देश के हर राज्य की तरह ही उत्तर प्रदेश सरकार भी अपनी योजनाओं एवं सेवाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिको को दे रही है। यूपी के विभिन्न विभाग अपनी विशेष सेवाएं नागरिको को दे रहे है। राजस्व विभाग भी राज्य की जनता को जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र के आवेदन एवं वेरिफिकेशन की ऑनलाइन सुविधा दे रहा है। राजस्व विभाग, यूपी के पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर भूलेख, खसराम खतौनी, भू-नक्शा, विरासत आवेदन एवं वसूली प्रमाण-पत्र इत्यादि के लिए आवेदन की ऑनलाइन सुविधा मिल रही है।
अब इन प्रमाण-पत्रों को बनवाने के लिए भटकने की जरुरत नहीं है। प्रमाण-पत्र बनाने एवं सत्यापन का कमा राजस्व विभाग की वेबसाइट से ही होगा। इस लेख में आपको उत्तर प्रदेश राज्य के राजस्व विभाग के आधिकारिक पोर्टल के उद्देश्य, लाभ, विशेषताएँ और पोर्टल पर उपलब्ध विभिन्न सेवाएँ की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी मिलेगी।
राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के नागरिको को राज्य का राजस्व विभाग विभिन्न जरुरी शासकीय प्रमाण पत्रों को बनाने की ऑनलाइन सुविधा दे रहा है। विभाग के ऑनलाइन पोर्टल की मदद से ये सभी सेवाएँ आम नागरिक को मिल जाती है। इस प्रकार से नागरिक घर से ही बहुत सी सेवाएँ पा लेते है। अब पोर्टल से प्रमाण-पत्रों के सत्यापन की सुविधा के कारण से उम्मीदवार को किसी कार्यालय जाने की जरुरत नहीं होती है।
राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश का इतिहास
उत्तर प्रदेश में राजस्व परिषद की स्थपना स्वतंत्रता से पहले सन 1931 में प्रयागराज में हुई थी। परिषद के काम यह थे – लगान, राजस्व वसूलना, वसूली कर्मचारियों का नियंत्रण, राजस्व कानूनों का प्रशासन, स्टाम्प, उत्पाद शुल्क, अफीम एवं इनकम टैक्स से जुड़े टैक्स कानूनों का कार्यान्वन, कोर्ट ऑफ वार्ड्स के सम्बन्ध में काम, राजस्व कानूनों से जुड़े न्याय के काम और निपटान संचालन।
वर्तमान में परिषद की स्थिति
इस समय परिषद (बोर्ड) के प्रशासन भाग का निर्माण एक अध्यक्ष, दो सदस्य एवं न्यायिक पक्ष के सात लोग करते है। ये सभी लोग प्रदेश में सभी जमीन अभिलेख, निपटान, राजस्व प्रकरण, प्रशासनिक एवं न्याय इत्यादि के पर्यवेक्षन एवं नियंत्रण की जिम्मेदारी रखते है। उत्तर प्रदेश में निपटान सम्बंधित प्रकरणों को छोड़कर भू-राजस्व सम्बंधित सभी गैर-न्यायिक प्रकरण प्रदेश सरकार के अधिकार में आते है। प्रदेश सरकार ने इन प्रकरणों के नियंत्रण की बहुत सी शक्ति परिषद को दी है।
राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश पोर्टल की उपयोगी सेवाएँ
खतौनी देखना
किसी भी व्यक्ति के भूमि पर स्वामित्व का अधिकार खतौनी से प्रदर्शित होता है जोकि एक क़ानूनी प्रमाण-पत्र भी है। खतौनी को जमीन के सबूत के रूप में प्रयुक्त कर सकते है। खतौनी के अंतर्गत भूमि के सम्बन्ध में सभी प्रकार की जानकारी दर्ज़ होती है और इसमें 12 कॉलम रहते है। जमीन के मालिक को अपनी खतौनी को 6 वर्षों में अपडेट करना होता है।
