बैंक अकाउंट कैसे खोलते है– वर्तमान समय में हमारे देश में सभी लोगो के पास एक या उससे अधिक बैंक खातें उपलब्ध हैं। आम नागरिको में तो बैंक खातों की प्रसिद्धि इसके ब्याज और बैंक से मिलने वाली सुविधाएँ हैं। भारत सरकार के द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन लेनदेन करने पर विभिन्न प्रकार की आयकर छूट प्रदान की जा रही हैं।
यही कारण हैं कि आम से खास नागरिक बैंक में खाता खोलने के लिए तत्पर हो रहा हैं। बैंक अकाउंट धारक किसी भी ऑनलाइन हस्तांतरण को अपनी पासबुक अथवा बैंक की स्टेटमेंट के अंतर्गत टेली कर सकता हैं। अतः एक सामान्य नागरिक को अपने बैंक के बैलेंस का हिसाब अलग से किसी डायरी में रखने की आवश्यकता नहीं होती हैं।
बैंक खाते में रखा धान समय से साथ बैंक से मिलने वाले ब्याज से बढ़ता रहता हैं। अतः हम कह सकते हैं कि बैंक खाते में मिलने वाला ब्याज भी एक प्रकार की आय का स्रोत बन जाता हैं। बैंक के द्वारा अपने ग्राहक को पांच प्रकार के खातों के अंतर्गत पैसे रखने की सुविधा दी जाती हैं परन्तु इनमें से मुख्य हैं – बचत खाता, क्रेडिट खाता, चालू खाता।
समय के अनुसार ग्राहक की जरुरत को ध्यान में रखते हुए बैंक नए प्रकार के खाते भी लाता हैं। प्रत्येक देश के बैंक खाते को लेकर अलग-अलग नियम होते हैं, प्रायः भारत सहित अन्य देशों में बैंक खाता खोलने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष या अधिक का प्रावधान हैं।
यह भी देखें :- आधार कार्ड से बैंक बैलेंस चेक करें
लेख का विषय | बैंक में खाता खोलना |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
कार्यान्वक | सम्बंधित बैंक |
श्रेणी | लाभकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | rbi.org.in |
बैंक अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र
यदि कोई भी व्यक्ति किसी बैंक में खाता खोलने की इच्छा रखता हैं तो बैंक के आवेदन प्रपत्र के साथ कुछ आवश्यक प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती हैं। अतः बैंक में खाता खुलवाने के लिए जाने से पहले अपने पास कुछ प्रमाण पत्रों की उपलब्धता को ज़रूर सुनिश्चित करें। इन्ही प्रमाण पत्रों के अनुसार बैंक अधिकारियों द्वारा व्यक्ति को खाता खोलकर बैंक खाते की पासबुक प्रदान की जाती हैं। अब बैंक में खाता शुरू करने के लिए जिन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता हैं वे निम्न प्रकार से हैं –
- सबसे पहले व्यक्ति के पास अपने तीन नए पासपोर्ट आकार के फोटो उपलब्ध हो।
- अपनी पहचान का प्रमाण देने के लिए कोई भी पहचान प्रमाण पत्र हो जैसे कि मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि।
- अपने आवास पते के प्रमाण के रूप में राशन कार्ड अथवा बिजली बिल को दे सकते हैं। वर्तमान समय में आधार कार्ड से ही पते का प्रमाण ले रहे हैं।
- बैंक खाते के लिए पैन कार्ड को देना अनिवार्य हो गया हैं। यद्यपि पहले केवल करंट अकाउंट के लिए ही पैन देना होता था परन्तु अब व्यक्ति को बचत खाता खोलने पर भी पैन संलग्न करना होगा।
- यदि व्यक्ति ने करंट अकाउंट के लिए आवेदन किया हैं तो व्यक्ति को साझा पत्र और निगमन प्रमाण पत्र भी देना होगा। परन्तु बचत खाते के लिए ये दोनों ज़रुरी नहीं हैं।
बैंक अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
- सबसे पहले जिस बैंक में खाता खोलना हो उसकी नज़दीकी शाखा में जाए।
- बैंक में पहुँचकर आप देखेंगे कि वहाँ पर विभिन्न कार्यो के लिए अलग-अलग काउंटर्स स्थित हैं, इनमें से बैंक खाता खोलने वाले अधिकारी से संपर्क करें।
- नए बैंक खाते वाले काउंटर पर आप अपने खाते के लिए आवेदन की बात कर सकेंगे। इसके साथ ही बैंक अकाउंट से मिलने वाले लाभों को भी जान पायेंगे।
