भारतीय अर्थव्यवस्था में खेती बहुत तेज़ी से बढ़ने वाले सेक्टर्स में से एक है। इस वजह से इस क्षेत्र से जुड़े कोर्स में भी करियर बनाने की सम्भावनाएँ बढ़ती जा रही है। कृषि (बीएससी एग्रीकल्चर) से जुड़े पाठ्यक्रम (BSC Agriculture) को पूर्ण कर लेने के बाद निजी एवं सार्वजानिक क्षेत्र में काम के अच्छे अवसर मिल सकते है। एग्रीकल्चर के सेक्टर अपना करियर बनाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों डिप्लोमा एवं डिग्री कर सकते है। सामान्यतया इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद सभी विधार्थी एवं उनके माता-पिता कुछ प्रसिद्ध करियर विकल्प की ओर जाते है जैसे – डॉक्टर, इंजीनियर, प्रबंधन इत्यादि।
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है इस प्रकार से देश के कृषि सेक्टर पर 130 करोड़ भारतीयों की खाद्य जरुरत को पूर्ण करने की जिम्मेदारी है। देश की केंद्र एवं प्रदेश सरकारे खेती-किसानी को एक अच्छे व्यवसाय के रूप में विकसित करने के प्रयास कर रहे है। आने वाले वर्षों में सरकार किसानों की आय को दुगना करने का काम करने वाली है। इस प्रकार से किसी भी प्रतिभाशाली विद्यार्थी को बीएससी एग्रीकल्चर के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए।

BSc एग्रीकल्चर क्या है?
यह चार वर्षों का स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम है। इस कोर्स में मुख्यतया कृषि विज्ञान में शोध एवं अभ्यास पर ध्यान दिया जाता है। इन प्रमुख विषयों के साथ ही उन्हें फिल्ड वर्क की भी जानकारी भी दी जाती है। विद्यार्थी कोर्स के अंतर्गत कृषि विज्ञान एवं खेती से जुड़े सेक्टर के नए-नए उपकरण की जानकारी भी लेते है। जिस प्रकार से आज हर सेक्टर में नयी तकनीकों का प्रभाव बढ़ रहा है उसी प्रकार से खेती के क्षेत्र में भी नए उपकरण एवं तकनीके आती जा रही है। इन नयी तकनीक के कारण एडवांस खेती करने में मदद मिल रही है जो खेती की उत्पादकता में वृद्धि करते है। इस प्रकार से कम क्षेत्र के खेत से ही अधिक फसल पैदा हो जाती है।
इस प्रकार से बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करके नौजवान अच्छे वेतन के लिए लाभकारी खेती से जुड़ सकते है। यदि कोई विज्ञान वर्ग का छात्र कक्षा 12 के बाद अपने करियर को चुनने को लेकर दुविधा में हो तो वह कृषि विज्ञान में ग्रेजुएशन को चुनकर एक अच्छा करियर बना सकता है।
BSc एग्रीकल्चर में जरुरी पात्रताएँ
किसी भी संस्थान से बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए कक्षा 12 में विज्ञान विषय में 50 प्रतिशत होना जरुरी है। किन्तु विभिन्न संस्थानों में ये अंक अलग-अलग हो सकते है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 18 साल हो एवं अधिकतम आयु के लिए कोई भी सीमा नहीं है। कुछ उच्च शिक्षण संस्थान अपने यहाँ कोर्स में प्रवेश देने से पहले एक प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करवाते है। किन्तु अधिकतर संस्थान छात्रों की मेरिट सूची के अनुसार ही कोर्स में प्रवेश दे देते है।
- एक विद्यार्थी को इंटरमीडिएट कक्षा को विज्ञान वर्ग के विषय जैसे – फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स एवं बायोलॉजी से उत्तीर्ण करनी है।
- विदेशों के ज्यादातर विश्विद्यालय में स्नातक में SAT एवं परास्नातक पाठ्यक्रम में GRE स्कोर की माँग होती है।
- विदेशी संस्थान में प्रवेश के लिए IELETS अथवा TOEFL परीक्षा स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के सर्टिफिकेट की जरुरत रहती है।
- इस प्रकार से एक छात्र का IELTS स्कोर 7 अथवा ज्यादा एवं TOEFL स्कोर 100 अथवा ज्यादा होना चाहिए।
- विदेश के संस्थान में कोर्स करने के लिए SOP, LOR, CV/ Resume अथवा पोर्टफोलियो भी सब्मिट करने होते है।
एग्रीक्लचर से जुड़े कोर्स
बीएससी एग्रीकल्चर | डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर |
बीटेक (एग्रीकल्चर) | डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग |
बैचलर ऑफ साइंस आनर्स | मास्टर ऑफ साइंस इन एग्रीकल्चर |
बैचलर ऑफ साइंस इन क्रॉप फिजियोलॉजी | मास्टर ऑफ साइंस इन बायोलॉजिकल साइंस |
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग | मास्टर ऑफ साइंस इन एग्रीकल्चर बॉटनी |
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रेक्टिसस |
बीएससी एग्रीकल्चर का एंट्रेंस टेस्ट
इस कोर्स के लिए विभिन्न राज्य अपने अनुसार प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते है और हर छात्र को इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाता है। किन्तु पुरे देश में ICAR (इण्डिया काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) के द्वारा एक परीक्षा ICAR AIEEA का आयोजन होता है। इसके अतिरिक्त भी कोई भी छात्र बीएससी एग्रीकल्चर के लिए निम्न प्रवेश परीक्षाओं को दे सकता है –
ICAR AIEEA | UPCATET |
Rajasthan JET | CG PAT |
IKGV CET | MP PAT |
OUAT | KEAM |
SHIATS Entrance Exam | CCSHAU Entrance Exam |
MHT CET | AgriCET |
GBPUAT | BHU UET |
प्रवेश परीक्षा के विषय
- जीव विज्ञान
- गणित
- कृषि विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- भौतिक विज्ञान
प्रवेश परीक्षा का पैटर्न
राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की प्रवेश परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न आते है और पूरा प्रश्न-पत्र 100 अंकों का रहता है। इन नंबर्स को विषयों के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है।
BSc एग्रीकल्चर में शुल्क विवरण
दूसरे पेशेवर कोर्सों से टूना करें तो बीएससी एग्रीकल्चर में आपको कम फीस देनी पड़ती है। किन्तु इसमें निजी कॉलेजों से तुलना करने पर राजकीय संस्थानों की फीस काफी कम रहती है। गवर्नमेंट कॉलेजों में बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम के लिए 7 से 15 हजार रुपए वार्षिक फीस देनी पड़ सकती है। दूसरी ओर निजी कॉलेजों में यही फीस 20 से 80 हजार रुपए सलाना तक हो जाती है। यदि कोई विद्यार्थी विदेश के कॉलेज से पढ़ाई करने की इच्छा रखता है तो उसे संस्थान की वेबसाइट पर जाकर फीस एवं प्रवेश से जुडी जानकारी ले सकते है। देशी-विदेशी कॉलेजों में फीस का स्ट्रक्चर बदल सकता है अतः प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए यह अनिवार्य है कि वे प्रवेश लेने से पूर्व सम्बंधित कॉलेज की वेबसाइट पर नवीनतम फीस की जानकारी प्राप्त कर लें।
बीएससी एग्रीकल्चर में कौशल
- तकनीकी आधारित कौशल : हर क्षेत्र में तकनीकी एक महत्वपूर्ण एवं जरुरी घटक बनता जा रहा है। इसी प्रकार से एग्रीकल्चर के क्षेत्र में भी तकनीक काफी अहम भूमिका रखती है जिसका अच्छा ज्ञान बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स के विद्यार्धी को मिलता है।
- विविधता : ये एक मुख्य कौशल सिद्धांत है जिसको किसी व्यक्ति में कृषि कार्य के दौरान होना जरुरी हो जाता है। इस प्रकर से ये कारक विकसित करने का प्रयास होता है।
- समय प्रबंधन एवं संघठन कौशल : यह टाइम मैनेजमेंट छात्र को अपने काम में अनुशासन एवं कुशलता को विकसित करने में मदद करता है।
- डाटा प्रबंधन : खेतों पर होने वाले कार्यों में प्रयोग होने वाले संसाधनों एवं वस्तुओं के लिए एक कुशल डेटा प्रबंधक की भी जरुरत होती है। इसके अंतर्गत बड़े स्तर के डेटा को विकसित करने की क्षमता होनी चाहिए।
- अनुकूलन : हर महत्वपूर्ण सेक्टर की भाँति ही कृषि का क्षेत्र भी कार्य करने वाले लोगो से अपने कार्य में अनुकूलन करने की मांग करता है। इसी कारण से ये कारक एक एग्रीकल्चर के छात्र में विकसित करने की जरुरत होती है।
BSc एग्रीकल्चर कोर्स के विषय
फसल उत्पादन के मूलभूत सिद्धांत | खरपतवार प्रबंधन |
मृदा विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत | मृदा उर्वरक |