खतौनी को पोर्टल से निकालना
- सबसे पहले राजस्व विभाग पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- होम पेज पर भूलेख (खतौनी) के विकल्प को चुने।
- एक नए पेज में भूलेख के होम पेज पर पहुँचेंगे।
- होम पेज में “खतौनी अभिलेख की नकल देखें” विकल्प को चुन लें।
- नए पेज में दिए गए कैप्चा कोड को दर्ज़ करके “Submit” बटन दबा दें।
- अगले पेज में दिख रही लिस्ट में से अपने जनपद, तहसील एवं ग्राम के नामो को चुन लें।
- फिर अपनी जानकारी के अनुसार माँगी जा रही डिटेल्स को दर्ज़ करें।
- अगले पेज में सत्यापन कोड को दर्ज़ करके “Countinue” बटन को दबाना है।
- अब स्क्रीन पर भू-लेख से सम्बंधित डिटेल्स को देख सकेंगे।
खतौनी के मुख्य लाभ
- अब पोर्टल आने से खतौनी के लिए ऑफिस नहीं जाना होगा।
- पोर्टल से खतौनी मिलने से समय, श्रम एवं पैसो की बचत होती है।
- नागरिक जमाबंदी नम्बर एवं खसरा खतौनी नम्बर से जमीन के डिटेल्स प्राप्त कर सकते है।
भूलेख खसरा रिकॉर्ड देखना
- सबसे पहले राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in में जाए।
- पोर्टल के होम पेज में भूलेख (खतौनी) विकल्प को चुने।
- एक नए पोर्टल में भूलेख (खसरा) विकल्प के नीचे “Click Here” बटन को दबाएं।
- भूलेख की आधिकारिक वेबसाइट पर ऊपर की ओर “Home” बटन को दबा दें।
- भूलेख की आधिकारिक वेबसाइट पर “खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नकल देखें” विकल्प चुने।
- नए पेज में मिले कैप्चा कोड को दर्ज़ करके “Submit” बटन दबा दें।
- यहाँ पर अपना जिला, तहसील और गाँव को चुने।
- जिस जमीन को देखना है उसके “खसरा संख्या और सी एवोल्यूशन” पर क्लिक कर दें।
- स्क्रीन पर जमीन के अकाउंट स्टेटमेंट होंगे। इसमें जमीन के आकार एवं स्वामी का इतिहास होगा।
भू-नक्शा/ शजरा देखना
राज्य में सभी जमीन, प्लाट एवं खेत के भू-नक्शा काफी जरुरी प्रमाण-पत्र होता है। ज्यादातर खेती से जुडी सरकार योजाओं को इसको प्रस्तुत करने की जरूरत पड़ रही है। भू-नक़्शे में जमीन के सही-सही डिटेल्स दर्ज़ होते है जैसे – जमीन किस राज्य में है, जिले तहसील एवं गाँव के नाम, जमीन कितने क्षेत्रफल में है एवं इसके आसपास कौन सी जमीन है।
यह जमीन के असली मालिक के नाम के बारे में भी प्रमाण देता है। उत्तर प्रदेश की सरकार नागरिको को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमीन का नक्शा दे रही है। पहले समय में जमीन एवं खेत के नक़्शे के लिए राजस्व विभाग के ऑफिस जाना पड़ता था।
भू-नक़्शे/ शजरा को पोर्टल से निकलना
- सबसे पहले की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाएं।
- होम पेज में दिख रहे विकल्पों में से भूलेख (भू-नक्शा/ शजरा) विकल्प चुने लें।
- नए पेज में भू-नक्शा (यूपी) की वेबसाइट में जिला, तहसील एवं गाँव का नाम चुने।
- डिटेल्स के अनुसार क्षेत्र की जमीन से जुड़ा नक्शा प्रदर्शित होने लगेगा।
- स्क्रीन पर दिख रहे क्षेत्र के नक़्शे में से “जमीन का खसरा नम्बर” चुने।
