राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का न्योता डीवाई चंद्रचूड़ को भी दिया गया था। चंद्रचूड़ राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले बेंच का हिस्सा था। इस बेंच में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.ए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल थे।
अयोध्या में राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया चंद्रचूड़ जी को भी इस शुभ कार्यक्रम का न्योता भेजा गया था। चीफ जस्टिस अयोध्या पर शीर्ष अदालत की फैसला सुनाने वाली बेंच का हिस्सा रहे थे। आज के दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम चल रहा है। इधर, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में कार्य करते देखा गया है। वैसे तो देशभर में आधे दिन की छुट्टी घोषित की गयी है, परन्तु आज अदालत में छुट्टी नहीं है और चीफ जस्टिस किसी मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट में आज छुट्टी नहीं है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ समेत अन्य जज मामलों की सुनवाई में व्यस्त दिखे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। राम मंदिर का फैसला देने वाली पांच जजों की संविधान पीठ में उस समय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.ए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल थे। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से इन सभी जजों को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। परन्तु इनमे से कुछ ही आज वहां पहुंचे हैं।
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