पिछली सदी में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दो वैश्विक महाशक्तियों अमेरिका एवं सोवियत संघ के बीच शीतयुद्ध तीव्रता से विकसित हुआ। अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए वर्ष 1948 में सोवियत संघ ने बर्लिन की नाकेबंदी कर दी। इसी घटना के बाद यह निर्णय लिया गया कि एक ऐसा संघठन बनाया जाए जिसकी संयुक्त सेना अपने सदस्य देशों को सुरक्षित रखे। 4 अप्रैल 1949 के दिन नाटो सैन्य गठबंधन की स्थापना हुई जिसका विस्तृत नाम North Atlantic Treaty Organization है। वर्तमान समय में इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) है और इस संघठन के अंतर्गत 30 राज्य नाटो में देशों की लिस्ट में सम्मिलित है।

संधि के समय सभी देश वचनबद्ध हुए, यदि किसी भी यूरोपियन देश पर हमला होता है तो सदस्य देश हर संभव सहायता करेंगे। नाटो विश्वभर में सबसे बड़े सैनिक गठबंधन के रूप में प्रसिद्ध है और अपने सदस्य देशों पर संघठन के नियम तोड़ने पर कड़ी कार्यवाही करता है। भारतीय लोग नाटो को उत्तर अटलांटिक संधि संघठन के नाम से जानते है। इस लेख के अंतर्गत नाटो संघठन एवं नाटो में देशों की लिस्ट की जानकारी दी जा रही है।
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लेख का विषय | नाटो के देशों की सूची |
उद्देश्य | नाटो देशो की जानकारी देना |
लाभार्थी | सभी लोग |
स्थापना तिथि | 4 अप्रैल 1949 |
देशों की संख्या | 30 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.nato.int/ |
Table of Contents
नाटो गठबंधन की संरचना
नाटो को चार अंगों से मिलाकर बनाया गया है जो कि इस प्रकार से है –
- परिषद – इसको नाटो का सबसे ऊँचा भाग मानते है जिसको राज्य के मंत्री बनाते है। परिषद साल में एक बार मंत्रीस्तर की बैठक आयोजित करता है। परिषद को मुख्य समझौतों की धाराओं को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी दी गयी है।
- उप-परिषद – नाटो के सदस्य देश अपने कूटनीतिक प्रतिनिधियों के माध्यम से उप-परिषद तैयार करते है। इनका कार्य नाटो से सम्बंधित सामान्य हितों पर चर्चा करना है।
- प्रतिरक्षा समिति – समिति के अंतर्गत नाटो सदस्य अपने प्रतिरक्षा मंत्री सम्मिलित करते है। समिति का उद्देश्य प्रतिरक्षा योजना एवं सदस्य एवं गैर-सदस्य देशों में सैन्य विषयों की चर्चा करना है।
- सैनिक समिति – समिति नाटो परिषद और प्रतिरक्षा समिति को सलाह देती है। समिति में सदस्य देशों के सेनाध्यक्षों को शामिल किया जाता है।
नाटो गठबंधन का कार्यक्षेत्र
नाटो के अनुसार इसके सदस्य देश पर हमला पुरे संगठन पर हमला है, इसी कारण से नाटो के सदस्यों की संख्या समय के साथ बढ़ती जा रही है। नाटो के अंतर्गत कोई अलग सेना अथवा रक्षा सूत्र नहीं होता है फिर भी सदस्य देश आपसी सहमति से अपनी सेनाओं का प्रयोग करते है। ध्यान रहे कि इसके सदस्य देश ही नाटो के संरक्षण का लाभ ले सकते है। किन्तु यह विशेष बात है कि यदि नाटो सदस्य देश में कोई सिविल या कोई आंतरिक युद्ध होता है तो संघठन उसमे हस्तक्षेप नहीं करेगा।
नाटो के मौलिक सिद्धांत
- नाटो सदस्य देश अपने आपसी विवादों का स्वयं निबटान करेंगे।
- सदस्य देशों को मैत्रीपूर्ण तरीकों से अपने आपसी संबंधों को सुदृढ़ करना होगा।
- देशों को आपसी सुरक्षा के लिए सहायता देनी होगी।
- देश संप्रभुता के क्षेत्र में एक-दूसरे की सहायता करनी होगी।
- यूरोपियन अथवा उत्तरी अमरीकी देश के हमले को पूरे यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका पर हमला समझेंगे।
नाटो गठबंधन के सदस्य देशों के नाम
क्रमाँक | देश का नाम | क्रमाँक | देश का नाम |
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 16 | जर्मनी |
2 | उत्तर मैसेडोनिया | 17 | यूनान |
3 | नॉर्वे | 18 | हंगरी |
4 | पोलैंड | 19 | आइसलैंड |
5 | यूनाइटेड किंगडम | 20 | डेनमार्क |
6 | मोंटेनेग्रो | 21 | एस्तोनिया |
7 | नीदरलैंड | 22 | स्पेन |
8 | इटली | 23 | टर्की |
9 | लातविया | 24 | कनाडा |
10 | लिथुआनिया | 25 | क्रोएशिया |
11 | लक्समबर्ग | 26 | चेक गणतंत्र |
12 | अल्बानिया | 27 | पुर्तगाल |
13 | बेल्जियम | 28 | रोमानिया |
14 | बुल्गारिया | 29 | स्लोवाकिया |
15 | फ्रांस | 30 | स्लोवेनिया |
नाटो के प्रभाव की जानकारी
- संघटन ने अपनी स्थापना के बाद पश्चिमी यूरोपीय देशों का एकीकरण किया है। साथ ही इन सभी देशों में अत्यधिक आपसी सहयोग हो रहा है।
- अभी तक के ज्ञात इतिहास में पहली बार पश्चिमी यूरोप के देशों ने अपनी सेनाओं को स्थाई तौर पर किसी अंतराष्ट्रीय सैनिक संघठन के अधीन रखा है।
- दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बर्बाद हुए यूरोपीय देशों को अमेरिका ने सैनिक आश्वासन देकर अपने आर्थिक एवं सैनिक विकास करने का अवसर दिया है।
- नाटो के माध्यम से अमेरिकी पृथक्करण नीति ख़त्म हो गयी और वह यूरोपियन देशों के मुद्दों में तटस्थ नहीं होगा।
- नाटो के कारण शीतयुद्ध का विकास हुआ चूँकि सोवियत संघ ने इसको साम्यवाद पर खतरे के रूप में देखा। सोवियत संघ ने इसके बाद वारसा पैक्ट सैनिक संघठन को तैयार कर दिया।
- नाटो ने अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित किया। उसकी विदेश नीति के विरुद्ध कोई वाद-विवाद सुनने की तैयारी ना रही और अमेरिका का यूरोप में हस्तक्षेप बढ़ गया।
नाटो में देशों की लिस्ट से सम्बंधित प्रश्न
नाटो की देशों की सूची में 30 देश सम्मिलित है।
वर्ष 1949 में अपनी स्थापन के समय 12 देशों ने वाशिंगटन सम्मलेन में हस्ताक्षर किया था।
बेल्जियम देश की राजधानी ब्रसेल्स को नाटो की राजधानी बनाया गया है।
नाटो का सदस्य बनाने के लिए यूरोपियन देश होना आवश्यक है। यदपि अपनी पहुँच को बढ़ाने के लिए नाटो अन्य देशों से भी संपर्क करता है।