- खसरा नम्बर चुनने पर पेज के नीचे कोने में नक़्शे के डिटेल्स दिखने लगेंगे।
- दिख रहे डिटेल्स को चेक कर लेने के बाद जमीन का नक्शा “Map Report” विकल्प से डाउनलोड कर लें।
भू-नक्शा के लाभ
- पोर्टल से घर पर ही ऑनलाइन जमीन का नक्शा एवं अन्य रिकॉर्ड्स देख सकते है।
- लोगो के धन, श्रम एवं समय में बचत होगी।
- सरकार को व्यर्थ के ऑफिस के कामो से मुक्ति मिलेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के छोटे-मोटे विवाद हल हो सकेंगे।
- जमीन की श्रेणी (जैसे बंजर एवं उपजाऊ) की जानकारी नक़्शे से मिलेगी।
स्वामित्व, उत्तर प्रदेश
पीएम स्वामित्व स्कीम के अंतर्गत पंचायती राज मंत्रालय (भारत) सरकार राजस्व विभाग की भागीदारी से गाँव के नागरिको के आवासीय अधिकार अभिलेखों को तैयार करेंगे। ऐसे हर एक गाँव में घर के स्वामी को मालिकाना अधिकार के प्रमाण-पत्र मिलेंगे। इस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित हो सकेगी। पीएम के द्वारा 24 अप्रैल (पंचायती दिवस) में ही इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है।
स्वामित्व योजना के मुख्य उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्रों के साफ-सुथरे, उपयोगी एवं सही जमीन रिकॉर्ड तैयार करना, सम्पति के बाद में कमी करना, बैंक लोन लेने के लिए प्रॉपर्टी कार्ड देना, मानचित्रण एवं लोकल सर्विसेज हेतु केन्द्रो का राष्ट्रिय स्तर पर नेटवर्क तैयार करना, ग्राम पंचायत में प्रॉपर्टी टैक्स तय करने में मदद करना और गाँवो में सीमांकन का कार्य ड्रोन तकनीक से करना।
स्वामित्व योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना
ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी नागरिक को आवेदन करने की जरुरत नहीं है। केंद्र एवं राज्य सरकार एक मिशन के रूप में यह प्रोग्राम कार्यान्वित कर रही है। सरकार साल 2025 तक देशभर के नागरिको के घर पर ही ‘सम्पति कार्ड’ पहुँचा देगी। यूपी सरकार ने प्रॉपर्टी एवं शादी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का पोर्टल भी शुरू किया है।
सरकार का कार्य पूर्ण होने के बाद ग्राम सभा के आमजन से इसको लेकर आपतियो की माँग होगी। इसके लिए समयसीमा 30 दिन होगी। इस दौरान गाँव वासियों को आवश्यक रूप से अपनी आपत्तियों को जमा करवाना है। ग्राम सभा आपत्तियाँ सुनकर फैसला लेगी। इन आपत्तियों को हल करने का आखिरी फैसले का अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा। ये आपतियाँ निम्न होगी –
- जमीन के मालिक अथवा पिता के नाम में त्रुटि होना।
- अपनी जमीन की सीमाओं को लेकर शिकायत।
- संयुक्त परिवार को एक ही आईडी का मिलना किन्तु पारिवारिक सदस्य अलग चाहते हो।
- किसी नागरिक का संयुक्त परिवार की आईडी में स्थान न मिलना।
- एक आईडी पर एक से अधिक लोगो का कब्ज़ा होना एवं नाम सिर्फ एक ही नागरिक का होना।
- किसी अन्य के कब्जे होने पर भी आईडी पर किसी दूसरे का नाम होना।
नागरिको के लाभ
- प्रॉपर्टी के मालिक को स्वामित्व अधिकार प्राप्त होंगे।
