लोकसभा या राज्यसभा के चुनाव में पहले एक व्यक्ति सिर्फ एक बार ही मतदान कर सकता था, परन्तु अब सरकार के द्वारा कुछ नियम बनाये गए है, जिसमे एक व्यक्ति दो बार मतदान देने में सक्षम हो सकता है। व्यक्ति पहला अपना वोट दे सकता है, और दूसरा किसी सेना, जवान या एनआरआई का वोट दे सकता है, इन्हीं नियमों को प्रॉक्सी वोट के नाम से जाना जाता है।
देश के नागरिको के लिए चुनावों में मतदान करने के कुछ नियम बनाये जाते है, जिनके पालन से ही मतदान का अधिकार मिलता है, बड़े से छोटे चुनावो में मतदान प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया जाता है।इसके माध्यम से देश के सभी चुनावी मतदान करवाए जाते है, एक चुनाव में एक नागरिक सिर्फ एक ही मतदान कर सकता है, ये मतदान खुद करना होता है, और कोई अन्य व्यक्ति मतदान नहीं कर सकता है।
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साल 2017 में केंद्र के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी थी, कि सदन के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करने जा रहे विधेयक को ध्वनि मतों से स्वीकृति मिल चुकी है।
अब इसका प्रयोग करके सैन्य कर्मी एवं NRI किसी अन्य मतदाता को अपने लिए मतदान का अधिकार दे सकते है, चुनाव आयोग के खास प्रोविजन के नियम के अनुसार भी कोई अन्य नागरिक किसी मिलिट्री पर्सन के लिए मतदान का अधिकार रखता है।
प्रॉक्सी वोट क्या है?
किसी भी चुनाव में एक से अधिक मतदान करना गैर-क़ानूनी काम है, किन्तु आवश्यकता होने पर एक मतदाता एक से ज्यादा मतदान क़ानूनी तरीके से कर सकता है, ये कार्य चुनाव आयोग के स्पेशल प्रोविजन के अंतर्गत होता है।
इस नियम के माध्यम से कोई नागरिक किसी रक्षा सेवक की मर्जी से उसका मतदान कर सकता है, हमारा देश एक लोकतान्त्रिक देश है, इसी कारण से यहाँ छोटे-बड़े चुनाव देखने को मिलते है।
इन चुनावो में नागरिको को एक बार मतदान करने की अनुमति होती है, किन्तु कुछ ही समय पूर्व चुनावों के लिए नए नियमो को बनाया गया है। इस नियम के अनुसार पहला वोट अपना दे सकता है, और दूसरा वोट किसी सैनिक या NRI व्यक्ति के लिए दे सकता है, मतदान के इस नियम को प्रॉक्सी नियम कहते है।
प्रॉक्सी वोट कैसे डालते है?
- सेना के जवान अथवा NRI नागरिक को प्रॉक्सी वोट डालने के लिए सम्बंधित मतदाता के विवरण देने होंगे।
- नागरिक के विवरण को Form-KFG के द्वारा अपनी विधानसभा के रिटरिंग अधिकारी को प्रदान करनी होती है।
- इच्छुक सैनिक एवं NRI को पता होना चाहिए, वे जिस नागरिक से अपना मतदान करवाना चाहते है, वो उन्ही के विधानसभा क्षेत्र का नागरिक हो।
- प्रॉक्सी वोटिंग को पूरे जीवन के लिए भी कर सकते है।
- यदि जीवनभर प्रॉक्सी वोटिंग को लगा दिया जाता है तो वह नागरिक पूरे जीवन चुनावों में मतदान भी कर सकता है।
- अमुख सैन्य व्यक्ति अथवा NRI नागरिक भी इच्छानुसार प्रॉक्सी वोटिंग की अपॉइंटमेंट को कैंसिल कर सकते है।
प्रॉक्सी वोट का फॉर्म
देश के किसी भी सैन्य व्यक्ति एवं NRI नागरिक को अपना वोट किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से करवाने के लिए एक KFG फॉर्म को भरना होता है।
इस फॉर्म में माँगी जाने वाली सभी जानकारियों को सैन्य व्यक्ति स्वयं दर्ज़ करते है, इसके साथ ही फॉर्म में अपने उस स्थान पर न होने की जानकारी को भी दर्ज़ करना है।
इस KFG – Form को रिटर्निंग अधिकारी से सत्यापित करवाने के बाद अन्य व्यक्ति को सैन्य नागरिक अथवा NRI नागरिक के बदले मतदान की अनुमति मिल जाती है।
प्रॉक्सी वोटिंग की समय सीमा
चुनाव अधिकारीयों के अनुसार प्रॉक्सी मतदान की समय सीमा जीवनभर के लिए हो सकती है, इसका अर्थ यह है कि अगर कोई NRI नागरिक अथवा सैन्य नागरिक अपने क्षेत्र में होने वाले मतदान के समय मौजूद नहीं है।
ऐसी स्थिति में जिस भी व्यक्ति को उसने अपॉइंट कर रखा है, वो जीवनभर के समय के लिए सैन्य नागरिक के स्थान पर मतदान कर सकता है, प्रॉक्सी वोटिंग की आज्ञा स्वयं सैन्य नागरिक अथवा NRI नागरिक को प्रदान करनी होती है।
प्रॉक्सी वोटर की मृत्यु पर क्या होगा?
