यदि कोई व्यक्ति अपना घर खरीदने की इच्छा रखता है, किन्तु उसे कुछ पैसों की कमी आ रही है। ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति किसी दूसरे से पैसे उधार ले सकता है अथवा किसी महाजन से भी पैसे ले सकता है। ऐसे समय में लम्बी अवधि का Home Loan लेना सही फैसला होगा।
इस प्रकार से रिहायती इंटरेस्ट रेट पर आवश्यकता के अनुरूप होम लोन मिल जाता है। किन्तु बहुत से लोगो के मन में होम लोन के बारे में विभिन्न प्रश्न रहते है। सामान्य तौर पर होम लोन विभिन्न तरह के होते है और इनको लेकर शर्तें एवं नियम भी आपस में अलग ही होते है। इस लेख के अंतर्गत आपको होम लोन और इसको लेने के बारे में जानकारी देने का प्रयास होगा।
होम लोन क्या है ?
किसी व्यक्ति के लिए अपना घर बनाने के लिए ली जाने वाली धनराशि को होम लोन कहते है। यह राशि किसी व्यक्ति को NBFC, बैंक अथवा वित्तीय संस्था से घर बनाने एवं खरीदने के लिए उधार मिलता है। इसके बाद वह व्यक्ति हर महीने की तय तिथि को EMI के रूप में उस NBFC, बैंक अथवा वित्तीय संस्थान को यह राशि वापिस करता रहता है। EMI की राशि में लोन का मूल धन एवं ब्याज सम्मिलित रहते है। होम लोन पूरी तरह से सुरक्षित रहते है अतः लोन देने वाले वित्तीय संस्थान, बैंक अथवा NBFC उस व्यक्ति की संपत्ति को गिरवी रख लेते है।
होम लोन के प्रकार
बैंक एवं लोन प्रदाता इकाइयाँ विभिन्न उद्देश्यों के अनुसार होम लोन देते है। अतः आपको होम लोन लेने से पहले यह जान लेना जरुरी होगा कि आप किस आवश्यकता के अनुरूप लोन लेना होगा। इस समय निम्न प्रकार के होम लोन उपलब्ध है –
घर खरीदने का लोन
इसके माध्यम से आप बना हुआ घर खरीद सकते है। आप किसी व्यक्ति से, किसी बिल्डर से या डेवेलपर से घर खरीद सकते है। आप किसी सरकारी आवास निर्माता एजेंसी से भी घर की खरीद कर सकते है। होम लोन के क्षेत्र में यह सबसे प्रसिद्ध लोन है। इसमें आप लोन प्रदाता से पैसे लेकर घर की खरीद कर सकते है और आपको बाद के समय में यह लोन ब्याज के साथ वापिस करना है।
घर बनाने का लोन
यदि कोई व्यक्ति पहले से बना घर ना खरीदना चाहता है और अपने हिसाब से घर बनवाने की इच्छा रखता है तो यह होम लोन सही रहता है। चूँकि अभी तक घर बना नहीं होता है अतः होम लोन की रकम को घर के निर्माण की अनुमानित लागत के हिसाब से तय किया जाता है।
जमीन खरीद का लोन
यदि कोई व्यक्ति अभी मकान बनाने अथवा खरीदने का विचार नहीं कर रहा है, तो वह बाद में मकान बनाने के लिए ज़मीन खरीद कर डाल सकता है। इस प्रयोजन के लिए भी एक प्रकार का होम लोन उपलब्ध रहेगा। इसमें यह भी जरुरी नहीं है कि आप उस प्लाट पर कोई मकान बनवाये ही। इस लोन से ज़मीन को बाद के समय में ज्यादा रकम पाने के निवेश के रूप में खरीद सकते है।
गृह सुधार एवं मरम्मत लोन
अगर कोई व्यक्ति अपने पूर्व में निर्मित मकान में कुछ नया निर्माण अथवा पुनर्निर्माण की तैयारी कर रहा है। जैसे कि रसोई, स्नानघर अथवा गैराज का निर्माण इत्यादि को बनाना, तो इन कामों के लिए भी अलग होम लोन ले सकता है। इस प्रकार के होम लोन को ‘होम एक्सटेंशन’ लोन कहते है। इसी तरह से अपने घर के किसी भाग के पुनर्निमाण के लिए भी आप ‘होम इम्प्रूवमेंट’ लोन ले सकते है।
