यदि आपने पहले कभी लोन लिया है या लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको सिबिल स्कोर (CIBIL Score) के महत्व के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है और बैंकों द्वारा लोन की मंजूरी देने का मौजूदा क्रिटीरिया भी है। सिबिल स्कोर का मानक विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अपनाया जाता है और यह 300 से 900 के बीच होता है। आमतौर पर, 750 या उससे ऊपर का सिबिल स्कोर श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्कोर की गणना किस आधार पर होती है और यह कौन तैयार करता है? आइए, हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
GST में बड़े बदलाव, 1 तारीख से लागू होगा नया रूल
लोन रीपेमेंट हिस्ट्री
यदि आपने पहले किसी भी लोन का लाभ उठाया है या आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी रिपेमेंट हिस्ट्री नजर आती है। इसका मतलब है कि आपने समय पर EMI का भुगतान किया है या नहीं, जिससे आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। समय पर लोन की EMI देने से आपका सिबिल स्कोर बढ़ता है, जबकि असमय पर न देने से यह कम होता है।
क्रेडिट हिस्ट्री
जब आप पहली बार लोन लेते हैं या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करते हैं, तब से ही आपकी क्रेडिट हिस्ट्री शुरू हो जाती है। सिबिल स्कोर तैयार करते समय, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को भी विचार किया जाता है। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की उम्र और यह देखा जाता है कि क्या आपने पहले लोन लेने या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के बाद समय पर भुगतान किया है या नहीं। ये सभी तथ्य सिबिल स्कोर पर प्रभाव डालते हैं।
क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो
जितनी क्रेडिट लिमिट आपकी है, उसका उसी प्रतिशत का आप इस्तेमाल करते हैं, उसे हम क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कहते हैं। आपको चाहिए कि आप अपनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट का केवल 30 फीसदी तक ही इस्तेमाल करें। बड़ी खरीदारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप इस निर्णय को सोच-समझकर ले रहे हैं, ताकि आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बना रहे। अधिक क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो का असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है, इसलिए इसे कम रखना हमेशा बेहतर होता है।
क्रेडिट मिक्स
आपने जितने अनसेक्यूर्ड और जितने सेक्यूर्ड लोन पहले लिए हैं, इससे आपका क्रेडिट मिक्स स्पष्ट हो जाता है। उदाहरण के रूप में, अगर आपने पहले अनसेक्यूर्ड लोन, जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड, कई बार लिए हैं, तो यह सुझाव देता है कि आपके पास फंड की कमी है और क्रेडिट पर आपकी निर्भरता ज्यादा है। ऐसा करने से आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ता है। विपरीतता, अगर आप जरूरत के हिसाब से सेक्यूर्ड और अनसेक्यूर्ड दोनों प्रकार के लोन लेते रहते हैं और सभी का समय पर भुगतान करते हैं, तो यह दिखाता है कि आप सभी प्रकार के लोन को प्रबंधित करने में सक्षम हैं। इससे आपका क्रेडिट मिक्स संतुलित रहता है और आपका सिबिल स्कोर बेहतर होता है। इसी कारण एक्सपर्ट्स अक्सर अनसेक्यूर्ड लोन को बार-बार लेने से बचाव करते हैं।
अन्य वजह
इसके अतिरिक्त, आपके सिबिल स्कोर की कैलकुलेशन में और भी कुछ प्रमुख कारक होते हैं, जैसे-आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी, आपने पहले कभी लोन सेटलमेंट किया है, आप किसी के लोन के गारंटर हैं और उसका भुगतान नहीं हो रहा है, इत्यादि। इन सभी कारकों से भी आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है और इससे आपका स्कोर कम हो सकता है।
सभी क्रेडिट ब्यूरो, जिनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन, और सीआरआईएफ हाईमार्क शामिल हैं, व्यक्तियों के वित्तीय रिकॉर्ड को एकत्र करने, उसे संघटित रखने, और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट या सिबिल स्कोर तैयार करने की जिम्मेदारी रखते हैं। इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड की सूचना प्राप्त करने के लिए लाइसेंस है, और वे बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से जुड़े ग्राहकों के डेटा को एकत्र करते हैं। इसमें बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन और अन्य क्रेडिट संबंधी जानकारी शामिल होती है। इसके आधार पर, वे सिबिल स्कोर को तैयार करते हैं जो व्यक्ति की क्रेडिट विशेषज्ञता को मापने के लिए एक मानक है।
