वर्तमान समय में केंद्र एवं प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न चिकित्सा योजनाओं के माध्यम से देश के आम नागरिको को सस्ता एवं सुलभ इलाज़ प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा हैं। इन योजनाओं में लाभार्थी को एक डिजिटल कार्ड दिया जाता हैं। जिसको अस्पताल में ले जाकर दिखने से व्यक्ति को सम्बंधित चिकित्सा समस्या का इलाज़ मिल जाता हैं। यूपी सरकार द्वारा भी एक ऐसी ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सा योजना राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनभोगी नागरिको के लिए तैयार की गयी हैं। State Employee Cashless Treatment Scheme के अंतर्गत राज्य के कर्मचारियों और पेंशन धारको को प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस चिकित्सा प्रदान की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल योजना का सुभारम्भ शासनादेश के द्वारा 7 जनवरी 2022 दिन किया था। योजना को उत्तर प्रदेश (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 2021 में यथा संशोधन के परिभाषित नियमों के अनुसार सञ्चालन किया जाना हैं। सरकार की ओर से शासन के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) ने शासनादेश पारित किया था। Pandit Deendayal Upadhyay Rajya Karmchari Cashless Chikitsa Yojana के माध्यम से राज्य के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके परिजन कैशलेस चिकित्सा सेवा का लाभ ले सकेंगे। इस लेख के अंतर्गत आपको पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सा योजना से सम्बंधित सभी जानकारियों का विस्तृत ज्ञान मिलेगा।

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सा योजना का उद्देश्य
योजना के माध्यम से प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों, निजी अस्पताल, चिकित्सा कॉलेजो से भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 5 लाख रुपयों तक को नकदरहित चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चिकित्सा संस्थान और चिकित्सा कॉलेजों को 200 करोड़ रुपयों और जिला अस्पतालों को 100 करोड़ रुपयों का कार्पस फण्ड बनाया हैं। फण्ड के द्वारा सरकारी अस्पताल को चिकित्सा पर होने वाले खर्चे की 50 प्रतिशत धनराशि देनी हैं और शेष 50 प्रतिशत धनराशि वित्त विभाग से उपयोगिता प्रमाण पत्र मिलने के बाद प्रदान होगी। योजना के अंतर्गत चिकित्सा सुविधा के साथ वर्तमान की चिकित्सा प्रतिपूर्ति व्यवस्था का विकल्प रहेगा। योजना के माध्यम से 30 लाख से अधिक जन सामान्य को लाभान्वित किया जाना हैं।
योजना का नाम | पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना |
कार्यान्वक | उत्तर प्रदेश सरकार |
लाभार्थी | राज्य के कर्मचारी एवं पेंशन भोगी नागरिक |
उद्देश्य | कैशलेस चिकित्सा उपचार की सुविधा देना |
आवेदन का माध्यम | ऑनलाइन |
श्रेणी | सरकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://sects.up.gov.in/ |
पंडित दीनदयाल हेल्थ कार्ड योजना के लाभ
- योजना के अंतर्गत लाभार्थी को एक हेल्थ कार्ड दिया जायेगा, जिसके अंतर्गत व्यक्ति की जानकारी होगी।
- केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा करने वाले लाभार्थी भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
- उत्तर प्रदेश में किसी भी चिकित्सा विद्यालय, राजकीय चिकित्सा संस्थान अथवा निजी अस्पताल के द्वारा इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
- योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपयों तक की नकदरहित चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा।
- लाभार्थी को निजी एवं राजकीय संस्थान से चिकित्सा करवाने की स्वतंत्रता होगी जिसका पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।
- यूपी सरकार लाभार्थी एवं उनके परिजनों को कार्पस फण्ड के माध्यम से नकदविहीन चिकित्सा सेवा प्रदान करेगी।
- चिकित्सा संस्थान को अग्रिम धनराशि देने हेतु 200 करोड़ रुपयों का कोर्पस शिक्षा चिकित्सा विभाग बनाया गया हैं, जिसमे प्रथम क़िस्त की तरह 50 प्रतिशत तक अधिकतम अग्रिम राशि दी जाएगी।
- प्रथम क़िस्त की धनराशि के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रदान करते ही उन्हें अगली क़िस्त का भुगतान किया जायेगा।
- योजना के द्वारा व्यक्ति एवं उसके परिवार को गंभीर रोग से ग्रसित होने की चिंता से मुक्ति मिलेगी।
- सरकार लाभार्थी को योजना के द्वारा स्वस्थ सेवा निःशुल्क प्रदान करना चाहती हैं।
हेल्थ कार्ड योजना में पात्रता
- आवेदक यूपी राज्य का स्थाई नागरिक हो।
- लाभार्थी यूपी सरकार का कर्मचारी, पेंशन भोगी अथवा इनका परिजन हो।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सा योजना के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र
- व्यक्ति का आधार कार्ड
- लाभार्थी का पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- पते का प्रमाण