- स्वामित्व अधिकार मिलने के बाद गाँव के नागरिक भी अपनी प्रॉपर्टी का वित्तीय इस्तेमाल (जैसे बैंक लोन लेना) कर सकेंगे।
- गांवों के आवासीय इलाके का रिकॉर्ड पंचायत को मिलेगा।
- ड्रोन से प्रॉपर्टी के सही मापन के बाद उनकी कीमत बढ़ेगी।
- जमीन को बाँटने में विवाद कम होंगे।
उत्तराधिकार/ वरासत (धारा-33) आवेदन
उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र का मिशन प्रदेश में प्राकृतिक उत्तराधिकार के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के मामले ख़त्म करेगा। साथ ही भू माफियाओं की भी रोकथाम करेगा। प्रमाण-पत्र का फॉर्मेट भूमि विवाद के साथ लेखपाल के गैर-जिम्मेवार व्यापार पर नकेल कसेगा।
ऑनलाइन आवेदन करना
- सबसे पहले राजस्व परिषद के पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- होम पेज की मेनू में “उत्तराधिकार/ वरासत (धारा-33) हेतु आवेदन” बटन को दबाएं।
- अगले पेज की मेनू में “ऑनलाइन आवेदन करने हेतु यहाँ क्लिक करें” विकल्प को चुनना है।
- नए पेज में मोबाइल नम्बर दर्ज़ करके “मोबाइल पर ओटीपी भेजे” बटन को दबा दें।
- मोबाइल नम्बर पर मिले ओटीपी और कैप्चा कोड को दर्ज़ करके “लॉगिन करें” बटन को दबा दें।
- इस प्रकार से उत्तर प्रदेश विरासत अभियान की आधिकारिक वेबसाइट में लॉगिन होंगे।
- फिर “राजस्व संहिता की धारा 33 (1) के उत्तराधिकार/ वरासत हेतु आवेदन की प्रवृष्टि” लिंक को क्लिक करें।
- अगले पेज में उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र के फॉर्मेट में एक आवेदन फॉर्म प्रदर्शित होगा।
- आवेदन फॉर्म में सभी डिटेल्स ध्यान से भरें और फॉर्म में कुल 4 भागों के अंतर्गत डिटेल्स को देना होगा।
- इस प्रकार से भरे गए आवेदन फॉर्म को “Submit” कर दें।
- ऑनलाइन आवेदन होने के बाद एक “एक्नॉलेजमेंट” स्क्रीन पर प्राप्त होगी।
यूपी उत्तराधिकार/ वरासत के लाभ
- प्रदेश में भू-माफियाओं के जमीन को लेकर आम जनता के शोषण में कमी होगी।
- लेखपाल के ऑफलाइन आवेदन में होने वाली मनमानी में रोक लगेगी।
- सही टाइमपीरियड में ही वरासत से जुड़े केसो का निबटान होगा।
- ऑनलाइन ही आवेदन का स्टेटस देख सकेंगे।
- वरासत प्रक्रिया के लिए लेखपाल ऑफिस नहीं जाना होगा।
आय प्रमाण-पत्र, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग की ओर से नागरिको को आय का जरुरी प्रमाण-पत्र दिया जाता है। इस दस्तावेज में व्यक्ति की वर्षभर की इनकम का सत्यापन होता है। एक आय प्रमाण-पत्र की समयसीमा 3 साल की रहती है और इसके बाद व्यक्ति को अपना प्रमाण-पत्र रिन्यू करवाना होता है। प्रदेश के सभी परिवार जोकि आर्थिक रूप से कमजोर है तो वे आय प्रमाण-पत्र के द्वारा विभिन्न सरकार योजनाओं का लाभ ले सकते है।
आवेदन में जरुरी प्रमाण-पत्र
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- जन्म प्रमाण-पत्र
- नवीनतम पासपोर्ट फोटो
- घोषणा पत्र
- नौकरीपेशा आवेदक होने पर सैलरी स्लिप
आय प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना
