साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थियों में पॉलिटेक्निक कोर्स का क्रेज बढ़ रहा है। इस पाठ्यक्रम में विद्यार्थी अपने करियर के विषयों को कम समय में पढ़ते है। पॉलिटेक्निक कोर्स छात्रों को कम समय में प्रयोगात्मक स्किल देने के लिए डिजाइन किया गया है।
ये कोर्स छात्रों को नौकरी में बहुत मदद देता है साथ ही थियोर्टिकल एवं प्रैक्टिकल पढ़ाई देता है। साथ ही छात्रों को तकनीकी नौकरी के लिए भी तैयार करता है। कोर्स पूरा करने के बाद छात्र आसानी से कम्पनी में नियुक्ति पा सकते है।
इस लेख के माध्यम से आपको पॉलिटेक्निक कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया जायेगा।
पॉलिटेक्निक क्या है?
यह एक तकनीकी डिप्लोमा स्तर का कोर्स है जो लम्बे समय से लोकप्रिय बना हुआ है। छात्र कोर्स में कक्षा 10 एवं 12 के बाद प्रवेश ले सकते है। पॉलिटेक्निक को विस्तृत रूप में इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कहते है जो बहुत सी तकनीकी ट्रेड्स में उपलब्ध है। कोर्स पूर्ण करने वाले छात्र को इंजीनियरिंग डिप्लोमा मिलता है और वो आगे की डिग्री के लिए बीटेक में भी प्रवेश ले सकते है। डिप्लोमा से जूनियर स्तर के इंजीनियर तैयार होते है। विभिन्न संस्थान एवं इकाइयाँ इन्हे जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर नियुक्त करती है।
भारत सरकार की तकनीकी शिक्षा का पोर्टल www.aicte-india.org है। आईटीआई कर चुके छात्र भी जॉब चुनने की जानकारी ले सकते है।
पॉलिटेक्निक कोर्स के प्रकार
पॉलिटेक्निक कॉलेज में नौकरियों प्रदाता डिप्लोमा पाठ्यक्रम देने के लिए जानते है। ये डिप्लोमा पाठ्यक्रम दो वर्गों में विभक्त है –
- तकनीकी डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग)
- गैर-तकनीकी डिप्लोमा पाठ्यक्रम
पॉलिटेक्निक कोर्स की अवधि
सामान्यतया एक पॉलिटेक्निक कोर्स की कुल समयावधि 3 वर्ष होती है। इसके अतिरिक्त लेटरल एंट्री लेने वाले छात्रों को सीधे कोर्स के दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलने के कारण यह कोर्स 2 वर्ष की अवधि का रह जाता है।
पॉलिटेक्निक कोर्स के लाभ
- यह एक तकनीकी प्रमाण-पत्र है।
- आपको डिप्लोमा उत्तीर्ण होते ही नौकरी मिल जाती है।
- सरकार की विभिन्न रिक्तियों में आपको जेई, लोको पायलट, टेक्निकल असिस्टेंट एवं अन्य तकनीकी पदों पर अवसर मिलते है।
- कोर्स में अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को अपने दिमाग की अच्छी समझ एवं तार्किकता का अभ्यास होता है।
- आपको डिप्लोमा पाने के बाद एक कक्षा बाहरवीं के बराबर नौकरी का अवसर मिलेगा।
- तकनीकी में स्नातक (बीटेक) में प्रवेश लेने पर डिप्लोमाधारी को सीधे ही तीसरे सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा।
- डिप्लोमा आपकी तकनीकी समझ एवं कौशल में वृद्धि करता है।
- भविष्य की तकनीकी शिक्षा में आपको बहुत से विषयों को समझने में सुविधा होगी।
पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए योग्यताएँ
- कक्षा-10 के बाद पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10 प्रथम श्रेणी (कही पर 50 प्रतिशत अंक) से उत्तीर्ण हो।
- कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के बाद पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए छात्र को मान्यता प्राप्त बोर्ड से पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं गणित) वर्ग से इंटरमीडिएट कक्षा को उत्तीर्ण करना है।
