हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना-हिमाचल राज्य के जंगलों में सतह पर जल का रुकाव करने एवं जल स्तर में बढ़ोत्तरी करने के लिए वन विभाग, हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को शुरू किया है। योजना के अंतर्गत राज्य के जल स्त्रोतों के लिए प्रतिबद्ध किये जायेगे इस कारण भूजल में वृद्धि होगी।
हिमाचल प्रदेश देश के उन राज्यों में से एक है जहाँ बहुत से घने जंगल और साफ़ जल की नदियाँ है। इसके बाद भी यहाँ जल का संकट बना रहता है। वर्ष 2021 में प्रदेश के मुख्यमंत्री के माध्यम से HP Parvat Dhara Yojana की शुरुआत की गयी थी। सरकार का इस योजना के पीछे मुख्य उद्देश्य जल स्त्रोतों एवं भूजल स्थिति में विकास करना है।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना
HP Parvat Dhara Yojana-हिमाचल की सरकार वनों के संरक्षण के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है। वर्तमान समय में ही इस योजना के द्वारा जल का संग्रह, प्रबंधन एवं बचाव का कार्य करने में 20 करोड़ रुपयों का व्यय होना है। योजना के अंतर्गत प्रदेश के लाहुल-स्पीति और कन्नौज जिलों को छोड़कर सभी जिलों को लाभान्वित किया जायेगा। इस कार्य के लिए जल शक्ति विभाग को नोडल विभाग के रूप में कार्य करना होगा। प्रदेश का दो-तिहाई भूभाग जंगल के रूप में है और 27 प्रतिशत भूभाग हराभरा है। राज्य सरकार की प्रदेशभर में हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को क्रियान्वित करने में यही मुख्य वजह है।
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योजना का नाम | हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना |
कार्यान्वक | हिमाचल सरकार |
उद्देश्य | वनों के जल का संरक्षण |
लाभार्थी | दस वन मण्डल |
योजना का लाभ | वन क्षेत्रों की सिचाई में सुविधा देना |
योजना में बजट राशि | 2.76 करोड़ रुपए |
आधिकारिक वेबसाइट | http://himachalpr.gov.in/ |
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना
HP Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत प्रदेश के विलुप्त होते जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार एवं ढलानदार खेतों के लिए सिचाई देने का कार्य होगा। इसके लिए वन विभाग छोटे एवं बड़े जल संचायन ढाँचों का निर्माण करेगा। साथ ही जल संग्राहक एवं जलाशयों को तैयार करके इनका देखभाल-प्रबंधन भी किया जायेगा।
विभिन्न क्षेत्रों के भूजल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार करने के बाद अच्छी प्रकार से गर्मी के मौसम के लिए सिंचाई का भी प्रबंध दिया जायेगा। वर्ष 2020 में वन विभाग ने दस पायलट आधार पर काम को शुरू किया है। वर्तमान समय तक इन दस मण्डलों के बहुत से स्थानों पर छोटे-बड़े तालाबों की सफाई की गयी है।
साथ ही यहाँ पर नए 110 तालाब, 12000 कंटूर ट्रैंच, बांध, दीवारों एवं भूस्खलन की रोकथाम के लिए 600 चेक डैम, डंगे को बनाया जायेगा। इन सभी की सहायता से अधिक समय तक धरती की सतह पर पानी को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही पेड़ों एवं वनस्पतियों की स्थिति को भी सुधारा जायेगा।
योजना के कार्य में अच्छे परिणाम पाने के लिए सेटेलाइट इमेज के अनुसार जल संग्रहण जलाशयों को बनाया जायेगा। इनके निर्माण के बाद प्रबंधन एवं देखभाल का काम मनरेगा के माध्यम से होगा।
एचपी पर्वत धारा योजना का उद्देश्य