अगर आपने पहले कभी लोन लिया है या लोन लेने वाले हैं, तो आपको सिबिल स्कोर (Cibil Score) के महत्व के बारे में जानकारी होनी चाहिए। सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर (Credit Score) भी कहा जाता है, और बैंक यह निर्धारित करते हैं कि किसे लोन देना सुरक्षित और उपयुक्त होगा। सिबिल स्कोर का मानक आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है, और 750 या इससे ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिबिल स्कोर कैसे कैलकुलेट होता है और कौन इसे तैयार करता है? आइए इसकी प्रक्रिया पर एक नजर डालते हैं।
लोन रीपेमेंट हिस्ट्री
यदि आपने पहले कभी लोन लिया है या आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो इनके चुकता होने का इतिहास देखा जाता है। अर्थात, आप यह देखते हैं कि क्या आप समय पर ईएमआई (EMI) का भुगतान करते हैं या नहीं, और यह आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित करता है। यदि आप लोन की ईएमआई समय पर देते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर बढ़ता है, जबकि अगर आप इसे समय पर नहीं देते हैं, तो यह कम हो सकता है।
क्रेडिट हिस्ट्री
जब आप पहली बार लोन लेते हैं या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करते हैं, तो इससे ही आपकी क्रेडिट हिस्ट्री शुरू होती है। सिबिल स्कोर तैयार करते समय, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को भी विचार किया जाता है। इससे पता चलता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कितनी पुरानी है और आपने पहले भी लोन लेने के बाद या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के बाद समय पर भुगतान किया है या नहीं, और ये सभी विवरण देखे जाते हैं। इस क्रेडिट हिस्ट्री का असर भी आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है।
क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो
आपकी क्रेडिट लिमिट का जितना प्रतिशत आप उपयोग करते हैं, उतना ही आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो होता है। क्रेडिट कार्ड की जितनी भी लिमिट है, उसका सिर्फ 30% तक ही इस्तेमाल करें। बड़ी खरीदारी को क्रेडिट कार्ड से करने से बचें। अधिक क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो दिखाता है कि आपकी क्रेडिट कार्ड पर निर्भरता बहुत अधिक है, जिससे आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है।
क्रेडिट मिक्स
आपने जितने अनसिक्योर्ड लोन और सिक्योर्ड लोन पहले लिए हैं, उससे आपका क्रेडिट मिक्स प्रतिष्ठित होता है। उदाहरण के रूप में, यदि आपने पहले अनसिक्योर्ड लोन जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड को कई बार लिया है, तो यह दिखा सकता है कि आपके पास वित्तीय संसाधनों में कमी हो सकती है और क्रेडिट पर आपकी निर्भरता अधिक है। इससे आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विपरीत में, अगर आप जरूरत पर सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों प्रकार के लोन लेते रहते हैं और सभी को समय पर चुक्ता करते हैं, तो यह दिखाता है कि आप सभी प्रकार के लोन को सफलतापूर्वक प्रबंधित कर सकते हैं। ऐसे में आपका क्रेडिट मिक्स संतुलित रहता है और आपका सिबिल स्कोर बेहतर होता है। इसलिए, एक्सपर्ट्स अक्सर यह सुझाव देते हैं कि अधिक संख्या में अनसिक्योर्ड लोन लेना उचित नहीं हो सकता है।
अन्य वजह
सिबिल स्कोर की पूर्णता के लिए, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी, पहले किए गए लोन सेटलमेंट, आपके वित्तीय ग्राहक के रूप में लिए गए गारंटीदार लोनों का भुगतान नहीं होना और अन्य कुछ तत्वों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन चीजों से आपका सिबिल स्कोर नकारात्मक प्रभावित हो सकता है और आपका स्कोर कम हो सकता है।
कौन तैयार करता है सिबिल स्कोर
सभी क्रेडिट ब्यूरो, जैसे कि ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन, और सीआरआईएफ हाईमार्क, क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियों को सिबिल स्कोर को तैयार करने के लिए लाइसेंस प्रदान करने का कार्य करते हैं। इन कंपनियों को वित्तीय रिकॉर्ड को इकट्ठा करने, उसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर जेनरेट करने का अधिकार होता है। इन क्रेडिट ब्यूरो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के पास जमा ग्राहक के विभिन्न डेटा, जैसे कि बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए किए गए आवेदन, और अन्य क्रेडिट संबंधित जानकारी को लेकर मूल्यांकन करते हैं और उसके आधार पर सिबिल स्कोर तैयार करते हैं।
- नरेगा हाजिरी चेक कैसे देखें ? | NREGA Attendance Online Check @nrega.nic.in
- epos Bihar: epos bihar gov in login, PDS Bihar, बिहार राशन कार्ड
- MP Sambal Card Download 2023 [PDF] संबल योजना कार्ड कैसे डाउनलोड करें?
- PFMS की Full Form क्या है? Check Your Payment Status 2023
- (रजिस्ट्रेशन) एमपी किसान अनुदान योजना 2023: ऑनलाइन फॉर्म, कृषि उपकरण सब्सिडी