टॉप-अप होम लोन
यदि किसी व्यक्ति ने पहले से ही लोन ले लिया है और बाद के समय में उसे थोड़े और लोन की आवश्यकता हो रही है। ऐसी स्थिति होने पर अपने लोन को बढ़वा सकते है। इस कारण से यह ‘लोन टॉप-अप लोन’ कहलाता है। यह लोन घर की सुरक्षा अथवा वृद्धि के लिए लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त घर के किसी अन्य काम के लिए अपने होम लोन में टॉप-अप कर सकते है, जैसे – बच्चे की शिक्षा के लिए।
ब्रिज होम लोन
यदि किसी व्यक्ति को अपना पुराना घर बेचकर नए को खरीदना है तो वे बैंक ब्रिज लोन को ले सकते है। व्यक्ति के पुराने मकान के अनुसार बैंक से लोन की तरह कुछ धनराशि जारी की जाएगी। इस रकम से आप नए घर की डाउन पेमेंट एवं शुरू के ख़र्चों को कर सकते है। अपना पुराना घर बिक जाने के बाद नए घर की कीमत को अदा कर सकते है।
इस प्रकार से लिए गए ब्रिज लोन, ब्याज एवं दूसरे खर्च को वापिस कर सकते है। यह लोन कम समयावधि के लिए ही मिलता है और सामान्य लोन की तुलना में इसकी ब्याज दर भी बहुत अधिक रहती है।
कम्पोजिट होम लोन
इस प्रकार से लोन में घर से जुड़े 2 प्रकार के कार्यों के लिए एक बार में लोन की अदायगी होती है। जैसे किसी व्यक्ति को प्लाट के साथ घर को बनाने के लिए भी पैसे की जरुरत है। इस मामले में बैंक की ओर से एक बार में ही लोन की राशि दे दी जाती है। एक ही बार में बहुत से उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रयोग होने वाले इस लोन को ‘कम्पोजिट लोन’ कहते है।
संयुक्त होम लोन
अगर दो या दो से ज्यादा लोग आपस में मिलकर किसी लोन को ले रहे हो तो यह संयुक्त लोन अथवा ज्वाइंट होम लोन कहलाता है। इस लोन को व्यक्ति केवल अपने पति, पत्नी, माता-पिता एवं पिता-पुत्र के साथ ही ले सकता है। इस प्रकार से दोनों लोगों के बीच शादी अथवा खून का सम्बन्ध होना अनिवार्य है।
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर
अगर कोई लोन धारक व्यक्ति अपने पिछले होम लोन की शर्तों, ब्याज दर अथवा लोन प्रदाता संस्था से संतुष्ट नहीं है तो वह अपना होम लोन किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कर सकता है। अधिकतर बैंकों को ग्राहक को होम लोन ट्रांसफर की सुविधा मिल जाती है।
होए लोन के ट्रांसफर होने के बाद ग्राहक को नए बैंक की ब्याजदरों एवं नियमों के अनुसार लोन की किस्त देनी होगी। यद्यपि लोन के ट्रांसफर होने पर नए वाले बैंक की तरफ से कुछ शुल्क भी वसूला जायेगा।
एनआरआई होम लोन
दूसरे देशों में निवास करने वाले नागरिको को भारत में घर-मकान खरीद एवं निर्माण के लिए होम लोन मिलते है। इसके लिए उम्मीदवार व्यक्ति के पास निम्न में से कोई एक योग्यता होनी चाहिए।
- नॉन रेजिडेंट इंडियन
- पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन
- ओवरसीज सिटीजन ऑफ इण्डिया
अपने को एक NRI प्रमाणित करने के लिए कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे जैसे पासपोर्ट, वीज़ा, नियोक्ता आईडी, काम का परमिट, विदेशी आवास प्रमाण-पत्र इत्यादि में से कोई देना होता है।
होम लोन में आवश्यक प्रमाण-पत्र
