OBC Non-Creamy Layer क्या है ? OBC-CL और OBC-NCL में क्या अंतर है ?

हमारा देश एक बहुसंख्यक आबादी के साथ विविध वर्गों का देश है। देश में सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े नागरिक अन्य पिछड़ा वर्ग में आते है। सरकार ने ओबीसी वर्ग को भी दो भागों में बाँटा है – पहला OBC Creamy Layer और दूसरा OBC Non Creamy Layer।

ओबीसी वर्ग को भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषित किया है जो देश के वंचित समुदाय को इंगित करता है। इस प्रकार से सरकार इस वर्ग से जुड़े नागरिको को विभिन्न जरुरी लाभ देती है।

इस लेख के अंतर्गत आपको ओबीसी वर्ग के नॉन क्रीमी लेयर से जुडी जानकारियों और दोनों के मुख्य अंतर को बताएँगे ।

Difference between oc non creamy layer obc-cl and obc-ncl - OBC-CL और OBC-NCL में अंतर
Difference between oc non creamy layer obc-cl and obc-ncl

ओबीसी क्या होता है?

भारत सरकार ने देश के नागरिको में से कुछ की पहचानने के लिए ओबीसी शब्द को प्रयोग करना शुरू किया था। ये मुख्यतया वे नागरिक थे जो देश में सामाजिक एवं वित्तीय रूप से पिछड़े रह गए है। ये भारत सरकार का तय किया गया आधिकारिक वर्ग है। ऐसे सरकार ने कुछ दूसरे वर्ग भी घोषित किये है जिनमे अनुसूचित जाति/ जनजाति है।

इन वर्गों सहित सरकार ओबीसी समुदाय के लोगों को भी कुछ विशेष लाभ देती है। कुछ लोग इस ओबीसी वर्ग में शामिल नहीं हो पा रहे थे जिनको एक दूसरे वर्ग में सम्मिलित किया गया जिसको सरकार ने OBC Non Creamy Layer नाम दिया। इस वर्ग के नागरिको को ओबीसी प्रमाण-पत्र बनवाने की जानकारी होना जरुरी होता है।

OBC नॉन-क्रीमी लेयर की जानकारी

इस वर्ग में मुख्य रूप से वे जातियाँ शामिल हुई है जो वार्षिक 8 लाख से कम कमाते है। ऐसे इस वर्ग के नागरिको को विभिन्न सरकारी सुविधाएं जैसे शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है। भारत सरकार की ओर से इन वर्ग के नागरिको को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का प्रमाण-पत्र भी मिलता है।

नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाण-पत्र रखने वाले सभी लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में रिक्तियाँ मिलेगी। यहाँ पर इन वर्गों के लोगों के लिए सीटों को आरक्षित रखा जायेगा। भारत सरकार के इस प्रमाण-पत्र को समूचे देश में मान्यता मिली हुई है किन्तु इसको तमिलनाडु में मान्यता नहीं है।

OBC क्रीमी लेयर की जानकारी

सरकार ने कुछ ओबीसी समुदाय के नागरिको का क्रीमी ओबीसी बनाया है जिससे ये लोग सरकार के आरक्षण से वंचित रहते है। 2018 से पहले तक 6 लाख रुपए वार्षिक आय वाले नागरिको को नॉन क्रीमी लेयर में रखा गया था। और 2018 के बाद से इस आय सीमा को बढ़ाकर 8 लाख रुपए वार्षिक कर दिया गया।

इस समय में देश के वे ओबीसी नागरिक जो 8 लाख रुपए वार्षिक कमाते है या जिनके माता-पिता सरकार के उच्च पदों पर कार्यरत रहकर 8 लाख रुपए वार्षिक से ज्यादा कमाते है। ये OBC क्रीमी लेयर की केटेगरी में आते है। इस आय सीमा को भी समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। 1993 में वार्षिक आय की सीमा 1 लाख रुपए थी, 2004 में ये आय सीमा 3 लाख कर दी गयी, 2008 में इस वार्षिक आय सीमा को 4.5 लाख किया गया और 2013 में यह वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपए कर दी गयी।

इस प्रकार जैसे जैसे देश की अर्थव्यवस्था में महँगाई का प्रभाव बढ़ता गया वैसे-वैसे ओबीसी की जातियों के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाया जाता रहा है। देश की सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा के क्षेत्र में ओबीसी की क्रीमी लेयर से नीचे आने वाले नागरिको को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

