भारत सरकार की ओर से देश के सभी नागरिको को रोज़गार देने के लिए मनरेगा योजना को शुरू किया गया है। MNREGA योजना काम करने के इच्छुक श्रमिकों को एक साल में 100 दिन के रोज़गार की गारंटी देती है। एक श्रमिक द्वारा इस योजना के अंतर्गत जितने दिन भी कार्य किया जाता है उसके भुगतान को बैंक खाते में पहुँचा देते है।
क्या आप जानते हो मनरेगा का पेमेंट कैसे चेक करें ? योजना से जुड़ी सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।
लेख का विषय | मनरेगा पेमेंट चेक करना |
सम्बंधित मंत्रालय | भारत सरकार |
लाभार्थी | मनरेगा श्रमिक |
उद्देश्य | मनरेगा भुगतान सूची को ऑनलाइन देखना |
माध्यम | ऑनलाइन |
श्रेणी | सरकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://nrega.nic.in |
मनरेगा का इतिहास
कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अधिकृत रूप से 23 अगस्त 2005 में मनरेगा योजना की घोषणा की गयी थी। घोषणा के अगले ही दिन योजना को राज्यसभा में भी पेश किया गया। इसके बाद सभी संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने बाद योजना को 2 फरवरी 2006 में लागू कर दिया गया।
इसके बाद नरेगा योजना को देश के 625 जिलों में कार्यान्वित किया गया था। विश्व रिपोर्ट 2014 के अंतर्गत नरेगा योजना को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट में यह बताया गया था कि यह योजना देश के अकुशल कामगारों को कार्य प्रदान करेगी।
मनरेगा योजना क्या है?
इस योजना का नाम काफी बार लोगो के संज्ञान में आता है। इस योजना को भारत के वंचित वर्ग के लोगो के आर्थिक उत्थान के लिए बनाया गया है। किन्तु लोगो को इस योजना के विषय में थोड़ी ही जानकारी है। वैसे यह योजना को केंद्र सरकार द्वारा साल 2005 में शुरू की गयी थी।
इस योजना का लक्ष्य भारत के ग्रामीण नागरिको को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। जिस जगह आर्थिक परेशानी हो और उनको काम नहीं मिल पा रहा हो। ऐसे लोगो में श्रमिक वर्ग के नागरिक ज्यादा थे चूँकि इस योजना में ऐसे ही कार्य करवाए जाते है। इसका अर्थ यह हुआ कि यह योजना थोड़े समय के लिए लोगो को मजदूरी के काम पर रखने की सुविधा देती है।
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मनरेगा योजना का पूरा नाम
पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई इस योजना का नाम गांधी जी के नाम पर ही रखा गया था। इस प्रकार से MANREGA को विस्तृत रूप में महात्मा गाँधी नेशनल रूलर एम्प्लॉमेंट एक्ट कहा जाता है। यदि हिंदी में कहना चाहे तो महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी अधिनियम योजना कहते है।
शुरू में तो इस योजना का नाम सिर्फ नरेगा था, किन्तु बाद में इसमें महात्मा गाँधी भी जोड़ दिया गया। परन्तु योजना के 4 वर्ष बीतने के बाद ही इसमें महात्मा गाँधी शब्दों को भी जोड़ दिया गया।
नरेगा जॉब कार्ड का उद्देश्य
इस समय देश में बेरोज़गारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और सरकार इसे काबू में करने के उपाय खोज रही है। मनरेगा कार्ड को किसी एक प्रदेश के नागरिक के लिए नहीं बनाया जाता है अपितु सभी राज्यों के व्यक्तियों के लिए बनाया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र में शहरों की भांति फैक्टरियाँ नहीं होती है तो यहाँ के लोगो को घर से दूर रोज़गार के लिए आना पड़ता है। इस प्रकार से बेरोज़गारी के कारण ग्रामीण पलायन की समस्या भी पैदा हो जाती है। केंद्र सरकार की नरेगा योजना में ग्रामीण श्रमिकों को जॉब कार्ड के द्वारा प्रत्येक वर्ष 100 दिनों का काम देने की कोशिश होगी।