- पहचान-पत्र : पैनकार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, डीएल में से एक की कॉपी।
- आयु प्रमाण-पत्र : आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म का प्रमाण-पत्र, हाईस्कूल अंक तालिका, बैंक की पासबुक, डीएल में से एक की कॉपी।
- आवास प्रमाण-पत्र : बैंक की पासबुक, मतदाता पहचान-पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट, उपयोगिता बिल (बिजली, पानी, गैस या टेलीफोन के बिल) एवं LIC पॉलिसी रिसीट (किसी एक की कॉपी)
- आय का प्रमाण-पत्र (नौकरी वाले के लिए) : फॉर्म-16 की कॉपी, नवीनतम वेतन-पर्ची, इनकम टैक्स रिटर्न (पिछले 3 सालों का), बैलेंस शीट एवं कंपनी/ संस्थान के प्रॉफिट एन्ड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, बिज़नेस लाइसेंस जानकारी एवं व्यवसाय के पते का प्रमाण।
- संपत्ति के प्रमाण-पत्र : सोसायटी/ बिल्डर से NOC, मकान के बनाने में खर्च का डिटेल एस्टीमेट, पंजीकृत सेल अनुबंध, आवंटन पत्र एवं बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति की कॉपी।
होम लोन की आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आप अपने वेतन को लिए जाने वाले लोन के अनुसार पात्र होने की जाँच करें।
- ऐसे आपको संपत्ति के लिए बजट विकल्प निर्धारित करने में आसानी होगी।
- अपनी पात्रता लोन धनराशि को जाँचने के लिए आप पात्रता कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते है।
- इसके बाद आपको बैंक अथवा लोन प्रदाता की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना है।
- आप चाहे तो वेबसाइट से हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जानकारी ले सकते है।
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पब्लिक बैंकों में होम लोन ब्याज दरें
बैंक व लोन प्रदाता | ₹30 लाख तक | ₹30-75 लाख तक | ₹75 लाख से अधिक |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 8.60% – 10.35% | 8.60% – 10.35% | 8.60% –10.60% |
पंजाब नेशनल बैंक | 8.60% – 9.35% | 8.55% – 9.25% | 8.55% – 9.25% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 8.75% – 9.50% | 8.75% – 9.40% | 8.75% – 9.40% |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 8.60% – 10.15% | 8.60% – 10.70% | 8.60% – 10.70% |
इंडियन बैंक | 8.50% – 10.15% | 8.50% – 10.15% | 8.50% –10.15% |
बैंक ऑफ इंडिया | 8.65%-10.60% | 8.65%-10.60% | 8.65%-10.60% |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 8.35% से शुरू | 8.35% से शुरू | 8.35% से शुरू |
केनरा बैंक | 8.55% – 13.35% | 8.55% – 13.35% | 8.55% –13.35% |
होम लोन में टैक्स लाभ
सरकार की ओर से इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अंतर्गत टैक्स बेनेफिट दिया जाता है। आप इनकम टैक्स सेक्शन 80EEA अथवा सेक्शन 80EE के अनुसार भी टैक्स में लाभ ले सकते है। इस प्रकार से होम लोन पर प्राप्त टैक्स लाभ से आपको हर साल अच्छी सेविंग मिलेगी। होम लोन EMI को अदा करने पर निम्न टैक्स लाभ प्राप्त होंगे –
आयकर एक्ट धारा | टैक्स लाभ कैसे मिलता है | टैक्स रिहायत राशि |
सेक्शन 24(b) | ब्याज देने पर | 2 लाख रुपए |
