पीटीपी-एनईआर योजना क्या है ? PTP NER Scheme

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के जनजाति समुदाय के नागरिको के बने उत्पादों को प्रोत्साहन देने वाली एक श्रेष्ट स्कीम पीटीपी-एनईआर योजना की घोषणा की है। ये योजना पूर्वोत्तर से सम्बन्ध रखने वाले हुनरमन्द कारीगरों के काम को बढ़ाएगी और उनके जीवन स्तर में भी सुधार लाएगी। स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी के मुताबिक ये स्कीम पूर्वोत्तर के उत्पादों के लिए विस्तृत दृश्यता भी तय करेगी। आदिवासी कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा मणिपुर ने भी अपने ट्वीटर के माध्यम से जानकारी दी है कि सरकार ने देश के उत्तर-पूर्वी इलाको की आदिवासी वस्तुओं को प्रचारित और मार्केटरिंग देने के उद्देश्य से पीटीपी-एनईआर योजना की शुरुआत की है।

PTP NER Scheme - पीटीपी-एनईआर योजना
PTP NER Scheme

पीटीपी-एनईआर योजना

18 अप्रैल के दिन देश में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा ने पूर्वोत्तर इलाको में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों को लाभान्वित करने वाली ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र (PTP NER) के माध्यम से जनजाति के उत्पादों को प्रचारित करने एवं विपणन और रसद विकास’ की PTP NER Scheme की घोषणा कर दी है। केंद्र सरकार ने जनजाति उत्पादों के प्रदर्शन के लिए जनजातीय कारीगर मेले को आयोजित करने की योजना बनाई है जिसको इसी वर्ष यानी 2023 के अप्रैल और मई महीने में आयोजित किया जाएगा।

PTP NER Scheme

योजना का नामपीटीपी-एनईआर योजना
सम्बंधित विभागजनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार
सम्बंधित मंत्रीश्री अर्जुन मुण्डा (केंद्रीय मंत्री)
उद्देश्यजनजाति कामगारों को रसद एवं मार्केटिंग मदद देना
लाभार्थीउत्तर-पूर्वी राज्यों के आदिवासी कारीगर
माध्यमऑफलाइन
आधिकारिक वेबसाइटhttps://trifed.tribal.gov.in

पीटीपी-एनईआर योजना के मुख्या उद्देश्य

  • पीटीपी-एनईआर योजना देश के उत्तरी-पूर्वी भागो के अनुसूचित जनजातियों को लाभान्वित करेगी।
  • योजना का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर के प्रदेशो के जनजातीय उत्पाद की खरीद, रसद एवं मार्केटिंग की क्षमता में विकास के द्वारा जनजाति समुदाय के कामगारों के जीवन निर्वाह के काम में शक्ति देना है।
  • PTP NER Scheme के तहत साल 2023 में अप्रैल एवं मई माह में 60 से ज्यादा जनजाति कारीगर मेले (TAS) को आयोजित होना है।
  • ये स्कीम देश में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा एवं सिक्किम में कार्यान्वित होगी।
  • इन सभी प्रदेशों के विभिन्न जनपदों के 68 जनजाति समुदाय के कारीगर मेले भी आयोजित करवाकर पूर्वोत्तर भागो में आदिवासी कामगारों के एक पैनल की शुरुआत करनी है।
  • सभी उम्मीदवार ध्यान रखे कि केंद्र सरकार इस योजना को शुरू करके आदिवासी कारीगरों को कुशल एवं विकसित होने का मौका देना चाहती है।
  • सरकार ने पीटीपी-एनईआर योजना के द्वारा देश के आदिवासी उत्पाद एवं उनकी संस्कृति को विश्वभर में पहचान बनाने का उद्देश्य रखा है।

पीटीपी-एनईआर योजना में उत्पाद के प्रचार के लिए पात्रताएँ

  • यह स्कीम सिर्फ आदिवासी उत्पाद का निर्माण करने वाले कारीगरों को लाभ देगी।
  • आयोजित होने वाले मेले में आदिवासी शिल्पकारों को भागीदारी मिलेगी।

पीटीपी-एनईआर योजना में लाभार्थी राज्यों के नाम

  • अरुणाचल प्रदेश
  • असम
  • मेघालय
  • नगालैंड
  • मणिपुर
  • मिजोरम
  • त्रिपुरा
  • सिक्किम