इस योजना से जुड़ कर बेरोज़गार व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। अब नरेगा जॉब कार्ड को ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त कर सकते है। ये काम घर से ही इंटरनेट पर किया जा सकेगा। साथ ही घर से ही नरेगा जॉब कार्ड की लिस्ट में अपना नाम देख सकते है।
मनरेगा योजना में पात्रता
मनरेगा योजना में सरकार ने कुछ पात्रताएँ भी निश्चित की थी जिनको सभी उम्मीदवारों को दिखाना होता है। ऐसा नहीं है कि सभी व्यक्तियों को इस योजना में काम मिल सकता है। इस योजना में कार्य करने के लिए सभी को 2 शर्तों को पूर्ण करना होगा। सबसे पहले तो उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना ज़रुरी है। साथ ही उस व्यक्ति की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए। किसी भी नाबालिक व्यक्ति को मनरेगा योजना में काम नहीं मिलता है।
पेमेंट के प्रावधान
मनरेगा योजना में काम की भुगतान राशि को नकद में नहीं दिया जाता है। सभी लाभार्थी श्रमिकों का बैंक खाता होना जरूरी है अथवा किसी पोस्ट ऑफ़िस में खाता हो। एक श्रमिक जितने दिन का काम करता है उसे हाजिरी एवं काम के अनुसार डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में पैसे मिल जाते है।
जिन भी व्यक्तियो के पास बैंक अथवा पोस्ट ऑफ़िस खाता नहीं है उनको केवाईसी के द्वारा अपने खाते को खोल सकते है। किन्तु जिन भी क्षेत्रो में बैंक एवं पोस्ट ऑफ़िस की सुविधा नहीं है वहां पर मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद नकद राशि में भुगतान की सुविधा है।
मनरेगा का पेमेंट
मनरेगा स्कीम में श्रमिक वर्ग के नागरिको को एक साल में 100 दिन कार्य दिलवाले वाला रोज़गार जॉब कार्ड दिया जाता है। किन्तु एक श्रमिक यह नहीं जानता है कि उनके खातों में काम के पैसे आएं अथवा नहीं। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती है, जोकि देश के श्रमिक वर्ग के व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध करवाकर जीवन यापन करने में मदद देती है। केंद्र सरकार की ओर से पेमेंट की सूची को जारी किया गया है जिसे कोई भी श्रमिक लाभार्थी अपने प्रदेश की भुगतान लिस्ट में देख सकता है।
मनरेगा योजना में काम की सूची
- लघु सिंचाई कार्य
- ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य
- चकबंध कार्य
- भूमि विकास कार्य
- बाढ़ नियंत्रण कार्य
- आवास निर्माण कार्य
- जल संरक्षण कार्य
- बागवानी कार्य
- गौशाला निर्माण कार्य
- वृक्षारोपण कार्य
मनरेगा योजना में न्यूनतम मजदूरी
राज्य | नरेगा योजना के तहत 1 दिन कि मजदूरी |
Andhra Pradesh | 237.00 रु |
Assam | 213.00 रु |
Arunachal Pradesh | 205.00 रु |
Bihar | 194.00 रु |
Chhattisgarh | 190.00 रु |
Gujarat | 224.00 रु |
Haryana | 309.00 रु |
Himachal Pradesh | गैर अनुसूचित क्षेत्र – 198.00 रु अनुसूचित जन जातीय क्षेत्र – 248.00 रु |
Jammu And Kashmir | 204.00 रु |
Jharkhand | 194.00 रु |
Kerla | 291.00 रु |
Karnataka | 275.00 रु |