- विदेशी संस्थानों में ग्रेजुएशन स्तर के लिए SAT एवं मास्टर्स पाठ्यक्रम के लिए GRE स्कोर को मांगते है।
- विदेश के विश्विद्यालय में प्रवेश के लिए ILETS एवं TOEFL परीक्षा अंकों, अंग्रेजी प्रोएन्सिएंसी सर्टिफिकेट चाहिए।
- विदेशी यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए ILETS टेस्ट में 7 या ज्यादा एवं TOEFL टेस्ट में 100 या ज्यादा स्कोर चाहिए।
पॉलिटेक्निक कोर्स में जरुरी प्रमाण-पत्र
- कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के प्रमाण-पत्र एवं अंक तालिका।
- करेक्टर सर्टिफ़िकेट
- स्थाई निवास प्रमाण-पत्र
- जाति प्रमाण-पत्र (आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए)
- प्रवास का प्रमाण-पत्र
- स्कूल छोड़ने एवं स्थानांतरण का प्रमाण-पत्र
- पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा का प्रवेश पत्र (Admit Card)
- प्रवेश परीक्षा का स्कोर कार्ड
देश के प्रमुख पॉलिटेक्निक कॉलेज
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, मुंबई
- एस एच जोंधले पॉलिटेक्निक, ठाणे
- वी.पी.एम. पॉलिटेक्निक, ठाणे
- विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी पॉलिटेक्निक, मुंबई
- आदेश पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुक्तसर
- अंजुमन पॉलिटेक्निक, नागपुर
- एग्नेल पॉलिटेक्निक, नवी मुंबई
- छोटू राम पॉलिटेक्निक, रोहतक
- अधिपरशक्ति पॉलिटेक्निक कॉलेज, कांचीपुरम
- एमईआई पॉलिटेक्निक, बंगलुरु
पॉलिटेक्निक कोर्स में एडमिशन
प्लीटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की प्लानिंग कर चुके छात्रों को कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। इस कोर्स में प्रवेश देने वाले संस्थान आपको देश के प्रत्येक राज्य में मिल जायेंगे। इनमे से कुछ संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है, कुछ विशेष प्रदेश स्तर की प्रवेश परीक्षा रैंक माँगते है, कुछ मेरिट सूची के अनुसार उम्मीदवारों को कोर्स में प्रवेश देते है। मुख्य रूप से दो प्रकारों की जानकारी नीचे विस्तृत रूप से दी जा रही है –
मेरिट सूची के अनुसार प्रवेश
उम्मीदवारों को किसी प्रकार का एंट्रेंस टेस्ट नहीं देना है। कुछ संस्थान कक्षा 10 और कक्षा 12 के अंकों से प्रवेश देते है। उम्मीदवारों को संस्थान की ऑफिसियल वेबसाइट में आवेदन करना है। इन ऑनलाइन फॉर्म में अपना नाम, पता, विद्यालय, बोर्ड, प्राप्त अंक इत्यादि डिटेल्स देनी होती है। फॉर्म के साथ कुछ आवेदन फीस भी देनी होती है । इसके बाद सभी छात्रों की एक लिस्ट संस्थान से जारी होती है। फिर कॉलेज छात्रों को काउन्सलिंग के लिए बुलाता है।
एंट्रेंस टेस्ट से एडमिशन प्रवेश
यहाँ उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा से चुना जाता है और सभी उम्मीदवारों एक परीक्षा देते है। ये परीक्षा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन होती है। ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को वेबसाइट से एडमिट कार्ड मिलता है। छात्रों परीक्षा केंद्र में ऑफलाइन मोड से परीक्षा देते है फिर परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियो को संस्थान की एडमिशन काउन्सलिंग का बुलाते है। काउन्सलिंग में छात्रों के प्रमाण-पत्र जाँचकर उनको सम्बंधित कोर्स में प्रवेश मिलता है।
पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा फॉर्मेट
