केंद्र सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 1 फरवरी 2020 के दिन बजट का विवरण देते हुए विवादित करों की समस्याओं के हल के लिए विवाद से विश्वास योजना की शुरुआत की गयी थी। सरकार योजना के द्वारा नागरिको को प्रत्यक्ष कर विवादों से सम्बंधित समाधान देना चाहती हैं। अब करदाता को सिर्फ विवादित कर की राशि को ही देना होगा और इस कर राशि पर कोई ब्याज नहीं वसूला जाएगा। जिन लोगो पर कर अदायगी के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के मुकदमे चल रहे हैं, उनको Vivad Se Vishwas योजना के माध्यम से लाभान्वित करने का कार्य किया जायेगा। योजना के अंतर्गत जब कोई करदाता कोई शिकायत करेगा तो उसकी पहचान को गुप्त रखा जाएगा।
विवाद से विश्वास योजना के द्वारा किसी करदाता से विवादित कर का भुगतान करते समय विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा। सरकार योजना का लाभ लेने वाले लोगो की पहचान को गुप्त रखेगी। विवाद से विश्वास योजना के माध्यम से निर्धारित किया गया कर का भुगतान करने के बाद कारोबारी को अतिरिक्त ब्याज, अर्थदण्ड और अन्य सजा का सामना नहीं करना होगा। योजना की अवधि को बढ़ाया जाता रहा हैं जिससे करदातााओं के अधिक से अधिक मामलों को सुलझाया जा सके।

योजना का नाम | विवाद से विश्वास योजना |
कार्यान्वक | केंद्र सरकार |
लाभार्थी | देश का करदाता |
योजना का उद्देश्य | करदाता के प्रत्यक्ष कर विवाद का समाधान |
श्रेणी | सरकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | http://www.incometax.gov.in |
विवाद से विश्वास योजना के मुख्य उद्देश्य
- करदाताओं पर प्रत्यक्ष कर सम्बंधित विवादों के कोर्ट केस को रोकना हैं।
- योजना के द्वारा तय सीमा में अंदर भुगतान करने वाले करदाताओं को जुर्माने और ब्याज से पूरी तरह राहत दी जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत विवादित कर, ब्याज और जुर्माने के अलावा विवादित फीस के मामलों को शामिल किया जायेगा जो 31 जनवरी 2022 तक जारी होंगे, इस तिथि के बाद के मामलों को योजना में शामिल नहीं किया जायेगा।
- योजना के द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म के 4,83,000 लंबित मामलों का निबटारा होना हैं, इनमे आईटीएटी, उच्च एवं उच्चतम न्यायालयों के मामलों को सम्मिलित किया गया हैं।
- यदि करदाता सही समयसीमा के अंदर ही कर की राशि का भुगतान करेगा तो कर राशि पर लगा ब्याज नहीं देना होगा और यदि तय समय सीमा के बाद कर राशि का भुगतान होता हैं तो कर राशि से साथ 10 प्रतिशत अधिक अर्थ दंड लिया जायेगा।
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विवाद से विश्वास अधिनियम के मुख्य बिंदु
- अधिनियम को सरकार के लिए समय पर सही कर प्राप्त करके राजस्व उत्पन्न करने और आयकर के लंबित विवादों में कमी लाने के लिए तैयार किया गया हैं।
- यह योजना सिर्फ उन अपीलों के लिए होगी जो उच्चतम अथवा उच्च न्यायालय और आयकर अपीली न्यायाधिकरण अथवा आयुक्त के सम्मुख लंबित हैं।
- योजना के अंतर्गत करदाता पर किसी भी प्रकार की न्यूनतम कर राशि की सीमा का प्रावधान नहीं हैं।
