हाल में देश के 13 राज्यों में राज्य के राज्यपालों के ट्रांसफर किया गया है और कुछ राज्यों में नये राज्यपालों की नियुक्ति भी की गयी है। इसी क्रम में श्री सी. पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan) को झारखंड का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार वे वर्तमान झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) के स्थान पर नए राज्यपाल होंगे। रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बना दिया गया है।
झारखण्ड के सभी भूतपूर्व राज्यपालों तथा वर्तमान राज्यपाल के बारे में सम्पूर्ण तथा विस्तृत जानकारी लेख दी गयी है।
झारखण्ड राज्य का संक्षिप्त परिचय
झारखण्ड राज्य 15 नवंबर 2000 के दिन अस्तित्व में आया था। इसी वर्ष 2 अगस्त में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने बिहार के कुछ हिस्से को अलग कर एक नये राज्य झारखण्ड को बनाने के लिये बिल संसद में पेश किया गया था। बिल के पारित होने के बाद झारखण्ड देश का 28 वां राज्य बन गया। राज्य के गठन के बाद से 23 वर्षों में 10 राज्यपाल अब तक अपनी सेवायें दे चुके हैं। सीपी राधाकृष्णन झारखण्ड के 11 वें राज्यपाल होंगे। झारखण्ड राज्य में जमीन सम्बन्धित जानकारी देखने के लिए झारभूमि पोर्टल पर जा सकते है।
राज्यपाल कौन होता है?
राज्यपाल किसी भी राज्य का सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है। साथ ही राज्यपाल राज्य का प्रथम नागरिक और राज्य के अधीन आने वाले समस्त विश्वविघालयों का पदेन कुलाधिपति भी होता है। राज्यपाल राज्य में कार्य करने वाली कार्यपालिका का मुखिया होता है जो चुनी हुई सरकार के मंत्रिमंडल से सलाह लेकर कार्य करता है। कुछ मामलों में राज्यपाल को विशेषाधिकार दिया गया है। इन मामलों में राज्य का राज्यपाल मंत्रिमंडल की सलाह को अस्वीकार भी कर सकता है।
झारखंड राज्यपाल लिस्ट 2023
झारखण्ड राज्य के गठन से लेकर अब तक राज्य में 10 राज्यपाल अपनी सेवायें दे चुके हैं। राज्य के गठन से लेकर वर्तमान तक पद संभालने वाले राज्यपालों के विवरण निम्न है-
- श्री प्रभात कुमार – झारखण्ड राज्य के पहले राज्यपाल 1963 बैच के आईएएस अधिकारी श्री प्रभात कुमार झारखण्ड के पहले राज्यपाल थे। 5 अक्टूबर 1940 को प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में जन्मे प्रभात कुमार उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। राज्यपाल का दायित्व निर्वहन करने से पूर्व वह भारत के 25 वें कैबिनेट सचिव भी रहे हैं। तत्कालीन वाजपेयी सरकार में 1 अप्रैल 1998 से 31 अक्टूबर 2000 तक वह कैबिनेट सचिव रहे हैं। झारखण्ड राज्य अस्तित्व में आने के बाद उन्हें राज्य के पहले राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर वह 15 नवम्बर 2000 से 3 फरवरी 2002 तक रहे।
- श्री विनोद चन्द्र पाण्डे – श्री प्रभात कुमार के इस्तीफे के बाद श्री विनोद चन्द्र पाण्डे को झारखण्ड के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) के तौर पर नियुक्त किया गया। हालांकि उनका यह कार्यकाल कुछ ही समय के लिये रहा। वे 4 फरवरी 2002 से 14 जुलाई 2002 तक झारखण्ड के राज्यपाल रहे। 16 फरवरी 1932 को जन्मे वीसी पाण्डे राजस्थान काडर के आईएएस अधिकारी थे। झारखण्ड से साथ ही वे अन्य राज्यों जैसे बिहार और अरूणाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रहे। इन्होंने देश के 19वें कैबिनेट सचिव के रूप में भी अपनी सेवायें दी। इनका 7 फरवरी 2005 को निधन हो गया।
- श्री एम रामा जोइस – श्री जोइस 15 जुलाई 2002 से 11 जून 2003 तक झारखण्ड के राज्यपाल रहे। वे बिहार राज्य के राज्यपाल भी रहे हैं। पेशे से वकील, लेखक तथा इतिहासकार श्री जोइस पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रहे और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता बने। भारतीय संविधान तथा न्याय प्रणाली पर लिखी गयी चर्चित पुस्तकों के लेखक श्री जोइस भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा के सांसद भी रहे हैं।