Maharashtra | 238.00 रु |
Madhya Pradesh | 190.00 रु |
Manipur | 238.00 रु |
Meghalaya | 203.00 रु |
Mizoram | 225.00 रु |
Nagaland | 205.00 रु |
Odisha | 207.00 रु |
Punjab | 263.00 रु |
Rajasthan | 220.00 रु |
Sikkim | 205.00 रु |
Tamil Nadu | 256.00 रु |
Tripura | 205.00 रु |
Uttar Pradesh | 201.00 रु |
Uttrakhand | 201.00 रु |
West Bengal | 204.00 रु |
Andaman And Nicobar | अंडमान ज़िला – 267.00 रु निकोबार ज़िला – 282.00 रु |
Dadra & Nagar Haveli | 258.00 रु |
Daman & Diu | 227.00 रु |
Lakshadweep | 266.00 रु |
Puducherry | 256.00 रु |
Telangana | 237.00 रु |
Goa | 280.00 रु |
मनरेगा योजना के प्रावधान
- मनरेगा योजना में गाँव के निर्धन व्यक्तियों को 100 दिनों का रोज़गार दिया जाता है।
- मनरेगा जॉब कार्ड धारक को 14 दिन तक काम ना मिलने की दशा में बेरोज़गारी भत्ता दिया जाएगा।
- गाँव के व्यक्तियों को उनके निवास स्थल पर समिति रोज़गार देकर पलायन से रोकने का प्रयास होता है।
- योजना में कामगारों को ग्राम पंचायत के द्वारा जॉब कार्ड प्रदान किये जाएंगे।
- महिला लाभार्थियों को स्कीम में 1/3 भाग का आरक्षण भी दिया जायेगा।
- यदि किसी कामगार का कार्य स्थल घर से 5 किमी से ज्यादा दूरी पर रहता है तो कामगार को पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत से ज्यादा का भुगतान भी होगा।
- कामगारों के लिए दिन की मजदूरी को हर प्रदेश में अलग रखा गया है।
- गाँव के गरीब परिवारों की आजीविका के लिए ठोस आधार देकर गाँव के ढांचे को निर्मित करती है।
मनरेगा भुगतान ऑनलाइन चेक करना
- सबसे पहले आपने मनरेगा योजना के पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic को ओपन करना है।
- पोर्टल के होम पेज पर आपने “Transparency & Accountability” सेक्शन को चुनकर “Job Cards” विकल्प को चुनना है।
- नए पेज में आपको प्रदेशों की लिस्ट प्राप्त हो जाएगी जिनसे आपने अपने प्रदेश को चुनना है।
- आपको स्क्रीन पर Reports का पेज प्राप्त हो जाएगा जिसमे आपने ज़रुरी विवरण जैसे – ज़िला, ब्लाक, वित्तीय वर्ष एवं पंचायत के नाम चुनने के बाद “Proceed” बटन हो दबाना है।
- अगले पेज में आपको ग्राम पंचायत के सभी जॉब कार्ड धारको के नाम की सूची प्राप्त होगी, जिसमे लाभार्थियों के नाम एवं जॉब कार्ड संख्या दी गयी होगी।
- आपने लिस्ट में अपने नाम को ढूँढ़ कर इसके जॉब कार्ड नंबर को चुनना है।
- आपको नयी स्क्रीन पर योजना में किये हुए काम, हाजिरी एवं पेमेंट के सभी विवरण प्राप्त हो जायेंगे। यहाँ से लाभार्थी को हर साल के काम से जुड़े विवरण मिल सकेंगे।
- आपने जिस भी वर्ष के काम के भुगतान के विवरण को देखना है उसे चुन लेंगे।
- आपको एक नयी लिस्ट खुलकर प्राप्त होगी, जिसमे आपने District Number of Muster Rolls Used (Amount) के सामने के नंबर को चुनना है।
- नए पेज में आपको मनरेगा में किये काम, कार्य दिवस के अनुसार हाजिरी एवं कार्य किये गए दिन के अनुसार मनरेगा के भुगतान का सभी जानकारी मिलेगी।
- इन स्टेप्स के द्वारा आप पोर्टल पर अपने काम के भुगतान और दूसरे विवरण को बड़ी आसानी से देख सकते है।
मनरेगा जॉब कार्ड में विवरण
मनरेगा जॉब कार्ड श्रमिक के लिए एक ज़रुरी दस्तावेज़ होता है और इसमें श्रमिक के कार्य का विवरण दर्ज़ होता है। विवरण इस प्रकार से है –