- सहायता कर्मचारी आपको बैंक खाता खोलने के लिए निशुल्क आवेदन प्रपत्र प्रदान करेंगे। आवेदन प्रपत्र को सावधानीपूर्वक पूरा भर लेना हैं।
- आवेदन प्रपत्र में आपसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारी मांगी जाएगी जैसे कि नाम, माता-पिता का नाम, मोबाइल संख्या, स्थाई आवासीय पता, जन्म तारीख, खाते का प्रकार मांगी जाएगी।
- आवेदन प्रपत्र में सभी जानकारियों को भर लेने के बाद आवश्यक प्रमाण पत्रों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पते का प्रमाण, शिक्षित प्रमाण पत्र को संलग्न कर दें।
- आपको आवेदन प्रपत्र पर बैंक की नियमावली के अनुसार स्वीकृति के रूप में 3 स्थानों पर अपने हस्ताक्षर देने होंगे।
- अब आप अपना आवेदन प्रपत्र एक बार भी से जाँच ले और बैंक के सम्बंधित अधिकारी के पास जमा कर दें।
- सम्बंधित बैंक अधिकारी आपका आवेदन प्रपत्र एक बार जाँचेंगे और सब कुछ सही पाए जाने पर आपके बैंक खाते को खोलने की अनुमति देंगे।
- खाते की पास बुक मिलने पर आपको उसे बैंक के प्रबंधक के पास ले जाकर सत्यापित करवाना हैं। इसके लिए आपको अपनी पास बुक पर अपना फोटो लगाकर बैंक प्रबंधक से फोटो पर सील लगाते हुए हस्ताक्षर करवाने हैं।
- बैंक में खाता खोलने के बाद आपसे एटीएम, नेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने से संबंधित प्रश्न किये जाते हैं। यदि आप इच्छुक हैं तो ये सेवा पा सकते हैं, आपको अपना एटीएम 10 से 15 दिनों में ही अपने पते पर प्राप्त हो जायेगा।
सामान्यतया नए बैंक खाते को शुरू करने में किसी भी आवेदन का ज्यादा समय नहीं लगता हैं परन्तु कुछ सरकारी बैंकों में कार्य की अधिकता होने से व्यक्ति नया बैंक खाता खोलने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता हैं।
ऑनलाइन बैंक खाता खोलना
किसी भी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से खाता खोलने के लिए निम्न चरणों को सफलतापूर्वक पूर्ण करना होगा –
- सबसे पहले आवेदक अपने ब्राउज़र पर सम्बंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन कर लें।
- आपको वेबसाइट के होम पेज पर बचत खाते को ओपन करने का विकल्प प्राप्त होगा इसको चुन लें।
- इस प्रकार से आपको एक नयी विंडो में बैंक खाते को खोलने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र मिलेगा।
- आवेदन प्रपत्र में मांगी जा रही सभी जानकारियों को टाइप कर दें और सभी सम्बंधित प्रमाण पत्रों को स्कैन करके अपलोड कर दें।
- आवेदन प्रपत्र सही प्रकार से भरने और प्रमाण पत्रों को अप लोड करने के बाद “सबमिट” बटन को दबा दें।
- इसके बाद अपना आवेदन प्रपत्र आवेदन सत्यापन प्रोसेस में पहुँच जायेगा।
बैंक खाता खोलने संम्बधी आवश्यक बिंदु
प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी बैंक में खाता खोले से पूर्व कुछ तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए जो कि इस प्रकार से हैं –
- खाते पर ब्याज की दर – बैंक के किसी भी प्रकार के खाते में अपना पैसा जमा करने से पहले इसके ब्याज की जानकारी लेना जरुरत होता हैं। भिन्न-भिन्न बैंक अपने खातों पर उनकी प्रकृति के अनुसार अलग ब्याज दरे लागू करते हैं। यदि कारण हैं कि एक जागरूक ग्राहक को अपने बैंक खाते को खोलने से पहले ब्याज दर सम्बंधित जानकारी जुटा लेनी चाहिए। यहाँ ग़ौर करने वाली बात हैं कि अन्य निवेश विकल्पों में बचत खाते की तुलना में अधिक ब्याज दर मिलती हैं।
- खाते का जरूरी न्यूनतम धनराशि – सरकार से सम्बंधित बैंकों में कम धन राशि पर खाता रखा जा सकता हैं जैसे 500 से 1000 रुपए तक का बैलेंस। इसके ठीक विपरीत निजी बैंक संस्थानों में अधिक न्यूनतम धनराशि जमा रखना होता हैं। इसकी सीमा 5 से 10 हज़ार रुपयों तक हो सकती हैं। ग्राहकों को हमेशा यही सुझाव दिया जाता हैं कि वे कम न्यूनतम राशि वाले बैंक को ही खाता खोलने के लिए चुने।