- इस अधिनियम के प्रावधानों को कराधान और अन्य कानूनों के द्वारा संशोधित किया हैं।
- विवाद से विश्वास अधिनियम की धारा 5 के वर्तमान प्रावधान के अनुसार एक घोषणाकर्ता को सम्बंधित प्राधिकारी से प्रमाण पत्र मिलने की तिथि के 15 दिनों के अंदर ही राशि का भुगतान करना होगा।
- यह अधिनियम करदाता को शांति, संतुष्टता के साथ समय और धन की व्यर्थ हानि से भी बचाएगा।
- करदाता को व्यर्थ में लम्बे समय और कष्टदायी मुकदमों की परेशानी से बचाया जायेगा।
- अधिसूचना के अंतर्गत यदि कोई घोषणाकर्ता 31 दिसंबर 2020 को अथवा उससे पूर्व ही घोषणा जमा कर देता हो तो वह 31 मार्च 2021 को अथवा इससे पूर्व ब्याज राशि के बिना ही कर राशि दे सकता हैं।
- विधेयक के सभी प्रावधान राष्ट्रपति की स्वीकृति की तिथि से ही मान्य होंगे।
विवाद से विश्वास स्कीम/योजना आवेदन प्रक्रिया
- करदाता को विवाद से विश्वास घोषणा प्रपत्र में सभी आवश्यक जानकारियाँ भरकर फोरम में देनी होगी।
- सर्वप्रथम करदाता आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करें।
- वेबसाइट पर अपनी उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड को तैयार करके लॉगिन हो जाये।
- वेबसाइट के होम पेज पर दायी ओर ऊपरी भाग में “e-File” मेनू को क्लिक करें।
- इसके बाद ड्राप डाउन मेनू में “Click Respond to Outstanding Demand” लिंक को चुनना हैं।
- इसके पश्चात आयकर विभाग की तरफ से 15 दिनों के अंदर ही प्रमाण पत्र जारी होगा, जिसके अंतर्गत योजना की कुल देय राशि का विवरण होगा।
- करदाता को प्रमाण पत्र मिलने से 15 दिनों के अंदर ही उक्त राशि का भुगतान करना होगा।
- इससे संम्बन्धित जानकारी एक तय प्रपत्र में ही विभाग से साझा करनी होगी।
- करदाता को भुगतान से सम्बंधित एक आदेश प्राप्त होगा।
- आदेश को भारत अथवा विदेशो के न्यायालयों में कोई चुनौती नहीं दी जाएगी।
विवाद से विश्वास योजना में अपात्र लोग
- जिन लोगो ने अपनी आय का सही प्रकार से विवरण नहीं किया हैं।
- आय से अधिक संपत्ति होने पर संपत्ति का विवरण नहीं दिया हो।
- असंवैधानिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए गए लोगो को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- जिनका तलाशी और जब्ती की कार्यवाही के अंतर्गत रिपोर्ट हो।
- घोषणा से पूर्व अभियोजन शुरू हो।
- विदेशी संपत्ति और आय के मामले दर्ज़ हो।
- यदि सीआईटी (ए) के द्वारा कर मांग का नोटिस में बढ़ोतरी हो रही हो।
- करदाता पर विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी की रोकथाम के कानून के अंतर्गत आदेश मिले हो।
- तस्करी जैसे मामलों में गिरफ्तारी के आदेश पाने वाले व्यक्ति योजना के लिए अपात्र होंगे।
Vivad Se Vishwas योजना का महत्व
- देशभर से प्रत्यक्ष कर के 9.32 लाख करोड़ रुपयों से सम्बंधित 4.83 लाख लंबित मामले हैं।
- इस प्रकार के मामलों के निबटान होने पर करदाता को सिर्फ विवादित कर राशि ही जमा करनी हैं, इसका ब्याज और जुर्माना नहीं देना होगा।
- कर से सम्बंधित मामलो को न्यायालय में जाकर निबटान करने के बजाय टैक्स फोरम में निबटाया जायेगा।