- सबसे पहले राजस्व परिषद की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- होम पेज में “आय/ जाति/ निवास प्रमाण पत्र” विकल्प को चुने।
- नए पेज में आपको ई-डिस्ट्रिक्ट के पोर्टल पर री-डायरेक्ट किया जायेगा।
- इस पोर्टल की होम पेज की मेनू में से “सिटीजन लॉगिन ई साथी” विकल्प को चुन लें।
- अब लॉगिन पेज में अपनी यूजर आईडी, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर “Submit” बटन दबा दें।
- पहली बार लॉगिन होने वाले यूजर को “नवीन उपयोगकर्ता पंजीकरण” लिंक को चुनकर अपना रजिस्ट्रेशन करना है।
- नए पेज में आवेदन पत्र प्रमाण-पत्र सेवा विकल्प के अंतर्गत “आय प्रमाण-पत्र आवेदन” लिंक को चुनना है।
- अगले पेज में मिले आवेदन फॉर्म में माँगी जाने वाली डिटेल्स को सही प्रकार से दर्ज़ करें।
- आय प्रमाण-पत्र के आवेदन फॉर्म में सबसे पहले ग्रामीण एवं नगरी में से एक विकल्प को चुने।
- फिर नीचे की ओर अपना नाम, पिता/ पति का नाम, माँ का नाम, सालाना पारिवारिक इनकम, पारिवारिक सदस्यों के नाम और अन्य जरुरी डिटेल्स दर्ज़ करें।
- ये सब डिटेल्स दर्ज़ कर लेने के बाद “दस्तावेज़ संलग्न” विकल्प में से आईडी प्रूफ की कॉपी एवं असली आईडी स्कैन करके अपलोड करके “Submit” बटन दबा दें।
- फिर आय प्रमाण-पत्र सफलतापूर्वक ऑनलाइन जमा हो जायेगा।
- तहसील से डिजिटल लगने के पश्चात प्रमाण-पत्र तैयार हो जायेगा जिसको ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे।
एंटी भू-माफिया पोर्टल
राज्य की जमीन पर गैर-क़ानूनी तरीके से होने वाले कब्जों के विरुद्ध ऑनलाइन शिकायत सीधे सरकार तक पहुँचाने के लिए यह पोर्टल शुरू किया गया है। भू-माफिया के बलपूर्वक जमीन कब्जाने के बाद आम नागरिको एवं किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है। आवेदक के शिकायत डालने के बाद तहसील, मंडल की ओर से इन परेशानियों को हल किया जायेगा।
पोर्टल शिकायत रजिस्टर करना
- सबसे पहले राजस्व परिषद पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- होम पेज में “एंटी भू-माफिया पोर्टल” विकल्प को चुने।
- नए पेज में जनसुनवाई-समाधान पोर्टल का होम पेज खुलकर आएगा।
- इस पोर्टल की होम मेनू में से “एंटी भू-माफिया पोर्टल” विकल्प को चुनना है।
- अगले पेज में शिकायत पंजीकरण के लिंक को चुन लें।
- स्क्रीन पर मिले फॉर्म में अपना मोबाइल नम्बर, ईमेल एवं कैप्चा कोड को दर्ज़ करके “ओटीपी भेजे” बटन को दबाना है।
- मोबाइल नम्बर पर मिले ओटीपी को दर्ज़ करके “Submit” बटन दबा दें।
- मिले ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में जिला, तहसील, जमीन प्रकार, विकासखंड, ग्राम पंचायत, खाता खतौनी नम्बर इत्यादि की डिटेल्स दर्ज़ करें।
- ये सभी डिटेल्स देने के बाद “सन्दर्भ सुरक्षित करें” विकल्प को चुने।
- डिपार्टमेंट की ओर से मोबाइल नम्बर पर एक “रजिस्ट्रेशन नम्बर” प्राप्त होगा।
- मिले रजिस्ट्रेशन से भविष्य में कंप्लेंट का स्टेटस चेक करना है।
- इस प्रकार से ऑनलाइन भू-माफिया पोर्टल पर एप्लीकेशन रजिस्टर कर सकेंगे।
एंटी भू-माफिया पोर्टल के लाभ