- आयु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- एक ई-मेल आईडी
- मोबाइल नंबर
- एक नवीनतम पासपोर्ट साइज़ फोटो
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
यदि कोई व्यक्ति स्वयं को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी नकदविहीन चिकित्सा योजना के लिए योग्य पाता हैं तो उक्त व्यक्ति को ऑनलाइन आवेदन के लिए निम्न चरणों को पूर्ण करना होगा –
- सर्वप्रथम योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://sects.up.gov.in/ को ओपन करें।
- वेबसाइट के होम पेज पर “Apply for State Health Card” के विकल्प को चुनना हैं।
- नयी विंडो में एक मेनू के अंतर्गत आवेदक को अपना मोबाइल नंबर, कॅप्टचा कोड डालकर “Generate OTP” बटन दबाना होगा।
- आपको अपने मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, इसको सत्यापन बॉक्स में टाइप करके सत्यापित करना हैं।
- ओटीपी सत्यापित होने के बाद आपको एक ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र मिलेगा। इसमें मांगी जा रही जानकारी को भर दे – कर्मचारी अथवा पेंशनभोगी, आवेदक का नाम, जन्मतिथि, आधार संख्या, आवासीय पता, विभाग का नाम, जिला, कोड, पोस्ट, कार्यालय का नाम इत्यादि भरना होगा।
- इन सभी जाकारियों को भरने के बाद पात्रता की शर्तों को पड़ने के बाद चेकबॉक्स को क्लिक करें।
- इन सभी चरणों के बाद योजना का ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र पूर्ण हो जायेगा।
आवेदन के बाद स्थिति जाँचना
- सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबपोर्टल को ओपन करना होगा।
- वेबपोर्टल की होम मेनू में “कर्मचारी/पेंशनभोगी आवेदन” के सेक्शन में “आवेदन की स्थिति जांचे” विकल्प को चुनना हैं।
- इसके बाद आपको स्टेटस ट्रैकर मेनू प्राप्त होगा, इसमें अपनी आधार संख्या और कॅप्टचा कोड टाइप करके “search” बटन को दबा हैं।
योजना का आईडी प्लेटफॉर्म व्यवस्था
- सभी लाभार्थियों का डाटा को एक वेबपोर्टल अंतर्गत स्टेट डाटा केंद्र में स्थापित रहेगा।
- वेबपोर्टल का विकास एवं देखभाल सचिव के द्वारा किया जायेगा।
हेल्थ कार्ड योजना की वित्तीय उपाशय
- प्रत्येक कार्ड धारक को 5 लाख रुपयों तक का लाभ दिया जाना हैं, इस लाभ को लेने के लिए प्रति परिवार को 1102 रुपयों की दर से सचिव को दिए जाएंगे।
- यदि इस दर में संशोधन होगा तो संशोधित राशि के अनुसार धनराशि दी जाएगी।
- चिकित्सा संस्थानों में लाभार्थियों पर खर्चे का प्रथम हिसाब किताब रखा जायेगा।
- योजना से सम्बंधित सभी बिल एवं अभिलेख सुरक्षित रखे जायेगे जिससे समय आने पर इनका ऑडिट हो पाए।
- योजना से सम्बंधित दोनों विभागों में कार्पस की राशि को सरकारी बैंको के अलग-अलग खातों में रखा जायेगा।
स्टेट हेल्थ कार्ड का विवरण
- योजना के अंतर्गत सभी आवेदकों को स्टेट हेल्थ कार्ड प्रदान किया जायेगा।
- कार्ड के द्वारा लाभार्थी की पहचान होगी इसके बाद उक्त व्यक्ति को चिकित्सा उपचार दिया जायेगा।
- इस कार्ड के व्यक्ति का विवरण एवं उसके परिजनों का भी विवरण दर्ज़ होगा।
- विभाग के अध्यक्षों को हेल्थ कार्ड बनाने का कार्यभार दिया जायेगा।
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत सचिव ऑनलाइन हेल्थ कार्ड बनाने के लिए जिम्मेवार होंगे। यह केंद्र की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की राज्य नोडल एजेंसी हैं।
- एक संयुक्त निदेशक के अंतर्गत एक अलग सेल को बनाकर योजना का कार्यान्वयन किया जायेगा। इस सेल के 2 चिकित्सक, डाटा सर्वेक्षक, 1 सॉफ्टवेयर इंजीनियर, 2 कंप्यूटर ऑपरेटर, 2 लेखकार एवं 1 सहायक दल होंगे।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था
- योजना में ओपीडी चिकित्सा के बाद भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था मान्य होगी।
- लाभार्थी को किसी भी चिकित्सालय से वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत चिकित्सा उपचार के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति लेने का विकल्प भी दिया जायेगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना से सम्बंधित प्रश्न
यूपी राज्य के सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनभोगी नागरिको को स्वास्थ्य सेवाएँ देने के लिए एक कार्ड प्रदान किया जाता हैं। इस योजना से इन व्यक्तियों एवं इनके परिजनों को सामान्य और घातक रोगो की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
इस योजना का लाभ राज्य के सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी एवं उनके परिजनों को प्राप्त हो सकेगा।
व्यक्ति के लिए बिल भरना भी एक परेशानी हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति एवं उसके परिजन को हेल्थ कार्ड मिलेगा जिससे चिकित्सा उपचार के समय पैसे नहीं देने होंगे।
यदि कोई व्यक्ति योजना के विषय में किसी प्रकार की सहायता चाहता हैं तो हेल्पलाइन नंबर 180018004444 एवं upsects@gmail.com पर ई-मेल के द्वारा संपर्क कर सकता हैं।