- न्यायालय में मामला अधिक समय चल सकता हैं, इससे करदाता को मानसिक एवं शारीरिक परेशानी तो होगी ही साथ ही कारोबार भी प्रभावित होगा।
- एक साथ बैठकर मामले को आपसी बातचीत के द्वारा सुलझाने से करदाता और प्रशासन के विश्वास में वृद्धि होती हैं और अदालती प्रक्रिया से बचाव हो जाता हैं।
योजना के अंतर्गत घोषणा में संशोधन का प्रावधान
- आयकर विभाग ने योजना के अंतर्गत घोषणा में संशोधन की अनुमति को स्वीकृती दे दी हैं। घोषणा में संशोधन तब तक किया जायेगा जब तक प्राधिकार देय ना हो।
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के द्वारा प्रश्नो के उत्तर से जानकारी हुई कि सीबीडीटी के अनुसार यदि आयकर निपटान आयोग में विवाद की कार्यवाही लंबित हो अथवा आईटीएससी के आदेश के विरुद्ध याचिका डाली हो तो विवाद से विश्वास योजना का लाभ नही मिलेगा।
- यदि दोनों पक्षों की निबटारा प्रक्रिया लंबित हैं अथवा नागरिक दोनों पक्षों की निबटान प्रक्रिया के निर्णय से असन्तुष्ट हो तो इसको स्वीकृति नहीं मिलेगी और ट्रस्ट योजना के अंतर्गत विवाद की अपील की जा सकेगी।
- घोषणा सिर्फ उन्ही मामलों में हो सकेगी जिनमे एडवांस रूलिंग अथॉरटी ने करदाता के पक्ष में फैसला दिया हो और विभाग में उच्च या उच्चतम न्यायालय के अपील दायर की हो, एआर के समक्ष करदाता की आय का निर्धारण किया हो।
करदाता द्वारा दायर घोषणा अमान्य होगी यदि
- करदाता कोई गलत विवरण दायर करता हैं
- विधेयक के किसी नियम का उल्लंघन होने पर
- अपने द्वारा दिए उपक्रम के उल्लंघन के लिए काम करने पर
विधेयक से सम्बंधित विवाद
- विपक्ष के अनुसार सरकार योजना का नाम हिंदी भाषा में रखकर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी भाषा को आरोपित कर रही हैं।
- कुछ जानकारों के मत थे कि ये विधेयक ईमानदार और बेईमान करदाता के साथ एक जैसा कार्यवाही करता हैं।
- स्वयं वित्त मंत्री ने आरोपों के जवाब में कहा था कि योजना के माध्यम से कर विवादों के मामलों में विकल्प मिलेगा। विभाग और करदाता को मामलों के निबटारे के खर्चे और समय को बचाने में सहायता होगी।
विवाद से विश्वास योजना के कुछ प्रश्न
विवाद से विश्वास योजना क्या हैं?
यह करदाताओं को कर से सम्बंधित मामलों का हल विभाग से साथ आपसी बातचीत से सुलझाने का अवसर देती हैं। केंद्र की सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020 में संसद से मान्यता प्रदान करवाई।
क्या योजना के अंतर्गत जाति को विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी?
नहीं, इस योजना के अंतर्गत योग्यता सिर्फ करदाता के रूप में होगी। और सभी नागरिको को सामान रूप से मामले के अनुसार कार्यवाही के अंतर्गत लाया जायेगा।
क्या योजना के अंतर्गत प्रत्यक्ष कर के अतिरिक्त कोई अन्य कर भी शामिल रहेगा?
योजना के अंतर्गत केवल प्रत्यक्ष करों के मामलों का निबटान होगा, अभी तक अन्य करों को योजना के अंतर्गत लाने का कार्य सरकार द्वारा नहीं हुआ हैं।
योजना से सम्बंधित किसी अन्य जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या होगा?
योजना के विषय से सम्बंधित किसी अन्य प्रकार की समस्या होने पर 18001801961 और 1961 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।