- नागरिको को अपनी शिकायत के लिए किसी डिपार्टमेंट के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- कंप्लेंट रजिस्टर होने के थोड़े समय बाद ही परेशानी को हल कर लिया जायेगा।
- पोर्टल पर कंप्लेंट के साथ वीडियो भी अपलोड हो सकेगी।
- राज्य की प्रत्येक तहसील एवं मंडल में भू-माफिया टास्क फ़ोर्स से हमेशा मदद मिलेगी।
- प्रदेश में भू-माफिया के जमीन पर कब्जा करने के मामलो में कमी होगी।
हैसियत प्रमाण-पत्र
उत्तर प्रदेश के नागरिक अपने हैसियत प्रमाण-पत्र को राजस्व ऑफिस न जाकर ऑनलाइन पोर्टल से ही बनवा सकेंगे। इस दस्तावेज़ में उस व्यक्ति की प्रॉपर्टी के डिटेल्स होते है। बहुत से सरकारी कार्यों में इस प्रमाण-पत्र की नितांत जरुरत होती है, जैसे – सरकारी ठेका, सरकारी टेंडर आवेदन करना, ऊँची बिल्डिंग निर्माण कार्ड एवं सड़क बनाने के ठेके इत्यादि।
आवेदन में जरुरी प्रमाण-पत्र
- आधार कार्ड
- पैनकार्ड
- निवास प्रमाण-पत्र
- जमीन का फोटो (जमीन होने पर)
- घर का फोटो (घर होने पर)
- अपनी प्रॉपर्टी होने पर इसके दस्तावेज़
- प्रॉपर्टी के पेपर्स
- बैंक की राशि
हैसियत प्रमाण-पत्र ऑनलाइन आवेदन
- सबसे पहले राजस्व परिषद पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- पोर्टल के होम पेज पर “हैसियत प्रमाण-पत्र हेतु आवेदन” विकल्प चुने।
- होम पेज में “सिटिज़न लॉगिन” बटन को दबा दें।
- पहले पंजीकृत आवेदक यूजर नेम, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड दर्ज़ करके “Submit” बटन दबाएं।
- नए पेज में दायी ओर “नवीन उपयोगकर्ता पंजीकरण” विकल्प को चुनने पर के फॉर्म मिलेगा।
- इस ऑनलाइन फॉर्म में मांगी गयी सभी डिटेल्स जैसे – अपना नाम, जन्मतिथि, पिन कोड, मोबाइल नम्बर एवं ईमेल को दर्ज़ करें।
- ये सभी डिटेल्स सही प्रकार से देने के बाद “सुरक्षित करें” बटन क्लिक करें।
- मोबाइल नम्बर पर मिले ओटीपी का सत्यापन करें।
- इस ओटीपी से पहला लॉगिन करने के बाद अपना पासवर्ड बदल लें एवं “आवेदन भरें” बटन को चुने।
- फिर “सेवा चुने” विकल्प में हैसियत प्रमाण-पत्र एवं नवीन आवेदन पर क्लिक करें।
- मिली सभी डिटेल्स को पढ़ने के बाद “आगे बढ़ें” विकल्प क्लिक करें।
- नए पेज में एक ऑनलाइन आवेदन फॉर्म प्राप्त होगा।
- इस फॉर्म में मांगी जा रही सभी डिटेल्स को दर्ज़ करके और प्रमाण-पत्र जमा करने है।
- आवेदन कर लेने के बाद अपने हैसियत प्रमाण-पत्र का प्रिंटआउट प्राप्त कर लें।
हैसियत प्रमाण-पत्र के लाभ
- सरकार के निर्देशानुसार अधिकारीयों को ऑनलाइन आवेदन के 30 दिनों में ही प्रमाण-पत्र जारी करना है।
- नागरिक अपने आप भी हैसियत को जानने में “निजी मूल्यवान” के अनुसार आवेदन कर सकता है। यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से वेरिफाई होगा।
- राज्य के सभी नागरिक अपनी कुल संपत्ति का प्रमाण-पत्र लेने के आवेदन के योग्य है।
- ऑनलाइन आवेदन की फीस 100 रुपए निर्धारित है और जन सेवा केंद्र से आवेदन में 120 रुपए फीस देनी होगी।
नामांतरण
