारी को बोरिंग कार्य के लागत की प्रतियाँ दी जाएगी।
- लघु सिचाई विभाग योजना के प्रावधानों की जानकारी को प्रत्येक गाँव एवं क्षेत्र पंचायत में प्रदर्शित करेगा।
- बोरिंग के कार्य को शुरू करने से पहले एक छोटे से कार्यक्रम में लाभार्थी किसान, गाँव के प्रधान, जल संसाधन समिति के सदस्य और गाँव के लोगों को सम्मिलित करेंगे।
- काम शुरू करने से पहले गाँव के कृषि ग्राम प्रधान एवं जल संसाधन समिति के अध्यक्ष को सूचित किया जायेगा।
- जिले के मुख्य विकास अधीक्षक और क्षेत्र पंचायत स्तर के खण्ड विकास अधिकारी लाभार्थियों को चुनेगे और ऋण लेने वाले किसानों की सभी चरणों पर सहायता देंगे।
उत्तर प्रदेश बोरिंग योजना से सम्बंधित प्रश्न
राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास 0.2 हेक्टेयर से अधिक खेती की जमीन होगी, योजना के लिए आवदेन कर सकते है।
योजना की पात्रता पूरी करने वाले किसानो को लघु सिंचाई विभाग, यूपी की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करके प्राप्त करना होगा।
योजना में पंपसेट के लिए लघु किसान को 4500 रुपए, सीमान्त किसान को 6000 रुपए एवं एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 9000 रुपए की अनुदार राशि मिलेगी।
योजना के शासनादेश के अंतर्गत अनुदान की राशि एक नाम पर एक बार ही देय होती है। अतः दो बार एक ही नाम से योजना का लाभ नहीं ले सकते है।
आवेदन करने वाले किसान के नाम खेती की जमीन दर्ज़ होने पर ही बोरिंग योजना का लाभार्थी बनाया जायेगा।
निशुल्क बोरिंग योजना से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए सहायता नंबर 2286627/ 2286601/ एवं 2286670 आदि नम्बरों सकते है।