कृषि मौसम विज्ञान | पौधा प्रजनन के सिद्धांत |
फसल रोग | बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी |
आनुवंशिकी तत्व | मौलिक फसल शरीर क्रिया विज्ञान |
पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन | वानिकी एवं कृषि वानिकी |
भारत में एग्रीकल्चर के टॉप विश्विद्यालय
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय | तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, बिहार | जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय |
चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी | नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल |
इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI), नई दिल्ली | उड़ीसा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय |
जवाहरलाल नेहरू कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश | जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, उत्तराखंड |
प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद |
बीएससी एग्रीकल्चर के टॉप विश्विद्यालय
इस कोर्स के लिए दुनियाभर की यूनिवर्सिटी में एक जैसे विज्ञान विषयों की माँग की जाती है। किन्तु माँगे जाने वाले मिनिमम प्रतिशत अलग-अलग संस्थानों में अलग हो सकते है। किन्तु एक अच्छा ILETS एवं TOEFL स्कोर विद्यार्थी को अपने मनपसंद कॉलेज को चुनने में मदद कर सकता है। विदेश में बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री प्रदान करने वाले निम्न विश्विद्यालय है –
मैकगिल यूनिवर्सिटी | रॉयल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी |
आयरन कॉलेज | यूनिवर्सिटी ऑफ़ गोटिंगेन |
मेलबोर्न पॉलिटेक्निक | यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्वींसलैंड |
हम्बोल्ट यूनिवर्सिटी | यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया, डेविस |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ नॉटिंघम | कॉर्नेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड लाइफ साइंसेज |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ अल्बर्टा |
विदेश में बीएससी एग्रीकल्चर आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आपने अपने लिए सही कोर्स का चुनाव करना है।
- इसके बाद आपने कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफार्म के द्वारा विभिन्न विश्विद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया को शुरू करना है।
- अगले स्टेप में आपको सभी प्रमाण-पत्रों जैसे – SOP, निबंध (Eassay), प्रमाण-पत्र, LOR एवं जरुरी परीक्षा स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACTइत्यादि को एकत्रित करके व्यवस्थित करना है।
- आपने विदेश में प्रवेश देने वाले विभिन्न परीक्षाओं जैसे IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE इत्यादि के लिए अच्छी प्रकार से तैयारी कर लेनी है।
- अपने आवेदन पत्र और प्रमाण-पत्रों को जमा कर लेने के बाद आपने एक्सपर्ट आवास, विद्यार्थी वीजा एवं स्कोलरशिप/ एजुकेशन लोन की आवदेन प्रक्रिया को भी प्रारम्भ करना है।
- इसके बाद आपने ऑफर लेटर का इंतजार करना है इसमें करीबन 4 से 6 हफ्ते अथवा ज्यादा का समय लग सकता है।
- ऑफर लेटर के आ जाने के बाद आपने इसे स्वीकार करने के बाद जरुरी सेमेस्टर फीस का भुगतान करना है।
भारत में बीएससी एग्रीकल्चर की आवेदन प्रक्रिया
देश की यूनिवर्सिटियों में बीएससी एग्रीकल्चर की आवेदन प्रक्रिया भिन्न-भिन्न है। कुछ कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट में रैंक के अनुसार प्रवेश देते है तो कुछ कॉलेज छात्रों को अंकों के अनुसार सीधे ही प्रवेश दे देते है।
प्रवेश परीक्षा के अनुसार
