DM Full Form in Hindi – दोस्तों जैसा की आज के समय में भारत देश के सभी नागरिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के बारे में जानते है, और अधिकतर युवा इस भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए कई तरह की परीक्षा भी देते है। परन्तु आज भी ऐसे बहुत से लोग है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं रखते है। भारतीय सेवा आयोग में सरकारी नौकरियों को बहुत प्रतिष्ठित और सम्मानित पद माना जाता है। भारती प्रशासनिक सेवा में चयन हेतु UPSC – CSE ( संघ लोक सेवा आयोग ) परीक्षा का आयोजन किया जाता है।
इसके बाद यदि आप परीक्षा में पास हो जाते है, तो आपका चयन एक आधिकारिक यानी कलेक्टर के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए होता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे की डीएम ( DM ) क्या होता है? और DM की फुल फॉर्म क्या होती है? ( DM Full Form in Hindi ) और डीएम कैसे बनें। यह सभी जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से दी जाएगी, सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर देखें।
DM Full Form in Hindi
DM का पूरा नाम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (District Magistrate) यानी जिलाधिकारी होता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत डीएम का पद बहुत महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पद है। जिसे हम IAS Officer ( indian administrative service officer) या भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी के नाम से जानते है। जैसा की IAS बनने के लिए upsc cse की परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है, IAS बनने के बाद ही ब्यूरोक्रेसी की नौकरी में प्रवेश मिलता है।
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DM क्या होता है ?
DM Full Form – DM ज़िले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, जिसको कलेक्टर भी कहते है। डीएम के ऊपर जिले की सुरक्षा व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और अन्य सभी महवत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी जिले के जिलाधिकारी की होती है। डीएम पुरे ज़िले का सर्वोच्च अधिकारी भी होता है। इसके अतिरिक्त विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से जुडी सभी जिम्मेदारीयां भी डीएम की होती है।
DM Full Form के मुख्य बिंदु
DM का Full Form | DISTRICT MAGISTRATE डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ( जिलाधिकारी ) |
DM बनने के लिए पात्रता एवं मापदंड | उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष, और स्नातक की उपाधि |
DM बनने के लिए दी जाने वाली | UPSC ( संघ लोक सेवा आयोग ) – CSE की परीक्षा |
UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद डीएम का ट्रेनिंग सेण्टर | मसूरी, देहरादून राज्य उत्तराखंड ( लबासना ) |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.upsc.gov.in/ |
डीएम बनने के लिए पात्रता, मापदंड एवं आयु सीमा
DM बनने के लिए आवश्यक योग्यता
DM बनने के लिए कुछ पात्रता मापदंड दिए गए है, और इसके साथ में युवा की शैक्षिक योग्यता भी पूर्ण होनी चाहिए।
अभ्यर्थी भारत का नागरिक होना चाहिए, भारत में जन्मे अभ्यर्थी के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के रूप में स्नातक की उपाधि होना आवश्यक है।
DM बनने के लिए आयु सीमा
जिलाधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार की उम्र
- सामान्य वर्ग – कम से कम 21 वर्ष और अधिकतम उम्र 32 वर्ष होनी चाहिए।
- ओबीसी वर्ग – इस वर्ग में उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 33 वर्ष निर्धारित की गयी है।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति – इस वर्ग के उम्मीदवार के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 35 वर्ष निर्धारित की गयी है।
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DM कैसे बनें ?