पीटीपी-एनईआर योजना के लाभ एवं विशेषताएँ

  • केंद्र सरकार ने पीटीपी-एनईआर योजना को देश के आदिवासी कारीगर नागरिको के काम को प्रोत्साहन एवं लाभ देने के लिए शुरू किया है।
  • पीटीपी-एनईआर योजना के लाभार्थी आदिवासी कारीगर को स्कीम के द्वारा रसद एवं मार्केटिंग के लिए मदद मिलेगी जिससे उनके उत्पाद को खुली मार्किट में बेचा जा सकेगा।
  • इसके साथ ही लाभार्थी कारीगरों को अधिक लाभ देने के उद्देश्य से जनजाति शिल्प मेलों को भी आयोजित किया जायेगा।
  • PTP NER Scheme उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी उधमियों एवं क्षेत्रीय उत्पाद को प्रोत्साहन देने में अहम योगदान देगी।
  • इसके अतिरिक्त स्कीम से जुड़े लाभार्थी को अपने स्किल को विकसित करने के लिए बहुत से कौशल विकास प्रोग्राम एवं डिजाइनिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रतिभाग का मौका मिलेगा।
  • उत्तर-पूर्व के जनजातीय उत्पादों के प्रचारित करने में मार्केटिंग एवं लॉजिस्टिक्स डेवलपमेंट योजना से सभी कारीगरों को इंडियन पोस्ट से लोगिस्टिक सहायता की सुविधा मिलेगी।
  • PTP NER Scheme के लाभार्थियों को देशभर में होने वाली प्रदर्शनियों में प्रतिभागी होने के मौके मिलेंगे।
  • भारत सरकार ने इस स्कीम को सफल करने के उद्देश्य से 143 करोड़ रुपयों का बजट तय किया है।
  • जनजातीय उत्पादों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीके से देशी एवं विदेशी मार्केटिंग से आय के विभिन्न स्त्रोत की मदद मिलेगी।

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पीटीपी-एनईआर योजना की आवेदन प्रकिया

भारत सरकार की देश के उत्तरी-पूर्वी भागों के लिए PTP-NER स्कीम को शुरू करके यहाँ के जनजाति समुदाय के कारीगरों के द्वारा बने उत्पादों को प्रचार में विपणन एवं रसद विकास के अंतर्गत स्वयं को रजिस्टर करने की ऑनलाइन प्रक्रिया को अभी तक जारी नहीं किया है। अभी सिर्फ यही जानकारी है कि जो भी इच्छुक आदिवासी कारीगर इस स्कीम में अपने को पंजीकृत करना चाहते है उनको ट्राइफेड ऑफिस में जाकर संपर्क स्थापित करना होगा। कुछ दूसरे तरीको से भी आप संपर्क के डिटेल्स अनुभाग में देख सकेंगे। उम्मीदवार अपना रजिस्ट्रेशन करने का एक अन्य तरीका आदिवासी मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://trifed.tribal.gov.in पर देख सकते है।

पीटीपी-एनईआर योजना में कांटेक्ट डिटेल्स

  • पता – ट्राइफेड, मकान नं. 03, माधव कमल पथ, एएसईबी रोड, उलुबरी, गुवाहाटी, असम – 781007।
  • दूरभाष – +91 361 3501695
  • ईमेल:- [email protected] या [email protected]

पीटीपी-एनईआर योजना से जुड़े प्रश्न

पीटीपी-एनईआर योजना क्या है?

यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई विशेष योजना है जिससे देश के उत्तर-पूर्वी भाग के राज्यों में काम करने वाले आदिवासी जनजातीय समुदाय के कारीगरों के उत्पादों को प्रचार एवं मार्केटिंग में मदद दी जाएगी।

पीटीपी-एनईआर योजना में मंत्री कौन है?

भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री माननीय श्री अर्जुन मुण्डा जी को इस योजना में मुख्य जिम्मेदारी मिली है।

पीटीपी-एनईआर योजना का लाभ किन राज्यों को मिलेगा?

यह योजना देश के उत्तर-पूर्वी 8 राज्यों के आदिवासी कारीगरों को लाभार्थी बनाएगी ये राज्य है – अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम

पीटीपी-एनईआर योजना में हेल्पलाइन नंबर क्या है?

यदि किसी आदिवासी जनजातीय कारीगर इस स्कीम से जुड़ा कोई सवाल पूछना है अथवा किसी प्रकार की परेशानी है तो वह हेल्पलाइन नंबर 91 361 3501695 पर संपर्क कर सकते है।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) क्या है?

ये राष्ट्रीय संघठन है जिसका प्रधान कार्यालय दिल्ली में है और 13 रीजनल सेण्टर भी है। संघठन जनजाति नागरिको का सामाजिक-आर्थिक विकास करता है।

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