- श्रमिक के विवरण जैसे – नाम, पिता/ पति का नाम, लिंग, बैंक खाता संख्या/ डाक बैंक खाता संख्या, पता इत्यादि।
- नौकरी/ रोजगार रिकॉर्ड
- श्रमिक का फोटो
- उपलब्ध काम के तारीख सहित विवरण
- बेरोज़गार भत्ता भुगतान विवरण (रोज़गार ना मिलने की दशा में)
- किसी श्रमिक को मनरेगा में बेरोज़गारी भत्ता उस स्थिति में मिलेगा जब उसको 15 दिनों तक कोई काम ना दिया जा सकेगा।
मनरेगा जॉब कार्ड में पात्रताएँ
- उम्मीदवार की आयु कम से कम 18 वर्ष हो चाहिए।
- ग्रामीण व्यक्ति ही इस योजना में आवेदन कर सकेंगे।
- अकुशल काम करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार योजना में आवेदन कर सकते है।
जरूरी प्रमाण-पत्र
- आधार कार्ड
- आईडी
- राशन कार्ड
- जाति प्रमाण-पत्र
- निवास का प्रमाण
- आय का प्रमाण
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट आकार के फोटो
- मोबाइल नंबर
नरेगा जॉब कार्ड में खाता संख्या डालना
यदि आप मनरेगा जॉब कार्ड में अपना खाता संख्या डालना चाहते है। आपका पहले से कोई खाता न होने पर आप अपनी खाता संख्या जॉब कार्ड से जोड़ने की इच्छा रखते है तो यह काम मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट से कर सकते है।
- सबसे पहले आपने मनरेगा योजना के पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करना है।
- इसके बाद पोर्टल के होम पेज पर आपने पंचायत GP/PS/ZP विकल्प को चुनना है।
- अब आपने स्क्रीन पर डेटा एंट्री के सामने रजिस्ट्रेशन लिंक को चुनना है।
- लिंक को चुनने के बाद आपने अपने प्रदेश के नाम को चुन लेना है।
- प्रदेश के लिंक को चुनने के बाद आपने कुछ विवरण जैसे – वित्तीय साल, ज़िला, ब्लॉक, उपयोगकर्ता आईडी, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड इत्यादि को दर्ज़ करके “Login” बटन दबाना है।
- इसके बाद आपको कुछ विकल्पों में मिलेंगे जिसमे आपने बैंक के मुताबिक विकल्प चुनना है।
- अगले पेज में आपको आवेदन पत्र मिलेंगे जिसमे बैंक से जुड़े विवरण जैसे – शाखा नाम, IFSC कोड, मोबाइल नंबर को देकर “Update” लिंक को चुनना है।
- इस तरह से आप ऑनलाइन अपनी खाता संख्या ऑनलाइन दर्ज़ कर सकते है।
नरेगा जॉब कार्ड लिस्ट चेक करना
नरेगा भारत सरकार ही योजना है, जोकि ऑनलाइन की जा चुकी है। योजना के पोर्टल से आप लाभार्थी सूची को चेक करने के साथ ही डाउनलोड भी कर सकते है। भारत के सभी 34 प्रदेशों के लिए साल 2009-10 से अभी तक मनरेगा जॉब कार्ड लिस्ट की जानकारी को पोर्टल की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
साथ ही आपको सरकार के अन्य कार्यों की जानकारी भी मिलेगी। मनरेगा योजना में उम्मीदवारो के जॉब कार्ड को उनकी पंचायतों के द्वारा तुरंत बना दिया जायेगा। अगर परिवार के किसी व्यक्ति का नाम जॉब कार्ड में नहीं जुड़ पाया है तो ग्राम प्रधान के द्वारा नाम को कार्ड में जोड़ सकते है।
योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका
- योजना के पंजीकरण के आवेदन गाँव की पंचायत में करने होते है।
- ग्राम पंचायत घर का पंजीकरण करेगी और पंजीकृत आवेदन का सत्यापन भी करेगी।
- यही से एक जॉब कार्ड भी प्रदान किया जाता है जिस पर घर के वयस्क सदस्य की जानकारी एवं तस्वीर रहती है।
- ये योजना के प्रमाण-पत्रों को भी सुरक्षित रखता है, जिसके अंतर्गत जॉब कार्ड एवं जारी हुई पास बुक की जानकारी होती है।