जिस व्यक्ति को सैन्य नागरिक एवं NRI नागरिक अपने लिए मतदान करने का अधिकार देते है, ये प्रॉक्सी वोटर इन नागरिको के अतिरिक्त भी एक और वोट डालने का अधिकार रखते है। किन्तु किसी वजह से प्रॉक्सी वोटर देहांत होने पर सैन्य अथवा NRI नागरिक को पूर्ण अधिकार होता है, कि वो प्रॉक्सी की अपॉइंटमेंट को कैंसिल कर सके।
अपॉइंटमेंट को कैंसिल करने के लिए दुबारा से KGF-Form को दुबारा भरना होगा, KGF-Form को सही प्रकार से भर लेने के बाद दुबारा से रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कर देना है। अधिकारी के द्वारा ही किसी अन्य व्यक्ति को दी गयी अपॉइंटमेंट को कैंसिल किया जा सकता है।
संसोधन की जानकारी
- साल 2013 एवं 2014 में ECI ने विभिन्न सांसदों, इंडस्ट्रलिस्ट, मंत्रियों के कहने पर सुप्रीम कोर्ट में NRI की ओर से डाली गयी याचिका के बाद नए विकल्पों को ढूँढना शुरू कर दिया था।
- साल 2014 में आम चुनाव हो जाने के बाद मुख्यतया 3 विकल्प को जानने के लिए एक 12 सदस्यीय समिति को गठित किया गया है।
- डाक से वोटिंग
- विदेश के भारतीय मिशन में वोटिंग
- ऑनलाइन मतदान
- इस संसोधन के मुताबिक निर्वाचन के संचालन नियम 1961 में दी गयी कुछ शर्तों के अंतर्गत NRI वोटर्स को चुनाव के समय वोट देने के लिए प्रॉक्सी को चुनने में योग्य बनाने हेतु लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-60 में संशोधन किया है।
प्रॉक्सी वोट जुड़े प्रश्न / उत्तर
प्रॉक्सी वोटिंग क्या है?
लोकसभा या राज्यसभा के चुनाव में पहले एक व्यक्ति सिर्फ एक बार ही मतदान कर सकता था, परन्तु अब सरकार के द्वारा कुछ नियम बनाये गए है, जिसमे एक व्यक्ति दो बार मतदान देने में सक्षम हो सकता है।
प्रॉक्सी वोटिंग करवाने के लिए कौन सा फॉर्म भरना होता है?
प्रॉक्सी वोटिंग के लिए KGF-Form भरना होता है
टेण्डर वोट क्या है?
यदि किसी वोटर के नाम पर बूथ पर कोई अन्य व्यक्ति वोट दे देता है, तो मतदान लिस्ट में नाम होने पर भी पीठासीन अधिकारी एक प्रपत्र से वोट डलवा देते है, मतगणना समय कम वोट के अंतर से फैसला होने पर ये मतपत्र खोलते है।