- प्रदेश के सतही जल स्तर को बढ़ाना एवं जल के संरक्षण की व्यवस्था करना।
- समानांतर रूप से वन संरक्षण एवं नए पेड़ लगाने का काम होगा।
- वनों की साफ-सफाई पर अलग बजट बनेगा एवं जंगल की आग के रोकथाम की व्यवस्था होगी।
- योजना में पहले चरण का काम पूरा होबे पर मृदा संरक्षण के कार्य को भी जोड़ा जायेगा।
- राज्य के पहाड़ों पर भी बर्फ तभी जमेगी जब तक पर्यावरण में संतुलन है।
- जंगलों का स्वरूप सही रहने पर ही वहाँ जल धारा का प्रवाह सुचारु रूप से हो सकेगा।
- योजना को बहुत से उद्देश्यों को पाने के लिए तैयार किया है परन्तु इसका मूल उद्देश्य “जल संरक्षण” ही है।
एचपी पर्वत धारा योजना के लाभ
- प्रदेश के हज़ारों परिवारों को निर्माण एवं जीर्णोद्धार के कार्यों से सीधा रोज़गार प्राप्त होगा।
- किसानों को खेती की सिचाई के लिए जल स्त्रोत एवं आर्थिक मदद मिलेगी।
- यदि इन कार्यों के सही-सही परिणाम प्राप्त होते है तो योजना को अन्य स्थानों पर भी शुरू किया जायेगा।
- जल शक्ति विभाग राज्य की जल संकट की स्थिति के लिए गंभीर है।
- बर्फीले पर्वतों के राज्य में सूखे की समस्या को दूर करने का प्रयास होगा।
- प्रत्येक वर्ष कम बारिश के कारण सूखते जल स्त्रोतों को सुचारु किया जायेगा।
हिमाचल पर्वत धारा योजना में वन मण्डल
क्रमाँक | वन मण्डल का नाम | क्रमाँक | वन मण्डल का नाम |
1 | ठियोग | 6 | नाचन |
2 | डलहौजी | 7 | पार्वती |
3 | राजगढ़ | 8 | हमीरपुर |
4 | नालागढ़ | 9 | जोगिंद्रनगर |
5 | बिलासपुर | 10 | नूरपुर |
पर्वत धारा योजना में जल स्तर को बढ़ाने की प्रक्रिया
प्रदेश सरकार ने योजना के अंतर्गत पानी के स्तर में वृद्धि करने की प्रक्रिया को वन विभाग को दिया है। योजना में एक विभाग के माध्यम से विभिन्न छोटे-बड़े तालाबों को बनाने का काम होगा। इसी के माध्यम से पानी को जमीन पर ज्यादा समय तक रोकने का काम हो सकेगा। पानी को रोकने में सफल होने पर मुद्रा और जल संसाधन के कामों में सुधार होगा। जल के स्तर में बढ़ोत्तरी होने पर स्थनीय लोगों को सिचाई के कार्य के लिए सही मात्रा में निरंतर जल मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के तथ्य
- हिमाचल के वन्य क्षेत्रों में 33 वन्यजीव अभ्यारण एवं 2 राष्ट्रीय उद्यान है।
- जल के सतह पर रुकने के समय को बढ़ाकर जल स्तर में वृद्धि की जाएगी।
- योजना को राज्य के 10 जिलों में कार्यान्वित करने की तैयारी है।
- बजट में 20 करोड़ रुपयों का परिव्यय अलग रखा गया है।
- योजना के माध्यम से ढलानदार खेतों में सिचाई की व्यवस्था हो पायेगी।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना सम्बंधित प्रश्न
पर्वत धारा योजना के क्या उद्देश्य है?
योजना के माध्यम से प्रदेश में जल स्त्रोतों को निर्मित एवं संरक्षित करने का काम होगा और राज्य के लोगो का जल संकट दूर करके सिचाई को बढ़ाया जायेगा। इन सभी कार्यों से प्रदेश का प्राकृतिक पर्यावरण भी समृद्ध एवं सुरक्षित होगा।
प्रदेश सरकार योजना के अंर्तगत कितने रुपए का बजट देगी?
हिमाचल सरकार योजना में कार्य करने के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट रखेगी।
योजन के क्रियान्वन के लिए किन चीजों का निर्माण होगा?
पर्वत योजना में 110 छोटे-बड़े तालाब, 12000 कंटूर ट्रैंक और 600 अलग-अलग प्रकार के डैम बनाये जायेगे।
सरकार के किस विभाग को योजना में जल स्तर बढ़ाने की जिम्मेवारी दी है?
पर्वत धरा योजना में जल स्तर में वृद्धि करने की पूरी जिम्मेवारी वन विभाग को दी गयी है।