- बैंक खाता डेबिट कार्ड की जानकारी – सभी बैंक अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड रखने और उपयोग करने पर अच्छी छूट, नकद वापसी, बीमा आदि की सुविधा देते हैं। कुछ बैंकों में डेबिट कार्ड के सेवा देने पर प्रत्येक वर्ष शुल्क लेने का प्रावधान होता हैं। कुछ बैंकों में ग्राहक की वार्षिक लेन – देन विशेष स्तर पर अधिक होने पर कार्ड की फ़ीस को माफ़ करने का प्रावधान हैं।
- बैंक का नेटवर्क – भारत में डिजिटल भुगतान अधिक होने से ऑनलाइन बैंकिंग का प्रचलन तेज़ी से बढ़ गया हैं। अब छोटे से काम के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं। इसके बावजूद भी ग्राहकों को ऐसे बैंकों का चुनाव करने को खा जाता हैं जो उन्हें अपने समीप पड़ें चूँकि कुछ काम ऑनलाइन माध्यम से ना होने पर ग्राहक को बैंक जाना पद सकता हैं।
- सहायक शुल्क के प्रावधान – बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों से अन्यत्र सहायक सेवाओं जैसे कि एसएमएस अलर्ट, दूसरा एटीएम कार्ड, एटीएम पिन बनाना, डीमैट खाता शुल्क और चेक बुक के अनुसार कुछ शुल्क लेने के प्रावधान हैं। ग्राहक को बैंक के इन सभी शुल्कों को जानकारी ले लेनी चाहिए।
- घर पर ही बैंकिंग की सुविधा – कुछ बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों से घर से ही नक़दी अथवा चेक लेने, डिमांड ड्राफ्ट देने, कागज़ात लेने जैसी सेवाएं देने का कार्य किया जा रहा हैं। परन्तु एक ग्राहक को बैंक द्वारा इन सभी के लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी अच्छे से जान लेनी चाहिए।
बैंक के खातों के प्रकार
व्यक्ति को बैंक खाते के आवेदन प्रपत्र पर खोले जाने वाले खाते के प्रकार का चयन करना होता हैं। यह बात ध्यान देनी चाहिए कि खाता धारक के लिए अलग-अलग बैंक खातों का विकल्प रहता हैं। सभी खातों की मूल प्रकृति भिन्न होती हैं, कुछ खातों में कभी भी पैसे जमा करने की छूट होती हैं। और एक माह में अधिक से अधिक कितनी बार इस खाते से धन की निकासी की जा सकती हैं। बैंक आपको पाँच प्रकार के खातों को खोलने का अवसर देता हैं, ये खाते निम्न प्रकार से हैं –
- चालू खाता – इस प्रकार के बैंक खाते का उपयोग व्यापारिक लेन -देन में किया जाता हैं। चुकी किसी भी व्यापार में प्रतिदिन हज़ारों एवं लाखों रुपयों का लेन – देन की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में व्यापारिक प्रतिष्ठान के पास बैंक में अपना करेंट अकाउंट होना चाहिए। इस खाते के अंतर्गत बिना किसी सीमा के लेन-देन की प्रक्रिया की जा सकती हैं जबकि बचत बैंक खाते में एक लेन-देन की एक सीमा निर्धारित होती हैं। किन्तु इस खाते में ब्याज की सुविधा नहीं होती हैं और खाता धारक चाहे तो जरुरत पड़ने पर पैसे को ओवरड्राफ्ट भी कर सकता हैं।
- बचत खाता – इस प्रकार के खाते पर बैंक द्वारा पैसे जमा करने पर जमा राशि पर ब्याज दिया जाता हैं। साथ ही ग्राहक को अपनी धन राशि की सुरक्षा की गारंटी रहती हैं। ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार कभी भी खाते में पैसे दाल सकता हैं। इस खाते को व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से खुलवाया जा सकता हैं। दो या अधिक व्यक्तियों के लिए खोला जाने वाला खाता संयुक्त खाता होता हैं। संयुक्त खाता खोलने का प्रपत्र भरते समय खाते के सभी हिस्सेदारों की जमा राशि में हिस्सेदारी और लेन-देन के अधिकार का विवरण भी देना होता हैं। संयुक्त खाता होने की दशा में आवेदन के साथ सभी खाता धारको के प्रमाण पत्र और फोटो संलग्न करने होंगे।