- इनसे योजना से जुड़े अधिकारी को जानकारी मिलती है।
- श्रमिक के नाम हटाने एवं गलत विवरण मिलने पर कार्यक्रम अधिकारी को जॉब कार्ड वापिस करने के निर्देश दे सकता है।
- ये उम्मीदवार के आवेदन जमा होने के 15 दिनों के भीतर ही कार्य के आवण्टन हेतु जिम्मेदार है।
- ये कामों की प्राथमिकता के क्रम की पहचान, योजना एवं निर्धारण हेतु भी जिम्मेदार है।
मनरेगा में प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी
- योजना में बेरोज़गारी एवं भत्ते के पेमेंट के मामले से जुडी ज़िला कार्यक्रम समन्वयक की सालाना रिपोर्ट राज्य परिषद के समक्ष दी जाएगी।
- प्रदेश सरकार हॉस्पिटल में एडमिट होने के इंतज़ाम करेगा। इससे कार्य में चोटिल मजदुर को आवास, चिकित्सा, दवाईयाँ एवं दैनिक भत्तों के भुगतान सम्मिलित है।
- प्रदेश सरकार मजदूरी के उस भाग को तय करेगी जो काम की समयसीमा के दौरान श्रमिकों को दैनिक आधार पर कैश में पेमेंट करते है।
- चोट एवं मौत के केस में मुआवज़े को प्रदेश सरकार के ओर से रोजगार गारंटी कोष (SEGF) द्वारा तय किया जाएगा।
- प्रदेश सरकार के नियमानुसार राज्य के लिए ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना को अधिसूचित करती है।
FTO (फण्ड ट्रांसफर आर्डर) को प्राप्त करना
- सबसे पहले आपने मनरेगा के पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करना है।
- आपको होम पेज पर “State FTO Entry” विकल्प को चुनना है।
- अगले पेज में आपने प्रदेशों के नामो की लिस्ट में अपने राज्य का चुनाव करना है।
- अब आपको अपनी जानकारी जैसे – उपयोगकर्ता आईडी, पासवर्ड एवं कॅप्टचा कोड इत्यादि को दर्ज़ करके “लॉगिन” होना है।
- अब आपने “Generate FTO” विकल्प को चुनना है।
- इसके बाद आपका FTO मिल जायेगा।
मनरेगा पेमेंट FTO ट्रैक करना
- आवेदक को सबसे पहले मनरेगा पोर्टल के आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करना है।
- होम पेज पर आपने “ट्रैक FTO” लिंक को चुनना है।
- अब आपने FTO Name, रेफरेन्स नंबर अथवा ट्रांजेक्शन संख्या को टाइप करके “Search” बटन दबाना है।
- इसके बाद आपको स्क्रीन पर FTO स्थिति खुलकर प्राप्त है।
मनरेगा भुगतान प्रदर्शन डैशबोर्ड देखना
- सबसे पहले आपने मनरेगा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in को ओपन करना है।
- नए पेज में आपको “पेमेंट परफॉरमेंस डैशबोर्ड” लॉगिन पेज प्राप्त होगा।
- इसके बाद आपने माँगे गए विवरण को जैसे- मोबाइल नंबर, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड को दर्ज़ करके “Login” बटन को दबाना है।
- इसके बाद आपको मनरेगा के पेमेंट परफॉरमेंस डैशबोर्ड को दिखाया जाएगा।
- यहाँ आपने अपने अपने विवरण जैसे – मोबाइल नंबर, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड दर्ज़ करके “Login” बटन दबाना है।
- आपको मनरेगा में अपना पेमेंट परफॉरमेंस डैशबोर्ड दिखेगा।
- आप चाहे तो इसको सेव करके प्रिंट आउट भी ले सकते है।
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मनरेगा योजना के फायदे
- यह योजना गाँव के अकुशल कामगार को हर साल 100 दिनों का रोज़गार प्रदान करती है।
- ग्रामीण कामगार को अपने आवास के पास ही काम दिलवाले का प्रयास होता है।