- श्री वेद प्रकाश मारवाह – पद्म श्री से सम्मानित श्री वेद प्रकाश मारवाह 12 जून 2003 से 9 दिसम्बर 2004 तक झारखण्ड के राज्यपाल रहे। इससे पूर्व वह मिजोरम, मणिपुर तथा बिहार राज्य के राज्यपाल भी रहे। अविभाजित भारत के पेशावर (अब पाकिस्तान) में जन्में श्री मारवाह ने 36 साल के अपने पुलिस कैरियर में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, एनएसजी के डायरेक्टर जैसे पदों पर अपनी सेवायें दी।
- सैयद सिब्ते राजी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से दो बार राज्य सभा के सांसद रहे सैयद सिब्ते राजी 10 दिसम्बर 2004 से 25 जुलाई 2009 तक झारखण्ड राज्य के राज्यपाल रहे। वे राज्यपाल के लिये निर्धारित कार्यकाल पूर्ण करने वाले झारखण्ड के पहले राज्यपाल थे। बाद में वह असम राज्य के राज्यपाल भी बने।
- के शंकर नारायणन – केरल राज्य सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे के शंकर नारायणन 26 जुलाई 2009 से 21 जनवरी 2010 तक झारखण्ड के राज्यपाल रहे। उन्होंने अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवायें दी।
- एम ओ एच फारूक – किसी भी केन्द्र शासित राज्य के पहले सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने का कीर्तिमान एम ओ एच फारूक के नाम है। वह भारत के केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के तीन बार मुख्यमंत्री बने। इन्होने 22 जनवरी 2010 से 4 सितम्बर 2011 तक झारखण्ड के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवायें दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर वे तीन बार पुडुचेरी से लोकसभा सदस्य चुने गये। इस दौरान वह नागर विमान मंत्रालय के राज्य मंत्री भी रहे। केरल के राज्यपाल के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवायें दी।
- सैयद अहमद – वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माने जाने वाले सैयद अहमद महाराष्ट्र की नागपाडा सीट से 5 बार विधान सभा सदस्य बने। उनका झारखण्ड में राज्यपाल के रूप में कार्यकाल 4 सितम्बर 2011 से 15 मई 2015 तक रहा। इसके बाद उन्हें मणिपुर राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू – श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत की वर्तमान राष्ट्रपति हैं और राष्ट्रपति बनने से पहले वे झारखण्ड की राज्यपाल थीं। भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध रखने वाली श्रीमती मुर्मू विधायक और राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। झारखण्ड के राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल 18 मई 2015 से 21 जुलाई 2021 तक रहा।
- श्री राजेश बैस – झारखण्ड के राज्यपाल के रूप में श्री राजेश बैस का कार्यकाल 14 जुलाई 2021 से 12 फरवरी 2023 तक रहा। भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध रखने वाले श्री बैस इससे पहले मध्य प्रदेश से विधायक, राज्यमंत्री और वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें वर्तमान में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
- श्री सी पी राधाकृष्णन- भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कोयंबटूर सीट से पांच बार के सांसद रहे सीपी राधाकृष्णन को झारखण्ड का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व वह केरल बीजेपी के राज्य प्रभारी भी रहे हैं।
राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है ?
भारत के राष्ट्रपति के द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करने के उपरांत राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है।
झारखण्ड के प्रथम राज्यपाल कौन हैं ?
प्रभात कुमार ने 15 नवम्बर 2000 को झारखण्ड के पहले राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल कौन हैं ?
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं। वह वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति हैं।
झारखण्ड की राजधानी एवं उप-राजधानी क्या है ?
झारखण्ड की राजधानी रांची है और दुमका शहर को झारखण्ड राज्य की उप-राजधानी बनाया गया है।