किसी भी भूमि को अपने नाम पर करवाने के लिए जमीन का नामांतरण करना होता है। जमीन के ख़रीदे और बेचे जाने पर राजस्व रिकार्ड में नये खरीदार अथवा जमीन के स्वामी का नाम लिखते है। इससे जमीन के असली मालिक के नाम की जानकारी मिल सकेगी। राजस्व विभाग में शासकीय रिकॉर्ड जैसे – खसरा, खतौनी, ऋण-पुस्तिका इत्यादि में जमीन के एक मालिक के नाम को दूसरे मालिक के नाम में स्थानांतरण अथवा बदलने का कार्य होता है।
नामांतरण में जरुरी प्रमाण-पत्र
- खसरा की कॉपी
- बी-1 की कॉपी
- भू-अधिकार और ऋण पुस्तिका
- व्यक्ति की आईडी (आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र इत्यादि)
नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना
- सबसे पहले राजस्व परिषद की आधिकारिक वेबसाइट http://bor.up.nic.in पर जाए।
- पोर्टल के होम पेज में से “नामांतरण (धारा-34) हेतु आवेदन” विकल्प को चुने।
- राजस्व न्यायालय कम्पूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली के पेज में “लॉगिन करें” लिंक को चुने।
- अगले पेज में अपना मोबाइल नम्बर और कैप्चा कोड दर्ज़ करके “लॉगिन करें” बटन दबाएं।
- प्राप्त हुए ओटीपी को सत्यापित करें।
- वेबसाइट के होम पेज के बहुत से विकल्पों में से “ऑनलाइन आवेदन” के विकल्प को चुने।
- यहाँ पर और भी विकल्प प्राप्त होंगे जिनमे से “ऑनलाइन आवेदन हेतु प्रक्रिया” विकल्प को चुने।
- नए पेज में “नामांतरण हेतु उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन हेतु प्रक्रिया” विकल्प को चुने।
- माँगी जाने वाली जानकारियों जैसे – जिला, रजिस्ट्री नम्बर और रजिस्ट्री की तारीख इत्यादि को दर्ज़ करके “प्रदर्शित करें” विकल्प को चुने।
- नए पेज में “आवेदक का रजिस्ट्री या बैनामा का सम्पूर्ण विवरण” ऑनलाइन दिखेगा।
- स्क्रीन के इस डिटेल्स को डाउनलोड करना होगा।
- नाम बदलने एवं दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन उध्घोषणा करके “आवेदन सुरक्षित करें” विकल्प चुने।
- यहाँ ऑटोमेटिकली आवेदन तहसीलदार न्यायालय में अपने आप ही रजिस्टर हो जायेगा।
- आवेदक नए पेज में दिखने वाले विकल्प “कुल दर्ज़ आवेदन पत्र” को चुनकर दाखिल ख़ारिज को डाउनलोड और प्रिंटआउट ले सकते है।
- नामांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदन के बाद तहसील के अधिकारी से निर्धारित समयसीमा में दाखिल खारिज का वाद निस्तारित होता है।
राजस्व परिषद से जुड़े प्रश्न एवं उत्तर
आय प्रमाण-पत्र, यूपी का स्टेटस कैसे चेक करें?
सबसे पहले सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट पर जाए और होम पेज में “आवेदन की स्थिति देखें” विकल को चुने। नए पेज में एप्लीकेशन नम्बर डालकर स्थिति देख सकते है।
हैसियत प्रमाण-पत्र के क्या लाभ है?
इस प्रमाण-पत्र की जरूरत अधिक कीमत के सरकार ठेके के काम को पाने में होती है।
नामांतरण की प्रक्रिया दिनों होगी?
यह टाइमपीरियड नामांकरण के प्रकार के हिसाब से अलग रहता है। वैसे बिना विवाद के प्रकरणों में नामांकन 30 से 45 दिनों में होता है और विवादित प्रकरणों में ये नामांकरण 6 महीने तक में होता है।