- सावधि जमा खाता – यह खाता किसी भी ग्राहक को निवेश करने का अवसर प्रदान करता हैं। इसके अंतर्गत व्यक्ति अपनी धनराशि को बैंक में एक निश्चित समय की अवधि के लिए निवेश करता हैं और बैंक दे द्वारा एक समय के बाद उस जमा राशि पर ब्याज दिया जाता हैं। एक एफडी निवेश की अवधि सात दिन से दस सालों तक होती हैं जबकि इस समय में इस धन राशि पर चार से ग्यारह प्रतिशत का ब्याज प्राप्त होता हैं।
- आवर्ती जमा खाता – बैंक द्वारा पैसे के निवेश के लिए आरडी एक अच्छा बैंक खाता हैं। इस प्रकार के खाते में ग्राहक को एक ख़ास समय में तय धन राशि को किस्तों में जमा करना होता हैं। जब ग्राहक अपना लक्ष्य पूरा कर लेता हैं तो जमा की गयी धान राशि पर एक अच्छा ब्याज प्रदान किया जाता हैं। इन्ही कारणों से पुराने समय से ही आरडी जन सामान्य में बहुत लोकप्रिय बैंक खाता रहा हैं। आरडी में धन राशि को पूरा करने के लिए 6 से 10 वर्ष का समय ले सकते हैं।
- बुनियादी बचत खाता – यह खाता ग्राहक को शून्य बैलेंस के साथ बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता हैं। इस खाते में ग्राहक को किसी भी प्रकार की न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता नहीं रहती हैं साथ ही इसमें प्रतिदिन की जमा और निकास धनराशि की सीमा 5 हज़ार रुपयों की रहती हैं। यह खाता ज़ीरो बैलेंस खाता और मूल बचत खाता भी कहलाता हैं।
कोई भी नौकरीपेशा अथवा व्यवसायी व्यक्ति अपनी मेहनत के पैसे को बैंक खाते में रखकर चिंता से मुक्ति पा सकता हैं। बैंक खाता होने पर लोगो को अपना पैसा घर पर रखकर खतरे का सामना नहीं करना पड़ता हैं। बैंक खाता खुलने के बाद बैंक अपने ग्राहकों को ATM कार्ड की सुविधा देता हैं, जिसकी सहायता से वे इच्छा के अनुसार कभी भी पैसा निकाल सकते हैं।
ऑनलाइन बैंक खाता खोलने अथवा मोबाइल के माध्यम से बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत ही सरल हैं। चुकी वर्तमान समय में अधिकतर व्यावसायिक कार्य इंटरनेट वाले मोबाइल फोन के द्वारा संभव हो रहे हैं। यही वजह हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान से अपना बचत खाता खोल सकता हैं और इसके लिए व्यक्ति को बैंक में जाकर आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती हैं।
नाबालिक का बैंक खाता खोलना
जिन बच्चों की आयु 18 वर्ष के कम होती हैं, उनके बैंक खाते को माइनर अकाउंट कहा जाता हैं। यदि खाता धारक की आयु 10 वर्ष से कम हैं तो खाते का संचालन बच्चे के माता-पिता को करना होगा। 10 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चे अपने बैंक खाते का संचालन स्वयं करने का अधिकार रखते हैं। नाबालिक बच्चों का खाता खोलने से सम्बंधित आवश्यक जानकारी लेने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान दें –
- नाबालिक खाते के लिए आवेदन प्रपत्र सामान्य लोगो वाला ही प्रयुक्त होता हैं।
- आवेदन प्रपत्र में बच्चे का नाम, अभिभावको की जानकारी, आवास की जानकारी और हस्ताक्षर करने होंगे।
- साथ ही कुछ प्रमाण पत्रों को संलग्न करना होगा – आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, अभिभावक की केवाईसी प्रमाण पत्र इत्यादि।
बैंक अकाउंट खोलने संम्बधी कुछ मुख्य प्रश्न
भारत में सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित बैंक कौन हैं?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI Bank) को देश में सबसे बड़े बैंक होने की उपाधि प्राप्त हैं।
ग्राहक के लिए बैंक में कितने प्रकार के खाते होते हैं?
बैंक में ग्राहक को तीन प्रकार के खाते खोलने का अवसर होता हैं – बचत खाता, चालू खाता और ऋण खाता।
ऑनलाइन बैंक अकाउंट खोलने पर भविष्य में कोई समस्या तो नहीं आती हैं?
जी नहीं, ऑनलाइन खाता ग्राहक को सामान्य बैंक खाते की तरह ही सुविधा प्रदान करता हैं। ग्राहक को हमेशा यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे बैंक के सभी ऑनलाइन कार्य आधिकारिक वेबसाइट से ही करें।