Chanakya Niti In Hindi : आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में आदर्श पुरुष के गुण और आदतों को बताया है। वह पुरुष जो ईमानदार, श्रीमान, और उदार है, उसे हर क्षेत्र में सम्मान मिलता है। इसके अलावा, ऐसे पुरुषों को स्त्रियां भी पसंद करती हैं। आइए जानते हैं कि पति-पत्नी को सुबह उठकर कौन-कौन सी आचरणे अपनानी चाहिए।
कहा जाता है कि पति और पत्नी का रिश्ता सात जन्मों तक बना रहता है। हालांकि, आज के युग में इस जीवन में यह रिश्ता एक जन्म तक ही स्थिर रहता है तो यह काफी है। पति और पत्नी के बीच के रिश्तों में, जैसे कि उनकी संबंध-सामग्री, समझदारी और साथीता, उनके आसपास की ऊर्जा बड़ा भूमिका निभाती है। हमेशा यह सुनिश्चित रहना चाहिए कि हमारे आसपास की किसी भी ऊर्जा में सकारात्मकता हो, और नकारात्मकता का कोई स्थान ना हो।
किसी दिन को सफल और सुखद बनाने में सुबह का समय बहुत महत्वपूर्ण है। चाणक्य नीति के अनुसार, यदि एक महिला उठकर अपने पति के साथ मिलकर कुछ विशेष काम करती है, तो रिश्ते बहुत आदर्श बनते हैं और उसकी किस्मत भी चमकती है। इसलिए, आइए जानें कुछ और क्रियाएँ जिन्हें पति-पत्नी साथ मिलकर कर सकते हैं और जो निश्चित रूप से आपके रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं।
योगा
अगर पति और पत्नी सुबह-सुबह मिलकर योगा का प्रशिक्षण करते हैं, तो उन दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। यह उन्हें फिट रखने में मदद करेगा और उनके मानसिक स्थिति को शांति प्रदान करेगा। साथ ही, इससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिससे दंपत्ति के बीच मिलकर आपसी समझ और प्रेम में वृद्धि होगी। इससे वे दोनों आपसी लड़ाई-झगड़े से बच सकते हैं, और उनका दिन शुरू होता है अच्छे अंदाज में।
प्रेम
अगर पति और पत्नी प्रेम के साथ दिन की शुरूआत करते हैं, तो उनका मन ताजगी से भरा रहता है। इससे उनका उत्साह और जोश दिनभर बना रहता है, और वे अपने सभी कार्यों को अधिक ऊर्जा से कर सकते हैं। इससे उनके बीच में प्रेम और विश्वास मजबूत बना रहता है। इसलिए, सुबह उठकर पति-पत्नी को प्रेम व्यक्त करना और आपसी समर्थन दिखाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके बाद, आप एक-दूसरे के साथ आलिंगन करके अपने दिन को एक प्रिय आरंभ कर सकते हैं।
भगवान को नमन
प्रात: का समय भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपका दिन सकारात्मकता और ऊर्जा से भरा हो। सुबह में पति के साथ पूजा करना या हाथ जोड़कर प्रणाम करना भी एक श्रेष्ठ विचार है, जिससे आप एक-दूसरे के साथ आत्मीयता और आदर भागीरथ कर सकते हैं।
तुलसी में जल
सुबह स्नान करने के बाद, यदि पति और पत्नी साथ मिलकर तुलसी माता को जल देते हैं, तो इससे उनकी जोड़ी सुखी और समृद्धि से भरी रहती है। इस आदत से आपके आस-पास के लोग भी एक ऐसे संबंध की कामना करने लगते हैं, जिसमें प्रेम और समर्थन का मिलना होता है। इस प्रकार के लोगों के वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आती है, और वे दूरस्थ भी बने रहते हैं।
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