CIBIL Score : सिबिल स्कोर की निगेटिव रैंकिंग एक तरह की बदनामी है जो हर जगह फैल जाती है। इसका मतलब है कि जब भी आप किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन के लिए आवेदन करेंगे, तो वे आपकी इस बदनामी के बारे में जान जाएंगे।
लोन डिफॉल्ट होने पर आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, ठीक उसी तरह जैसे परीक्षा में कम नंबर आने पर बच्चे का भविष्य प्रभावित होता है।लोन डिफॉल्ट होने पर बैंक या फाइनेंस कंपनी आपके खिलाफ क्रेडिट रिपोर्ट में एक नकारात्मक रिपोर्ट दर्ज करती है। यह रिपोर्ट सभी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को दिखाई जाती है।
इस नकारात्मक रिपोर्ट के कारण आपके लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, अगर आपको लोन मिल भी जाता है, तो आपको अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि आप समय पर अपने सभी बिलों का भुगतान करें और लोन चुकाएं। इससे आपका सिबिल स्कोर अच्छा रहेगा और आपको भविष्य में लोन लेने में आसानी होगी।
इस उदाहरण से समझें
क्रेडिट स्कोर एक ऐसा नंबर है जो आपकी लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। यह एक तरह से आपकी क्रेडिट worthiness का माप है। मान लीजिए आपने घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। शुरू-शुरू में आप नियमित रूप से लोन की किस्तें चुकाते रहे। लेकिन अचानक आपकी नौकरी चली गई या आपका धंधा चौपट हो गया। इस स्थिति में आपके सामने किस्तें बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं रहा।
किस्तें बंद होते ही बैंक ने आपको डिफॉल्ट की श्रेणी में डाल दिया। इसका मतलब है कि अब आप बैंक की नजर में एक जोखिम भरा ग्राहक हैं।बाद में आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो गई और आपने लोन की सभी किस्तें और उस पर लगे ब्याज भी बैंक को चुका दिया। इससे आपको लग सकता है कि अब आपका सिबिल स्कोर ठीक हो गया होगा।लेकिन ऐसा नहीं है। लोन डिफॉल्ट होने का आपका सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा। यह असर कम से कम 2 साल तक रह सकता है। इसलिए, अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा रखना चाहते हैं, तो समय पर अपने सभी बिलों और लोन की किस्तें चुकाना जरूरी है।
लोन डिफॉल्ट होने के बाद, आपने अपना सिबिल स्कोर सुधारने के लिए सब कुछ किया। आपने लंबित किस्तें चुका दीं, ब्याज भी भर दिया, और अब आप नियमित रूप से अपने बिलों का भुगतान कर रहे हैं। लेकिन, जानकारों का कहना है कि आपके सिबिल स्कोर में सुधार होने में कम से कम 2 साल लगेंगे।
सिबिल स्कोर की नहीं छुपती गड़बड़ी
क्रेडिट स्कोर की बदनामी एक तरह की काली छाया है जो आपके पीछे पड़ जाती है। यह छाया हर जगह फैल जाती है और आपको हर किसी के सामने शर्मिंदा करती है।जब आप लोन डिफॉल्ट करते हैं, तो आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर एक नकारात्मक रिपोर्ट दर्ज की जाती है। यह रिपोर्ट सभी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को दिखाई जाती है।इस रिपोर्ट के कारण, आप बैंक या फाइनेंस कंपनी की नजर में एक जोखिम भरा ग्राहक बन जाते हैं।
इसलिए, जब आप अगली बार लोन लेने के लिए किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास जाते हैं, तो वे आपकी इस बदनामी के बारे में जान जाएंगे।इस स्थिति में, आपको लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, अगर आपको लोन मिल भी जाता है, तो आपको अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि आप अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर रखें। इसके लिए, आपको समय पर अपने सभी बिलों का भुगतान करना चाहिए और लोन चुकाना चाहिए।
कैसे सुधरता है सिबिल स्कोर
सिबिल स्कोर एक तरह से आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का पैमाना है। यह आपके लेनदेन और भुगतान के इतिहास को देखते हुए तय किया जाता है।अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने के लिए, आपको समय पर अपने सभी बिलों का भुगतान करना चाहिए। इसमें क्रेडिट कार्ड, लोन, मोबाइल, बिजली, पानी, आदि के बिल शामिल हैं।क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय, हमेशा अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक खर्च न करें। और, बिल आने पर, पूरा बिल चुकाएं, न कि केवल न्यूनतम देय राशि।
लोन चुकाने के बाद, बैंक से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना न भूलें। यह सर्टिफिकेट आपके सिबिल रिपोर्ट में अपडेट होने में मदद करेगा।क्रेडिट कार्ड बंद करने पर, बैंक से बंद करने की प्रक्रिया पूरी करवाएं और बंद करने का प्रमाण पत्र लें। यह प्रमाण पत्र भी आपके सिबिल रिपोर्ट में अपडेट होगा।इन सभी बातों का ध्यान रखकर, आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर बना सकते हैं।यहाँ कुछ अन्य सुझाव दिए गए हैं जो आपको अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:
- कम से कम 2 साल के लिए एक ही बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड रखें।
- एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड न लें।
- अपने लोन या क्रेडिट कार्ड की किस्तें समय पर चुकाने के लिए एक बजट बनाएं।
अपने सिबिल स्कोर को बेहतर रखने से आपको भविष्य में लोन लेने में आसानी होगी और आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
क्या बार बार चेक करने से खराब होता है सिबिल स्कोर
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या बार-बार अपना सिबिल स्कोर चेक करने से वह खराब हो जाता है? इसका जवाब है, हां और नहीं।दरअसल, सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट का एक हिस्सा है। क्रेडिट रिपोर्ट में आपके लोन लेने और भुगतान करने के इतिहास का विवरण होता है। जब कोई बैंक या फाइनेंस कंपनी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देखती है, तो वह आपके सिबिल स्कोर पर भी ध्यान देती है।
अगर आप खुद अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं, तो यह एक सॉफ्ट इंक्वायरी होती है। सॉफ्ट इंक्वायरी का आपके सिबिल स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता है।हालांकि, अगर आप किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करेगी। यह एक हार्ड इंक्वायरी होती है। हार्ड इंक्वायरी का आपके सिबिल स्कोर पर थोड़ा सा असर पड़ता है।
इसलिए, अगर आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाना चाहते हैं, तो बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें।यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:
- समय पर अपने सभी बिलों का भुगतान करें।
- क्रेडिट कार्ड का उपयोग सीमित करें और हमेशा अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक खर्च न करें।
- क्रेडिट कार्ड पर देय राशि को समय पर चुकाएं।
- एक बार में कई क्रेडिट कार्ड न लें।
- अगर आपके पास पहले से ही कई क्रेडिट कार्ड हैं, तो उनमें से कुछ को बंद कर दें।
- अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय हमेशा सुरक्षित रहें।
लोन लेने के लिए कितना होना चाहिए सिबिल स्काेर
इस कारण ज्यादा लोन के लिए इंक्वायरी मत करिए। आप अपना सिबिल स्कोर कितनी बार भी चेक कर सकते हैं, उससे कोई भी परेशानी नहीं है। सिबिल स्कोर का दायरा 300 से 900 के बीच होता है।
बहुत ही अच्छा : 800-850
बहुत अच्छा : 799-740
अच्छा : 739-670
ठीक : 699-580
बहुत ही खराब : 579-300
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