DM Full Form – यदि आपके मन में DM बनने की इच्छा है, और आपका सपना है डीएम बनना है, तो इसके लिए आपको सिविल सर्विस का एग्जाम देना होगा, सिविल सर्विस परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार के पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक की उपाधि होना आवश्यक है। अन्यथा इसके अलावा आप परीक्षा में नहीं बैठ सकते हो।
इस परीक्षा को पास करने के बाद रैंक के बेस पर आपका चयन IAS के पद के लिए होता है। जिसके अंतर्गत आप किसी भी जिले के डीएम के रूप में कार्यरत होते है।
यह परीक्षा तीन चरणों में समाप्त होती है।
1.PRELIMINARY EXAM ( प्रारम्भिक शिक्षा ) – सिविल सर्विस परीक्षा के अंतर्गत 2 परीक्षा आयोजित की जाती है, इन दोनों पेपर में मल्टीप्ल चॉइस यानी वस्तुनिष्ठ प्रश्न आते है। उम्मीदवार को दोनों पेपर क्वालीफाई करने होते है, पहले पेपर में 100 प्रश्न पूछे जाते है, और दूसरे पेपर में 80 प्रश्न पूछे जाते है, कुल 200 अंको का पेपर होता है, जब उम्मीदवार दोनों पेपर को क्वालीफाई कर लेता है, तो अभ्यर्थी को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इस परीक्षा को सीसैट के नाम से भी जाना जाता है।
2. MAINS EXAM ( मैन्स परीक्षा ) – प्री क्वालीफाई करने के बाद अभ्यर्थी को मेन्स देना पड़ता है। यह परीक्षा एक लिखित परीक्षा है, इस परीक्षा में कुल 7 एग्जाम होते है। इस परीक्षा में 1 पेपर ESSAY यानी निबंध का होता है, और चार पेपर GS ( जनरल स्टडीज ) का होता है, और बाकी के 2 पेपर ऑप्शनल सब्जेक्ट से बनते है। इस परीक्षा के अंक अंतिम में आपके साक्षरता के अंक में जोड़े जाते है, जो रैंकिंग के लिए काउंट किये जाते है।
3. INTERVIEW ( साक्षात्कार ) – जो उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होते है, उनको साक्षरता के लिए बुलाया जाता है, यहाँ पर उम्मीदवार की पर्सनालिटी को देखा जाता है। इसके साथ ही उम्मीदवार के साक्षात्कार के अंक भी उम्मीदवार की रैंक में जोड़े जाते है।
जो उम्मीदवार तीनो परीक्षा को पास कर लेता है, उनके दस्तावेज़ reverify होने के बाद उनको 1 साल की ट्रेनिंग के लिए लबासना में भेज दिया जाता है, यह लबासना देहरादून मसूरी में स्थित है। यहाँ पर IAS पद के लिए सेलेक्टेड किये गए उम्मीदवार, IPS OFFICER, IRS और IFS की ट्रेनिंग होती है, तथा उसके बाद 1 साल पश्चात उनकी ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद सभी उम्मीदवारों की पोस्टिंग कर दी जाती है।
DM Full Form in Hindi से सम्बंधित प्रश्न / उत्तर
DM का पूरा नाम क्या है ?
DM का पूरा नाम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ( DISTRICT MAGISTRATE ) जिलाधिकारी होता है।
जिलाधिकारी के क्या कार्य होते है ?
किसी जिले के जिलाधिकारी के बहुत सारे कार्य होते है। जिलाधिकारी के कंधो पर पुरे जिले की कानून व्यवस्था को बनाये रखना और राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ साथ जिले के विकास शिक्षा सम्बन्धी सभी जिम्मेदारी होती है, इसके अलावा भूमि मूल्याकन, कृषि ऋण का वितरण आदि जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी की होती है।
डीएम बनने के लिए सरकार के द्वारा क्या क्या पात्रता तथा मापदंड दिए गए है ?
डीएम की परीक्षा देने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अधिकतम उम्र 35 वर्ष निर्धारित की गयी है। और इसके अलावा उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए तथा उम्मीदवार के पास स्नातक की उपाधि होना अनिवार्य है।
UPSC की परीक्षा कितने चरणों में पूर्ण होती है ?
UPSC – CSE की परीक्षा तीन चरणों में पूर्ण होती है।
1. प्रारम्भिक परीक्षा
2. मुख्य परीक्षा
3. साक्षात्कार