OBC नॉन-क्रीमी लेयर में पात्रताएँ

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
  • आवेदक के खून के सम्बन्ध वाले पारिवारिक सदस्य के पास भी ये प्रमाण-पत्र होना चाहिए।
  • वह नागरिक अपने प्रदेश का स्थाई निवासी हो।
  • उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना है कि वो ओबीसी क्रीमी लेयर में नहीं जायेगा।
  • उम्मीदवार का पारिवारिक सदस्य सिविल सेवा की नौकरी जैसे आईपीएस, आईपीएस एवं आईएफएस में न हो।

ओबीसी प्रमाण-पत्र बनाने में जरुरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • नवीनतम पासपोर्ट फोटो
  • पैनकार्ड
  • पहचान का प्रमाण-पत्र
  • स्थाई निवास प्रमाण-पत्र
  • ड्राइविंग लाइसेंस

OBC-CL एवं OBC-NCL में अंतर

OBC क्रीमी लेयरOBC नॉन क्रीमी लेयर
इस वर्ग में वे लाभार्थी आते है जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख से अधिक होती है। वर्ग के लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम होती है।
इन नागरिको की आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर होती है।ये नागरिक आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते है।
ये ओबीसी से जुडी सभी सरकारी योजनाओं के लाभ नहीं ले सकते है। चूँकि इनकी आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर होती है।इनको सरकारी योजनाओं का अधिक लाभ मिलता है।
ये नागरिक बहुत सी सरकारी सुविधाओं का लाभ रखने की योग्यता रखते है।इस वर्ग का नागरिक करीबन सामान्य श्रेणी के व्यक्ति की भांति मान्य हो जाता है और इसको विभिन्न योजनाओं में लाभार्थी नहीं बनाया जाता है।

ओबीसी प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना

  • सबसे पहले अपने राज्य के ऑनलाइन पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए।
  • होम पेज पर आपको “Apply For Caste Certificate Online” विकल्प को चुने।
  • मिले ऑनलाइन फॉर्म में मांगी जा रही सभी जानकारियों को सही प्रकार से दर्ज़ करके “Submit” बटन दबा दें।
  • फॉर्म सब्मिट होने के बाद “एक आवेदन संख्या” मिलेगी।
  • इस आवेदन संख्या को नोट कर लें इससे आवेदन फॉर्म की स्थिति को जान सकेंगे।
  • अपने ओबीसी प्रमाण-पत्र के बनाने के बाद इसका प्रिंट आउट भी ले सकते है।

OBC प्रमाण-पत्र की ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

  • सबसे पहले अपने निकटतम तहसील अथवा जन सुविधा केंद्र (CSC केंद्र) में जाए।
  • ओबीसी प्रमाण-पत्र बनाने का आवेदन पत्र प्राप्त करें।
  • फॉर्म में मांगी जा रही सभी जरुरी जानकारियों को ध्यानपूर्वक दर्ज़ करें।
  • फॉर्म में जाति सेक्शन में अपनी जाति केसभी विवरण दे।
  • अपने मोबाइल नंबर भी सही प्रकार से दर्ज़ करें।
  • फिर हस्ताक्षर वाले बॉक्स में अपने सिग्नेचर कर ले और फोटो वाले बॉक्स में सही आकार की फोटो चिपका दें।
  • फॉर्म के साथ जरुरी प्रमाण-पत्र संलग्न करें।
  • तैयार आवेदन फॉर्म को सम्बंधित कर्मचारी को जमा कर दे।
  • आवेदन करने के बाद आपका ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र 30 दिनों के भीतर तैयार हो जायेगा।

ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर से जुड़े कुछ प्रश्न

ओबीसी प्रमाण-पत्र बनवाने की मुख्य पात्रता क्या है?

जिन नागरिको के परिवार की सलाना पारिवारिक आय 8 लाख से ज्यादा नहीं है वो OBC प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकते है।

ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर क्या है?

ये ओबीसी वर्ग की वह शाखा है जिनकी सलाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है। इस वर्ग को विस्तृत रूप में ओबीसी क्रीमी लेयर कहते है। सरकार ने यह वर्ग कुछ खास सामाजिक एवं आर्थिक विपन्न लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए तैयार किया है।

क्या ओबीसी प्रमाण-पत्र का लाभ पूरे देश में मिलता है?

तमिलनाडु राज्य को छोड़कर OBC प्रमाण-पत्र का लाभ समूचे देश में मिलता है।

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