विभिन्न संस्थानों में ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को आवेदन फॉर्म भरकर अपना पंजीकरण करना होता है। जैसे कि कर्नाटक एवं केरल की एंट्रेंस परीक्षाएँ KCET और KEAM इन राज्यों में बीएससी एग्रीकल्चर संस्थान में प्रवेश दिलवाती है।
सीधे ही प्रवेश
कोई विद्यार्थी चाहे तो सीधे की कॉलेज में जाकर आवेदन पत्र को भरकर बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स में प्रवेश ले सकता है। कक्षा 12 में प्राप्त हुए अंको के अनुसार ही छात्रों को सम्बंधित संस्थान में प्रवेश मिल जायेगा। किन्तु इन छात्रों को संस्थान द्वारा तय किये मानदंडों को पूर्ण करना होगा।
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बीएससी एग्रीकल्चर की जॉब सम्भावनाएं
जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि यह एक उभरता एवं बढ़ता हुआ सेक्टर है। एक विज्ञान के छात्र को कृषि के क्षेत्र में अच्छी सम्भावनाएँ मिल सकती है। इन सरकारी एवं निजी संस्थानों में अच्छे वेतन की जॉब भी मिलती है। एक बीएससी एग्रीकल्चर को निम्न कंपनियों में जॉब के अवसर मिल सकते है –
राष्ट्रीय कृषि उद्योग | राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड |
रैलिस इंडिया लिमिटेड | स्टेट फार्म कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया |
एडवांटा लिमिटेड | भारतीय खाद्य निगम |
फलादा एग्रो रिसर्च फाउंडेशन लिमिटेड | राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड |
रासी सीड्स | नाबार्ड और अन्य बैंक |
एबीटी इंडस्ट्रीज | कृषि वित्त निगम |
ड्यूपॉन्ट इंडिया | भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद |
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान |
देश में बीएससी एग्रीकल्चर के पद एवं सैलरी
सभी सेक्टर्स की तरह कृषि क्षेत्र में भी भूमिका एवं पोजीशन के अनुसार सैलरी पैकेज भिन्न होते है। यद्यपि खेती के क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवर के लिए सामान्य वार्षिक वेतन 2 से 8 लाख रुपए हो सकता है।
पद | वार्षिक वेतन |
एग्रीबिजनेस मैनेजर | 9 से 10 लाख |
एग्रीकल्चरल इक्विपमेंट डीलर | 3 से 5 लाख |
एग्रीकल्चरल ग्रेडर | 3 से 5 लाख |
एग्रीकल्चरल इंस्पेक्टर | 2 से 3 लाख |
एनिमल कंट्रोल ऑफ़िसर | 2 से 4 लाख |
एग्रीकल्चर मैनेजर | 3 से 5 लाख |
बीएससी एग्रीकल्चर के लिए सरकारी परीक्षाएँ
- यूपीएससी – आईएफएससी (भारतीय वन सेवा) परीक्षा
- आईबीपीएस एसओ परीक्षा
- राज्य वन परीक्षा
- यूजीसी-नेट परीक्षा
- नाबार्ड ग्रेड ए परीक्षा
बीएससी एग्रीकल्चर से जुड़े प्रश्न
बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स क्या है?
यह खेती कार्यो से जुडी मौलिक एवं तकनीकी शिक्षा देने वाला स्नातक स्तर का कोर्स है। जो विकासशील देश जैसे भारत के कृषि सेक्टर से जुड़े लोगों की समस्याओं को हल करने का प्रयास करता है।
इंटरमीडिएट कक्षा के बाद एग्रीकल्चर कैसे करें?
कोई भी विज्ञान वर्ग का विद्यार्थी बाहरवीं की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर, बीएससी एग्रीकल्चर अथवा सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकता है। बीएससी एग्रीकल्चर एक 4 वर्षीय स्नातक डिग्री है और डिप्लोमा कोर्स 2 से 3 वर्ष के हो सकते है।
बीएससी एग्रीकल्चर के बाद क्या करें?
जो भी विद्यार्थी बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करना चाहता है तो वह MSc (एग्रीकल्चर) या फिर MBA (एग्रीकल्चर) और पीएचडी में प्रवेश लेकर आगे का करियर बना सकते है।
देश में सबसे बड़ा कृषि विश्विद्यालय कौन सा है?
इस समय देश का सबसे बड़ा कृषि विश्विद्यालय ‘राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान’ है। यह संस्थान हरियाणा प्रदेश के करनाल जिले में मौजूद है जो कि साल 1989 से स्थापित है। इसके अतिरिक्त हिसार का चौधरी चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय साल 1970 से देश का सबसे बड़ा कृषि विश्विद्यालय है।