प्रवेश परीक्षा में हुविकल्पीय प्रश्न होते है और सभी प्रश्नो के 4 विकल्प होते है। इन विकल्पों में से एक सही विकल्प चुनना है इस प्रकार से देश के करीबन सभी संस्थान में ऑफलाइन परीक्षा होती है। कुछ संस्थान नकारात्मक अंक भी देते है जिसमे गलत उत्तर पर कुछ प्रतिशत अंक कटते है।
पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस
- राजकीय संस्थानों की फीस कम होती है ऐसे ये फीस 2 से 5 हजार सलाना रहती है।
- इसके विपरीत एक सेल्फ फंडेड (SF) संस्थान में 5 से 6 गुना तक अधिक फीस होती है। ये फीस अलग-अलग संस्थानों में अलग ही रहती है। संस्थान की वेबसाइट या विवरणिका से फीस की सटीक जानकारी ले सकते है।
- ट्यूशन फीस के साथ दूसरे खर्चो के पैसे भी देने है जैसे – केंटीन शुल्क, हॉस्टल शुल्क, ड्रेस फीस, प्रयोगशाला फीस इत्यादि।
पॉलिटेक्निक कोर्स की मुख्य ब्रांचे
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग – कोर्स की समयसीमा 3 साल (2 साल लेटरल) रहेगी और इसमें छात्र को मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा की डिटेल्स मिलती है। कोर्स के कुछ खास विषय है – मशीन का कार्य एवं सिद्धांत, ऊष्मा भौतिकी, भौतिकी, इंजीनियरिंग ग्राफ़िक्स इत्यादि।
- सिविल इंजीनियरिंग – ये कोर्स 3 साल (2 साल लेटरल) का होगा और इसमें भवन निर्माण जैसे कार्यों की डिटेल्स मिलेगी। कोर्स के मुख्य विषय है – योजना बनाना, निर्माण एवं इमारत जैसी भौतिक संरचनाओं – पुल, सड़के, नहर एवं बांध का निर्माण एवं देखभाल करना।
- कंप्यूटर इंजीनियरिंग – ये कोर्स 3 वर्षों की अवधि का रहेगा और आपको कंप्यूटर से जुडी विभिन्न तकनीकी बातों की जानकारी मिलेगी। इस कोर्स में कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर कोडिंग एवं प्रोग्रामिंग की जानकारी मिलेगी।
आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप | टेक्सटाइल केमिकल |
सिविल इंजीनियरिंग | ग्लास और सिरेमिक इंजीनियरिंग |
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी |
इंस्ट्रूमेंटेशन और नियंत्रण | चमड़ा प्रौद्योगिकी |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | लिएब्ररी एन्ड इनफार्मेशन साइंस |
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी | होम साइंस |
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग | मटेरियल मैनेजमेंट |
केमिकल इंजीनियरिंग | पेंट टेक्नोलॉजी |
डेयरी इंजीनियरिंग | प्लास्टिक और मोल्ड प्रौद्योगिकी |
कपड़ा प्रौद्योगिकी | टेक्सटाइल डिजाइनिंग |
कमर्शियल प्रैक्टिस | होटल प्रबंधन और खानपान सेवा |
मास कम्युनिकेशन | एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस |
फार्मेसी | ऐरोनॉटिक्स |
इंटीरियर डेकोरेशन एन्ड डिज़ाइन | मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट एन्ड सेक्रेटियल प्रैक्टिस |
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग | फैशन डिजाइनिंग और गारमेंट टेक्नोलॉजी |
पॉलिटेक्निक कोर्स में प्रवेश लेते समय जरुरी बातें
- अपना आवेदन फॉर्म ध्यान से भरें और डिटेल्स अधूरी एवं गलत ना दे। गलत एवं अधूरी डिटेल्स से आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
- अपने प्रवेश परीक्षा का एडमिट कार्ड सही समय पर डाउनलोड एवं प्रिंट कर लें।
- संस्थान की काउन्सलिंग में अपने सभी जरुरी प्रमाण-पत्र एवं प्रवेश परीक्षा रिसल्ट प्रिंट आउट को जरूर साथ रखें।
पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद करियर विकल्प
डिप्लोमा होल्डर को सरकारी एवं निजी संस्थान में नौकरी मिलती है। कुछ नामी निजी कम्पनियाँ जैसे विप्रो, महिंद्रा, टाटा इत्यादि भी डिप्लोमा धारको को नौकरी देती है। इन कंपनियों में कक्षा 10 के बाद पॉलिटेक्निक करने वालो को बहुत आसानी से नौकरी मिलती है। वैसे यहाँ कक्षा 12 के बाद नौकरी पाना भी कठिन होता है। डिप्लोमा होल्डर केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नौकरियों भी कर सकते है। कुछ सहकारी उपक्रम भी डिप्लोमा होल्डर्स को नौकरी देते है।
पॉलिटेक्निक उम्मीदवार के जॉब प्रोफाइल
प्रोडक्ट डेवलपर | एनालिस्ट |
सिविल इंजीनियर | जूनियर इंजीनियर |
सहायक डिजाइनर | कार्यकारी अधिकारी |
स्कूल/ कॉलेज लैब असिस्टेंट |
पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद सरकारी जॉब
- इंडियन रेल में जूनियर इंजीनियर, लोको पायलट, आरपीएफ, एनटीपीसी
- एयरफोर्स में ग्राउंड तथा तकनीकी स्टाफ, इंडियन आर्मी मेंतकनीकी शाखा में जॉब
- SSC देकर लोअर डिवीज़न क्लर्क (LDC), जूनियर सेक्रेटेरिएट असिस्टेंट (JSA), डाक सहायक (PA), शॉर्टिंग सहायक (SA), डेटा एंट्री ऑपरेटर (DEO)
- नौसेना, एयरवे, मिलिट्री इंजीनियरिंग, सब-इंस्पेक्टर, सहायक स्टेनों।
- मेट्रो रेल, बैंक क्षेत्र, पुलिस, एमटीएस, एग्रीकल्चर क्षेत्र, PWD जॉब्स, इत्यादि।
पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद सार्वजानिक कंपनी जॉब
- गैस ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया (गेल)
- भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड (भेल)
- ऑयल एन्ड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी)
- टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो, मारुती सुजुकी, टोयोटा इत्यादि (ऑटोमोबाइल कम्पनीज)
- स्पाइस जेट, इंडिगो, जेट एयरवेस इत्यादि (एयरलाइन्स कम्पनीज)
- भारतीय एयरजेट, रिलायंस कम्युनिकेशन, वोडाफोन आईडिया, वीडियोकॉन इत्यादि।
पॉलिटेक्निक के बाद इंटरशिप
पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष में संस्थानों में विभिन्न कंपनियो का आना शुरू हो जाता है। सभी अभ्यर्थियों को टेस्ट और इंटरव्यू को पास करना होता है। जो छात्र अपने वर्ग की अच्छी जानकारी रखते है और उनके कोर्स में अच्छे अंक आये हो तो वे बिना परेशानी के इंटरव्यू राउंड को पास कर लेते है। इस प्रकार से छात्रों को अच्छी कंपनियों में इंटरशिप करके प्रमाण-पत्र, पैसे एवं जानकारी लेने का अच्छा अवसर मिल जाता है।
पॉलिटेक्निक कोर्स से जुड़े प्रश्न
पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद कितना वेतन मिल जाता है?
इस कोर्स को करने के बाद व्यक्ति को 10 से 20 हजार रुपए वेतन मिल जाता है। भविष्य में अपनी नौकरी में अच्छा प्रदर्शन दिखाने पर आपको पदोन्नति एवं वेतन वृद्धि मिलेगी।
पॉलिटेक्निक कोर्स के छात्र क्या करते है?
यह एक डिप्लोमा (पेशेवर) कोर्स है जिसके अंतर्गत अभ्यर्थी को तकनीकी शिक्षा देने का कार्य किया जाता है। छात्र पूरे कोर्स के दौरान थ्योरी एवं प्रोगात्मक विषयों की अच्छी जानकारी दी जाती है।
पॉलिटेक्निक के बाद किस कोर्स की पढ़ाई सबसे उपर्युक्त है?
डिप्लोमा कोर्स को पूर्ण कर लेने के बाद छात्र को सबसे अधिक इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री (बीटेक) अथवा बीई की पढ़ाई उपर्युक्त रहती है।