सेक्शन 80 (c) | मूल लोन की राशि पर (स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन फीस भी) | 1.5 लाख रुपए |
होम लोन की शर्ते
- होम लोन की अच्छी डील समान्यत या सिर्फ अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले लोगो को मिलते है।
- घर शक्ति से होम लोन लेने में उम्मीदवार का सिबिल अथवा क्रेडिट स्कोर 700 से ज्यादा होना अच्छा रहता है।
- प्रॉपर्टी के अनुबंध वेल्यू में तक तय सीमा पर लोन प्रतिशत मिलता है।
- 30 लाख या इससे कम के लोन में लोन टू वैल्यू (LTV) 90 प्रतिशत है। यानी अनुबंध वेल्यू का 90 प्रतिशत तक लोन मिलेगा।
- 30 से 75 लाख रुपयों के लोन में ये LTV 80% तक रहेगा।
- 75 लाख से ज्यादा के लोन में ये LTV 75% रहेगी।
- लोन की राशि का अनुमान संपत्ति की वेल्यू के अनुसार होता है।
- इसमें (लोन के एस्टीमेट) में स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क अथवा अन्य दूसरी फ़ीस को शामिल नहीं करते है।
- लोन को वापिस करने के लिए 10 से 30 वर्षो का समय ले सकते है। इन दौरान लोन ना चुकाने पर 2-5 प्रतिशत का दंड हो सकता है।
- RBI इस नियम को लचीला कर रहा है एवं ‘पहले भुगतान जुर्माने’ की कंडीशन को हटाया है। किन्तु स्थानों पर यह नियम लागू है।
- नौकरी वाले के लिए पात्रता शर्ते – मल्टी नेशनल कंपनी, लिमिटेड कंपनी अथवा सरकारी नौकरी हो या फिर निजी/ अनलिस्टेड कंपनी, पार्टनरशिप/ प्रोप्राइटर कंपनी में नौकरी हो।
- कारोबारी व्यक्ति के लिए पात्रता शर्ते – अपना व्यापार, सोल, प्रोप्राइटर कंपनी के मालिक, अपना पेशा करने वाले लोग जैसे – डॉक्टर्स, सीए, आर्किटेक्ट, पार्टनरशिप कंपनी के स्वामी, निजी लिमिटेड अथवा अनलिस्टेड कंपनी के मालिक।
होम लोन से संबंधित प्रश्न
होम लोन क्या होता है ?
ये एक ऐसा वित्तीय समाधान है जिसकी सहायता से कोई भी व्यक्ति अपने अनुसार संपत्ति बना एवं खरीद सकता है। अपने घर के निर्माण, खरीद, नवीनीकरण अथवा मरम्मत इत्यादि काम को करने के लिए होम लोन ले सकते है।
होम लोन किस प्रकार से कार्य करता है?
ये एक सुरक्षित ऋण है जो संपत्ति के लिए सहायक की तरह ऋण की राशि को स्वीकृति देता है। ये लोन स्वीकृति मिली ‘समय सीमा’ के लिए, पहले से तय की गयी दर पर दिया जाता है। लोनधारक को मूल धन एवं ब्याज की राशि का भुगतान EMI के रूप में हर महीने करना होता है। होम लोन का भुगतान ना होने तक संपत्ति की मालकियत लेंडर के पास होती है।
लोन प्रदाता कैसे चेक करते है कि होम लोन उम्मीदवार कितनी EMI अदा कर सकता है?
लोन प्रदाता संस्थान आवेदक के भुगतान की क्षमता को देखते है। वे उन लोगो को लोन देना चाहते है जिनकी कुल EMI (इसमें वर्तमान समय के लोन एवं लिए जा रहे लोन की EMI सम्मिलित है), वर्तमान समय के प्रति माह वेतन के 50 से 60 प्रतिशत हो। इसके लिए आवेदक EMI कैलकुलेटर की मदद लेते है।
होम लोन की स्वीकृति कितने समय में होती है?
सामान्यतया बैंक/ लोन प्रदाता आवदेन की स्वीकृति के लिए 1 से 2 हफ्ते का समय लेते है। लेकिन यह समय उम्मीदवार के क्रेडिट प्रोफाइल एवं खरीदी-बनने वाली संपत्ति की विशेषताओं के अनुसार भिन्न हो सकती है। इस समय के बारे में संस्थान से पता कर लेना चाहिए।