- आवेदक श्रमिक को आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर ही जॉब कार्ड प्रदान किया जायेगा।
- एक बार जॉब कार्ड मिलने के बाद लाभार्थी को 100 दिनों का रोज़गार सुनिश्चित मिलेगा।
- कार्य के पैसे को सीधे श्रमिक के बैंक खाते में पहुँचाया जाएगा।
- गाँव के लोगो को ग्राम पंचायत स्तर पर रोज़गार मिलने से ग्रामीण पलायन की समस्या की रोकथाम होगी।
- एक वर्ष में श्रमिक को मिलने वाले कार्य के अनुसार उनको पैसे का भुगतान होता है। जॉब कार्ड धारक व्यक्ति अपने प्रदेश के अनुसार रोज़ के काम के पैसे प्राप्त कर सकेंगे।
- पोर्टल में एक श्रमिक को 1 दिन में 9 घंटो का कार्य करना होता है जिसमे से 1 घंटे का आराम समय भी होगा।
- किसी भी प्रकार की जालसाजी से बचाव के लिए मनरेगा जॉब कार्ड बनाना जरूरी है।
- सरकार ऐसे सभी लोगों को मनरेगा जॉब कार्ड प्रदान करेगी जोकि इस पोर्टल के लाभार्थी है।
- भारत में जो भी कार्य मजदूरी के अंतर्गत आते है उनको मनरेगा पोर्टल में करवाया जाता है।
- किसी भी जाति, धर्म एवं वर्ग के व्यक्ति को इस पोर्टल में एक समान कार्य भी दिया जायेगा।
- इसके अंतर्गत मिले काम को करने के समय किसी श्रमिक के चोटिल अथवा गंभीर हताहत होने पर उसके उपचार का ख़र्चा सरकार वहन करेगी।
- यह योजना देश की उन्नति में काफी योगदान देगी।
मनरेगा योजना की उपलब्धियाँ
- ये विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण की योजना है और योजना पर शुरू के 10 सालों में 3.14 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
- इस योजना में देश की गरीबी के स्तर में काफी कमी हुई है। योजना के बारे में विश्व विकास रिपोर्ट में ग्रामीण विकास का एक अद्भुत उदाहरण करार दिया गया है।
- यह योजना गाँव की महिलाओं को पैसे कमाने एवं सामाजिक मज़बूती पाने में सहायता करती है।
- 18 से 30 साल की उम्र के नौजवानों को एक साल में 100 दिनों का रोजगार प्राप्त हुआ।
- देश में नोट बंदी एवं जीएसटी के आने के बाद से ही प्रभावित ग्रामीण जनता को रोजगार देने में सहायता की है।
- काम के स्थान पर श्रमिकों को पानी की सुविधा एवं फर्स्ट ऐड बॉक्स के उपचार की सुविधा भी दी जाती है।
- यह योजना अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (ST) के विकास में भी सहायता की है।
मनरेगा योजना से जुड़े प्रश्न
जॉब कार्ड में आये पैसे को कैसे चेक करें?
सबसे पहले अपने आधिकारिक पोर्टल पर जाना है और इसके बाद पोर्टल के होम पेज पर “Report” विकल्प को चुनना है।
मनरेगा पेमेंट कब आता है?
श्रमिक के काम करने के 10 दिनों के बाद पैसे खाते में जमा कर दिए जाते है। ये सभी जानकारी श्रमिक ऑनलाइन पोर्टल पर देख सकते है। अगर खाते से मोबाइल नंबर जुड़ा हुआ है तो पैसे के ट्रांसफर होते ही आपको इसका एसएमएस भी प्राप्त हो जाएगा।
मनरेगा खाते का बैलेंस कैसे देखना है?
श्रमिक से मिला बैंक खाता नंबर ही नरेगा का खाता नंबर होगा। जैसे ही खाते में नरेगा के पैसे आते है वैसे ही श्रमिक को मोबाइल एसएमएस से अलर्ट भी मिल जाता है। इसके अलावा मनरेगा श्रमिक योजना के आधिकारिक पोर्टल से भी बैलेंस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
मनरेगा में किनको कार्य मिलता है?
यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के बेरोज़गार परिवार के सदस्यों को एक वर्ष में 100 दिनों का कार्य प्रदान करती है।